Bihar Board class 10 Science chapter 3 – “धातु एवं अधातु” solutions are available here. This is our free guide that provides you all the questions and answers of chapter 3 in hindi medium.
इस अध्याय में हम तत्वों के दो महत्वपूर्ण वर्गों – धातुओं और अधातुओं के बारे में गहराई से अध्ययन करेंगे। हमारे दैनिक जीवन में इन तत्वों का व्यापक उपयोग होता है, जैसे लोहे से बने औजार या प्लास्टिक के बर्तन। हम इन दोनों वर्गों के भौतिक और रासायनिक गुणों की तुलना करेंगे, जैसे उनकी चमक, कठोरता, विद्युत चालकता और रासायनिक प्रतिक्रियाशीलता। इसके अलावा, हम धातुओं और अधातुओं के निष्कर्षण, शोधन और उपयोग के बारे में भी जानेंगे। यह अध्याय हमें यह समझने में मदद करेगा कि कैसे इन तत्वों के गुण उनके विभिन्न उपयोगों को निर्धारित करते हैं।
Bihar Board Class 10 Science Chapter 3 Solutions
Subject | Science |
Class | 10th |
Chapter | 3. धातु एवं अधातु |
Medium | Hindi (Bihar Board) |
अध्ययन के बीच वाले प्रश्न :-
अनुच्छेद 3.1 पर आधारित
प्रश्न 1. ऐसी धातु का उदाहरण दीजिए जो –
- कमरे के ताप पर द्रव होती है।
- चाकू से आसानी से काटी जा सकती है।
- ऊष्मा की सबसे अच्छी चालक होती है।
- ऊष्मा की कुचालक होती है।
उत्तर:
- पारा (मरकरी)
- सोडियम
- चाँदी (सिल्वर)
- सीसा (लेड)
प्रश्न 2. आघातवर्ध्यता तथा तन्यता का अर्थ बताइए।
उत्तर:
- आघातवर्ध्यता (Malleability):
यह धातुओं का वह गुण है जिसके कारण उन्हें पीटकर या दबाकर पतली चादरों में बदला जा सकता है। इस प्रक्रिया में धातु टूटती नहीं है, बल्कि अपना आकार बदल लेती है। सोना सबसे अधिक आघातवर्ध्य धातु है।
- तन्यता (Ductility):
यह धातुओं का वह गुण है जिसके कारण उन्हें खींचकर पतले तार के रूप में बदला जा सकता है। इस प्रक्रिया में भी धातु टूटती नहीं है, बल्कि लंबी और पतली हो जाती है। सोना और चांदी अत्यधिक तन्य धातुएं हैं।
दोनों गुण धातुओं की लचीलेपन और उनकी आंतरिक संरचना से संबंधित हैं। ये गुण धातुओं को विभिन्न उद्योगों और अनुप्रयोगों में उपयोगी बनाते हैं।
अनुच्छेद 3.2 पर आधारित
प्रश्न 1. सोडियम को केरोसिन में डुबोकर क्यों रखा जाता है?
उत्तर: सोडियम एक अत्यंत अभिक्रियाशील धातु है जो हवा और नमी के संपर्क में आते ही तेज़ी से प्रतिक्रिया करती है। केरोसिन, जो ऑक्सीजन-रहित और जल-विरोधी द्रव है, सोडियम को हवा और नमी से अलग रखता है। इस तरह, केरोसिन में डुबोकर रखने से सोडियम की सुरक्षा सुनिश्चित होती है और यह लंबे समय तक अपनी मूल अवस्था में रहता है।
प्रश्न 2. इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए –
- भाप के साथ आयरन।
- जल के साथ कैल्सियम तथा पोटैशियम।
उत्तर:
- 3Fe( s) + 4H4O(g) → Fe3O4( s) + 4H2 (g)
- (a) Ca(s) + 2H2O(D) → Ca(OH)2(aq) + H2 (g)
(b) 2K(s) + 2H2O(l) → 2KOH(aq) + H2 (g) + ऊष्मा
प्रश्न 3. A, B, C एवं D चार धातुओं के नमूनों को लेकर एक-एक करके निम्न विलयन में डाला गया। इससे प्राप्त परिणाम को निम्न प्रकार से सारणीबद्ध किया गया है –
इस सारणी का उपयोग कर धातु A, B, C एवं D के संबंध में निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
- सबसे अधिक अभिक्रियाशील धातु कौन-सी है?
