Get our free guide on UP Board class 6 History chapter 3 here. It covers all the questions and answers of chapter 3 – “नदी घाटी की सभ्यता – हड़प्पा सभ्यता” in hindi language.
प्राचीन भारत में, सिंधु नदी की घाटी में एक महान सभ्यता का विकास हुआ जिसे हम हड़प्पा सभ्यता के नाम से जानते हैं। इस अध्याय में हम देखेंगे कि कैसे हड़प्पावासियों ने योजनाबद्ध शहरों का निर्माण किया, जिनमें सुव्यवस्थित सड़कें, नालियाँ और जल निकासी प्रणाली थी। वे कुशल मिस्त्री और वास्तुकार थे जिन्होंने अद्भुत भवन बनाए। हम उनके व्यापार, लिपि, धर्म और कला के बारे में भी जानेंगे। हड़प्पा लोग समृद्ध और उन्नत थे, लेकिन अंत में उनकी सभ्यता का पतन हो गया। हम पढ़ेंगे कि वे कैसे अपने विस्मयकारी अतीत की झलक दिखाते हैं और हमें अपनी विरासत से परिचित कराते हैं।
UP Board Class 6 History Chapter 3
Subject | History |
Class | 6th |
Chapter | 3. नदी घाटी की सभ्यता – हड़प्पा सभ्यता |
Board | UP Board |
अभ्यास
प्रश्न 1. निम्नलिखित में सही विकल्प पर सही का निशान (✓) लगाइए :
(अ) सिन्धु घाटी की सभ्यता थी –
(क) ग्रामीण सभ्यता
(ख) नगरीय सभ्यता (✓)
(ग) अर्द्धनगरीय सभ्यता
(ब) मोहनजोदड़ो के नगर बसे थे –
(क) आजकल के गाँवों की तरह
(ख) टेढ़ी-मेढ़ी गलियों में
(ग) एक निश्चित योजना के अनुसार (✓)
प्रश्न 2. रिक्त स्थान भरिए –
(क) मोहनजोदड़ो का अर्थ मृतकों का टीला है।
(ख) रोपड़ भारत के पंजाब राज्य में, कालीबंगा राजस्थान राज्य में है।
(ग) व्यापार इराक और सिन्धु घाटी के शहरों के बीच होता था।
प्रश्न 3. सही जोड़े बनाइए (मिलाकर) –
उत्तर :
(क) रोपड़ = पंजाब
(ख) कालीबंगा = राजस्थान
(ग) लोथल = गुजरात
(घ) दायमाबाद = महाराष्ट्र
प्रश्न 4. प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
(क) कांसे की बनी नर्तकी की मूर्ति कहाँ से प्राप्त हुई है?
उत्तर : कांसे की बनी नर्तकी की मूर्ति हड़प्पाकालीन नगर मोहनजोदड़ो से प्राप्त हुई है।
(ख) हड़प्पा के लोगों का विदेश व्यापार किस देश के साथ होता था?
उत्तर : हड़प्पा के लोगों का विदेश व्यापार मेसोपोटामिया इराक) के साथ होता था।
(ग) मगज का अविष्कार सर्वप्रथम कहाँ हुआ?
उत्तर : कागज का आविष्कार सर्वप्रथम चीन में हुआ।
(घ) कौन सी सभ्यता नील नदी का वरदान’ नाम से प्रसिद्ध है?
