Complete solutions of UP Board class 7 Science chapter 18 is available here. Students can get our free guide on Vigyan chapter 18 – “स्थिर विद्युत” on this page. Our guide is in hindi medium which gives students a better understanding of the chapter.
विद्युत हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। इस अध्याय में हम स्थिर विद्युत की अवधारणा को समझेंगे। हम जानेंगे कि विद्युत आवेश क्या होता है और विद्युतरोधी तथा विद्युत चालक पदार्थ कौन-कौन से होते हैं। साथ ही, हम विद्युत आवेश के संचरण और इकट्ठे होने के तरीकों पर भी विचार करेंगे। इसके अलावा, हम विद्युत आकर्षण और विकर्षण के सिद्धांत को समझेंगे। हम देखेंगे कि ये बल किस प्रकार काम करते हैं और उनके क्या अनुप्रयोग हैं।
UP Board Class 7 Science Chapter 18 Solutions
Subject | Science (विज्ञान) |
Class | 7th |
Chapter | 18. स्थिर विद्युत |
Board | UP Board |
प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प को छाँटकर लिखिए-
(क) निम्नलिखित में किसे घर्षण द्वारा आसानी से आवेशित नहीं किया जा सकता है-
(अ) काँच की छड़
(ब) एबोनाइट की छड़
(स) गुब्बारा
(द) लकड़ी का टुकड़ा (✓)
(ख) ऐबोनाइट की छड़ को फलालेन से रगड़ने पर-
(अ) ऐबोनाइट पर धन आवेश तथा फलालेन पर ऋण आवेश उत्पन्न होता है।
(ब) ऐबोनाइट पर ऋण आवेश तथा फलालेन पर धन आवेश उत्पन्न होता है। (✓)
(स) ऐबोनाइट व फलालेन दोनों पर धन आवेश उत्पन्न होता है।
(द) ऐबोनाइट व फलालेन दोनों पर ऋण आवेश उत्पन्न होता है।
(ग) समान प्रकार के आवेशों के बीच होता है-
(अ) आकर्षण बल
(ब) प्रतिकर्षण बल (✓)
(स) आकर्षण बल तथा प्रतिकर्षण बल दोनों
(द) न तो आकर्षण बल और न ही प्रतिकर्षण बल
(घ) आवेश कितने प्रकार के होते हैं-
(अ) एक
(ब) दो (✓)
(स) तीन
(द) चार
(ङ) तड़ित चालक बनाया जाता है।
(अ) काँच
(ब) रबर
(स) ताँबा (✓)
(द) स्टील
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों में दिये गये शब्दों की सहायता से रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए-
(प्रतिकर्षण, तड़ित, ऋणात्मक, धनात्मक, विद्युत धारा).
(क) ऐबोनाइट की छड़ को फलालेन से रगड़ने पर फलालेन पर धन आवेश उत्पन्न होता है।
(ख) काँच की छड़ को रेशम से रगड़ने पर रेशम परे धन आवेश उत्पन्न होता है।
(ग) वस्तुओं के आवेशित होने का निश्चित प्रमाण प्रतिकर्षण है।
(घ) आवेशों के प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहते हैं।
(ङ) भवनों को आकाशीय बिजली से बचाने के लिए तड़ित चालक का उपयोग करते हैं।
प्रश्न 3. निम्नलिखित कथनों में सही कथन के सामने सही (✓) तथा गलत कथन के सामने गलत (✗) का चिह्न लगाइये-
(क) घर्षण द्वारा वस्तुओं को आकर्षित नहीं किया जा सकता। (✗)
(ख) कंघे को सूखे बालों पर रगड़ने पर वह कागज के टुकड़ों को आकर्षित करता है। (✓)
(ग) विपरीत प्रकार के विद्युत आवेशों में आकर्षण होता है। (✓)
(घ) तड़ित आघात से मिट्टी की उर्वरा शक्ति घटती है। (✗)
प्रश्न 4. सही जोड़ी बनाइये-
उत्तर-
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
(क) तड़ित चालक- | (य) तड़ित आघात से सुरक्षा |
(ख) प्रतिकर्षण | (द) आवेशन की निश्चित पहचान |
(ग) प्रेरण – | (ब) आवेशन |
(घ) घर्षण | (स) आवेशों का स्थानान्तरण |
(ङ) बैजामिन फ्रेंकलिन | (अ) आवेशों का नामकरण |
प्रश्न 5. आवेशित वस्तुओं में कब आकर्षण और प्रतिकर्षण होता है?
