UP Board class 7 Science chapter 14 – “ध्वनि” is solved here. Below we have shared our comprehensive guide on this chapter for free. It includes all the questions & answers and easy explanations in hindi medium.
ध्वनि हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग है। चाहे वह संगीत हो, वार्तालाप हो या फिर किसी उपकरण से निकलने वाली आवाज़, सभी ध्वनि के ही विभिन्न रूप हैं। इस अध्याय में हम ध्वनि की प्रकृति और गुणों को समझने की कोशिश करेंगे। हम जानेंगे कि ध्वनि किस प्रकार उत्पन्न होती है और वायु माध्यम में यात्रा करती है। साथ ही, हम ध्वनि के परावर्तन, अपवर्तन और विसरण आदि गुणों के बारे में भी पढ़ेंगे।
UP Board Class 7 Science Chapter 14 Solutions
Subject | Science (विज्ञान) |
Class | 7th |
Chapter | 14. ध्वनि |
Board | UP Board |
प्रश्न 1. सही विकल्प का चयन कीजिए-
(क) निम्नलिखित में किसे ध्वनि का तारत्व अधिकतम है-
(अ) शेर की दहाड़
(ब) नदी का कलकल
(स) मेघ गर्जन
(द) मच्छरों की भिनभिनाहट (✓)
(ख) SI पद्धति में आवृत्ति का मात्रक है-
(अ) सेकण्ड
(ब) हर्ट्ज (✓)
(स) किलोग्राम
(द) मीटर
(ग) 20 हर्ट्ज आवृत्ति से कम आवृत्ति की उत्पन्न ध्वनि कहलाती है-
(अ) श्रव्य
(ब) कर्कश
(स) अपश्रव्य (✓)
(द) पराश्रवय
(घ) ढोलक में ध्वनि उत्पन्न होती है-
(अ) रगड़ने से
(ब) खींचने से
(स) फेंक मारने से
(द) आघात से (✓)
(ङ) ध्वनि की चाल सबसे अधिक होती है-
(अ) ठोस (✓)
(ब) गैस
(स) द्रव
(द) निर्वात
प्रश्न 2. सही जोड़े बनाइए स्तम्भ क के कथनों का स्तम्भ ख के कथनों से मिलान करके-
उत्तर-
स्तम्भ (क) | स्तम्भ (ख) |
(क) सुस्वर ध्वनि | हारमोनियम, ढोलक से उत्पन्न ध्वनि |
(ख) श्रव्य ध्वनि | मनुष्यों द्वारा सुनी जा सकने वाली ध्वनि |
(ग) अपश्रव्य ध्वनि | भूकम्प से उत्पन्न ध्वनि |
(घ) अपश्रव्य ध्वनि | फूँक मारकर उत्पन्न करते हैं |
प्रश्न 3. निम्नलिखित कथनों में सही कथन के सामने सही (✓) तथा गलत कथन के सामने गलत (✗) का चिन्ह लगाइए-
(क) ध्वनि का वेग प्रकाश के वेग से अधिक होता है। (✗)
(ख) उच्च तारत्व वाली ध्वनि का आवृत्ति अधिक होता है। (✓)
(ग) एक हर्ट्ज का अर्थ एक कम्पन प्रति सेकण्ड है। (✓)
(घ) वीणा में कर्कश ध्वनि उत्पन्न होती है। (✗)
(ङ) ताप बदलने से ध्वनि की चाल बदल जाती है। (✓)
प्रश्न 4. दिए गये निम्नलिखित शब्दों की सहायता से रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(क) कम्पन करती हुई वस्तु का अधिकतम विस्थापन आयाम कहलाता है।
(ख) ध्वनि संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है।
(ग) कम्पन करने वाली वस्तु द्वारा एक कम्पन में लगे समय को उसका आवर्तकाल कहते हैं।
(घ) ध्वनि की चाल गैस में न्यूनतम होती है।
(ङ) किसी माध्यम में निश्चित ताप पर ध्वनि की चाल परावर्तित होती है।
प्रश्न 5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
(क) प्रतिध्वनि को परिभाषित कीजिए।
उत्तर: प्रतिध्वनि एक ऐसी घटना है जिसमें किसी ठोस वस्तु से टकराकर ध्वनि तरंगें उसी दिशा में लौट आती हैं जिससे वे आई थीं। जब आप किसी गहरे कुएं या पहाड़ी इलाके में आवाज लगाते हैं, तो आवाज पहले टकराती है और फिर वापस लौटकर आपके कानों तक पहुंचती है। यही घटना प्रतिध्वनि कहलाती है।
(ख) तारत्व की परिभाषा लिखिए। मोटी तथा पतली ध्वनि के कारण का अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: तारत्व एक ध्वनि का वह गुण है जिसके आधार पर हम यह पहचान सकते हैं कि ध्वनि मोटी है या पतली। तारत्व ध्वनि की आवृत्ति पर निर्भर करता है। उच्च आवृत्ति वाली ध्वनि पतली होती है जबकि निम्न आवृत्ति वाली ध्वनि मोटी होती है। उदाहरण के लिए, बिल्ली की आवाज पतली होती है क्योंकि इसकी आवृत्ति उच्च होती है, जबकि कुत्ते का भौंकना मोटी आवाज होती है क्योंकि इसकी आवृत्ति निम्न होती है।
