UP Board Class 7 History Chapter 6 Solutions – सल्तनतकालीन संस्कृति

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इस अध्याय में हम सल्तनतकालीन भारतीय संस्कृति और उसके विभिन्न पहलुओं के बारे में पढ़ेंगे। यह काल भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दौर था जब विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं का मिलन हुआ। हम देखेंगे कि मुस्लिम शासकों ने किस तरह से भारतीय समाज और संस्कृति पर अपना प्रभाव डाला। हम उस समय की कला, वास्तुकला, साहित्य, धर्म, खान-पान और रहन-सहन के बारे में विस्तार से जानेंगे। साथ ही, हम यह भी समझेंगे कि इस्लामी संस्कृति के आगमन से भारतीय संस्कृति किस प्रकार समृद्ध हुई।

UP Board Class 7 History Chapter 6

UP Board Class 7 History Chapter 6 Solutions

SubjectHistory
Class7th
Chapter 6. सल्तनतकालीन संस्कृति
BoardUP Board

प्रश्न 1 . निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

(क) सल्तनत काल के फारसी तथा हिन्दी के कवियों और लेखकों के नाम लिखिए।

उत्तर: सल्तनत काल के प्रमुख फारसी कवि और लेखक थे – अलबरूनी, अमीर खुसरो, फिरदौसी जबकि प्रमुख हिंदी कवि और लेखक थे – कबीर, नरपति नालह, मलिक मुहम्मद जायसी और गोरखनाथ। अमीर खुसरो दोनों भाषाओं, फारसी और हिंदी में अपनी प्रतिभा का परिचय दिया।

(ख) सल्तनत काल में बनी प्रमुख इमारतों की विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर: सल्तनत काल में बनी इमारतों की मुख्य विशेषताएं थीं – गुंबदनुमा छत, मीनारें, मेहराब और इस्लामिक कला के प्रतीक। कई इमारतों की दीवारों पर कुरान की आयतों को भी नक्काशी किया गया था। इन इमारतों में बुलंद शाही क़िला और क़ुतुब मीनार दिल्ली में प्रमुख हैं।

(ग) सूफी मत की शिक्षाओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर: सूफी संतों की शिक्षाएं इस प्रकार थीं – एकेश्वरवाद की भावना, सामाजिक समरसता और भाईचारे की भावना, संगीत के माध्यम से भगवान की उपासना। उन्होंने हिंदू-मुसलिम एकता के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। खवाजा मुईनुद्दीन चिश्ती और निजामुद्दीन औलिया जैसे सूफी संत उस काल के महान सन्त थे।

(घ) भक्ति काल के प्रमुख संतों के नाम बताइए।

उत्तर: भक्ति काल के प्रमुख संत कवियों में शामिल थे – गुरु नानक देव, कबीर, सूरदास, मीराबाई, तुलसीदास, रैदास, चैतन्य महाप्रभु, रामानंद, बल्लभाचार्य और दादू दयाल जैसे महान संत।

(ङ) सल्तनत काल में उद्योग एवं व्यापार परसंक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

उत्तर: सल्तनत काल में उद्योग और व्यापार का विकास हुआ, जिससे शहरों और शहरी जीवन का विस्तार हुआ। बंगाल और गुजरात के शहर वस्त्र उद्योग तथा सोना-चांदी के कारीगरी कार्यों के लिए विख्यात थे। ढाका और सोनारगांव मलमल और रेशम बुनाई के केंद्र बन गए थे। 13वीं-14वीं शताब्दी में चरखे के आविष्कार से वस्त्र उद्योग में क्रांति आई। भारत से वस्त्र, चमड़े की वस्तुएं और फारसी शैली के गलीचे निर्यात होते थे। भारत में घोड़े, कपड़े, कांच के बर्तन और बहुमूल्य धातुएं पश्चिम एशिया से तथा रेशम और मिट्टी के बर्तन चीन से आयात होते थे।

(च) सल्तनत काल में कहाँ की तलवारें प्रसिद्ध थीं ?

उत्तर: सल्तनत काल में बनारस और सौराष्ट्र के इलाके तलवार बनाने के लिए विख्यात थे। इन क्षेत्रों में निर्मित तलवारें गुणवत्ता और धार के लिए प्रसिद्ध थीं। सलतनत काल में मुगल बादशाहों द्वारा भी इन्हीं क्षेत्रों से तलवारें मंगवाई जाती थीं।

(छ) सल्तनत कालीन प्रशासन का वर्णन कीजिए।

उत्तर: सल्तनत काल में सुल्तान सर्वोच्च शासक था। उसके हाथों में ही सम्पूर्ण राजनीतिक, प्रशासनिक और न्यायिक शक्तियां केंद्रित थीं। सुल्तान सेना का सर्वोच्च सेनापति होता था और राज्य की सुरक्षा तथा व्यवस्था की जिम्मेदारी उसी पर थी। कानूनों का निर्माण और न्याय व्यवस्था भी सुल्तान के अधिकार क्षेत्र में आती थी। किसी भी अधिकारी के फैसले के विरुद्ध सुल्तान के पास अपील किया जा सकता था।

