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बिहार बोर्ड कक्षा 10 के इतिहास पाठ्यक्रम का आठवां अध्याय “प्रेस एवं सांस्कृतिक राष्ट्रवाद” भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में मीडिया और सांस्कृतिक गतिविधियों की भूमिका पर प्रकाश डालता है। इस पाठ में आप जानेंगे कि कैसे प्रिंट मीडिया, विशेषकर समाचार पत्रों और पत्रिकाओं ने, राष्ट्रीय चेतना जगाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। आप भारतीय भाषाओं में प्रकाशित होने वाले प्रमुख समाचार पत्रों, उनके संपादकों और उनके प्रभाव के बारे में पढ़ेंगे। साथ ही, यह अध्याय सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के विभिन्न रूपों, जैसे साहित्य, कला, संगीत और नाटक के माध्यम से राष्ट्रीय भावनाओं के प्रसार पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।
Bihar Board Class 10 History Chapter 8 Solutions
Contents
- 1 Bihar Board Class 10 History Chapter 8 Solutions
- 1.1 Bihar Board Class 10 History Chapter 8 वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
- 1.2 Bihar Board Class 10 History Chapter 8 रिक्त स्थानों को भरें
- 1.3 Bihar Board Class 10 History Chapter 8 सुमेलित करें
- 1.4 Bihar Board Class 10 History Chapter 8 अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
- 1.5 Bihar Board Class 10 History Chapter 8 लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
- 1.6 Bihar Board Class 10 History Chapter 8 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
Subject | History |
Class | 10th |
Chapter | 8. प्रेस एवं सस्कृतिक राष्ट्रवाद |
Board | Bihar Board |
Bihar Board Class 10 History Chapter 8 वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. महात्मा गाँधी ने किस पत्र का संपादन किया?
(क) कामनबील
(ख) यंग इंडिया
(ग) बंगाली
(घ) बिहारी
उत्तर- (ख) यंग इंडिया
प्रश्न 2. किस पत्र ने रातों-रात वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट से बचने के लिए अपनी भाषा बदल दी ?
(क) हरिजन
(ख) भारत मित्र
(ग) अमृतबाजर पत्रिका
(घ) हिन्दुस्तान रिव्यू
उत्तर- (ग) अमृतबाजर पत्रिका
प्रश्न 3. 13वीं सदी में किसने ब्लॉक प्रिंटिंग के नमूने यूरोप में पहुँचाए ?
(क) मार्कोपोलो
(ख) निकितिन
(ग) इत्सिंग
(घ) मेगास्थनीज
उत्तर- (क) मार्कोपोलो
प्रश्न 4. गुटेनबर्ग का जन्म किस देश में हुआ था?
(क) अमेरिका
(ख) जर्मनी
(ग) जापान
(घ) इंगलैंड
उत्तर- (ख) जर्मनी
प्रश्न 5. गुटेनबर्ग ने सर्वप्रथम किस पुस्तक की छपाई की ?
(क) कुरान
(ख) गीता
(ग) हदीस
(घ) बाइबिल
उत्तर- (घ) बाइबिल
प्रश्न 6. इंगलैंड में मुद्रणकला को पहुँचाने वाला कौन था ?
(क) हैमिल्टन
(ख) कैक्सटन
(ग) एडिसन
(घ) स्मिथ
उत्तर- (ख) कैक्सटन
प्रश्न 7. किसने कहा “मुद्रण ईश्वर की दी हुई महानतम् देन है, सबसे बड़ा तोहफा”?
(क) महात्मा गाँधी
(ख) मार्टिन लूथर
(ग) मुहम्मद पैगम्बर
(घ) ईसा मसीह
उत्तर- (ख) मार्टिन लूथर
प्रश्न 8. रूसो कहाँ का दार्शनिक था? ।
(क) फ्रांस
(ख) रूस
(ग) अमेरिका
(घ) इंगलैंड
उत्तर- (क) फ्रांस
प्रश्न 9. विश्व में सर्वप्रथम मुद्रण की शुरूआत कहाँ हई?
(क) भारत
(ख) जापान
(ग) चीन
(घ) अमेरिका
उत्तर- (ग) चीन
प्रश्न 10. किस देश की सिविल सेवा परीक्षा ने मुद्रित पुस्तकों (सामग्रियों) की माँग बढ़ाई?
