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दाब और बल के बीच के संबंध पर आधारित यह अध्याय भौतिक विज्ञान की एक महत्वपूर्ण शाखा है। इस अध्याय के माध्यम से विद्यार्थी दाब की अवधारणा, दाब मापने की इकाई, तरल और गैसों द्वारा लगाए जाने वाले दाब, पशु और मानव निर्मित उपकरणों द्वारा लगाए जाने वाले दाब आदि को समझेंगे। साथ ही, वे दाब के विभिन्न अनुप्रयोगों जैसे हाइड्रोलिक प्रेस, हाइड्रोलिक ब्रेक और गुब्बारों का उड़ना आदि से भी परिचित होंगे।
Bihar Board Class 8 Science Chapter 8 Solutions
Subject | Science (विज्ञान) |
Class | 8th |
Chapter | 8. दाब और बल का आपसी सम्बन्ध |
Board | Bihar Board |
1. निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर एक शब्द में दीजिए
प्रश्न (i) पृथ्वी द्वारा सभी वस्तुओं पर लगाया गया आकर्षण बल ।
उत्तर- गुरुत्वाकर्षण बल
प्रश्न (ii) इकाई क्षेत्रफल पर कार्य करनेवाला बल।
उत्तर- दाब
प्रश्न (iii) तरल द्वारा ऊपरमुखी दाब।
उत्तर-उत्पलावक बल।
प्रश्न (iv) वह बल जो वस्तु को जल में तैरते हुए रखती है।
उत्तर-उत्प्लावक बल।
प्रश्न (v) इकाई क्षेत्र पर लगनेवाला वायु दाब ।
उत्तर- वायुमंडलीय दाब ।
2. खाली स्थानों को भरें।
- ठोस द्वारा केवल नीचे दिशा में दाब आरोपित किया जाता है।
- वायु द्वारा आरोपित दाब का मान सभी दिशा में होता है।
- द्रव द्वारा आरोपित दाब सभी दिशा में होता है।
- दाब की इकाई N.M² या पास्कलहै।
- जल की गहराई में दाब का मान अधिक होता है।
3. सत्य एवं असत्य कथनों को पहचानें।
- ठोसों द्वारा दाब उसके भार के कारण होता है।
- द्रव में गहराई के साथ दाब का मान बढ़ता है।
- वायु में भार होता है।
- क्षेत्रफल का मान घटाने पर दाब का मान घटता है।
उत्तर-
- सत्य
- सत्य
- सत्य
- असत्य
प्रश्न 4. बल और दाब में क्या अंतर होता है?
उत्तर: बल और दाब दोनों ही भौतिक राशियां हैं, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं। बल किसी वस्तु पर लगने वाला बाहरी प्रभाव होता है, जो उसके स्थान या गति को बदलने का प्रयास करता है। जबकि दाब किसी वस्तु द्वारा क्षेत्रफल पर डाले गए बल का परिणाम होता है। बल एक सदिश राशि है जिसका मात्रक न्यूटन होता है। दूसरी तरफ, दाब प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगे बल को दर्शाता है और इसका मात्रक पास्कल (N/m²) होता है। बल बढ़ने पर दाब भी बढ़ता है, लेकिन क्षेत्रफल बढ़ने पर उसी बल के लिए दाब कम हो जाता है।
प्रश्न 5. आप पिन को नुकीला क्यों बनाते हैं?
उत्तर: पिन को नुकीला इसलिए बनाया जाता है ताकि इसे आसानी से किसी भी वस्तु में घुसाया जा सके। जब किसी वस्तु पर बल लगाया जाता है, तो दाब उस वस्तु के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है। इसका अर्थ है कि क्षेत्रफल कम होने पर उसी बल के लिए दाब बहुत अधिक हो जाएगा। पिन का नुकीला सिरा बहुत छोटे क्षेत्रफल का होता है, जिससे थोड़ा सा बल लगाने पर भी बहुत अधिक दाब बन जाता है। यही कारण है कि पिन आसानी से किसी भी वस्तु में प्रवेश कर जाता है।
प्रश्न 6. आप अपने सिर पर कितना वायु के भार को ढो रहे हैं, अगर आपके सिर का क्षेत्रफल 100 वर्ग सेमी है?
