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प्राचीन काल में भी विभिन्न सभ्यताएं एक-दूसरे के साथ जुड़ी थीं। इसके कारण, विचारों और संस्कृतियों का आदान-प्रदान हुआ। यह अध्याय विभिन्न देशों और क्षेत्रों के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान और संबंधों पर केंद्रित है।

Bihar Board Class 6 History Chapter 11
Subject | History (अतीत से वर्तमान भाग 1) |
Class | 6th |
Chapter | 11. सुदूर-प्रदेशों से सम्पर्क |
Board | Bihar Board |
अभ्यास
प्रश्न 1. वस्तुनिष्ठ प्रश्न :
प्रश्न 1. प्रसिद्ध यूनानी शासक कौन था?
(क) कनिष्क
(ख) पुष्यमित्र शुंग
(ग) मिनाण्डर
(घ) चन्द्रगुप्त
उत्तर- (ग) मिनाण्डर
प्रश्न 2. कनिष्क की राजधानी कहाँ थी ?
(क) काबुल
(ख) पेशावर
(ग) अमृतसर
(घ) यारकंद
उत्तर- (ख) पेशावर
प्रश्न 3. शुंग वंश का संस्थापक कौन था ?
(क) पुष्यमित्र
(ख) अग्निमित्र
(ग) वृहद्रथ
(घ) यशोवर्मन
उत्तर- (क) पुष्यमित्र
प्रश्न 2. खाली स्थान को भरें :-
प्रश्नोत्तर –
- मौर्यवंश के बाद पुष्यमित्र (शंगवंश) मगध पर शासन किया।
- इण्डो ग्रीक राजा भारत में बैक्ट्रिया से आये।
- सुदर्शन झील की मरम्मत रूद्रदामन ने कराई।
- कुषाणों के सबसे प्रसिद्ध राजा कनिष्क थे।।
- कनिष्क ने बौद्ध धर्म को राजकीय संरक्षण प्रदान किया।
प्रश्न 3. सुमेलित करें :-
उत्तर-
1. महायान | बौद्ध धर्म |
2. मिनाण्डर | इण्डो ग्रीक |
3. रूद्रदामन | शक |
4. स्तूप | सांची |
5. मिलिन्दपह | बौद्ध ग्रंथ |
आइए चर्चा करें .
प्रश्न 1. मथुरा शैली एवं गांधार शैली की मूर्तिकला में। समानता एवं असमानता क्या है ?
उत्तर- मथुरा शैली एवं गांधार शैली की मूर्तिकला में समानता और असमानता थी। दोनों शैलियों की मूर्तियां पत्थर से बनी थीं और बौद्ध धर्म से संबंधित थीं, यही समानता थी। असमानता यह थी कि मथुरा शैली की मूर्तियों में भारतीय शैली प्रमुख थी, जबकि गांधार शैली की मूर्तियों पर यूनानी एवं रोमन शैलियों का प्रभाव दिखता है। इसमें बुद्ध की मूर्तियां यूनानी देवता अपोलो के आकार से प्रभावित थीं।
प्रश्न 2. विदेशों में बौद्ध धर्म के प्रसार में किन लोगों का योगदान था?
उत्तर- विदेशों में बौद्ध धर्म के प्रसार में हिन्दू यूनानी (यवन) शासकों तथा धनी व्यापारियों का योगदान था ।
प्रश्न 3. भारत पर यूनानी सम्पर्क का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर- भारत पर यूनानी सम्पर्क का व्यापक प्रभाव पड़ा। चिकित्सा पद्धति में नए तरीकों का आगमन हुआ और विज्ञान तथा गणित के ज्ञान में वृद्धि हुई। नए प्रकार के सिक्के चलन में आए और भारतीय कला एवं वास्तुकला पर भी यूनानी प्रभाव दिखने लगा। दूसरी ओर, भारत के धर्म, दर्शन और संस्कृति का प्रभाव यूनानी शासकों पर भी पड़ा।