Searching for UP Board class 7 History chapter 1 solutions? Get our free guide on this chapter here. This page includes all the questions asked in chapter 1 – “इस्लाम का भारत में आगमन”.
इस अध्याय में हम विषय पर चर्चा करेंगे कि इस्लाम धर्म और मुस्लिम समुदाय का भारत में आगमन कैसे हुआ। हम उन महान शासकों, सम्राटों और साहसी विजेताओं के बारे में जानेंगे, जिन्होंने अपनी जीत के पश्चात इस्लाम को भारतीय उपमहाद्वीप में फैलाया। इस अध्याय में हम देखेंगे कि इस्लाम के आगमन ने भारत की संस्कृति और समाज पर क्या प्रभाव डाला। हम इसके साथ ही भारतीय जीवन शैली, कला, स्थापत्य, धार्मिक विश्वासों और परंपराओं पर पड़े प्रभावों को भी समझेंगे।
UP Board Class 7 History Chapter 1 Solutions
Subject | History |
Class | 7th |
Chapter | 1. इस्लाम का भारत में आगमन |
Board | UP Board |
प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क): इस्लाम धर्म के संस्थापक कौन थे?
उत्तर: हज़रत मुहम्मद इस्लाम धर्म के संस्थापक थे।
(ख): हज़रत मुहम्मद के जन्म के समय अरब देश का जनजीवन कैसा था?
उत्तर: हज़रत मुहम्मद के जन्मकाल में अरब अनेक छोटे-छोटे गुट और कबीलों में बंटा हुआ था। वहां लोग बहुदेववाद में विश्वास रखते थे और अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा करते थे। साथ ही कबीलों में आपसी लड़ाई-झगड़े भी होते रहते थे। समाज अशिक्षित और अंधविश्वासी था।
(ग): अरबों तथा भारतीयों ने एक दूसरे से क्या-क्या सीखा? सूची बनाइए।
उत्तर: अरबों से भारतीयों ने सीखा:
- कागज़ बनाना
- सूत कातना और बुनाई का काम
- कपड़ों के नए प्रकार जैसे सलवार, कमीज़ आदि
- नए खानपान जैसे समोसे, कचौरी आदि
भारतीयों से अरबों ने सीखा:
- अंक गणित और संख्या प्रणाली
- ज्योतिष विज्ञान
- शतरंज खेल
- संगीत
- आयुर्वेद एवं चिकित्सा शास्त्र
(घ): महमूद गजनवी और मुहम्मद गौरी का भारत पर आक्रमण का उद्देश्य क्या था?
उत्तर: महमूद गजनवी का भारत पर आक्रमण करने का मुख्य उद्देश्य धन लूटना और गजनी साम्राज्य को समृद्ध बनाना था। उसने लगभग 17 बार भारत पर आक्रमण किया और यहां से बहुत सा धन लूटकर ले गया।
दूसरी ओर, मुहम्मद गौरी का उद्देश्य भारत पर राज्य विस्तार करना था। वह भारत में अपना साम्राज्य स्थापित करना चाहता था क्योंकि गौर क्षेत्र छोटा था और वहां उसके साम्राज्य का विस्तार संभव नहीं था।
(ङ): तुर्क आक्रमण के समय भारत की राजनीतिक स्थिति कैसी थी?
उत्तर: तुर्क आक्रमणकारियों के समय भारत में कोई एक शक्तिशाली केंद्रीय शासन नहीं था। उत्तरी भारत में चौहान, तोमर, गहड़वाल, चन्देल और चालुक्य जैसे विभिन्न राजवंश अपने छोटे-छोटे राज्यों पर शासन करते थे। इन राज्यों में आपसी फूट और राष्ट्रीय एकता की कमी थी। वे अपने स्वार्थ और व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को लेकर आपस में लड़ते रहते थे।
(च): राजपूतों पर तुर्कों की विजय के मुख्य कारण क्या थे?
उत्तर: राजपूतों पर तुर्कों की विजय के प्रमुख कारण इस प्रकार थे:
- राजपूत शासकों में एकता का अभाव
- राजपूतों द्वारा पुरानी युद्धरणनीति और शस्त्रों का प्रयोग
- तुर्की सेना में अच्छी किस्म के घोड़े और तेज घुड़सवार
- तुर्क सैनिकों का कुशल तीरंदाज होना
- भारतीय समाज में जाति-प्रथा और उच्च-नीच भेदभाव
प्रश्न 2: सही मिलान कीजिए।
तराइन का प्रथम युद्ध | 1191 ई० |
सिंध पर आक्रमण | 712 ई० |
सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण | 1025 ई० |
हिजरी सम्वत् का प्रारम्भ | 622 ई० |
प्रश्न 3. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
उत्तर
(क) तहकीक-ए-हिन्द पुस्तक के लेखक अल्बरुनी हैं।
(ख) तराइन का युद्ध मुहम्मद गोरी और पृथ्वीराज चौहान के मध्य लड़ा गया।
(ग) महमूद गजनवी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किया।
(घ) मुहम्मद गोरी को गुजरात में चालुक्य वंश के राजा मूलराज वितीय ने पराजित किया।