- धातु B को कॉपर (II) सल्फेट के विलयन में डाला जाए तो क्या होगा?
- धातु A, B, C एवं D को अभिक्रियाशीलता के घटते हुए क्रम में व्यवस्थित कीजिए।
उत्तर:
1. धातु ‘A’ Cu को विस्थापित कर सकती है, धातु ‘B’ Fe को विस्थापित कर सकती है तथा धातु ‘C’ Ag को विस्थापित कर सकती है। Cu, Fe तथा Ag को उनकी अभिक्रियाशीलता के घटते क्रम में निम्नवत् व्यक्त किया जा सकता है –
Fe > Cu > Ag
अतः धातु ‘B’ सर्वाधिक अभिक्रियाशील है।
2. चूँकि धातु ‘B’ कॉपर से अधिक अभिक्रियाशील है, अत: यह कॉपर (II) सल्फ़ेट विलयन से कॉपर को विस्थापित कर देगी। अतः कॉपर सल्फेट का गहरा नीला रंग हल्का हो जायेगा।
3. धातु ‘B’ Fe को विस्थापित कर सकती है, धातु ‘A’ Cu को विस्थापित कर सकती है, धातु धातु B Fe ‘C’ Ag को विस्थापित कर सकती है तथा धातु ‘D’ किसी को भी विस्थापित नहीं कर सकती है; अतः इन्की अभिक्रियाशीलता का घटता क्रम निम्नवत् होगा
B> A>C>D
अनुच्छेद 3.3 पर आधारित
प्रश्न 1.
- सोडियम, ऑक्सीजन एवं मैग्नीशियम के लिए इलेक्ट्रॉन-बिंदु संरचना लिखिए।
- इलेक्ट्रॉन के स्थानांतरण के द्वारा Na,o एवं Mgo का निर्माण दर्शाइए।
- इन यौगिकों में कौन-से आयन उपस्थित हैं?
उत्तर:
प्रश्न 2. आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च क्यों होता है?
उत्तर: आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च होता है क्योंकि इनमें विपरीत आवेश वाले आयनों के बीच मजबूत विद्युत आकर्षण बल होता है। इस आकर्षण को तोड़ने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिससे उनका गलनांक बढ़ जाता है। यह मजबूत आयनिक बंधन ठोस अवस्था में स्थिरता प्रदान करता है।
अनुच्छेद 3.4 पर आधारित
प्रश्न 1. निम्न पदों की परिभाषा दीजिए –
- खनिज
- अयस्क
- गैंग
उत्तर:
- खनिज: पृथ्वी की भूपर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले पदार्थ जो एक निश्चित रासायनिक संरचना रखते हैं।
- अयस्क: वे खनिज जिनमें से धातु को आर्थिक रूप से लाभकारी मात्रा में निकाला जा सकता है।
- गैंग: अयस्क में मौजूद अवांछित पदार्थ जो धातु निष्कर्षण के दौरान हटाए जाते हैं।
प्रश्न 2. दो धातुओं के नाम बताइए जो प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाती हैं।
उत्तर: सोना और चांदी प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाती हैं क्योंकि ये कम अभिक्रियाशील हैं।
प्रश्न 3. धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए किस रासायनिक प्रक्रम का उपयोग किया जाता है?
उत्तर: धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए अपचयन प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। इसमें ऑक्साइड से ऑक्सीजन को हटाया जाता है।
अनुच्छेद 3.5 पर आधारित
प्रश्न 1. जिंक, मैग्नीशियम एवं कॉपर के धात्विक ऑक्साइडों को निम्न धातुओं के साथ गर्म किया गया जिंक मैग्नीशियम कॉपर जिंक ऑक्साइड मैग्नीशियम ऑक्साइड धातुकॉपर ऑक्साइड किस स्थिति में विस्थापन अभिक्रिया घटित होगी?
