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छठी से ग्यारहवीं शताब्दी के दौरान दक्षिण भारत में कई शक्तिशाली साम्राज्यों का उदय हुआ। इस अध्याय में हम पल्लव, चोल, चालुक्य, राष्ट्रकूट और होयसल जैसे प्रमुख राजवंशों के बारे में जानेंगे। उनके शासनकाल में उत्तर भारत के उतार-चढ़ाव से स्वतंत्र रहते हुए दक्षिण में बहुत विकास हुआ। हम पढ़ेंगे कि कैसे चोल साम्राज्य ने अपना विस्तार दूर-दराज के क्षेत्रों तक किया और मलेशिया तक अपना प्रभुत्व बनाया। राष्ट्रकूट साम्राज्य के शासक धर्मपाल और अमोघवर्ष ने संस्कृत साहित्य और कलाओं को बढ़ावा दिया। दक्षिणी भारत ने धार्मिक आस्था, वास्तुकला और व्यापार के क्षेत्र में भी अपना विशिष्ट योगदान दिया। इस तरह यह अध्याय हमें दक्षिण भारत के स्वर्णिम इतिहास की झलकियां देगा।
UP Board Class 6 History Chapter 12
Subject | History |
Class | 6th |
Chapter | 12. दक्षिण भारत (छठी से ग्यारहवीं शताब्दी) |
Board | UP Board |
अभ्यास
प्रश्न 1. राष्ट्रकूट वंश की राजधानी कहाँ थी?
उत्तर : राष्ट्रकूट वंश की राजधानी मान्यखेट थी, जो मध्य प्रदेश में स्थित एक महत्वपूर्ण शहर था।
प्रश्न 2. किस चोल शासक ने श्रीलंका को जीता?
उत्तर :चोल शासक राजेन्द्र प्रथम ने श्रीलंका पर विजय प्राप्त कर अपने साम्राज्य में मिला लिया था।
प्रश्न 3. दक्षिण भारतीय मन्दिरों की विशेषताएँ लिखिए?
उत्तर :दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मन्दिरों में एलोरा का कैलाश मन्दिर, विरुपाक्ष मन्दिर, बृहदेश्वर मन्दिर और महाबलीपुरम् का रथ मन्दिर शामिल हैं। इन मन्दिरों का निर्माण दक्षिण के शासकों ने कराया और इन्होंने भारतीय कला-संस्कृति को विश्व में प्रसिद्ध किया।
प्रश्न 4. दक्षिणी भारत के राज्यों का किन-किन देशों से व्यापारिक सम्बन्य था।
उत्तर :दक्षिणी भारत के राज्यों का यूनान, रोम, मिश्र, मलय द्वीप समूह और चीन के साथ व्यापारिक संबंध था।
प्रश्न 5. चोलों के शासन व्यवस्था का वर्णन कीजिए।
उत्तर : चोल शासन व्यवस्था बहुत विकसित थी। राज्य को ‘राष्ट्रम’, प्रांत को ‘मण्डलम’, जनपद को ‘नाडू’ और गाँव को ‘कुर्रम’ कहा जाता था। कुर्रम अपने स्तर पर समस्याओं का समाधान करते थे और स्थानीय स्वशासन की नींव रखी।
प्रश्न 6. दक्षिण पूर्व एशिया के देशों पर भारतीय संस्कृति के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
उत्तर :दक्षिण पूर्व एशिया के देशों पर भारतीय संस्कृति का गहरा प्रभाव पड़ा। कम्बोडिया और चंपा में भारतीय कला, साहित्य और भाषा का विस्तार हुआ। इंडोनेशिया में रामायण की कहानी लोकप्रिय है और बोरोबुदूर में विश्व का सबसे विशाल बौद्ध मन्दिर स्थित है।
प्रश्न 7. निम्नलिखित के विषय में लिखिए –
(क) अंकोरवाट
(ख) शंकराचार्य
(ग) रामानुजाचार्य
(घ) एलोरा मन्दिर
उत्तर :
(क) अंकोरवाट: कम्बोडिया में स्थित यह विशाल मन्दिर विश्व धरोहर है। इसकी दीवारों पर रामायण-महाभारत की कहानियाँ उभरी हुई मूर्तियों में अंकित हैं।
(ख) शंकराचार्य: शंकराचार्य ने उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम में चार मठों की स्थापना करके एकेश्वरवाद का प्रचार किया, जिससे राष्ट्रीय एकता को बल मिला।
(ग) रामानुजाचार्य: 11वीं सदी में दक्षिण के सन्त रामानुजाचार्य ने शक्ति और ज्ञान को ईश्वर प्राप्ति का साधन बताया।
(घ) एलोरा मन्दिर: राष्ट्रकूट शासक कृष्ण प्रथम ने एलोरा में विशाल चट्टान को काटकर कैलाश मन्दिर बनवाया, जो कई मंजिलों वाला है।
प्रश्न 8. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(क) एलोरा का कैलाश मन्दिर दन्ति दुर्ग राष्ट्रकूट शासक ने बनवाया।
(ख) चोल काल में गाँव को कुर्रम कहा जाता था।
(ग) अंकोरवाट मन्दिर कम्बोडिया देश में स्थित है।
(घ) पल्लव शासकों ने रथ मन्दिर का निर्माण कराया।
गतिविधियाँ – मानचित्र में देखकर निम्नलिखित को पूराः करिए –
वंशों के नाम | वर्तमान राज्य | वंशों के नाम | वर्तमान राज्य |
राष्ट्रकूट | महाराष्ट्र | चालुक्य | कर्नाटक |
पल्लव | आंध्र प्रदेश | चोल | तमिलनाडु |