UP Board Class 7 Science Chapter 12 Solutions – लाभदायक एवं हानिकारक पौधे तथा जन्तु

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प्रकृति में विभिन्न प्रकार के पौधे और जंतु पाए जाते हैं। कुछ हमारे लिए लाभकारी होते हैं, जबकि कुछ हानिकारक। इस अध्याय में हम इन्हीं लाभदायक और हानिकारक पौधों एवं जंतुओं के बारे में जानेंगे। हम समझेंगे कि किन पौधों और जंतुओं से हमें लाभ मिलता है और किन्हें हानिकारक माना जाता है। साथ ही, हम उन पौधों और जीवों की खासियतों पर भी चर्चा करेंगे जो खाद्य, औषधीय, वस्त्र आदि के लिए उपयोगी होते हैं। इसके विपरीत, हम उन हानिकारक पौधों और जंतुओं के बारे में भी जानेंगे जो मनुष्य, पशु और फसलों के लिए नुकसानदायक होते हैं।

UP Board Class 7 Science Chapter 12

UP Board Class 7 Science Chapter 12 Solutions

SubjectScience (विज्ञान)
Class7th
Chapter12. लाभदायक एवं हानिकारक पौधे तथा जन्तु
BoardUP Board

प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प छाँटकर लिखिए-

(क) साइट्रस (नींबू जाति) फलों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है-

(i) विटामिन A
(ii) विटामिन B
(iii) विटामिन C (✓)
(iv) विटामिन D

(ख) मलेरिया की दवा किस पौधे से प्राप्त होती है ?

(i) नीम
(ii) सिनकोना (✓)
(iii) कपास
(iv) सर्पगंधा

(ग) रेशा प्रदान करने वाला पौधा नहीं है-

(i) नीम (✓)
(ii) कपास
(iii) जूट
(iv) नारियल

(घ) सबसे अधिक प्रोटीन पाया जाता है-

(i) अनाजों में
(ii) दालों में (✓)
(iii) फलों में ।
(iv) सब्जियों में

प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

(क) हरी सब्जियों से विटामिन तथा खनिज लवण प्राप्त होते हैं।
(ख) मच्छरों से डेंगू, चिकनगुनिया तथा मलेरिया रोग फैलते हैं।
(ग) शार्क मछली के यकृत से तेल निकाला जाता है।
(घ) मधुमक्खियों से शहद तथा मोम मिलता है।

प्रश्न 3. निम्नलिखित कथनों में सही के सामने सही (✓) का तथा गलत के सामने गलत (✗) का चिह्न लगाइये-

(क) मादक-पदार्थ स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। (✗)

(ख) रेशम के कीड़े शहतूत के पेड़ पर पाले जाते हैं। (✓)

(ग) लाख, पौधे से प्राप्त होती है। (✗)

(घ) कुत्ता घर की चौकीदारी करता है। (✓)


(ङ) सभी जन्तु तथा पौधे लाभदायक होते हैं। (✗)

प्रश्न 4. हल्दी का प्रयोग खाने में करते हैं। इसका उपयोग और कहाँ किया जाता है ?

उत्तर- हल्दी का प्रयोग न केवल खाने में किया जाता है बल्कि इसके अन्य उपयोग भी हैं। हल्दी को औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। इसीलिए हल्दी का प्रयोग कई औषधियों और सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है। हल्दी में कुरकुमिन नामक रासायनिक पदार्थ पाया जाता है जिसमें एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। इसीलिए हल्दी को घावों को भरने, मसूड़ों और सूजन को कम करने में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा हल्दी का प्रयोग बालों और त्वचा की देखभाल के उत्पादों में भी किया जाता है।

प्रश्न 5. किन्हीं दो हानिकारक पौधों तथा जन्तुओं के नाम लिखिए। वे हमें किस प्रकार हानि पहुँचाते हैं?

उत्तर- हानिकारक पौधे और जंतु हमारे लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। दो हानिकारक पौधों के नाम हैं – अफीम और धतूरा। अफीम से प्राप्त मादक पदार्थ मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। इनके सेवन से नशा होता है और यह मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है। धतूरा भी एक विषैला पौधा है जो मानसिक विकारों का कारण बन सकता है।

दो हानिकारक जंतुओं के नाम हैं – साँप और बिच्छू। कुछ साँप बहुत विषैले होते हैं जिनके काटने से मनुष्य की मृत्यु भी हो सकती है। बिच्छू का डंक भी जहरीला होता है जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। इसलिए इन जंतुओं से सावधान रहना चाहिए।

प्रश्न 6. नीम अत्यधिक लाभदायक वृक्ष है। उसके विभिन्न भागों के क्या उपयोग हैं ? लिखिए।

उत्तर- नीम एक बहुउपयोगी वृक्ष है जिसके विभिन्न भागों का उपयोग कई उद्देश्यों के लिए किया जाता है। नीम के पत्तों, फूलों, बीजों, फलों, जड़ और छाल का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण में किया जाता है। इनमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण कई बीमारियों के इलाज में मददगार होते हैं।

नीम के पत्तों का प्रयोग सूजन, खुजली और दाद जैसे त्वचा संबंधी रोगों के उपचार में किया जाता है। नीम के बीज का उपयोग कृमि नाशक दवा के रूप में किया जाता है। नीम की छाल का प्रयोग पेट के अल्सर और घावों के इलाज में किया जाता है। नीम का तेल मलेरिया और विभिन्न प्रकार की संक्रमणों के उपचार में प्रभावी माना जाता है। इस प्रकार नीम के विभिन्न हिस्सों का उपयोग स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं के लिए किया जाता है।

प्रश्न 7. रेशम के कीड़े से रेशम कैसे प्राप्त किया जाता है?