उत्तर: आवेशित वस्तुओं में आकर्षण और प्रतिकर्षण इस बात पर निर्भर करता है कि उन वस्तुओं में समान प्रकार का आवेश है या विपरीत प्रकार का।
आकर्षण: जब दो आवेशित वस्तुओं में विपरीत प्रकार के आवेश होते हैं, अर्थात् एक वस्तु धनावेशित और दूसरी वस्तु ऋणावेशित होती है, तो इन दोनों वस्तुओं के बीच आकर्षण बल लगता है। उदाहरण के लिए, यदि आप एक छोटी प्लास्टिक की गेंद को रबर से रगड़कर धनावेशित करें और फिर उसे शीशे की छड़ से रगड़कर ऋणावेशित करें, तो ये दोनों वस्तुएं एक-दूसरे को आकर्षित करेंगी।
प्रतिकर्षण: जब दो आवेशित वस्तुओं में समान प्रकार के आवेश होते हैं, अर्थात् दोनों वस्तुएं धनावेशित हों या दोनों ऋणावेशित हों, तो इन दोनों वस्तुओं के बीच प्रतिकर्षण बल लगता है। उदाहरण के लिए, यदि आप दो प्लास्टिक की गेंदों को रबर से रगड़कर दोनों को धनावेशित कर दें, तो वे एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करेंगी।
इस प्रकार, विपरीत आवेश वाली वस्तुएं आकर्षित होती हैं जबकि समान आवेश वाली वस्तुएं प्रतिकर्षित होती हैं।
प्रश्न 6. विद्युत चालक व विद्युत रोधी पदार्थों का परीक्षण करने की प्रयोग विधि लिखिए।
उत्तर:
विद्युत चालक और विद्युत रोधी पदार्थों का परीक्षण करने का एक सरल प्रयोग इस प्रकार किया जा सकता है:
आवश्यक सामग्री: दो विद्युतदर्शी, एबोनाइट की आवेशित छड़, विभिन्न धातु और अचालक पदार्थ जैसे लकड़ी, प्लास्टिक, रबर आदि।
विधि:
- दोनों विद्युतदर्शियों को पास-पास रखें।
- विद्युतदर्शी A की चकती को एबोनाइट छड़ से रगड़कर आवेशित करें। इससे इसकी पत्तियां फैल जाएंगी।
- अब किसी धातु (जैसे लोहा, ताँबा या ऐलुमिनियम) का तार लें और इसे एक थर्मोकोल पट्टी में से आर-पार निकालें ताकि थर्मोकोल का टुकड़ा विद्युत रोधी हत्थे की तरह काम करे।
- थर्मोकोल पट्टी को पकड़कर तार को इस प्रकार रखें कि वह दोनों विद्युतदर्शियों की चकतियों को स्पर्श करे।
- यदि विद्युतदर्शी B की पत्तियां भी फैल जाएं, तो इसका मतलब है कि धातु का तार विद्युत का चालक है क्योंकि आवेश विद्युतदर्शी A से धातु के तार के माध्यम से विद्युतदर्शी B तक प्रवाहित हो गया है।
- यदि आप धातु के तार के स्थान पर लकड़ी, प्लास्टिक या रबर आदि का उपयोग करें और विद्युतदर्शी B की पत्तियां न फैलें, तो यह बताता है कि वे पदार्थ विद्युत रोधी हैं क्योंकि उनमें आवेश प्रवाहित नहीं हो पाया।
इस प्रकार, यदि किसी पदार्थ से होकर आवेश प्रवाहित हो जाता है तो वह विद्युत चालक है, अन्यथा वह विद्युत रोधी है।
प्रश्न 7. विद्युत धारा किसे कहते हैं?