(ग) ध्वनि प्रदूषण के कारण तथा उनके निवारण लिखिए।
उत्तर: ध्वनि प्रदूषण वातावरण में अत्यधिक तेज और अवांछित ध्वनियों के होने से होता है। इसके कुछ प्रमुख कारण हैं – यातायात से होने वाली ध्वनि, भारी मशीनों और उद्योगों से निकलने वाली ध्वनि, निर्माण कार्यों में उपयोग होने वाले उपकरणों की ध्वनि, अत्यधिक तेज संगीत और आतिशबाजी आदि।
ध्वनि प्रदूषण को कम करने के कुछ उपाय हैं – वाहनों की आवाज कम करनी, उद्योगों में शोर रोकने वाले उपकरण लगाना, निर्माण कार्यों का समय सीमित करना, आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाना, लोगों में जागरूकता फैलाना आदि।
(घ) स्पष्ट कीजिए कि वर्षा काल में बादलों की बिजली की चमक क्यों पहले दिखाई देती है व गड़गड़ाहट बाद में सुनाई देती है।
उत्तर: प्रकाश की गति ध्वनि की गति से कहीं अधिक तेज होती है। प्रकाश की गति लगभग 3,00,000 किमी/सेकंड होती है जबकि ध्वनि की गति केवल 340 मीटर/सेकंड होती है। इसलिए जब बिजली चमकती है तो उसकी रोशनी तुरंत हमारी आँखों तक पहुंच जाती है, लेकिन बिजली के गरजने की आवाज़ थोड़ी देर बाद पहुंचती है।
(ङ) स्पष्ट कीजिए कि ध्वनि किस प्रकार उत्पन्न होती है।
उत्तर: ध्वनि किसी वस्तु के कंपन से उत्पन्न होती है। जब कोई वस्तु कंपित होती है, तो उससे लगे माध्यम के कणों में झटके लगते हैं। ये झटके एक कण से दूसरे कण तक फैलते रहते हैं। इस प्रकार एक तरंग का निर्माण होता है जो हवा, पानी या ठोस पदार्थ जैसे माध्यमों में फैलती है। यही तरंग आकर हमारे कान तक पहुंचती है और कानों के अंदर स्थित संवेदी कणों को झकझोरकर ध्वनि का अनुभव कराती है।
प्रश्न 6. निम्नलिखित प्रश्नों को हल कीजिए-
(क) तीन कम्पन करती वस्तुओं A, B, C की आवृत्ति क्रमशः 256 हर्ट्ज़, 512 हर्ट्ज़, 1024 हर्ट्ज है, उनके तारत्व को घटते क्रम में लिखिए।
उत्तर: जैसा कि हम जानते हैं, तारत्व और आवृत्ति आपस में सीधा संबंध रखते हैं। जितनी अधिक आवृत्ति होगी, उतना ही अधिक तारत्व होगा। इसलिए दिए गए वस्तुओं का तारत्व घटते क्रम में C, B, A होगा।
(ख) दो व्यक्ति A तथा B एक ऊँची इमारत के सामने ध्वनि उत्पन्न करते हैं तथा दोनों क्रमशः एक परावर्तन तथा दस परावर्तन के पश्चात ध्वनि को सुनते हैं तो इसमें कौन सी ध्वनि प्रतिध्वनि तथा कौन सी ध्वनि पूंज होगी।
उत्तर- A दुवारा सुनी जाने वाली एक परावर्तन वाली ध्वनि-प्रतिध्वनि B द्वारा सुनी जाने वाली 10 परावर्तन वाली ध्वनि-पूँज।
प्रश्न 7. हमें बाँसुरी और कोयल की कुहूक जैसी आवाजें कर्णप्रिय लगती हैं परन्तु लाउडस्पीकर की तीव्र आवाज कर्ण प्रिय नहीं लगती है। ऐसा क्यों ?
उत्तर- हाँ, यह सही है कि बाँसुरी और कोयल की आवाजें कर्णप्रिय लगती हैं जबकि लाउडस्पीकर की तेज आवाज कर्णप्रिय नहीं लगती। इसके पीछे का कारण यह है:
बाँसुरी और कोयल की आवाजें नियमित और आवर्ती कंपनों से उत्पन्न होती हैं। ये आवाजें संगीतमय होती हैं और कान को खुशनुमा लगती हैं। इन आवाजों में एक खास तालमेल और लय होती है जो हमारे कानों को प्रसन्न करती है। इसलिए हम इन्हें कर्णप्रिय महसूस करते हैं।
दूसरी ओर, लाउडस्पीकर से निकलने वाली तेज आवाज अनियमित और अनावर्ती कंपनों से उत्पन्न होती है। ये आवाजें बहुत तेज और शोरगुल भरी होती हैं। इनमें कोई नियमितता या लय नहीं होती। ये आवाजें कान के बाहरी भाग को झकझोरती हैं जिससे हमें कष्ट होता है।
इसलिए जबकि सुरीली और लयबद्ध आवाजें हमारे कानों को प्रसन्न करती हैं, वहीं तेज और अनियमित आवाजें उन्हें कष्ट पहुंचाती हैं। यही कारण है कि बाँसुरी और कोयल के स्वरों को हम कर्णप्रिय मानते हैं जबकि लाउडस्पीकर की तेज आवाज हमें अप्रिय लगती है।
इसके अलावा, बहुत तेज और अत्यधिक शोरगुल से हमारे कानों को नुकसान भी पहुंच सकता है। इसलिए हमें इन तरह की आवाजों से बचना चाहिए।