उत्तर: विस्थापन अभिक्रिया तब होगी जब अधिक अभिक्रियाशील धातु कम अभिक्रियाशील धातु को उसके यौगिक से विस्थापित करेगी।
उदाहरण: Mg + ZnO → MgO + Zn
प्रश्न 2. कौन-सी धातु आसानी से संक्षारित नहीं होती है?
उत्तर: सोना और चांदी जैसी धातुएं आसानी से संक्षारित नहीं होतीं क्योंकि वे कम अभिक्रियाशील हैं।
प्रश्न 3. मिश्रातु क्या होते हैं?
उत्तर: मिश्रधातु दो या अधिक धातुओं का समांगी मिश्रण होता है। उदाहरण: पीतल (तांबा और जस्ता का मिश्रण)
अभ्यास
प्रश्न 1. निम्न में कौन-सा युगल विस्थापन अभिक्रिया प्रदर्शित करता है?
(a) NaCl विलयन एवं कॉपर धातु
(b) MgCl2 विलयन एवं ऐलुमिनियम धातु
(c) FeSO4 विलयन एवं सिल्वर धातु
(d) AgNO3 विलयन एवं कॉपर धातु
उत्तर: (d) AgNO3 विलयन एवं कॉपर धातु
प्रश्न 2. लोहे के फ्राइंग पैन को जंग से बचाने के लिए निम्न में से कौन-सी विधि उपयुक्त
(a) ग्रीस लगाकर
(b) पेंट लगाकर
(c) जिंक की परत चढ़ाकर
(d) ये सभी
उत्तर: (c) जिंक की परत चढ़ाकर
प्रश्न 3. कोई धातु ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर उच्च गलनांक वाला यौगिक निर्मित करती है। यह यौगिक जल में विलेय है। यह तत्त्व क्या हो सकता है?
(a) कैल्सियम
(b) कार्बन
(c) सिलिकॉन
(d) लोहा
उत्तर: (a) कैल्सियम
प्रश्न 4. खाद्य पदार्थ के डिब्बों पर जिंक की बजाय टिन का लेप होता है क्योंकि
(a) टिन की अपेक्षा जिंक महँगा है
(b) टिन की अपेक्षा जिंक का गलनांक अधिक है
(c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है
(d) टिन की अपेक्षा जिंक कम अभिक्रियाशील है
उत्तर: (c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है
प्रश्न 5.आपको एक हथौड़ा, बैटरी, बल्ब, तार एवं स्विच दिया गया है
(a) इनका उपयोग कर धातुओं एवं अधातुओं के नमूनों के बीच आप विभेद कैसे कर सकते हैं?
(b) धातुओं एवं अधातुओं में विभेदन के लिए इन परीक्षणों की उपयोगिताओं का आकलन कीजिए।
उत्तर:
(a) हथौड़ा धातुओं को एक पतली चादर में परिवर्तित कर सकता है जबकि अधातुओं के साथ ऐसा नहीं किया जा सकता। इस प्रकार यह धातुओं तथा अधातुओं के बीच विभेद करने में हमारी सहायता कर सकता है।
बैटरी, बल्ब, तार एवं स्विच की सहायता से हम एक परिपथ तैयार कर सकते हैं। अब परिपथ के मध्य में धातुओं तथा अधातुओं के नमूनों को बारी-बारी से लगाकर हम धातुओं तथा अधातुओं के बीच विभेद कर सकते हैं। यदि नमूना धातु होगा तो परिपथ में स्थित बल्ब जलने लगेगा और यदि नमूना अधातु है (ग्रेफाइट को छोड़कर) तो बल्ब नहीं जलेगा।
(b) उपर्युक्त परीक्षण धातुओं तथा अधातुओं के लक्षणों को बताते हैं इसलिए ये उपयोगी हैं।
प्रश्न 6. उभयधर्मी ऑक्साइड क्या होते हैं? दो उभयधर्मी ऑक्साइडों का उदाहरण दीजिए।
उत्तर: उभयधर्मी ऑक्साइड वे धातु ऑक्साइड हैं जो अम्ल और क्षार दोनों के साथ अभिक्रिया कर सकते हैं। ये अपने व्यवहार में लचीले होते हैं और परिस्थितियों के अनुसार अम्लीय या क्षारीय गुण दिखा सकते हैं। उदाहरण के लिए, एल्युमिनियम ऑक्साइड (Al₂O₃) और जिंक ऑक्साइड (ZnO) उभयधर्मी ऑक्साइड हैं।
प्रश्न 7. दो धातुओं के नाम बताइए जो तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देंगी तथा दो धातुएँ जो ऐसा नहीं कर सकती हैं।
उत्तर: जिंक और लोहा तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर सकते हैं क्योंकि ये हाइड्रोजन से अधिक अभिक्रियाशील हैं। दूसरी ओर, तांबा और चांदी ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि ये हाइड्रोजन से कम अभिक्रियाशील हैं और धातु सक्रियता श्रृंखला में हाइड्रोजन से नीचे आते हैं।
प्रश्न 8. किसी धातु M के विद्युत अपघटनी परिष्करण में आप ऐनोड, कैथोड एवं विद्युत अपघट्य किसे बनाएँगे?
