Bihar Board Class 8 Civics Chapter 8 Solutions – खाद्य सुरक्षा

Bihar Board class 8 Civics chapter 8 solutions for “खाद्य सुरक्षा” are given here. This covers all the exercise problems and their answers in hindi medium.

खाद्य सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसका प्रत्येक व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यह अध्याय आपको खाद्य सुरक्षा की अवधारणा और उसके विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तृत जानकारी देगा। आप समझेंगे कि किस प्रकार पौष्टिक भोजन की उपलब्धता और उसकी पहुंच हर किसी के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही, आप खाद्य सुरक्षा से जुड़े मुद्दों जैसे कृषि उत्पादन, भोजन की कमी, कुपोषण और खाद्य अपव्यय के बारे में भी जानेंगे।

Bihar Board Class 8 Civics Chapter 8

Bihar Board Class 8 Civics Chapter 8 Solutions

SubjectCivics
Class8th
Chapter8. खाद्य सुरक्षा
BoardBihar Board

पाठगत प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. क्या खेतों में काम करके रामू को नियमित आय होती होगी ? क्या इस आय से वह पर्याप्त भोजन की व्यवस्था कर पाता होगा? चर्चा करें।

उत्तर- खेतों में काम करने से रामू को नियमित आय नहीं होगी। मजदूरी का काम अस्थायी प्रकृति का होता है। इससे मिलने वाली आय अनियमित और बहुत कम होगी। इतनी कम आय से वह अपने परिवार के लिए पर्याप्त और पौष्टिक भोजन की व्यवस्था नहीं कर पाएगा। नियमित और अच्छी आय के अभाव में उसके परिवार को कुपोषण का खतरा रहेगा।

प्रश्न 2. कमला की बीमारी और उसके छोटे से बच्चे के मृत्यु का क्या कारण है ?

उत्तर- कमला और उसके बच्चे के मृत्यु का प्रमुख कारण लंबे समय तक कुपोषित रहना है। कुपोषण के कारण शरीर बीमारियों से लड़ने की क्षमता खो देता है, जिससे बीमारी और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।

प्रश्न 3. सोमू अपनी उम्र से छोटा क्यों दिखता है ?

उत्तर- कुपोषण के कारण सोमू अपनी उम्र से छोटा दिखता है। कुपोषण से शरीर की वृद्धि रुक जाती है और बच्चे अपनी उम्र से छोटे दिखने लगते हैं।

प्रश्न 4. रामू और उसके परिवार को लम्बे समय तक पर्याप्त भोजन क्यों नहीं मिल पाता है ? ऐसा क्यों है कि पीढ़ी दर पीढ़ी इस परिवार के लोग कमजोर पैदा होते हैं ?

उत्तर- रामू और उसके परिवार को लंबे समय तक पर्याप्त भोजन नहीं मिल पाता क्योंकि उनकी आय बहुत कम है। कम आय के कारण वे पौष्टिक भोजन नहीं खरीद पाते। पीढ़ी दर पीढ़ी कुपोषण के कारण इस परिवार के लोग कमजोर पैदा होते रहे हैं। कुपोषित माता से पैदा हुए बच्चे भी कुपोषित होते हैं।

प्रश्न 5. सरला जता से ही कमजोर क्यों है ?

उत्तर- सरला जन्म से ही कमजोर है क्योंकि उसकी माँ भी कुपोषित थी। कुपोषित माता से पैदा बच्चा भी कुपोषित होता है और शारीरिक तथा मानसिक विकास में समस्याएं आती हैं।

प्रश्न 6. किन चीजों की कमी के कारण कुपोषण होता है ?

उत्तर- कुपोषण का मुख्य कारण प्रोटीन, विटामिन, खनिज लवण और कैलोरी की कमी है। उचित मात्रा में पौष्टिक भोजन न मिलने पर शरीर को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिलते और कुपोषण होता है।

प्रश्न 7. कुपोषण के क्या-क्या लक्षण होते हैं ?

उत्तर- कुपोषण के लक्षण

  1. शरीर की वृद्धि का रुक जाना ।
  2. खून की कमी का होना ।
  3. मांसपेशियाँ ढीली होना या सिकुड़ जाना।
  4. शरीर का वजन कम होना ।
  5. हाथ-पर पतले और पेट बड़ा होना ।
  6. शरीर में सूजन होना।
  7. कमजोरी महसूस करना ।

प्रश्न 8. पुरुषों के मुकाबले, महिलाएँ अधिकतर कुपोषण से क्यों ग्रसित होता हैं ?