उत्तर : मिस्र सभ्यता नील नदी का वरदान’ नाम से प्रसिद्ध है।
प्रश्न 5. मानचित्र देखकर हड़प्पा कालीन पुरास्थलों की सूची बनाइए।
उत्तर : स्वयं करें। संकेत- मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, लोथल आदि
प्रश्न 6. टिप्पणी लिखिए –
उत्तर:
हड़प्पा कालीन नगर निर्माण योजना – हड़प्पा के नगरों का निर्माण एक सुनियोजित रूप से किया गया था। सड़कें चौड़ी और सीधी थीं तथा छोटी-छोटी गलियों से जुड़ी थीं। घरों की नालियां बड़ी नालियों से जुड़ी थीं और इन नालियों में ढाल थी ताकि पानी आसानी से बह सके। यह दर्शाता है कि इस सभ्यता के लोग स्वच्छता और स्वास्थ्य के बारे में सचेत थे।
हड़प्पा कालीन व्यापार – हड़प्पा के नगरों से पत्थर, हाथी दांत, धातु और मिट्टी के सामान मिले हैं। विश्वानों का मानना है कि ये व्यापारी मुहरें थीं। इन मुहरों पर मनुष्य, जानवर, पौधे और बर्तन की आकृतियां बनी हुई हैं। व्यापारी इन मुहरों का उपयोग अपने सामान की पहचान के लिए करते थे। वे तौल और नाप के लिए बटखरे और पैमाने का प्रयोग करते थे। कुछ मुहरें अन्य देशों में भी मिली हैं, जिससे लगता है कि हड़प्पा और मेसोपोटामिया के बीच व्यापार होता था।
हड़प्पा कालीन रहन-सहन – चावल, गेहूं और जौ हड़प्पा वासियों के प्रमुख खाद्य पदार्थ थे। वे सूती और ऊनी दोनों प्रकार के कपड़े पहनते थे। वे गेहूं, जौ, कपास, मटर, तिल और चावल की खेती करते थे। उनके पालतू पशु बैल, गाय, भैंस, बकरी, भेड़, सूअर, हाथी और ऊंट थे। वे मंगलसूत्र, कंगन, पायल, बाली और अंगूठी जैसे आभूषण पहनते थे।
हड़प्पा कालीन देवी-देवता – हड़प्पा वासी मिट्टी से देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाते थे। एक मातृ देवी की मूर्ति और पत्थर के एक चौकोर पट्टे पर भैंस के सींगों वाली एक आकृति मिली है। शायद वे इन्हें पशु देवताओं मानते थे। कुछ मुहरों पर पीपल की पत्तियां और साँपों की आकृतियां भी मिली हैं, जिनकी वे पूजा करते थे। इतिहासकारों का मानना है कि वे मातृशक्ति, शिव, वृक्ष और पशु पूजा करते थे।
प्रश्न 7. सिन्धु घाटी के नगरों के बारे में लोगों को कैसे पता चला? हड़प्पा सभ्यता के नष्ट होने के क्या कारण हो सकते थे?
उत्तर: 1921 में पुरातत्व विदों ने पंजाब में हड़प्पा और सिंध में मोहनजोदड़ो की खोज की। इन स्थलों की खुदाई से ज्ञात हुआ कि वहां पर एक समृद्ध नगरीय सभ्यता थी, जो सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों की घाटी में फैली हुई थी।
हड़प्पा सभ्यता के नष्ट होने के कई संभावित कारण हो सकते हैं – बाढ़, भूकंप, महामारी, आक्रमण, आग या फिर आर्यों का आगमन।
प्रश्न 8. किस कारण सभी प्राचीन सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारे हुआ? (नदियों से विशेष लाभ क्या थे?)
उत्तर: प्राचीन सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारे हुआ क्योंकि नदियां खेती के लिए पानी की सुलभता प्रदान करती थीं। इससे अधिक अन्न उत्पादन संभव हो सका, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिला और नगरों का विकास हुआ। नदी मार्ग व्यापार के लिए सुलभ, सस्ता और सुरक्षित था। साथ ही, नदियों के किनारे कच्चे माल की उपलब्धता भी थी, जिससे अन्य उद्योगों का विकास हुआ। इन कारणों से सभी प्राचीन सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारे हुआ।
प्रश्न 9. निम्नलिखित तालिका पूरी करिए –
सभ्यता का नाम | नदी / सागर का नाम | मुख्य योगदान |
मेसोपोटामिया सभ्यता | दजला-फरात | जिगुरत, बीजगणित, रेखागणित |
मिस्र की सभ्यता | नील नदी | पिरामिड, सूर्य पंचांग |
क्रीट सभ्यता | भूमध्यसागर के किनारे | जलयान, चित्रकारी |
चीन की सभ्यता | हूवांगहो, याँगटिसीक्यांग | लेखनकला |
सिन्धु घाटी की सभ्यता | सिन्धु नदी | नगरीय सभ्यता, कपास की खेती |
प्रश्न 10. सिन्धु घाटी के नगरों से मिलने वाली मुहरों के बारे में चार मुख्य बातें बताइए।
उत्तर: सिन्धु घाटी के नगरों से प्राप्त मुहरों पर मनुष्य, जानवर, पौधे और भांडों की आकृतियाँ बनी हुई हैं। ये मुहरें व्यापारियों द्वारा अपने सामान की पहचान के लिए इस्तेमाल की जाती थीं।
एक मिट्टी की मूर्ति मिली है, जो शायद इस सभ्यता की देवी की प्रतिमा थी।
एक पत्थर के चौकोर पट्टे पर एक आकृति के सिर पर भैंस के सींग बने हैं। यह संभवतः पशु देवता का प्रतीक था, जिसकी इन लोगों द्वारा पूजा होती थी।
कुछ मुहरों पर पीपल की पत्तियों और साँपों की आकृतियाँ बनी हुई हैं, जिनकी भी इन लोगों द्वारा पूजा की जाती थी।