Bihar Board Class 8 Civics Chapter 4 Solutions – कानून की समझ

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कानून हमारे समाज के सुव्यवस्थित और शांतिपूर्ण कार्यप्रणाली के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह अध्याय आपको कानून की अवधारणा और उसके प्रकारों के बारे में विस्तृत जानकारी देगा। आप जानेंगे कि कानून किस प्रकार समाज में व्यवस्था और नियम कायम रखता है, तथा व्यक्तियों और समुदायों के अधिकारों की रक्षा करता है। आप संविधान के प्रावधानों पर आधारित देश के मुख्य कानूनों, नागरिक कानून, आपराधिक कानून और व्यक्तिगत कानूनों के बारे में समझेंगे।

Bihar Board Class 8 Civics Chapter 4

Bihar Board Class 8 Civics Chapter 4 Solutions

SubjectCivics
Class8th
Chapter4. कानून की समझ
BoardBihar Board

पाठगत प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. जब एक केन्द्रीय मंत्री के भाई को हत्या के आरोप में सजा सुनायी गयी तो वह अपने भाई को राज्य से बाहर भाग निकलने में विशेष मदद करता है। क्या आपको लगता है कि उस केन्द्रीय मंत्री ने सही काम किया ? क्या उसके भाई को केवल इसलिए कानून से माफी मिलनी चाहिए क्योंकि उसका भाई आर्थिक और राजनैतिक रूप से बहुत ताकतवर है?

उत्तर- नहीं, उस केंद्रीय मंत्री ने अपने भाई को कानून से बचाने की कोशिश करके गलत किया। कानून के सामने सभी बराबर होते हैं, चाहे वह गरीब हो या अमीर, आम नागरिक हो या राजनेता। किसी भी व्यक्ति को अपराध करने पर कानून से छूट नहीं मिलनी चाहिए। यदि ऐसा होता है तो कानून का उल्लंघन होता है और लोगों का न्याय प्रणाली पर विश्वास हिल जाता है।

प्रश्न 2. कानून बनाते समय संविधान की किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
अलग-अलग समूह बनाकर इस विषय पर चर्चा कीजिए।

उत्तर- कानून बनाते समय निम्नलिखित बातों पर विचार किया जाना चाहिए:-

  1. कानून का उद्देश्य समाज के हित में होना चाहिए और इसमें मानवाधिकारों का सम्मान होना चाहिए।
  2. कानून स्थिर और निश्चित होने चाहिए, लेकिन विशेष परिस्थितियों में इसे संशोधित किया जा सकता है।
  3. जनता की राय और इच्छाओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
  4. कानून का उद्देश्य समाज में शांति, न्याय और व्यवस्था बनाए रखना होना चाहिए।
  5. कानून लोगों के मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता का सम्मान करने वाला होना चाहिए।
  6. कानून का उल्लंघन करने पर उचित दंड का प्रावधान होना चाहिए।

प्रश्न 3. मान लीजिए आपके विद्यालय में बाल मजदूरी के विरुद्ध अभियान चल रहा है और आपको उसके लिए पोस्टर बनाने को कहा जाए तो आप क्या बनाएँगे ? ऊपर दी गई जगह पर बनाएँ।

उत्तर- छात्र इस प्रश्न को स्वयं करे।

प्रश्न 4. अपनी शिक्षिका की मदद से, कुछ ऐसे कानूनों की सूची बनाएँ जो जनता के दबाव में वापस ले लिये गये।

उत्तर- जनता के दबाव में वापस लिए गए कुछ कानून इस प्रकार हैं:-

  1. बिहार प्रेस अधिनियम, 1980
  2. सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम, 1958 (उत्तर-पूर्व के कुछ राज्यों में लागू)
  3. आपातकाल के दौरान प्रेस और नागरिक स्वतंत्रता पर लगाई गई पाबंदियां (1975-77)
  4. राजस्थान जनसुविधा अध्यादेश, 2017
  5. केरल मुनिसिपल बिल्डिंग (संशोधन) विधेयक, 2019

इस तरह कई कानूनों को जनविरोध के कारण वापस लेना पड़ा है क्योंकि वे लोकतंत्र और मानवाधिकारों के विरुद्ध थे।

अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1. कानून के शासन से आप क्या समझते हैं ? एक उदाहरण देकर समझाइए।

उत्तर- कानून के शासन का अर्थ है कि किसी भी देश में सभी नागरिकों पर कानून एक समान रूप से लागू होता है। इसका मतलब है कि धर्म, जाति, वर्ग, आय स्तर या सामाजिक स्थिति की परवाह किए बिना सभी व्यक्तियों के लिए एक ही कानून लागू होगा। उदाहरण के लिए, बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में तत्कालीन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को कानून के शासन के तहत सजा भुगतनी पड़ी थी, जबकि वे एक शीर्ष नेता थे। इसी तरह, कुछ केंद्रीय मंत्री और अधिकारी भी तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हैं।

