Bihar Board Class 7 History Chapter 3 Solutions – दिल्ली: बारहवीं से पंद्रहवीं शताब्दी (new book)

Bihar Board Class 7 History Chapter 3 Solutions from the new book are available here. Get written question answer of chapter 3 – दिल्ली: बारहवीं से पंद्रहवीं शताब्दी for free. This follows the new syllabus and book – हमारे अतीत-2 (Hamare Atit).

यह अध्याय दिल्ली सल्तनत के उदय और उसके शासन की कहानी को उजागर करता है, जो 1206 से 1526 तक भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण रहा। आप गुलाम, खिलजी, तुगलक, सैयद और लोदी वंशों की शासन शैली, उनकी प्रशासनिक व्यवस्था जैसे इक्तादारी और सेना के महत्व को जानेंगे। इसके साथ ही, सुल्तानों की धार्मिक नीतियाँ, किलों और मस्जिदों का निर्माण, और क्षेत्रीय विस्तार की चुनौतियाँ भी इस अध्याय का हिस्सा हैं।

Bihar Board Class 7 History Chapter 3 Solutions new book

Bihar Board Class 7 History Chapter 3 Solutions

SubjectHistory (हमारे अतीत-2)
Class7
Chapter3. दिल्ली: बारहवीं से पंद्रहवीं शताब्दी
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अध्याय के बिच से

1. क्या आपको लगता है कि न्याय-चक्र राजा और प्रजा के बीच के संबंध को समझाने के लिए उपयुक्त शब्द है?

उत्तर: हाँ, न्याय-चक्र राजा और प्रजा के रिश्ते को समझाने के लिए बहुत सही शब्द है। यह बताता है कि राजा का शासन तभी अच्छा चल सकता है, जब वह अपने लोगों के साथ न्याय करे। जैसे, एक इतिहासकार ने कहा था कि राजा को सैनिक चाहिए, सैनिकों को वेतन चाहिए, और वेतन किसानों से मिलने वाले कर से आता है। लेकिन किसान तभी कर दे सकते हैं, जब वे खुश और समृद्ध हों। यह सब तभी होगा, जब राजा का शासन ईमानदार और निष्पक्ष हो।

कल्पना करें

1. आप अलाउद्दीन ख़लजी या मुहम्मद तग़ुलक़ के शासन काल में एक किसान हैं और आप सुल्तान द्वारा लगाया गया कर नहीं चुका सकते। आप क्या करेंगे?

उत्तर: अगर मैं अलाउद्दीन खलजी या मुहम्मद तुगलक के समय में एक किसान होता और कर नहीं चुका पाता, तो मैं पहले अपने गाँव के मुखिया या स्थानीय अधिकारी से बात करता। मैं उन्हें अपनी परेशानी बताता, जैसे फसल खराब होना या पानी की कमी। मैं उनसे कर में कुछ छूट या समय माँगता। अगर फिर भी बात नहीं बनती, तो मैं सुल्तान के दरबार में अपनी अर्जी भेजने की कोशिश करता, क्योंकि उस समय कुछ सुल्तान अपनी प्रजा की बात सुनते थे। लेकिन मैं बहुत सावधानी बरतता, क्योंकि सुल्तान के नियम बहुत सख्त थे।

फिर से याद करें

1. दिल्ली में पहले-पहले किसने राजधानी स्थापित की?

उत्तर: दिल्ली में सबसे पहले तोमर राजपूत राजाओं ने राजधानी बनाई थी।

2. दिल्ली के सुलतानों के शासनकाल में प्रशासन की भाषा क्या थी?

उत्तर: दिल्ली के सुलतानों के समय में प्रशासन की भाषा फारसी थी।

3. किसके शासन के दौरान सल्तनत का सबसे अधिक विस्तार हुआ?

उत्तर: मुहम्मद तुगलक के शासन में सल्तनत का सबसे ज्यादा विस्तार हुआ।

4. इब्न बतूता किस देश से भारत में आया था?

उत्तर: इब्न बतूता मोरक्को देश से भारत आया था, जो अफ्रीका में है।

आइए समझें

5. ‘न्याय चक्र’ के अनुसार सेनापतियों के लिए किसानों के हितों का ध्यान रखना क्यों ज़रूरी था?

उत्तर: ‘न्याय चक्र’ के हिसाब से सेनापतियों को किसानों की भलाई का ध्यान रखना जरूरी था, क्योंकि किसान ही कर देते थे। यह कर सैनिकों के वेतन के लिए इस्तेमाल होता था। अगर किसान खुश और समृद्ध नहीं होंगे, तो वे कर नहीं दे पाएंगे। इससे सैनिकों को वेतन नहीं मिलेगा और सल्तनत की व्यवस्था बिगड़ जाएगी। इसलिए किसानों का ध्यान रखना बहुत जरूरी था।

6. सल्तनत की ‘भीतरी’ और ‘बाहरी’ सीमा से आप क्या समझते हैं?

