Bihar Board class 10 Science chapter 4 – “कार्बन एवं इसके यौगिक” solutions are available here. This is our free guide that provides you all the questions and answers of chapter 4 in hindi medium.
कार्बन एवं इसके यौगिक (Bihar Board class 10 Science chapter 4) में हम कार्बन तत्व और इसके विभिन्न यौगिकों के बारे में अध्ययन करेंगे। इस अध्याय में, हम जानेंगे कि कार्बन किस प्रकार प्रकृति में पाया जाता है और इसके विभिन्न रूप, जैसे ग्रेफाइट, हीरा, और फुलरीन। इसके अलावा, हम कार्बन के यौगिकों की संरचना, गुणधर्म, और उनके विभिन्न उपयोगों के बारे में भी चर्चा करेंगे। यह अध्याय कार्बनिक रसायन के मूलभूत सिद्धांतों को समझने में सहायक होगा, जो कि आगे की कक्षाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
Bihar Board Class 10 Science Chapter 4 Solutions
Subject | Science |
Class | 10th |
Chapter | 4. कार्बन एवं इसके यौगिक |
Medium | Hindi (Bihar Board) |
अध्ययन के बीच वाले प्रश्न :-
अनुच्छेद 4.1 पर आधारित
प्रश्न 1. CO2 सूत्र वाले कार्बन डाइऑक्साइड की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना क्या होगी?
उत्तर: CO2 सूत्र वाले कार्बन डाइ-ऑक्साइड की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना निम्न प्रकार है –
प्रश्न 2. सल्फर के आठ परमाणुओं से बने सल्फर के अणु की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना क्या होगी?
(संकेतः सल्फर के आठ परमाणु एक अंगूठी के रूप में आपस में जुड़े होते हैं।)
उत्तर: सल्फर के अणु की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना निम्न प्रकार है –
अनुच्छेद 4.2 पर आधारित
प्रश्न 1. पेन्टेन के लिए आप कितने संरचनात्मक समावयवों का चित्रण कर सकते हैं?
उत्तर: पेन्टेन के लिए तीन संरचनात्मक समावयवों का चित्रण निम्नवत् किया जा सकता है –
प्रश्न 2. कार्बन के दो गुणधर्म कौन-से हैं जिनके कारण हमारे चारों ओर कार्बन यौगिकों की विशाल संख्या दिखाई देती है?
उत्तर: कार्बन यौगिकों की विशाल संख्या के दो मुख्य कारण हैं:
- श्रृंखलन (Catenation): कार्बन की यह अनूठी क्षमता है जिसके कारण वह अपने ही परमाणुओं के साथ लंबी श्रृंखलाएँ बना सकता है। ये श्रृंखलाएँ सीधी, शाखित या चक्रीय हो सकती हैं। यह गुण कार्बन को असीमित संख्या में यौगिक बनाने की अनुमति देता है।
- चतुःसंयोजकता (Tetravalency): कार्बन की संयोजकता 4 होती है, जिसका अर्थ है कि यह अपने बाहरी कोश में 4 इलेक्ट्रॉन साझा कर सकता है। इससे कार्बन एकल, द्विक, या त्रिक सहसंयोजक बंध बना सकता है, न केवल अपने परमाणुओं के साथ, बल्कि अन्य तत्वों के साथ भी।
इन दो गुणों के संयोजन से कार्बन अत्यधिक विविध और जटिल यौगिक बना सकता है, जिससे हमारे चारों ओर कार्बनिक यौगिकों की इतनी विशाल संख्या दिखाई देती है। यह विविधता जीवन के लिए आवश्यक जैव अणुओं से लेकर दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले सिंथेटिक पदार्थों तक, सभी में दिखाई देती है।
प्रश्न 3. साइक्लोपेन्टेन का सूत्र तथा इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना क्या होंगे?
उत्तर:
साइक्लोपेन्टेन का सूत्र CH5H10 होता है। C5H10 की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना निम्न प्रकार से है ;
प्रश्न 4. निम्न यौगिकों की संरचनाएँ चित्रित कीजिए –
- एथेनॉइक अम्ल
- ब्रोमोपेन्टेन’
- ब्यूटेनोन
- हेक्सेनैल
क्या ब्रोमोपेन्टेन के संरचनात्मक समावयव संभव हैं?
हेक्सेनैल हाँ, ब्रोमोपेन्टेन के संरचनात्मक समावयव सम्भव हैं।
प्रश्न 5. निम्न यौगिकों का नामकरण कैसे करेंगे?