उत्तर: विद्युत धारा एकल चालन पथ में इकाई समय में गुजरने वाले आवेश की मात्रा को कहते हैं। इसकी इकाई एम्पियर (A) होती है। आवेश के बहाव की दर को विद्युत धारा कहा जाता है।
प्रश्न 8. स्थिर विद्युत प्रेरण को परिभाषित कीजिए।
उत्तर: स्थिर विद्युत प्रेरण वह प्रक्रिया है जिसमें किसी आवेशित वस्तु के निकट लाने पर किसी चालक में आवेश उत्पन्न हो जाता है। इस प्रक्रिया में, आवेशित वस्तु के निकट वाले सिरे पर विपरीत आवेश और दूर वाले सिरे पर समान आवेश उत्पन्न होता है। ये आवेश तब तक बने रहते हैं जब तक आवेशित वस्तु चालक के निकट रहती है।
यह प्रक्रिया इसलिए स्थिर कहलाती है क्योंकि इसमें आवेश का कोई प्रवाह नहीं होता है। चालक में आवेश केवल आवेशित वस्तु के निकट लाने पर उत्पन्न होता है।
प्रश्न 9. तड़ित से होने वाली हानियाँ व लाभ लिखिए।
उत्तर:
तड़ित (आकाशीय विद्युत) से होने वाली हानियां और लाभ इस प्रकार हैं:
हानियां:
- भवन, पेड़-पौधे और जीव-जंतुओं पर गंभीर प्रभाव पड़ता है क्योंकि तड़ित उन्हें जला सकती है या उनमें क्षति पहुंचा सकती है।
- विद्युत उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों को नुकसान पहुंच सकता है क्योंकि तड़ित के कारण विद्युत प्रवाह हो सकता है।
- तेज विद्युत चमक व गरजन के कारण मनुष्यों में भय और चिंता पैदा हो सकती है।
लाभ:
- तड़ित के कारण उत्पन्न उच्च तापमान और विकिरण के प्रभाव से वायुमंडलीय नाइट्रोजन ऑक्सीजन से अभिक्रिया करके नाइट्रिक ऑक्साइड बनाता है। यह नाइट्रिक ऑक्साइड वर्षा के साथ मिट्टी में आकर उसकी उर्वरा शक्ति बढ़ाता है।
- तड़ित में उत्पन्न उच्च ऊर्जा वायुमंडलीय ऑक्सीजन को ओजोन में परिवर्तित करती है। ओजोन परत सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी विकिरण से पृथ्वी की रक्षा करती है।
- तड़ित के कारण वायुमंडल में चालकता बढ़ जाती है जिससे वायुमंडलीय विद्युत आवेश की निकासी हो पाती है।
इस प्रकार तड़ित से कुछ हानियां होती हैं लेकिन उसके कुछ पर्यावरणीय लाभ भी हैं।
प्रश्न 10. एक क्रियाकलाप द्वारा स्पष्ट करिए कि रगड़ने से वस्तुएँ आवेशित हो जाती हैं।
उत्तर:
एक गुब्बारे में हवा भरकर मुंह को बांध लें। इस निर्वात गुब्बारे को दीवार से स्पर्श करके छोड़ दें। आप देखेंगे कि गुब्बारा दीवार से नीचे गिर जाता है।
अब गुब्बारे को एक रुई के कपड़े से कुछ बार रगड़ें। फिर इस आवेशित गुब्बारे को दीवार से स्पर्श करके छोड़ दें। आप देखेंगे कि इस बार गुब्बारा दीवार से चिपका रहेगा।
यह इसलिए होता है क्योंकि रगड़ने से गुब्बारे की सतह धनावेशित हो गई और दीवार की सतह ऋणावेशित हो गई। चूंकि विपरीत आवेश एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं, इसलिए धनावेशित गुब्बारा ऋणावेशित दीवार से चिपक गया।
इस प्रकार, यह क्रियाकलाप स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि रगड़ने से वस्तुएं आवेशित हो जाती हैं।
प्रश्न 11. आकाशीय बिजली से बचने के लिए इमारतों में क्या प्रबन्ध किया जाता है?
उत्तर:
आकाशीय बिजली (तड़ित) से बचने के लिए इमारतों में तड़ित-चालक लगाया जाता है। यह एक लंबी धातु की छड़ होती है जिसका एक सिरा इमारत की छत पर लगा होता है और दूसरा सिरा जमीन में गहरे गड़ा होता है।
इस तड़ित-चालक का मुख्य कार्य बादलों में बने विद्युत आवेश को पृथ्वी तक सुरक्षित ढंग से पहुंचाना होता है। जब तड़ित इमारत के पास आती है तो बादलों का विद्युत आवेश तड़ित-चालक से होकर सीधे पृथ्वी में विसर्जित हो जाता है। इस प्रकार इमारत को नुकसान पहुंचने से बच जाता है।
तड़ित-चालक बहुत अच्छे विद्युत चालक पदार्थ जैसे ताँबा या अलुमीनियम से बना होता है ताकि आवेश का प्रवाह आसानी से हो सके। इसलिए आकाशीय बिजली के खतरे से बचाव के लिए इमारतों में तड़ित-चालक लगाना बहुत जरूरी होता है।