Bihar Board Class 7 History Chapter 4 Solutions – मुग़ल: सोलहवीं से सत्रहवीं शताब्दी (new book)

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इस अध्याय में आप मुग़ल साम्राज्य के गौरवशाली इतिहास और उसके शासकों जैसे बाबर, अकबर और औरंगज़ेब की उपलब्धियों को जानेंगे। यह अध्याय मुग़लों की सूबेदारी, मनसबदारी और ज़ब्ती जैसी प्रशासनिक व्यवस्थाओं के साथ-साथ अकबर की धार्मिक सहिष्णुता की नीति “सुलह-ए-कुल” को भी समझाएगा। आप क्षेत्रीय नियंत्रण, जागीरदारी प्रणाली और भव्य किलों के निर्माण की शैली के बारे में भी सीखेंगे।

Bihar Board Class 7 History Chapter 4 Solutions

Bihar Board Class 7 History Chapter 4 Solutions

SubjectHistory (हमारे अतीत-2)
Class7
Chapter4. मुग़ल: सोलहवीं से सत्रहवीं शताब्दी
BoardBihar Board

कल्पना कीजिए

1. बाबर और अकबर शासक बनने के समय आपकी ही उम्र के थे। कल्पना करें कि आपको पैतृक संपत्ति के रूप में एक राज्य प्राप्त होता है। आप अपने राज्य को स्थायी और समृद्ध कैसे बनाएँगे?

उत्तर: अगर मुझे एक राज्य मिलता है, तो मैं इसे मजबूत और खुशहाल बनाने के लिए ये काम करूँगा:

  • सबको साथ लेना: मैं सभी धर्मों और समुदायों के लोगों को बराबर मानूँगा, ताकि मेरे राज्य में शांति रहे।
  • न्याय देना: मैं हर हफ्ते लोगों की समस्याएँ सुनूँगा और निष्पक्ष फैसले करूँगा।
  • खेती और व्यापार: किसानों को बीज और पानी दूँगा। सड़कें और बाजार बनवाऊँगा, ताकि व्यापार बढ़े।
  • शिक्षा: स्कूल बनवाऊँगा, ताकि बच्चे पढ़ सकें और राज्य तरक्की करे।
  • सुरक्षा: एक छोटी लेकिन मजबूत सेना बनाऊँगा, जो राज्य की रक्षा करे।

फिर से याद करें

1. सही जोड़े बनाएँ:

उत्तर:

मनसबपद
मंगोलउज़बेग
सिसौदिया राजपूतमेवाड़
राठौर राजपूतमारवाड़
नूरजहाँजहाँगीर

2. रिक्त स्थान भरें:

(क) दक्कन की पाँचों सल्तनत बरार, खानदेश, अहमद नगर, _____और _____ थीं।

उत्तर: दक्कन की पाँचों सल्तनत बरार, खानदेश, अहमद नगर, बीजापुर और गोलकुण्डा** थीं।

(ख) यदि जात एक मनसबदार के पद और वेतन का द्योतक था, तो सवार उसके _____ को दिखाता था।

उत्तर: यदि जात एक मनसबदार के पद और वेतन का द्योतक था, तो सवार उसके सैनिकों की संख्या को दिखाता था।

(ग) अकबर के दोस्त और सलाहकार, अबुल फ़ज़्ल ने उसकी _____ के विचार को गढ़ने में मदद की जिसके द्वारा वह विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों और जातियों से बने समाज पर राज्य कर सका।

उत्तर: अकबर के दोस्त और सलाहकार, अबुल फ़ज़्ल ने उसकी सुलह-ए-कुल के विचार को गढ़ने में मदद की जिसके द्वारा वह विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों और जातियों से बने समाज पर राज्य कर सका।

3. मुग़ल राज्य के अधीन आने वाले केंद्रीय प्रांत कौन-से थे?

उत्तर: मुग़ल राज्य के केंद्रीय प्रांत थे – दिल्ली, आगरा, लाहौर, मुल्तान, गुजरात, बिहार, बंगाल, मालवा, अजमेर और दक्कन।

4. मनसबदार और जागीर में क्या संबंध था?

