Get the free access of Bihar Board class 6 Science chapter 18 solutions for free here. In this guide, we have shared the solved problems from chapter 18 – “ठोस कचरा प्रबंधन”.
इस अध्याय के माध्यम से छात्र ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के महत्व को समझेंगे। वे जानेंगे कि किस प्रकार अलग-अलग प्रकार के कचरे को पृथक करना चाहिए और किन वस्तुओं को पुनर्नवीनीकृत किया जा सकता है। निपटान से पहले कचरे को कम करने के तरीकों पर भी चर्चा होगी। वे साफ-सफाई और पर्यावरण संरक्षण के लिए ठोस कचरा प्रबंधन की आवश्यकता को समझेंगे।
Bihar Board Class 6 Science Chapter 18 Solutions
Subject | Science (विज्ञान) |
Class | 6th |
Chapter | 18. ठोस कचरा प्रबंधन |
Board | Bihar Board |
अभ्यास और प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. रोजमर्रा के जीवन में प्लास्टिक इस्तेमाल करने के लाभ और हानियों को बताएँ।
उत्तर:- प्लास्टिक का उपयोग हमारे दैनिक जीवन में काफी व्यापक है। इसके कई फायदे हैं – यह हल्का, मजबूत और किफायती है। प्लास्टिक से बने खिलौने बच्चों के लिए सुरक्षित होते हैं। इसे मोड़ा और ढाला जा सकता है, इसलिए इससे विभिन्न प्रकार की चीजें बनाई जा सकती हैं। प्लास्टिक की थैलियां और कंटेनर भोजन और अन्य सामानों को सुरक्षित रखते हैं। इसका उपयोग विभिन्न उपकरणों और मशीनों में किया जाता है।
हालांकि, प्लास्टिक के अत्यधिक उपयोग से कई नुकसान भी हैं। प्लास्टिक अपघटनीय नहीं होता, इसलिए यह लंबे समय तक पर्यावरण में बना रहता है। जब इसे अनुचित तरीके से निपटाया जाता है, तो यह नालियों और नदियों को अवरुद्ध करता है। पशु अक्सर इसे निगल लेते हैं जिससे उनकी जान जोखिम में पड़ जाती है। प्लास्टिक के जलने से विषाक्त धुआं निकलता है जो वायु प्रदूषण का कारण बनता है।
इसलिए हमें प्लास्टिक के उपयोग को सीमित करना चाहिए और इसके विकल्पों पर विचार करना चाहिए। साथ ही, प्लास्टिक के पुनर्नवीनीकरण और उचित निपटान पर ध्यान देना भी महत्वपूर्ण है। इस तरह हम दैनिक जीवन में प्लास्टिक के लाभ ले सकते हैं और इसके नुकसानों को कम कर सकते हैं।
प्रश्न 2. कचरे के प्रबंधन के लिए हम क्या कर सकते हैं?
उत्तर:- कचरा प्रबंधन एक महत्वपूर्ण विषय है। हमारे आस-पास बहुत सारा कचरा इकट्ठा होता है। यदि हम इसका ठीक से प्रबंधन नहीं करेंगे तो यह बहुत बड़ी समस्या बन सकता है। इसलिए हमें चार ‘आर’ के सिद्धांत का पालन करना चाहिए।
(क) मना कीजिए (Refuse)- इसका मतलब है कि हमें ऐसी चीजों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए जो ज्यादा कचरा पैदा करती हैं। उदाहरण के लिए, प्लास्टिक की थैलियों की जगह कपड़े की थैलियां लेनी चाहिए।
(ख) उपयोग कम (Reduce)-इसका मतलब है कि हमें अपनी जरूरतों को कम करना चाहिए। जितनी कम चीजें होंगी, उतना ही कम कचरा होगा। उदाहरण के लिए, कपड़े खरीदते समय लेने वाली प्लास्टिक की थैली को मना कर सकते हैं।
(ग) पुन. उपयोग (Refuse) – इसका मतलब है कि हमें कचरे में जाने वाली चीजों का दोबारा इस्तेमाल करना चाहिए। जैसे पुराने कपड़ों से झाड़न बनाना या बोतलों को फूलदान के रूप में इस्तेमाल करना।
(घ) पुन:चक्रण (Recycle)-इसका मतलब है कि हम कचरे को नए उत्पादों में बदल सकते हैं। जैसे प्लास्टिक बोतलों से नई बोतलें या कपड़े बनाना।
प्रश्न 3. पुनःचक्रण का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:- पुनर्चक्रण का अर्थ है पुराने और इस्तेमाल किए गए पदार्थों को नए उपयोगी उत्पादों में बदलना। इसके लिए कचरे को एकत्रित किया जाता है और विशेष प्रक्रियाओं से उसे पुन: उपयोग योग्य बनाया जाता है। उदाहरण के लिए, पुराने प्लास्टिक बोतलों से नई बोतलें या कपड़े बनाए जा सकते हैं। इसी प्रकार, पुराने कागजों से नया कागज बनाया जा सकता है। पुनर्चक्रण से नई चीजों के निर्माण के साथ-साथ कचरे का भी प्रबंधन होता है।
प्रश्न 4. पॉलिथीन का बहुत ज्यादा उपयोग करने से हमें किस प्रकार के नुकसानों का सामना करना पड़ रहा है?
