Get Bihar Board class 8 Science chapter 10 solutions in hindi medium here. Below we have presented complete question answers for class 8 Vigyan chapter 10 – “विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव”. It helps students to clear their doubts and build a solid understanding with the chapter.
विद्युत धारा के रासायनिक प्रभावों पर आधारित यह अध्याय विज्ञान की एक महत्वपूर्ण शाखा है। इस अध्याय के माध्यम से विद्यार्थी विद्युत् अपघटन, गैल्वनीकरण और उनके विभिन्न अनुप्रयोगों के बारे में जानेंगे। वे विद्युत् अपघटन और गैल्वनीकरण प्रक्रियाओं के बीच अंतर समझेंगे। साथ ही, विद्युत् अपघटन और गैल्वनीकरण सेलों के संरचना और कार्यप्रणाली को भी सीखेंगे।

Bihar Board Class 8 Science Chapter 10 Solutions
Subject | Science (विज्ञान) |
Class | 8th |
Chapter | 10. विद्युत धारा के रासायनिक प्रभाव |
Board | Bihar Board |
प्रश्न 1. रित्न स्थानों की पूर्ति कीजिए l
- किसी विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित होने पर रासायनिक प्रभाव उत्पन्न होता है।
- वांछित धातु को किसी पदार्थ पर निक्षेपित करना विद्युत लेपन कहलाता है।
- नमक मिल जल में विद्युत धारा प्रवाहित होने पर ऑक्सीजन धन टर्मिनल पर और हाइड्रोजन ऋण टर्मिनल पर मिलता है।
- विद्युत चालन करने वाला अधिकांश द्रव अम्ल,क्षारऔर लवण के विलयन होते हैं।
प्रश्न 2. चित्र में दिए गए द्रव में टेस्टर परीक्षित का तार डालने पर बल्ब नहीं जलता पर चुम्बकीय सुई विच्छेदित होती है। इसका क्या कारण है? व्याख्या कीजिए।
उत्तर: इस स्थिति में बल्ब नहीं जलता क्योंकि प्रयोग में उपयोग किया गया द्रव एक कुचालक (insulator) है, जो विद्युत धारा को आसानी से प्रवाहित नहीं होने देता। हालांकि, जब टेस्टर के खुले सिरे एक-दूसरे के करीब होते हैं, तो उनके बीच विद्युत क्षेत्र बनता है जिससे चुम्बकीय सुई विच्छेदित हो जाती है।
कारण यह है कि टेस्टर के तारों के बीच एक छोटा विभवान्तर होता है। यह विभवान्तर वातावरण में मौजूद कुछ इलेक्ट्रॉनों को आकर्षित करता है और उन्हें तारों के बीच से गुजरने के लिए प्रेरित करता है। ये इलेक्ट्रॉन धारा भले ही बहुत छोटी हो, लेकिन इसके चुम्बकीय प्रभाव के कारण चुम्बकीय सुई विच्छेदित हो जाती है।
हालांकि, यह इलेक्ट्रॉन प्रवाह बहुत कम होता है और बल्ब को जलाने के लिए पर्याप्त नहीं होता है। बल्ब के लिए एक निरंतर और पर्याप्त विद्युत धारा की आवश्यकता होती है जो इस स्थिति में उपलब्ध नहीं है।
प्रश्न 3. क्या शुद्ध जल विद्युत का चालन करता है? यदि नहीं, तो इसे चालक बनाने के लिए क्या करना होगा?
उत्तर: नहीं, शुद्ध जल एक अच्छा कुचालक (insulator) है और विद्युत धारा का चालन नहीं करता। इसका कारण यह है कि शुद्ध जल में विद्युत आवेश वाहक कण बहुत कम मात्रा में होते हैं।
शुद्ध जल में प्रमुख रूप से H2O अणु होते हैं जिनमें विद्युत आवेश वाहक अत्यंत कम होते हैं। इसलिए शुद्ध जल विद्युत धारा का चालन नहीं करता।
हालांकि, अगर शुद्ध जल में कुछ विद्युत आवेश वाहक पदार्थ मिला दिए जाएं तो यह विद्युत चालक बन जाएगा। इसके लिए शुद्ध जल में थोड़ी मात्रा में नमक, अम्ल या क्षार मिलाया जा सकता है।
उदाहरण के लिए, शुद्ध जल में नमक (NaCl) मिलाने पर Na+ और Cl- आयन बनते हैं जो विद्युत आवेश वाहक के रूप में कार्य करते हैं। इसी प्रकार अम्ल या क्षार में H+ और OH- आयन विद्युत चालन को संभव बनाते हैं।
इस प्रकार शुद्ध जल में नमक, अम्ल या क्षार जैसे पदार्थ मिलाकर उसे एक अच्छा विद्युत चालक बनाया जा सकता है।
प्रश्न 4. अपने आसपास दिखने वाले विद्युतलेपित वस्तुओं की सूची निम्न प्रकार बनाइए।
उत्तर-
क्र.सं. | विद्युतलेपित वस्तु | किस पदार्थ पर | किस धातु का लेपन |
1. | साइकिल का हैण्डल | लोहा | क्रोमियम |
2. | कार के पुर्जे | लोहा | क्रोमियम |
3. | नल | लोहा | क्रोमियम |
4. | आभूषण | सस्ती धातु | सोना-चाँदी |
5. | लोहे के छड़ | लोहा | जिंक |
प्रश्न 5. क्या तेज वर्षा के समय लाइनमैन के लिए बाहरी मुख्य लाइन की तारों की मरम्मत करना सुरक्षित होगा?
उत्तर: नहीं, तेज वर्षा के समय लाइनमैन के लिए बाहरी मुख्य लाइन की तारों की मरम्मत करना बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं होगा। इसके कई कारण हैं:
- बारिश का पानी एक अच्छा विद्युत चालक होता है: जब पानी की बूंदें बिजली के तारों पर गिरती हैं, तो वे उन पर से विद्युत धारा प्रवाहित होने का एक रास्ता बना देती हैं। इससे विद्युत धारा लाइनमैन तक आसानी से पहुंच सकती है और उसे झटका लग सकता है।
- गीली मिट्टी/वस्तुएं विद्युत चालक बन जाती हैं: बारिश से मिट्टी, लकड़ी और अन्य वस्तुएं भीग जाती हैं और विद्युत चालक बन जाती हैं। लाइनमैन के पास काम करते समय ये चालक पदार्थ उससे छू सकते हैं और विद्युत धारा को संचालित कर सकते हैं।
- सीढ़ियां और प्लेटफॉर्म चिकने हो जाते हैं: बारिश के कारण सीढ़ियां और प्लेटफॉर्म जिन पर लाइनमैन को काम करना पड़ता है, वे चिकने और फिसलन हो जाते हैं। इससे उनका संतुलन बिगड़ सकता है और वे विद्युत तारों से छू सकते हैं।
- वातावरण भी कुछ हद तक विद्युत चालक बन जाता है: बारिश के समय वातावरण में नमी की मात्रा बढ़ जाती है। यह नमी वातावरण को कुछ हद तक विद्युत चालक बना देती है।
इन सभी कारणों से तेज बारिश के दौरान लाइनमैन के लिए ऊंचाई पर काम करना बेहद खतरनाक हो सकता है। इसलिए बिजली कंपनियां आमतौर पर बारिश के दौरान ऐसे संवेदनशील कार्यों पर रोक लगा देती हैं।