उत्तर: मनसबदार मुग़ल साम्राज्य के अधिकारी थे, जिन्हें वेतन के बदले जागीर नाम की जमीन दी जाती थी। जागीर से मिलने वाले कर (टैक्स) से उनकी तनख्वाह मिलती थी। लेकिन मनसबदार जागीर में नहीं रहते थे और न ही उसका प्रशासन देखते थे। उनके नौकर जागीर से कर इकट्ठा करते थे।

अकबर के समय जागीर से मिलने वाला कर मनसबदार के वेतन के बराबर होता था। लेकिन औरंगज़ेब के समय जागीरों की संख्या कम हो गई और मनसबदारों की संख्या बढ़ गई। इस वजह से उन्हें जागीर मिलने में देरी होती थी, और कई बार जागीर से मिलने वाला कर उनके वेतन से कम होता था।

आइए समझें

5. मुग़ल प्रशासन में ज़मींदार की क्या भूमिका थी?

उत्तर: मुग़ल प्रशासन में ज़मींदार का काम किसानों से कर (टैक्स) इकट्ठा करना था। किसान सीधे मुग़ल सरकार को कर नहीं देते थे, बल्कि ज़मींदार के जरिए देते थे। ज़मींदार गाँव के मुखिया या स्थानीय सरदार होते थे। वे किसानों से कर लेकर मुग़ल खजाने में जमा करते थे और बदले में उन्हें कुछ हिस्सा मिलता था।

6. शासन-प्रशासन संबंधी अकबर के विचारों के निर्माण में धार्मिक विद्वानों से होने वाली चर्चाएँ कितनी महत्त्वपूर्ण थीं?

उत्तर: अकबर के विचारों को बनाने में धार्मिक विद्वानों की चर्चाएँ बहुत महत्वपूर्ण थीं। ये चर्चाएँ इस तरह से मददगार थीं:

  • अकबर ने विद्वानों से बात करके समझा कि कट्टर धार्मिक नियम लोगों में झगड़ा और बंटवारा पैदा करते हैं।
  • इन चर्चाओं ने अकबर को सुलह-ए-कुल का विचार दिया, जिसका मतलब था सभी धर्मों और संस्कृतियों को साथ लेकर चलना।
  • इनसे अकबर को यह समझ आया कि शासन में सच्चाई, न्याय और शांति सबसे जरूरी हैं।

7. मुग़लों ने खुद को मंगोल की अपेक्षा तैमूर के वंशज होने पर क्यों बल दिया?

उत्तर: मुग़ल अपने माता की ओर से मंगोल शासक चंगेज़ खान और पिता की ओर से तैमूर के वंशज थे। लेकिन वे खुद को मंगोल नहीं कहलवाना चाहते थे, क्योंकि चंगेज़ खान ने बहुत नरसंहार किए थे, और लोग उसे बुरा मानते थे। दूसरी ओर, तैमूर एक शक्तिशाली शासक था, जिसने 1398 में दिल्ली पर कब्जा किया था। इसलिए मुग़ल तैमूर के वंशज होने पर गर्व करते थे और उसी का नाम लेना पसंद करते थे।

आइए विचार करें

8. भू-राजस्व से प्राप्त होने वाली आय, मुग़ल साम्राज्य के स्थायित्व के लिए कहाँ तक ज़रूरी थी?

उत्तर: भू-राजस्व मुग़ल साम्राज्य के लिए बहुत जरूरी था, क्योंकि:

  • यह साम्राज्य की सबसे बड़ी आय थी।
  • इस पैसे से सेना, मनसबदारों, कर्मचारियों और कारीगरों को वेतन दिया जाता था।
  • युद्ध, साम्राज्य का विस्तार और प्रशासन के खर्चे इसी से चलते थे।
  • भू-राजस्व के बिना साम्राज्य का खर्च चलाना मुश्किल था।

9. मुग़लों के लिए केवल तूरानी या ईरानी ही नहीं, बल्कि विभिन्न पृष्ठभूमि के मनसबदारों की नियुक्ति क्यों महत्त्वपूर्ण थी?