उत्तर: हम सभी पृथ्वी के वायुमंडल में रहते हैं जिसमें वायु का एक विशाल भार होता है। यह वायु का भार हमारे शरीर पर दबाव डालता है, जिसे वायुदाब कहा जाता है। समुद्र तल पर वायुदाब का औसत मान लगभग 1.01 x 10^5 पास्कल होता है।
अगर आपके सिर का क्षेत्रफल 100 वर्ग सेमी या 0.01 वर्ग मीटर है, तो वायुदाब के कारण आपके सिर पर लगने वाला बल निकालने के लिए हमें वायुदाब को आपके सिर के क्षेत्रफल से गुणा करना होगा। इसका मान होगा:
वायुदाब x सिर का क्षेत्रफल = 1.01 x 10^5 पास्कल x 0.01 वर्ग मीटर
= 1010 न्यूटन
इस प्रकार, आप अपने सिर पर लगभग 1010 न्यूटन के वायु के भार को ढो रहे हैं।
प्रश्न 7. पर्वतारोही को पर्वत के ऊपर चढ़ने में साँस लेने में कठिनाइयों का सामना क्यों करना पड़ता है?
उत्तर: जैसे-जैसे हम पृथ्वी की सतह से ऊपर जाते हैं, वायुमंडलीय दाब धीरे-धीरे कम होता जाता है। ऊंचाई बढ़ने पर वायु की घनत्व कम हो जाती है, जिससे वायुदाब भी कम हो जाता है। जब पर्वतारोही पर्वत की चोटी पर पहुंचता है, तो वहां का वायुदाब काफी कम रह जाता है।
दूसरी ओर, हमारे शरीर में रक्त का दबाव और फेफड़ों में वायु का दबाव लगभग समान बना रहता है। जब पर्वतारोही उच्च स्थान पर पहुंचता है जहां वायुदाब कम होता है, तो उसके शरीर का दबाव वायुदाब से अधिक हो जाता है। इस दबाव के अंतर के कारण उसके फेफड़ों को वायु प्राप्त करने में कठिनाई होती है क्योंकि वायु बाहर निकलने की कोशिश करती है। इसलिए पर्वतारोही को सांस लेने में परेशानी होती है।
प्रश्न 8. पास्कल ने कैसे दर्शाया कि द्रव सभी दिशाओं में दाब आरोपित करते हैं?
उत्तर: पास्कल ने अपने दाब के प्रयोग के माध्यम से दिखाया कि द्रव्य या द्रव सभी दिशाओं में दाब आरोपित करते हैं। यह प्रयोग के मूल सिद्धांत को “पास्कल का बर्तन” कहा जाता है।
पास्कल ने एक बड़े पानी के भरे हुए बर्तन का उदाहरण लिया और इसे बड़े ऊँचाई परीक्षण के लिए एक पहिये के साथ एक बायोक तक ले गए। उन्होंने देखा कि जब पहिया उच्चांक पर चला तो पानी का स्तर कम हो गया, क्योंकि पानी पर दाब बढ़ गया और यह घटना सिद्ध हुई कि द्रव्य या पानी को दाब के अनुसार आकार परिवर्तित होता है।
यह प्रयोग पास्कल के दिशानिर्देश दिया कि द्रव्य का दाब हमेशा उसके सभी दिशाओं में बराबर होता है।
प्रश्न 9. आप किसी स्थान पर वायुदाब कैसे निकालेंगे? एक साधारण वायुदाब मापी निर्माण एवं क्रियाविधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर: वायुदाब को मापने के लिए एक साधारण वायुदाब मापी का निर्माण इस प्रकार किया जा सकता है:
आवश्यक सामग्रियाँ:
- U-आकार का कांच का नली
- प्लास्टिक की एक छोटी कीप
- गुब्बारे का एक छोटा टुकड़ा
- धागा
- रबर की एक छोटी पाइप
निर्माण विधि:
- U-आकार की कांच की नली को किसी बोर्ड पर लगाएं और उसके दोनों शाखाओं पर मध्य बिंदु से एक समान दूरी पर निशान लगाएं।
- कुछ रंगीन द्रव (जैसे शराब में रंग मिलाकर) को नली में भरें। इस द्रव का स्तर दोनों शाखाओं में समान होना चाहिए।
- गुब्बारे के टुकड़े को कीप के मुंह पर कसकर बांधें ताकि एक झिल्ली बन जाए।
- रबर की पाइप का एक सिरा कीप की छोटी नली से जोड़ दें और दूसरा सिरा U-नली की एक शाखा में डालें।
अब आप इस वायुदाब मापी का उपयोग वायुदाब मापने के लिए कर सकते हैं। जब आप कीप की झिल्ली पर दबाव डालेंगे, तो कीप में वायु संपीड़ित होगी और U-नली की एक शाखा में द्रव का स्तर बढ़ जाएगा जबकि दूसरी शाखा में घट जाएगा। यह स्तर अंतर आसपास के वायुदाब को दर्शाएगा।
अगर स्तर अंतर को मापा जाए और इसे ग्रावीटी के साथ गुणा किया जाए तो वास्तविक वायुदाब ज्ञात किया जा सकता है। यह एक अत्यंत सरल और कम लागत वाली वायुदाब मापी है।