उत्तर- रेशम के कीटों के शरीर में एक विशेष अंग होता है जिसे रेशम ग्रंथि कहते हैं। यह ग्रंथि एक खास प्रकार का द्रव पदार्थ छोड़ती है जिसे लारवा या इल्ली अपने चारों ओर लपेटकर एक गेंद जैसी संरचना बना लेता है। इस गेंद को कोया या कोकून कहते हैं। कुछ समय बाद लारवा प्यूपा में बदल जाता है। प्यूपा के चारों ओर लिपटी यह गेंद सूख जाती है और इसी से रेशम का निर्माण होता है। इस प्रकार रेशम कीट के कोकून से ही रेशम प्राप्त किया जाता है।

प्रश्न 8. किन्ही पाँच लाभदायक पौधों तथा जंतुओं के नाम लिखिए तथा बताइए कि वे हमारे लिए किस प्रकार उपयोगी हैं।

उत्तर- पाँच लाभदायक पौधों के नाम हैं – आम, गेहूँ, चावल, गन्ना और कपास। आम से हमें खाने के लिए स्वादिष्ट फल मिलते हैं। गेहूँ और चावल से मुख्य खाद्य पदार्थ अनाज प्राप्त होते हैं। गन्ना से चीनी का उत्पादन होता है। कपास से हमें कपड़े बनाने के लिए रेशे मिलते हैं।

पाँच लाभदायक जंतुओं के नाम हैं – गाय, भेड़, मुर्गा, मधुमक्खी और रेशम कीट। गाय और भेड़ से हमें दूध और मांस प्राप्त होता है। मुर्गों से हमें अंडे और मांस मिलता है। मधुमक्खियों के छत्तों से हमें शहद और मोम मिलता है। रेशम कीटों से रेशम प्राप्त होता है जिससे कपड़े बनाए जाते हैं।

प्रश्न 9. जन्तु हमारे लिए लाभदायक हैं। इस कथन की पुष्टि कीजिए।

उत्तर- हाँ, यह सही है कि जंतु हमारे लिए बहुत लाभदायक होते हैं।

जंतुओं से हमें भोजन प्राप्त होता है। जैसे गाय, भैंस, बकरी से हमें दूध और दही जैसे पौष्टिक पदार्थ मिलते हैं। मुर्गों से हमें अंडे और मांस प्राप्त होता है। भेड़, बकरी और सुअर से भी हमें मांस की आपूर्ति होती है। मछलियाँ भी हमारे लिए प्रोटीन का एक बहुत अच्छा स्रोत हैं।

जंतुओं से हमें कपड़े बनाने के लिए रेशे भी मिलते हैं। रेशम के कीटों से रेशम, भेड़ से ऊन, सूअर से बाल आदि से हमें कपड़े बने हैं। इसके अलावा मधुमक्खियों से हमें शहद और मोम प्राप्त होता है।

कई जंतु हमारे खेत-खलिहानों में सहायक होते हैं। बैल, घोड़ा, गधा जैसे जंतुओं का उपयोग खेती के काम में किया जाता है। पशुओं की बीज देने में मदद ली जाती है। उनका गोबर खाद के रूप में उपयोग होता है।

कुछ जंतु हमारे घरों और देश की सुरक्षा करते हैं। जैसे कुत्ता हमारे घर की रखवाली करता है। हाथी और घोड़े का इस्तेमाल सेना में किया जाता है।

इस तरह हम देखते हैं कि जंतु हमारी रोजमर्रा की अनेक जरूरतों को पूरा करते हैं। वे हमारे भोजन, वस्त्र, कृषि-कार्य और सुरक्षा के लिए बहुत उपयोगी हैं। अतः यह कहना बिलकुल सही है कि जंतु हमारे लिए लाभदायक होते हैं।

Other Chapter Solutions
Chapter 1 Solutions – मानव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी
Chapter 2 Solutions – रेशों से वस्त्र तक
Chapter 3 Solutions – पदार्थ की संरचना एवं प्रकृति
Chapter 4 Solutions – भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन
Chapter 5 Solutions – ऊष्मा एवं ताप
Chapter 6 Solutions – पौधों में पोषण
Chapter 7 Solutions – जन्तुओं में पोषण
Chapter 8 Solutions – जीवों में श्वसन
Chapter 9 Solutions – जन्तुओं एवं पौधों में परिवहन
Chapter 10 Solutions – जीवों में उत्सर्जन
Chapter 11 Solutions – पौधों में जनन
Chapter 12 Solutions – लाभदायक एवं हानिकारक पौधे तथा जन्तु
Chapter 13 Solutions – भोजन, स्वास्थ्य व रोग
Chapter 14 Solutions – ध्वनि
Chapter 15 Solutions – ऊर्जा
Chapter 16 Solutions – प्रकाश
Chapter 17 Solutions – बल एवं यंत्र
Chapter 18 Solutions – स्थिर विद्युत
Chapter 19 Solutions – जल
Chapter 20 Solutions – वायु
Chapter 21 Solutions – कम्प्यूटर

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