(ज) सन्त एवं समाज सुधारकों ने भक्ति आंदोलन क्यों चलाया।

उत्तर: भारत में तुर्क और अफगान शासकों के आगमन के साथ उनके धार्मिक विचार और संस्कृति का भी प्रभाव पड़ा। जाति प्रथा की कट्टरता, ऊँच-नीच का भेदभाव और धार्मिक आडंबरपरस्ती ने समाज में विकृतियां पैदा कर दी थीं। ऐसे में कुछ सुधारकों और संतों ने समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने और आपसी प्रेम तथा सद्भाव को बढ़ावा देने का आंदोलन छेड़ा। इन्होंने बाह्य कर्मकांडों की अपेक्षा भक्ति भाव से परमात्मा की उपासना करने पर जोर दिया। इस प्रकार धर्म में सहिष्णुता की भावना को बल मिला। कबीर, गुरुनानक, मीराबाई, रैदास आदि संत-सुधारक इसी भक्ति आंदोलन से जुड़े थे।

(छ) दिल्ली सल्तनत में सुल्तान का स्थान सर्वाधिक महत्वपूर्ण था। क्यों?

उत्तर: दिल्ली सल्तनत में सुल्तान सर्वोच्च शासक था क्योंकि उसके हाथों में ही सम्पूर्ण शक्तियां केंद्रित थीं। राजनीतिक, न्यायिक और सैन्य – तीनों ही प्रकार की सत्ता का केंद्र सुल्तान ही था। वह राज्य की सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए जिम्मेदार था। सेना का सर्वोच्च कमांडर भी वही होता था। कानून बनाना और न्यायपालिका की नियुक्ति करना भी सुल्तान के अधिकार क्षेत्र में आता था। किसी अधिकारी के फैसले के विरुद्ध सीधे सुल्तान के पास ही अपील की जा सकती थी। इस प्रकार सल्तनत शासन में सुल्तान की भूमिका महत्वपूर्ण थी।

प्रश्न 2. निम्नलिखित वाक्यों के समक्ष सत्य अथवा असत्य लिखिए-

उत्तर

(क) सल्तनत काल में सुल्तान को स्थान सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण था। – सत्य
(ख) युद्ध में सेना और धन की आवश्यकता नहीं होती है। – असत्य
(ग) सुल्तान सेना का सबसे बड़ा अधिकारी होता था। – सत्य
(घ) पद्मावत की रचना मलिक मोहम्मद जायसी ने की थी। – सत्य
(ड) सल्तनत काल में किसानों का जीवन स्तर बहुत ऊँचा था। – असत्य

प्रश्न 3. टिप्पणी लिखिए-

(क) टंका और जीतल
(ख) इक्तादार
(ग) मुकद्दम या चौधरी

उत्तर:

(क) टंका और जीतल:
सल्तनत काल में दिल्ली के सुल्तानों द्वारा शाही टकसालें स्थापित की गईं जहां टंका और जीतल नामक सिक्कों का निर्माण किया जाता था। टंका चांदी की और जीतल तांबे की मुद्रा थी। इन सिक्कों का प्रचलन सल्तनत काल में व्यापार और शहरी जीवन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

(ख) इक्तादार:
सल्तनत काल में समस्त राज्य को विभिन्न प्रांतों में विभाजित कर दिया गया था। प्रत्येक प्रांत के शासक को इक्तादार या वाली कहा जाता था। इन्हें सुल्तान ही नियुक्त करता था और ये सुल्तान के प्रति उत्तरदायी होते थे। प्रांत में शांति व्यवस्था बनाए रखना, कर संग्रह कराना और न्याय व्यवस्था चलाना इक्तादार की प्रमुख जिम्मेदारियां थीं। इन्हें सैन्य तथा प्रशासनिक योग्यताओं के आधार पर चुना जाता था।

(ग) मुकद्दम या चौधरी:
सल्तनत काल में प्रत्येक जिले को परगनों में विभाजित किया गया था। एक परगना में कई गांव होते थे। गांव प्रशासन की सबसे छोटी इकाई थी। गांव के मुखिया को मुकद्दम या चौधरी कहा जाता था। वह गांव के समस्त प्रशासनिक कार्यों के लिए उत्तरदायी होता था, जिनमें भू-राजस्व निर्धारण, संग्रहण और संबंधित रिकॉर्ड रखना शामिल था। गांव की सुरक्षा चौकीदार के जिम्मे रहती थी। ये तीनों पदाधिकारी वंशानुगत होते थे और उन्हें भू-राजस्व का एक हिस्सा मिलता था। ग्राम पंचायतों के माध्यम से गांव का प्रशासन होता था, इसलिए ग्रामीण स्तर पर प्राचीन परंपराएं बनी रहीं।

प्रश्न 4. सही जोड़े मिलाइए-

(क) मच्छेन्द्रचिकित्सक
(ख) जोगशल्य चिकित्सक
(ग) बरनीप्रसिद्ध विद्वान
(घ) ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्तीसूफी सन्त
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