उत्तर:
- ब्रोमोएथेन
- मेथेनॉल
- हेक्सा 1-आइन
अनुच्छेद 4.3 पर आधारित
प्रश्न 1. एथेनॉल से एथेनॉइक अम्ल में परिवर्तन को ऑक्सीकरण अभिक्रिया क्यों कहते हैं?
उत्तर: एथेनॉइक अम्ल में एथेनॉल की अपेक्षा एक ऑक्सीजन परमाणु अधिक और दो हाइड्रोजन परमाणु कम होते हैं। ऑक्सीजन की वृद्धि और हाइड्रोजन की कमी वाली रासायनिक अभिक्रियाएँ ऑक्सीकरण अभिक्रियाएँ कहलाती हैं।
प्रश्न 2. ऑक्सीजन तथा एथाइन के मिश्रण का दहन वेल्डिंग के लिए किया जाता है। क्या आप बता सकते हैं कि एथाइन तथा वायु के मिश्रण का उपयोग क्यों नहीं किया जाता?
उत्तर: वायु में नाइट्रोजन और अन्य निष्क्रिय गैसें होती हैं जो एथाइन के दहन हेतु ऑक्सीजन की प्रचुर आपूर्ति को बाधित करती हैं, इसलिए एथाइन के दहन के लिए वायु का उपयोग नहीं कर सकते हैं।
अनुच्छेद 4.4 पर आधारित
प्रश्न 1. प्रयोग द्वारा आप ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल में कैसे अंतर कर सकते हैं?
उत्तर: ऐल्कोहॉल और कार्बोक्सिलिक अम्ल में अंतर करने के लिए सोडियम कार्बोनेट परीक्षण किया जा सकता है। कार्बोक्सिलिक अम्ल सोडियम कार्बोनेट के साथ प्रतिक्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड गैस उत्पन्न करता है, जो चूने के पानी को दूधिया कर देती है। वहीं ऐल्कोहॉल इस परीक्षण में कोई गैस नहीं उत्पन्न करता। इस प्रकार, गैस का उत्पादन और चूने के पानी का दूधिया होना कार्बोक्सिलिक अम्ल की पहचान करता है।
प्रश्न 2. ऑक्सीकारक क्या हैं?
उत्तर: वे रासायनिक पदार्थ जो स्वयं अपचयित होकर दूसरे को ऑक्सीकृत करते हैं उन्हें ऑक्सीकारक कहते हैं।
जैसे – KMnO4 K2Cr2O7 ऑक्सीकारक हैं।
अनुच्छेद 4.5 पर आधारित
प्रश्न 1. क्या आप डिटरजेंट का उपयोग कर बता सकते हैं कि कोई जल कठोर है अथवा नहीं?
उत्तर: डिटरजेंट का उपयोग करके जल की कठोरता का पता नहीं लगाया जा सकता, क्योंकि आधुनिक डिटरजेंट इस तरह से डिज़ाइन किए गए हैं कि वे कठोर और मृदु दोनों प्रकार के पानी में प्रभावी ढंग से काम करें और झाग उत्पन्न करें।
प्रश्न 2. लोग विभिन्न प्रकार से कपडे धोते हैं। सामान्यतः साबन लगाने के बाद लोग कपडे को पत्थर पर पटकते हैं, डंडे से पीटते हैं, ब्रश से रगड़ते हैं या वाशिंग मशीन में कपड़े रगड़े जाते हैं। कपड़ा साफ करने के लिए उसे रगड़ने की क्यों आवश्यकता होती है?