उत्तर: मुग़लों ने तूरानी, ईरानी, राजपूत, अफगान, मराठा और अन्य समूहों के मनसबदारों को नियुक्त किया, क्योंकि:

  • इससे साम्राज्य में सभी समुदायों को शामिल करने का मौका मिला।
  • अलग-अलग समूहों के लोग अपने क्षेत्रों को बेहतर ढंग से समझते थे, जिससे शासन आसान हुआ।
  • इससे तूरानी और ईरानी आपस में मिलकर बादशाह के खिलाफ बगावत नहीं कर सके।
  • विभिन्न मनसबदारों की नियुक्ति से साम्राज्य मजबूत और स्थिर हुआ।

10. मुग़ल साम्राज्य के समाज की ही तरह वर्तमान भारत, आज भी अनेक सामाजिक और सांस्कृतिक इकाइयों से बना हुआ है? क्या यह राष्ट्रीय एकीकरण के लिए एक एक चुनौती है?

उत्तर: वर्तमान भारत में भी मुग़ल काल की तरह कई धर्म, भाषाएँ, संस्कृतियाँ और परंपराएँ हैं। लेकिन यह राष्ट्रीय एकीकरण के लिए चुनौती नहीं है, क्योंकि:

  • भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहाँ सभी नागरिकों को समान अधिकार हैं।
  • यहाँ की विविधता, जैसे अलग-अलग त्योहार, खान-पान, और भाषाएँ, भारत को और मजबूत बनाती है।
  • भारत की संघीय व्यवस्था सभी राज्यों को बराबर अधिकार देती है, जिससे एकता बनी रहती है।

11. मुग़ल साम्राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए कृषक अनिवार्य थे। क्या आप सोचते हैं कि वे आज भी इतने ही महत्त्वपूर्ण हैं? क्या आज भारत में अमीर और गरीब के बीच आय का फासला मुग़लों के काल की अपेक्षा कहीं अधिक बढ़ गया है?

उत्तर: मुग़ल काल में अर्थव्यवस्था पूरी तरह कृषि पर निर्भर थी, और किसान बहुत महत्वपूर्ण थे। आज भारत की अर्थव्यवस्था में उद्योग और सेवाएँ भी शामिल हैं, इसलिए किसानों का महत्व थोड़ा कम हुआ है। लेकिन फिर भी, भारत की आबादी का बड़ा हिस्सा खेती पर निर्भर है, इसलिए किसान अभी भी जरूरी हैं।

मुग़ल काल में अमीर और गरीब के बीच आय का अंतर था, लेकिन आज यह अंतर और बढ़ गया है। पहले कुछ लोग (लगभग 5%) देश के 60% संसाधनों का उपयोग करते थे, लेकिन अब कुछ लोग (लगभग 5%) 90% संसाधनों का उपयोग करते हैं।

आइए करके देखें

12. मुग़ल साम्राज्य का उपमहाद्वीप के विभिन्न क्षेत्रों पर अनेक तरह से प्रभाव पड़ा। पता लगाइए कि जिस नगर, गाँव अथवा क्षेत्र में आप रहते हैं, उस पर इसका कोई प्रभाव पड़ा था?

उत्तर: (यह उत्तर आपके क्षेत्र के आधार पर अलग हो सकता है। यहाँ एक सामान्य उदाहरण दिया गया है।)

मैं बिहार के एक गाँव में रहता हूँ। मुग़ल काल में बिहार मुग़ल साम्राज्य का हिस्सा था। यहाँ के किसान भू-राजस्व देते थे, जो ज़मींदारों के जरिए मुग़ल खजाने में जाता था। मुग़लों ने यहाँ सड़कें और सराय बनवाईं, जो व्यापार और यात्रा के लिए इस्तेमाल होती थीं। इसके अलावा, मुग़ल काल में बिहार में कई मस्जिदें और इमारतें बनीं, जो आज भी देखी जा सकती हैं।

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