उत्तर- पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक कुपोषण की शिकार होती हैं क्योंकि घर और बाहर दोनों जगह काम करने के बावजूद उन्हें पर्याप्त पोषण नहीं मिलता। साथ ही, गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान शरीर को अधिक पोषण की आवश्यकता होती है जिसकी पूर्ति नहीं हो पाती।

प्रश्न 9. कुपोषण जैसी समस्या से निपटने के लिए हमें क्या करना चाहिए? शिक्षिका के साथ चर्चा कीजिए।

उत्तर- कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए सबसे पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि हर व्यक्ति को उचित रोजगार मिले जिससे उसे पर्याप्त और नियमित आय प्राप्त हो। इससे लोग पौष्टिक आहार खरीद सकेंगे। दूसरा, सरकार को कम आय वाले परिवारों के लिए सस्ते दरों पर खाद्यान्न और पोषक आहार की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए। तीसरा, पोषण के प्रति लोगों में जागरूकता फैलानी चाहिए ताकि वे संतुलित आहार लें।

प्रश्न 10. आप अपने पड़ोस के आंगनबाड़ी केन्द्र जाकर निम्न सूचना एकत्र कर एक रिपोर्ट तैयार कीजिए।

  1. बच्चों एवं महिलाओं का वजन क्यों लिया जाता है?
  2. वहाँ लोग किस प्रकार का आहार लेते हैं ?
  3. आंगनबाड़ी केन्द्र का मुख्य उद्देश्य क्या है ?

उत्तर- यह प्रश्न परियोजना कार्य से संबंधित है, इसलिए छात्रों को स्वयं आंगनबाड़ी केंद्र जाकर जानकारी इकट्ठा करनी होगी।

प्रश्न 11. अपनी शिक्षिका व अपने घर के बड़े-बूढ़ों से जानकारी इकट्ठा करके अपने आसपास की ऐसी योजनाओं के बारे में पता लगाइये जिससे लोगों को रोजगार व आय की प्राप्ति हो रही है।

उत्तर- रोजगार और आय के अभाव में लोगों को पर्याप्त खाद्य और पोषण नहीं मिल पाता, जिससे कुपोषण की समस्या उत्पन्न होती है। इसलिए यह जरूरी है कि लोगों को रोजगार मिले। अपने आस-पास की ऐसी सरकारी योजनाओं के बारे में पता लगाएं जिनसे लोगों को रोजगार और आय प्राप्त हो रही है, जैसे – मनरेगा, प्रधानमंत्री रोजगार योजना, मुद्रा योजना आदि।

प्रश्न 12. बेरोजगारी और कुपोषण का क्या संबंध है ? चर्चा कीजिए।

उत्तर- बेरोजगारी और कुपोषण का गहरा संबंध है। दोनों एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं और एक बुरे चक्र में फंस जाते हैं।
बेरोजगारी के कारण लोगों के पास पर्याप्त आय नहीं होती। कम आय के चलते वे पौष्टिक भोजन नहीं खरीद पाते और कुपोषित हो जाते हैं।

कुपोषण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है। इससे लोग आसानी से बीमार पड़ जाते हैं और काम करने में असमर्थ हो जाते हैं। ऐसे में वे रोजगार नहीं कर पाते और बेरोजगार रहते हैं।

बरोजगारी और कुपोषण दोनों एक-दूसरे को बढ़ावा देते हैं। इससे लोगों की आर्थिक स्थिति और खराब होती जाती है। इस चक्र को तोड़ने के लिए लोगों को रोजगार और पौष्टिक आहार दोनों की जरूरत होती है।

सरकार को रोजगार के अवसर पैदा करने और गरीबों को सस्ता पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने की योजनाएं बनानी चाहिए। इससे बेरोजगारी और कुपोषण दोनों समस्याओं पर काबू पाया जा सकता है।

प्रश्न 13. लोगों को रोजगार दिलाने का दायित्व सरकार का क्यों होना चाहिए? अपने संविधान में दिए गए अधिकारों/प्रावधानों को ध्यान में रखकर इसका उत्तर दें।

उत्तर- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39 के अनुसार, राज्य को पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समान कार्य के लिए समान वेतन सुनिश्चित करना चाहिए और उन्हें मानव जीवन की गरिमा के अनुरूप जीवन स्तर प्रदान करना चाहिए। अतः लोगों को रोजगार दिलाना और उनकी आय सुनिश्चित करना सरकार का दायित्व है।

प्रश्न 14. क्या आपके घरों में भी अनाज का भंडारण किया जाता है ? अगर हाँ, तो इसका क्या उद्देश्य है?