उत्तर: कपड़े को रगड़ने या यांत्रिक क्रिया की आवश्यकता केवल साबुन द्वारा बनाए गए अघुलनशील पदार्थ को हटाने के लिए ही नहीं होती, बल्कि निम्नलिखित कारणों से भी:
- मैल को ढीला करना: यांत्रिक क्रिया कपड़े के रेशों से चिपके हुए मैल को ढीला करने में मदद करती है।
- साबुन या डिटरजेंट का प्रसार: रगड़ने से साबुन या डिटरजेंट कपड़े के सभी हिस्सों में अच्छी तरह से फैल जाता है।
- सतह क्षेत्र बढ़ाना: रगड़ने से कपड़े की सतह का क्षेत्र बढ़ जाता है, जिससे साबुन और पानी के साथ अधिक संपर्क होता है।
- मैल का निष्कासन: यांत्रिक क्रिया मैल के कणों को कपड़े से अलग करने और उन्हें पानी में निलंबित करने में मदद करती है।
अभ्यास
प्रश्न 1. एथेन का आणविक सूत्र – C2H6 है। इसमें
(a) 6 सहसंयोजक आबंध हैं
(b) 7 सहसंयोजक आबंध हैं
(c) 8 सहसंयोजक आबंध हैं
(d) 9 सहसंयोजक आबंध हैं
उत्तर: (b) 7 सहसंयोजक आबंध हैं।
प्रश्न 2. ब्यूटेनॉन चर्तु-कार्बन यौगिक है जिसका प्रकार्यात्मक समूह है
(a) कार्बोक्सिलिक अम्ल
(b) ऐल्डिहाइड
(c) कीटोन
(d) ऐल्कोहॉल
उत्तर: (c) कीटोन
प्रश्न 3. खाना बनाते समय यदि बर्तन की तली बाहर से काली हो रही है तो इसका मतलब है कि –
(a) भोजन पूरी तरह नहीं पका है
(b) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा है
(c) ईंधन आर्द्र है
(d) ईंधन पूरी तरह से जल रहा है
उत्तर: (b) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा है।
प्रश्न 4. CH3Cl में आबंध निर्माण का उपयोग कर सहसंयोजक आबंध की प्रकृति समझाइए।
उत्तर: CH3Cl की आबंध संरचना निम्न प्रकार है –
उपर्युक्त संरचना में तीन हाइड्रोजन परमाणु कार्बन से सहसंयोजक आबंध द्वारा जुड़े हैं। कार्बन और क्लोरीन के बीच भी सहसंयोजक आबंध है परन्तु क्लोरीन कार्बन की अपेक्षा अधिक ऋणात्मक है इसलिए यह एक ध्रुवीय सहसंयोजक आबंध बनाती है।
प्रश्न 5. इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना बनाइए l
(a) एथेनॉइक अम्ल
(b) H2 S
(c) प्रोपेनोन
(d) F2
उत्तर:
(d) F2
प्रश्न 6. समजातीय श्रेणी क्या है? उदाहरण के साथ समझाइए।
उत्तर:
कार्बनिक यौगिकों का वह समूह जिनका सामान्य सूत्र एवं क्रियात्मक समूह एक जैसा होता है उसे समजातीय श्रेणी कहते हैं तथा उसके सदस्यों को समजात गण कहते हैं। जैसे- मेथेनॉल CH3OH ; एथेनॉल CH3CH2OH ; प्रोपेनॉल CH3CH2CH2OH
समजातीय श्रेणी के सदस्यों के निम्नलिखित लक्षण हैं –
(a) सभी सदस्यों को एक सामान्य सूत्र द्वारा प्रदर्शित कर सकते हैं।
(b) सभी सदस्यों का एक ही क्रियात्मक समूह होता है।
(c) प्रत्येक क्रमागत सदस्य के अणुसूत्र में – CH2 का अंतर होता है।
(d) प्रत्येक क्रमागत सदस्य के अणुभार में 14 u का अंतर होता है।
(e) किसी एक सदस्य के गुणधर्म के आधार पर सभी सदस्यों के सामान्य गुणधर्म ज्ञात कर सकते हैं।
प्रश्न 7. भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर एथेनॉल एवं एथेनॉइक अम्ल में आप कैसे अंतर करेंगे?
उत्तर: आपने भौतिक और रासायनिक गुणों का उल्लेख किया है। कुछ विशिष्ट अंतर इस प्रकार हैं:
- गंध: एथेनॉल की मीठी गंध होती है, जबकि एथेनॉइक अम्ल की तीखी गंध होती है।
- pH: एथेनॉल उदासीन होता है, जबकि एथेनॉइक अम्ल अम्लीय होता है।
- सोडियम के साथ अभिक्रिया: एथेनॉल धीरे प्रतिक्रिया करता है, जबकि एथेनॉइक अम्ल तेजी से प्रतिक्रिया करता है।
प्रश्न 8. जब साबुन को जल में डाला जाता है तो मिसेल का निर्माण क्यों होता है? क्या एथेनॉल जैसे दूसरे विलायकों में भी मिसेल का निर्माण होगा?