प्रश्न 2. भारत में कानून बनाने की प्रक्रिया की मुख्य बातों को अपने शब्दों में लिखिये।

उत्तर- भारत में कानून बनाने की प्रक्रिया इस प्रकार है:-

  1. किसी कानून को बनाने की आवश्यकता का विचार जनता में चर्चा के माध्यम से उठता है।
  2. सरकार इस पर विधेयक तैयार करती है और संसद में प्रस्तुत करती है।
  3. संसद के दोनों सदनों में इस विधेयक पर विस्तृत चर्चा और बहस की जाती है।
  4. आवश्यक संशोधनों के साथ विधेयक को दोनों सदनों द्वारा पारित किया जाता है।
  5. अंत में, विधेयक को राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाता है।
  6. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद, विधेयक कानून बन जाता है।

प्रश्न 3. आपके विचार में शिक्षा के अधिकार के कानून में किन-किन बातों को शामिल करना चाहिए और क्यों ?

उत्तर- शिक्षा के अधिकार के कानून में निम्नलिखित बातों को शामिल किया जाना चाहिए:-

  1. प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक सभी बच्चों को निःशुल्क शिक्षा का अधिकार होना चाहिए।
  2. शिक्षा में किसी भी प्रकार का भेदभाव (जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर) नहीं होना चाहिए।
  3. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और आधारभूत सुविधाओं का प्रावधान होना चाहिए।
  4. निजी स्कूलों/कॉलेजों द्वारा अनुचित शुल्क वसूली पर रोक लगनी चाहिए।
  5. शिक्षा के अधिकार के उल्लंघन पर दंड का प्रावधान होना चाहिए।

प्रश्न 4. अगर किसी राज्य या केन्द्र की सरकार ऐसा कोई कानून बनाती है जो लोगों की जरूरतों के अनुसार न हो, तो आम लोगों को क्या करना चाहिए?

उत्तर- यदि राज्य या केन्द्र सरकार ऐसा कोई कानून बनाती है जो जनता की जरूरतों के अनुरूप नहीं है, तो आम लोगों को निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:-

  1. ऐसे कानून के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन और धरना-प्रदर्शन करना चाहिए।
  2. मीडिया और जनमत के माध्यम से अपनी आवाज उठानी चाहिए।
  3. विरोध के लिए जन-आंदोलन शुरू करना चाहिए।
  4. यदि आवश्यक हो तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाना चाहिए और ऐसे कानून को चुनौती देनी चाहिए।

प्रश्न 5. मान लीजिए आप प्रतिरोध नामक महिला संगठन के सदस्य हैं और आप बिहार राज्य में शराबबंदी पर कानून लागू करवाना चाहते हैं। इस विषय में अपने राज्य के मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन लिखिये जिसमें शराबबंदी के कानून की आवश्यकता के बारे में बताया गया हो।

उत्तर- माननीय मुख्यमंत्री महोदय,

हम ‘प्रतिरोध’ नामक महिला संगठन आपसे विनम्र अनुरोध करते हैं कि आप बिहार राज्य में शराबबंदी पर कड़ा कानून लागू करें। शराब की लत ने समाज में अनैतिकता और अपराध को बढ़ावा दिया है। शराबबंदी का कानून लागू होने से घरेलू हिंसा, छेड़छाड़, बलात्कार और हत्या जैसे अपराधों पर लगाम लग सकेगी। साथ ही, गरीब परिवारों की कमाई भी शराब के नशे में नहीं बरबाद होगी। अतः शराबबंदी का कड़ा कानून लागू करने की मांग करते हुए,
आपकी विनीत,
सदस्यगण, ‘प्रतिरोध’

प्रश्न 6. अगर पटवारी के पास जमीन दर्ज करवाने का कानून न हो, तो आम लोगों को किन-किन असुविधाओं का सामना करना पड़ सकता है ?

उत्तर- अगर पटवारी के पास जमीन दर्ज करवाने का कानून नहीं होगा, तो आम लोगों को निम्नलिखित असुविधाओं का सामना करना पड़ेगा:-

  1. जमीन दर्ज करवाने के लिए उन्हें शहरों में अदालतों के चक्कर लगाने पड़ेंगे, जो शारीरिक और आर्थिक दोनों तरह से परेशान करने वाला होगा।
  2. अदालती प्रक्रिया में समय और धन का अनावश्यक अपव्यय होगा।
  3. गांव में रहने वाले लोगों को शहर जाना पड़ेगा, जो उनके लिए असुविधाजनक होगा।
  4. पटवारी के पास जमीन दर्ज करवाने का कानून होने से यह प्रक्रिया गांव में ही आसानी से पूरी हो सकती है।

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