उत्तर- हाँ, हमारे घरों में भी अनाज का भंडारण किया जाता है। इसका उद्देश्य होता है कि अनाज खरीदने के लिए बार-बार खुदरा बाजार न जाना पड़े और थोक में अनाज सस्ते में मिल जाता है।

प्रश्न 15. सरकार बफर स्टॉक क्यों बनाती है ?

उत्तर- थोक में सस्ते में अनाज खरीदने के लिए । जब फसल नहीं हो तो यही बफर स्टॉक देश की जनता के काम में आता है विशेषकर गरीब व कम आय प्राप्त करने वाली जनता की l

प्रश्न 16. उचित मूल्य की दुकानों तक अनाज कैसे पहुँचता है ? अपने शब्दों में लिखिये।

उत्तर- सरकार उत्पादकों से अनाज खरीदकर बफर स्टॉक में जमा करती है। गोदामों में अनाज का भंडारण करती है और उन गोदामों से उचित मूल्य की दूकानों तक पहुँचाती है।

प्रश्न 17. क्या आपने कभी इस तरह की परिस्थिति देखी है ?

उत्तर- हाँ, राशन की दुकानों में खाद्यान्न की कमी की स्थिति कई बार देखी है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे सरकार द्वारा समय पर आपूर्ति न होना, बिचौलियों द्वारा काला बाजारी करना, बेईमानी से सामान बेचना आदि। ऐसी स्थिति में गरीब लोगों को खाद्य सुरक्षा नहीं मिल पाती है।

प्रश्न 18. आपके विचार में क्या दुकानदार सच बोल रहा है?

उत्तर- राशन दुकानदार अक्सर झूठ बोलते हैं और गलत बहाने बनाते हैं। उनका मुख्य लक्ष्य अपना स्वार्थ साधना होता है, न कि जनता की सेवा करना। इसलिए उनकी बातों पर विश्वास नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 19. क्या आपके परिवार के पास राशन कार्ड है ?

उत्तर- हाँ।

प्रश्न 20. इस राशन कार्ड से आपके परिवार में हाल में कौन-कौन-सी चीज खरीदी है ?

उत्तर- बस किरासन तेल ही मिलता है हमें।

प्रश्न 21. क्या आपके परिवार को राशन की चीजें लेने में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है ? उनसे पता लगाएँ।

उत्तर- हाँ, राशन की दुकानों से सामान लेने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। दुकानदार बहाना बनाकर सामान नहीं देते, खराब क्वालिटी का सामान देते हैं, वजन कम करते हैं और कालाबाजारी भी करते हैं। निगरानी की कमी के कारण ये समस्याएं बनी रहती हैं।

प्रश्न 22. आपकी समझ से राशन की दुकानें क्यों जरूरी हैं ?

उत्तर- राशन की दुकानें इसलिए जरूरी हैं ताकि गरीब और कम आय वाले परिवारों को सस्ते दरों पर खाद्यान्न और जरूरी वस्तुएं उपलब्ध हो सकें। इससे खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होती है। लेकिन इन दुकानों पर अच्छी निगरानी होनी चाहिए ताकि कालाबाजारी और भ्रष्टाचार न हो।

प्रश्न 23. अपने इलाके की राशन की दुकान पर जाएँ और ये जानकास्यिाँ प्राप्त करें।

  1. राशन की दुकान कब खलती है?
  2. वहाँ पर कौन-कौन-सी चीजें बेची जाती हैं ?
  3. वहाँ किस-किस तरह के कार्डधारी आते हैं?
  4. वहाँ राशन कहाँ से आता है ?
  5. क्या इन दुकानों से सभी कार्डधारियों के लिए एक समान मूल्य होता है ?
  6. क्या राशन की दूकान और खुले बाजार की सामग्रियों की गुणवत्ता एवं मूल्य में अंतर होता है ? पता लगाइए।
  7. लक्षित जन वितरण प्रणाली के अन्तर्गत ए. पी. एल., बी.पी.एल, अन्त्योदय,’वृद्ध लोगों के लिए अन्नपूर्णा योजना संचालित की जाती हैं। अपनी शिक्षिका से इस विषय पर जानकारी एकत्रित कीजिये। ।
  8. निर्धन और गैर निर्धन के लिए चीजों का अलग-अलग मूल्य रखने में, क्या कोई व्यावहारिक कठिनाई हो सकती है ? कारण सहित समझाइये।