उत्तर: साबुन के अणु के दो मुख्य भाग होते है – एक जलरागी और दूसरा जलविरागी। कार्बन शृंखला वाला भाग जलविरागी होता है और आयनिक भाग जिसमें सोडियम या पोटैशियम परमाणु होता है वह जलरागी होता है। यह जब पानी जैसे ध्रुवीय विलायक में डाले जाते हैं तब आवेशित भाग के कारण इनका जलरागी भाग बाहर (जल की ओर) होता है। इस प्रकार मिसेल बनते हैं। एथेनॉल एक अध्रुवीय विलायक है अतः इसमें जलरागी भाग के लिए आकर्षण भी नहीं होता है। अतः एथेनॉल में साबुन घोलने पर मिसेल नहीं बनेंगे।
प्रश्न 9. कार्बन एवं उसके यौगिकों का उपयोग अधिकतर अनुप्रयोगों में ईंधन के रूप में क्यों किया जाता है?
उत्तर: कार्बन और इसके यौगिक दहन के परिणामस्वरूप अधिक मात्रा में ऊष्मा देते हैं। कार्बन और हाइड्रोजन की प्रतिशत मात्रा अधिक होने के कारण इनका ज्वलन ताप सामान्य होता है। इनका रखरखाव आसान होता है तथा दहन नियन्त्रित किया जा सकता है। इसलिए कार्बन और उसके यौगिकों का उपयोग ईंधन के रूप में होता है।
प्रश्न 10. कठोर जल को साबुन से उपचारित करने पर झाग के निर्माण को समझाइए।
उत्तर: कठोर जल में कैल्सियम और मैग्नीशियम के घुलनशील लवण होते हैं। जब साबुन से ये लवण क्रिया करते हैं तब अघुलनशील लवण बनाते हैं जिसे स्कम या झाग कहते हैं।
प्रश्न 11. यदि आप लिटमस पत्र (लाल एवं नीला) से साबुन की जाँच करें तो आपका प्रेक्षण क्या होगा?
उत्तर: जब साबुन को लिटमस पत्र से जांचा जाता है, तो लाल लिटमस नीला हो जाता है, लेकिन नीला लिटमस अपरिवर्तित रहता है। यह इसलिए होता है क्योंकि साबुन हल्का क्षारीय होता है, जो अम्लीय पदार्थों को निष्प्रभावी कर देता है।
प्रश्न 12. हाइड्रोजनीकरण क्या है? इसका औद्योगिक अनुप्रयोग क्या है?
उत्तर: हाइड्रोजनीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें असंतृप्त यौगिकों में हाइड्रोजन जोड़ा जाता है। इसका उपयोग वनस्पति तेल को वनस्पति घी में बदलने और पेट्रोलियम उत्पादों की गुणवत्ता सुधारने में किया जाता है।
प्रश्न 13. दिए गए हाइड्रोकार्बन: C2H6, C3H8,C3H6, C2H2 एवं CH4 में किसमें संकलन अभिक्रिया होती है?
उत्तर: C2H2 (एथाइन) और C3H6 (प्रोपीन) में संकलन अभिक्रिया होती है। ये दोनों असंतृप्त यौगिक हैं जिनमें क्रमशः तिहरा और दोहरा बंध होता है, जो अतिरिक्त अणुओं को जोड़ सकते हैं।
प्रश्न 14. मक्खन एवं खाना बनाने वाले तेल के बीच रासायनिक अंतर समझने के लिए एक परीक्षण बताइए।
उत्तर: मक्खन और खाना पकाने के तेल के बीच अंतर जानने के लिए, उनमें ब्रोमीन जल मिलाएं। तेल ब्रोमीन को अवशोषित कर लेगा और रंग बदल जाएगा, जबकि मक्खन में कोई परिवर्तन नहीं होगा। यह असंतृप्त और संतृप्त वसा के बीच अंतर दर्शाता है।
प्रश्न 15. साबुन की सफाई प्रक्रिया की क्रियाविधि समझाइए।
उत्तर: साबुन के अणुओं में दो भाग होते हैं –
एक जलरागी (हाइड्रोफिलिक) और दूसरा जलविरागी (हाइड्रोफोबिक)। जब साबुन पानी में मिलता है, तो ये अणु गोलाकार संरचनाएँ बनाते हैं जिन्हें मिसेल कहते हैं। मिसेल में जलविरागी भाग अंदर की ओर और जलरागी भाग बाहर की ओर होता है। यह संरचना तेल और गंदगी को घेर लेती है और उन्हें पानी में घुलनशील बना देती है। इस तरह, साबुन मैल को कपड़ों से अलग करके पानी में घोल देता है, जिससे कपड़े साफ हो जाते हैं।