उत्तर: जिंक और लोहा तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर सकते हैं क्योंकि ये हाइड्रोजन से अधिक अभिक्रियाशील हैं। दूसरी ओर, तांबा और चांदी ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि ये हाइड्रोजन से कम अभिक्रियाशील हैं और धातु सक्रियता श्रृंखला में हाइड्रोजन से नीचे आते हैं।
प्रश्न 9. प्रत्यूष ने सल्फर चूर्ण को स्पैचुला में लेकर उसे गर्म किया। चित्र के अनुसार एक परखनली को उलटा करके उसने उत्सर्जित गैस को एकत्र किया – परखनली
(a) गैस की क्रिया क्या होगी
- सूखे लिटमस पत्र पर?
- आर्द्र लिटमस पत्र पर?
(b) ऊपर की अभिक्रियाओं के लिए बर्नर संतुलित रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:
(a) जब सल्फर को वायु में जलाया जाता है तो यह वायु की ऑक्सीजन से अभिक्रिया करके सल्फर डाइऑक्साइड बनाता है।
- सूखे लिटमस पत्र पर गैस की क्रिया सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) गैस की प्रकृति अम्लीय होती है परन्तु यह सूखे लिटमस पत्र से अभिक्रिया नहीं करेगी और न ही उसका रंग परिवर्तित करेगी क्योंकि अम्लीय लक्षण केवल जल की उपस्थिति में परिलक्षित होता है। आर्द्र लिटमस पत्र पर गैस की क्रिया सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) गैस की प्रकृति अम्लीय होती है।
- आर्द्र लिटमस पत्र से क्रिया करके यह सल्फ्यूरस अम्ल बनाएगी जिससे नीला लिटमस पत्र लाल हो जाता है।
प्रश्न 10. लोहे को जंग से बचाने के लिए दो तरीके बताइए।
उत्तर: लोहे को जंग से बचाने के दो प्रमुख तरीके हैं:
- लोहे की सतह पर पेंट, ग्रीस या तेल की परत लगाकर, जो हवा और नमी को लोहे से दूर रखती है।
- यशदलेपन द्वारा, जिसमें लोहे पर जस्ते की परत चढ़ाई जाती है। यह जस्ता लोहे की रक्षा करता है क्योंकि यह लोहे से अधिक क्रियाशील है।
प्रश्न 11. ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर अधातुएँ कैसा ऑक्साइड बनाती हैं?