उत्तर-

  1. राशन दुकान सुबह-शाम निश्चित समय पर खुलती है।
  2. किरासन तेल, चावल, गेहूँ, चीनी आदि ।
  3. ए.पी.एल., बी.पी.एल., अन्त्योदर कार्डधारी आते हैं।
  4. वहाँ राशन सरकारी गोदामों से आता है।
  5. नहीं, हर कार्डधारी के लिए अलग मूल्य होता है।
  6. हाँ, खुले बाजार की वस्तुओं की गुणवत्ता अच्छी होती है, राशन दुकान में अधिकतर खराब गुणवत्ता के सामान ही मिलते हैं।
  7. सामान्य लोगों के लिए ए.पी.एल. कार्ड होते हैं जबकि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के लिए बी.पी.एल. कार्ड होते हैं।
  8. गह तय करना ही पहले तो संभव नहीं होता कि निर्धन कौन है और गैर निर्धन कौन । कई बार तो समर्थ लोग भी निर्धन का कार्ड हासिल कर लेते हैं। वैसे दोनों श्रेणी के लिए अलग-अलग चीजों का अलग-अलग मूल्य रखने में कोई व्यावहारिक कठिनाई नहीं आनी चाहिए । इच्छा शक्ति और धैर्य हो
  9. दुकानदारों में तो सब संभव हो सकता है।

प्रश्न 24. क्या आपको लगता है कि सरकार का गरीबों का स्वास्थ्य सुरक्षित कराने का यह तरीका सही है? कारण सहित समझाइए।

उत्तर- नहीं, केवल राशन दुकानों के जरिए गरीबों का स्वास्थ्य सुरक्षित करना एक सही तरीका नहीं है। इन दुकानों में भ्रष्टाचार, कालाबाजारी और गुणवत्ता नियंत्रण की कमी जैसी समस्याएं हैं। इसके अलावा, गरीब परिवारों को पोषण के महत्व के बारे में भी शिक्षित किया जाना चाहिए। साथ ही, उन्हें रोजगार और बेहतर आय के अवसर मुहैया कराए जाने चाहिए।

प्रश्न 25. क्या ऐसा भी किया जा सकता है कि कम दामों पर खाद्य सुरक्षा सार्वजनिक रूप से सभी लोगों को उपलब्ध करायी जाए? इसके लाभ तथा नुकसान पर अपनी शिक्षिका के साथ चर्चा कीजिए।

उत्तर- हाँ, सस्ते दरों पर खाद्य सुरक्षा सभी लोगों के लिए उपलब्ध कराई जा सकती है। इसका लाभ यह होगा कि गरीब और मध्यम वर्ग के सभी लोगों को बिना भेदभाव के पर्याप्त और पौष्टिक भोजन मिल सकेगा। हालांकि, इसके लिए अच्छी निगरानी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि कालाबाजारी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके।

प्रश्न 26. क्या कुछ लोग गलत तरीकों से अपने-आपको इस रेखा के नीचे प्रमाणित करने की कोशिशें करते होंगे?

उत्तर- ऐसा तो बहुत लोग करते हैं। हमारे गाँव में तो मुखिया के परिवार में सभी लोगों के पास गरीबों को मिलने वाला लाल कार्ड है।

अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1. ऐसे कौन से लोग हैं जो खाद्य सुरक्षा से सर्वाधिक ग्रस्त हो सकते हैं ?

उत्तर- खाद्य सुरक्षा से सबसे अधिक वे लोग प्रभावित होते हैं जिनके पास स्थायी रोजगार और नियमित आय का स्रोत नहीं होता। जैसे – असंगठित क्षेत्र के मजदूर, खेतिहर मजदूर, दिहाड़ी मजदूर, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोग आदि। इन लोगों की आय अनियमित और कम होती है, इसलिए उन्हें पर्याप्त और पौष्टिक भोजन नहीं मिल पाता है।

प्रश्न 2. राशन की दुकान होना क्यों जरूरी है ? समझाइये।

उत्तर- राशन की दुकानें इसलिए जरूरी हैं क्योंकि इनके माध्यम से सरकार गरीब और कम आय वाले परिवारों को सस्ते दरों पर खाद्यान्न और अन्य जरूरी वस्तुएं उपलब्ध करा सकती है। यह एक तरह से लक्षित लोगों तक खाद्य पहुंचाने का माध्यम है। हालांकि इन दुकानों पर अच्छी निगरानी होनी चाहिए।