उत्तर:- पॉलिथीन का अत्यधिक उपयोग हमारे लिए कई समस्याएं पैदा कर रहा है। इसके कुछ नुकसान इस प्रकार हैं:
- प्लास्टिक की थैलियां और अन्य सामान जल्दी से कचरा बन जाते हैं और इनके निपटान में काफी परेशानियां आती हैं।
- कभी-कभी आवारा पशु इन थैलियों को खा लेते हैं, जिससे उनकी जान भी जा सकती है।
- बेरोकटोक फेंकी गई प्लास्टिक की थैलियां नालों और नालियों में जमा होकर बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर सकती हैं।
- मिट्टी में प्लास्टिक के जमाव से मिट्टी की गुणवत्ता बिगड़ती है और पौधों के लिए नुकसानदायक हो जाती है।
इस तरह पॉलिथीन का बेहद अधिक इस्तेमाल पर्यावरण और जीव-जंतुओं के लिए काफी हानिकारक साबित हो रहा है।
प्रश्न 5. आप पॉलिथीन के अत्यधिक उपयोग को कम करने में कैसे मदद कर सकते हैं?
उत्तर:- पॉलिथीन के अत्यधिक उपयोग को कम करने में निम्न प्रकार से मदद कर सकते हैं- प्लास्टिक की इन्हीं सब हानियों को ध्यान में रखकर सरकार ने प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करने का निश्चय किया है। इस अभियान में स्कूल के बच्चे भी बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे हैं। प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल न करना इसी अभियान का एक हिस्सा है।
आइए हम देखें कि प्लास्टिक का उपयोग कम करने के लिए हम क्या कर सकते हैं।
(क) बाजार जाते समय घर से कपड़े अथवा जूट की थैली लेकर जाएँ।
(ख) दुकानदार से प्लास्टिक की थैली न लें। उनको समझाएं कि वे कागज की थैलियों का इस्तेमाल करें।
(ग) हम खाद्य पदार्थों को रखने के लिए प्लास्टिक की थैलियों यानि पॉलिथीन का उपयोग न करें।
(घ) पॉलिथीन की थैलियों को सडक और नालियों में न फेंके।
(ङ) हम प्लास्टिक को कभी भी जलाएँ नहीं. क्योंकि जलाने पर इनसे हानिकारक गैसें निकलती हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। पालिथीन के कम उपयोग करने से हमें मदद मिल सकती है।
प्रश्न 6. निम्न कथनों में सत्य के सामने (सत्य) तथा असत्य कथन के सामने (असत्य) का चिह्न लगाएँ।
(क) कचरे के कारण वायु, जल एवं भूमि दुषित हो जाते हैं। – सत्य
(ख) पदार्थ जिनका विघटन आसानी से हो जाता है जैव निम्नीकरणीय पदार्थ कहलाती है। – सत्य
(ग) पदार्थ जिनका विघटन आसानी से नहीं हो सकता, जैव अनिम्नीकरणीय पदार्थ कहलाती है। – सत्य
(घ) पुराने अखबार, शीशियों, प्लास्टिक और धातु से बनी चीजों को कुछ प्रक्रियाओं द्वारा नए रूप में परिवर्तित करना “पुन:चक्रण” कहलाती है। – सत्य