उत्तर:

भीतरी सीमा: यह वे इलाके थे जो सैनिकों के शहरों (गैरिसन) के आसपास थे। इनका काम था सैनिकों और शहरों की जरूरतें पूरी करना, जैसे खाना और दूसरी चीजें देना।

बाहरी सीमा: यह वे दूर के इलाके थे जो सैनिकों के शहरों से बहुत दूर थे। इनका सैनिक शहरों से सीधा संबंध नहीं था, और ये सल्तनत के बाहरी हिस्सों में थे।

7. मु़क़्ती अपने कर्तव्यों का पालन करें, यह सुनिश्चित करने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए गए थे? आपके विचार में सुलतान के आदेशों का उल्लंघन करना चाहने के पीछे उनके क्या कारण हो सकते थे?

उत्तर: मुक्ती अपने काम ठीक करें, इसके लिए ये कदम उठाए गए थे:

(i) मुक्ती की नियुक्ति उनके परिवार के आधार पर नहीं, बल्कि उनकी योग्यता के आधार पर होती थी।
(ii) उन्हें इक्ता (जमीन) हमेशा के लिए नहीं दी जाती थी। कुछ समय बाद उनका तबादला कर दिया जाता था।
(iii) उनके द्वारा इकट्ठा किए गए कर की जाँच के लिए राज्य के लेखाधिकारी (हिसाब करने वाले) रखे जाते थे।
(iv) यह पक्का किया जाता था कि मुक्ती सही मात्रा में कर वसूल करें और उतने ही सैनिक रखें, जितने सुल्तान ने कहा हो।

मेरे विचार में, मुक्ती सुल्तान के आदेशों का पालन न करने की कोशिश इसलिए करते थे, क्योंकि:

  • वे ज्यादा पैसे अपने पास रखना चाहते थे।
  • कुछ मुक्ती ज्यादा ताकत हासिल करना चाहते थे और सुल्तान से अलग अपनी सत्ता बनाना चाहते थे।
  • कई बार दूर के इलाकों में सुल्तान की नजर कम रहती थी, तो वे मनमानी करते थे।

आइए विचार करें

8. क्या आपकी समझ में तवारीख के लेखक, आम जनता के जीवन के बारे में कोई जानकारी देते हैं?

उत्तर: तवारीख के लेखक आम जनता के जीवन के बारे में ज्यादा नहीं बताते। वे ज्यादातर सुल्तानों की तारीफ में लिखते थे, क्योंकि उन्हें सुल्तान से इनाम की उम्मीद होती थी। ये लेखक शहरों में रहते थे और राजा के दरबार में काम करते थे। वे गाँवों या आम लोगों के बीच नहीं जाते थे। इसलिए उनकी किताबों में सुल्तानों, युद्धों और प्रशासन की बातें ज्यादा होती हैं, न कि किसानों या आम लोगों की जिंदगी की।

9. दिल्ली सल्तनत के इतिहास में रजिया सुलतान अपने ढंग की एक ही थीं। क्या आपको लगता है कि आज महिला नेताओं को ज़्यादा आसानी से स्वीकार किया जाता है?

उत्तर: हाँ, आज के समय में रजिया सुल्तान के समय की तुलना में महिलाओं को नेता के रूप में ज्यादा आसानी से स्वीकार किया जाता है। आज भारत में महिलाएँ प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और कई बड़े पदों पर रह चुकी हैं। लोग अब महिलाओं की नेतृत्व क्षमता को ज्यादा समझते और सम्मान देते हैं।

10. दिल्ली के सुलतान जंगलों को क्यों कटवा देना चाहते थे? क्या आज भी जंगल उन्हीं कारणों से काटे जा रहे हैं?

उत्तर: दिल्ली के सुल्तान जंगलों को इसलिए कटवाते थे, ताकि खेती के लिए ज्यादा जमीन मिल सके। इससे उन्हें ज्यादा कर मिलता था, जिससे सल्तनत चलती थी।

आज जंगल कटने के कारण अलग हैं। अब जंगल सड़कें, रेलवे, खदानें, कारखाने और शहर बसाने के लिए काटे जा रहे हैं। कुछ हद तक खेती के लिए भी जंगल काटे जाते हैं, लेकिन आज के कारण पहले से ज्यादा जटिल हैं।

आइए करके देखें

11. पता लगाइए कि क्या आपके इलाके में दिल्ली के सुलतानों द्वारा बनवाई गई कोई इमारत है? क्या आपके इलाके में और भी कोई ऐसी इमारत है, जो बारहवीं से पंद्रहवीं सदी के बीच बनाई गई हो? इनमें से कुछ इमारतों का वर्णन कीजिए और उनके रेखाचित्र बनाइए।

उत्तर: विद्यार्थी अपने इलाके की पुरानी इमारतों के बारे में जानकारी इकट्ठा करें। अगर दिल्ली सल्तनत की कोई इमारत हो, जैसे मस्जिद या मकबरा, तो उसका नाम, बनाने वाला सुल्तान और उसकी खासियतें लिखें। अगर ऐसी कोई इमारत नहीं है, तो 12वीं से 15वीं सदी की दूसरी इमारतों, जैसे मंदिर या किला, के बारे में बताएँ। इन इमारतों का रेखाचित्र (चित्र) बनाएँ और उनके रंग, डिज़ाइन और बनावट का वर्णन करें।

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