प्रश्न 3. लोगों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली द्वारा खाद्य उपलब्ध कराने के अतिरिक्त खाद्य सुरक्षा के लिए और क्या-क्या उपाय किये जा सकते हैं ? शिक्षक के साथ चर्चा कीजिए।

उत्तर- खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार निम्नलिखित उपाय कर सकती है:

  1. रोजगार के अवसर बढ़ाना ताकि लोगों को आय प्राप्त हो सके।
  2. खेती और कृषि क्षेत्र में सुधार लाना ताकि खाद्यान्न का उत्पादन बढ़े।
  3. गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों को सस्ते भाव पर खाद्यान्न देना।
  4. खाद्य वस्तुओं के दाम नियंत्रित करना।
  5. लोगों को पोषण के महत्व की शिक्षा देना।

प्रश्न 4. खाद्य सुरक्षा से आप क्या समझते हैं ? यह सभी लोगों के लिए क्यों जरूरी है ?

उत्तर- खाद्य सुरक्षा का अर्थ है कि प्रत्येक व्यक्ति को हर समय पर्याप्त, स्वस्थ और पौष्टिक भोजन उपलब्ध हो। इसमें वास्तविक भौतिक और आर्थिक पहुंच दोनों शामिल हैं। यह सभी लोगों के लिए जरूरी है क्योंकि पौष्टिक भोजन न मिलने से स्वास्थ्य बिगड़ता है और कुपोषण जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

प्रश्न 5. कुपोषण क्या है ? कुपोषण से लोगों पर किस-किस तरह के असर पड़ते हैं ?

उत्तर- शरीर को पूरी खुराक न मिल पाना ही कुपोषण है । कुपोषण से लोगों का स्वास्थ्य खराब हो जाता है । वे कई बीमारियों के शिकार हो असमय ही काल-कवलित हो जाते हैं । कुपोषित लोगों की पीढ़ी दर पीढ़ी कुपोषित हो जाती है।

प्रश्न 6. आपके क्षेत्र में सरकार द्वारा लोगों को रोजगार देने के लिए कौन-कौन-सी योजनाएं चलाई जा रही हैं ? आपके विचार में इनमें से किस योजना का लाभ लोगों को सबसे अधिक हो रहा है और क्यों?

उत्तर- महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत हमारे क्षेत्र में कई गरीब लोगों को रोजगार मिल रहा है।

प्रश्न 7. भारत में अनाज की मात्रा पर्याप्त होने के बावजूद कई लोगों को भरपेट भोजन क्यों नहीं मिल पाता? अपने शब्दों में समझाइये।

उत्तर- भारत में अनाज की मात्रा पर्याप्त होने के बावजूद कई लोगों को भरपेट भोजन नहीं मिल पाता क्योंकि उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है। गरीबी, बेरोजगारी और कम आय के कारण वे महंगे अनाज नहीं खरीद पाते। साथ ही, खाद्यान्न वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार, कालाबाजारी और कमियां होने से गरीब लोगों को राशन नहीं मिल पाता। इसके अलावा, खराब सड़क और ढुलाई व्यवस्था के कारण भी कई स्थानों पर अनाज नहीं पहुंच पाता।

प्रश्न 8. सार्वजनिक वितरण प्रणाली क्या है ? एक उदाहरण देकर समझाइये।

उत्तर- सरकार द्वारा राशन दुकानों के माध्यम से लोगों तक सस्ते दर पर अनाज उपलब्ध करवाना, सार्वजनिक वितरण प्रणाली कहलाता है।

प्रश्न 9. भारत में अपनाई जाने वाली सार्वजनिक वितरण प्रणाली में किस प्रकार की समस्याएँ हैं ? आपके विचार में इन्हें हल करने के लिए क्या करना चाहिए?

उत्तर- भारत की सार्वजनिक वितरण प्रणाली में कई समस्याएं हैं जैसे – भ्रष्टाचार, कालाबाजारी, खराब गुणवत्ता का अनाज, असमान वितरण, निगरानी की कमी आदि। इन समस्याओं को हल करने के लिए निम्न उपाय किए जा सकते हैं:

  1. राशन दुकानों पर सख्त निगरानी व्यवस्था लागू करना।
  2. दुकानदारों के लिए सजा का प्रावधान करना।
  3. ई-पोर्टल के जरिए पारदर्शिता लाना।
  4. लाभार्थियों की सूची का नियमित अपडेट करना।
  5. वितरण प्रणाली को और सुदृढ़ बनाना।

ऐसे उपायों से इस प्रणाली में सुधार लाया जा सकता है।

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