उत्तर: अधातुएँ ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर सामान्यतः अम्लीय ऑक्साइड बनाती हैं। कुछ मामलों में, जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), ये उदासीन ऑक्साइड भी बना सकती हैं। अधातु कभी क्षारीय ऑक्साइड नहीं बनाते। यह उनकी इलेक्ट्रॉन संरचना और प्रकृति के कारण होता है।
प्रश्न 12. कारण बताइए –
(a) प्लैटिनम, सोना एवं चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है।
(b) सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम को तेल के अंदर संगृहीत किया जाता है।
(c) ऐलुमिनियम अत्यंत अभिक्रियाशील धातु है, फिर भी इसका उपयोग खाना बनाने वाले बर्तन बनाने के लिए किया जाता है।
(d) निष्कर्षण प्रक्रम में कार्बोनेट एवं सल्फाइड अयस्क को ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है।
उत्तर:
(a) प्लैटिनम, सोना और चाँदी कम अभिक्रियाशील हैं, इसलिए वे अपनी चमक लंबे समय तक बनाए रखते हैं और संक्षारण से प्रभावित नहीं होते।
(b) सोडियम, पोटैशियम और लीथियम अत्यधिक अभिक्रियाशील हैं और हवा या पानी से तेजी से प्रतिक्रिया करते हैं। तेल में रखने से वे इन तत्वों से अलग रहते हैं।
(c) एल्युमिनियम अपनी सतह पर एक सुरक्षात्मक ऑक्साइड परत बनाता है जो इसे आगे के संक्षारण से बचाती है। यह गुण इसे बर्तन बनाने के लिए उपयुक्त बनाता है।
(d) धातु ऑक्साइडों से धातु निष्कर्षण आसान होता है। इसलिए, कार्बोनेट और सल्फाइड अयस्कों को पहले ऑक्साइड में बदला जाता है।
प्रश्न 13. आपने ताँबे के मलीन बर्तन को नींबू या इमली के रस से साफ करते अवश्य देखा होगा। यह खट्टे पदार्थ बर्तन को साफ करने में क्यों प्रभावी हैं?
उत्तर: तांबे के मलीन बर्तनों पर बनी हरी परत मुख्यतः बेसिक कॉपर कार्बोनेट की होती है। नींबू या इमली का रस अम्लीय होता है। यह अम्ल कॉपर कार्बोनेट से प्रतिक्रिया करके उसे घोल देता है, जिससे बर्तन साफ हो जाता है। यह प्रक्रिया अम्ल-क्षार अभिक्रिया पर आधारित है।
प्रश्न 14. रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर धातुओं एवं अधातुओं में विभेद कीजिए।
उत्तर:
रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर धातुओं और अधातुओं में विभेद
प्रश्न 15. एक व्यक्ति प्रत्येक घर में सुनार बनकर जाता है। उसने पुराने एवं मलीन सोने के आभूषणों में पहले जैसी चमक पैदा करने का ढोंग रचाया। कोई संदेह किए बिना ही एक महिला अपने सोने के कंगन उसे देती है जिसे वह एक विशेष विलयन में डाल देता है।
कंगन नए की तरह चमकने लगते हैं लेकिन उनका वजन अत्यंत कम हो जाता है। वह महिला बहुत दुखी होती है तथा तर्क-वितर्क के पश्चात् उस व्यक्ति को झुकना पड़ता है। एक जासूस की तरह क्या आप उस विलयन की प्रकृति के बारे में बता सकते हैं?
उत्तर: वह व्यक्ति सोने के आभूषणों को साफ करने के लिए एक्वा रेजिया (Aqua Regia) का उपयोग कर रहा था। एक्वा रेजिया सांद्र नाइट्रिक अम्ल और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का 1:3 अनुपात में मिश्रण है। यह सोने को घोलने की क्षमता रखता है, जो अन्य अम्लों में नहीं घुलता। इसलिए आभूषण चमकदार तो हो गए, लेकिन उनका वजन कम हो गया क्योंकि कुछ सोना घुल गया। यह विधि अनैतिक और गैरकानूनी है।
प्रश्न 16. गर्म जल का टैंक बनाने में ताँबे का उपयोग होता है परंतु इस्पात (लोहे की मिश्रातु) का नहीं। इसका कारण बताइए।
उत्तर: गर्म जल का टैंक बनाने में तांबे का उपयोग किया जाता है, इस्पात का नहीं। इसके कारण हैं:
- तांबा ऊष्मा का बेहतर संचालक है, जो पानी को तेजी से गर्म करने में मदद करता है।
- तांबा जल या वाष्प के साथ प्रतिक्रिया नहीं करता, जबकि इस्पात (लोहे की मिश्रधातु) गर्म पानी या भाप के साथ धीरे-धीरे प्रतिक्रिया करके जंग (आयरन ऑक्साइड) बना सकता है।
- तांबे पर एक सुरक्षात्मक ऑक्साइड परत बन जाती है जो आगे के संक्षारण को रोकती है, जबकि इस्पात लगातार जंग के प्रति संवेदनशील रहता है।