(क) मिस्र
(ख) भारत
(ग) चीन
(घ) जापान
उत्तर- (ग) चीन
Bihar Board Class 10 History Chapter 8 रिक्त स्थानों को भरें
प्रश्न 1. 1904-05 के रूस-जापान युद्ध में रूस की पराजय हुई।
प्रश्न 2. फिरोजशाह मेहता ने बाम्बे कॉनिकल का संपादन किया।
प्रश्न 3. वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट 1878 ई. में पास किया गया।
प्रश्न 4. भारतीय समाचार पत्रों के मुक्तिदाता के रूप मेंचार्ल्स मेटकॉफ को विभूषित किया गया।
प्रश्न 5. अल-हिलाल का सम्पादन मौलाना आजाद ने किया।
Bihar Board Class 10 History Chapter 8 सुमेलित करें
उत्तर-
(i) जे. के. हिक्की | (ग) बंगाल गजट |
(ii) राजाराम मोहन राय | (क) संवाद कौमुदी |
(iii) बालगंगाधर तिलक | (घ) मराठा |
(iv) केशवचंद्र सेन | (ङ) सुलभ समाचार |
(v) सुरेन्द्रनाथ बनर्जी | (ख) बंगाली |
Bihar Board Class 10 History Chapter 8 अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
20 शब्दों में उत्तर दें
प्रश्न 1. निम्नांकित के बारे में 20 शब्दों में लिखो:-
उत्तर-
(क) छापाखाना: मुद्रण यंत्रों द्वारा पुस्तकें, समाचार पत्र और अन्य सामग्री छापने का स्थान। इसने ज्ञान के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
(ख) गुटेनबर्ग: 15वीं शताब्दी के जर्मन आविष्कारक, जिन्होंने यूरोप में आधुनिक मुद्रण प्रेस का आविष्कार किया। इनका योगदान ज्ञान के प्रसार में अत्यंत महत्वपूर्ण था।
(ग) बाइबिल: ईसाई धर्म का प्रमुख धर्मग्रंथ, जिसमें ईसा मसीह के जीवन और शिक्षाओं का वर्णन है। यह पुराना और नया नियम में विभाजित है।
(घ) रेशम मार्ग: प्राचीन व्यापारिक मार्ग जो चीन को मध्य एशिया और यूरोप से जोड़ता था। इसने सांस्कृतिक और व्यापारिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया।
(ङ) मराठा: बाल गंगाधर तिलक द्वारा 1881 में बंबई से प्रकाशित अंग्रेजी समाचार पत्र। यह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का महत्वपूर्ण मंच था।
(च) यंग इंडिया: महात्मा गांधी द्वारा संपादित साप्ताहिक पत्रिका, जो स्वतंत्रता आंदोलन और सामाजिक सुधारों के विचारों को प्रसारित करती थी।
(छ) वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट: 1878 में लार्ड लिटन द्वारा लागू किया गया कानून, जो देशी भाषाओं के समाचार पत्रों पर अंकुश लगाता था।
(ज) सर सैय्यद अहमद: 19वीं शताब्दी के मुस्लिम सुधारक और शिक्षाविद्, जिन्होंने अलीगढ़ आंदोलन की शुरुआत की और मुस्लिम शिक्षा को बढ़ावा दिया।
(झ) प्रोटेस्टेंटवाद: 16वीं शताब्दी में मार्टिन लूथर द्वारा शुरू किया गया ईसाई धर्म का एक संप्रदाय, जो कैथोलिक चर्च के सुधार की मांग करता था।
(ञ) मार्टिन लूथर: 16वीं शताब्दी के जर्मन धर्मसुधारक, जिन्होंने कैथोलिक चर्च की आलोचना करते हुए प्रोटेस्टेंट सुधार आंदोलन की शुरुआत की।
Bihar Board Class 10 History Chapter 8 लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
60 शब्दों में उत्तर दें
प्रश्न 1. गेटेनबर्ग ने मुद्रण यंत्र का विकास कैसे किया.?
उत्तर- गुटेनबर्ग ने मुद्रण प्रक्रिया को व्यवस्थित किया। उन्होंने धातु के चल टाइप और एक विशेष स्याही का आविष्कार किया। उन्होंने अंगूर के प्रेस से प्रेरित एक मशीन बनाई जो टाइप पर दबाव डालकर कागज पर छाप देती थी। यह आविष्कार मुद्रण को तेज, सस्ता और बड़े पैमाने पर संभव बना दिया।
प्रश्न 2. छापाखाना यूरोप में कैसे पहँचा?
उत्तर- गुटेनबर्ग के आविष्कार के बाद, मुद्रण तकनीक तेजी से यूरोप में फैली। व्यापारियों और शिक्षितों ने इस तकनीक को अपनाया। 1475 में, विलियम कैक्स्टन ने इंग्लैंड में पहला प्रिंटिंग प्रेस स्थापित किया। यूरोपीय देशों के बीच बढ़ते व्यापार और ज्ञान के आदान-प्रदान ने मुद्रण के प्रसार में मदद की।
प्रश्न 3. इन्क्वीजीशन से आप क्या समझते हैं। इसकी जरूरत क्यों पड़ी?
उत्तर- इन्क्वीजीशन कैथोलिक चर्च द्वारा धार्मिक विरोधियों को दबाने के लिए शुरू किया गया एक आंदोलन था। इसका उद्देश्य चर्च के विरुद्ध विचारों और प्रकाशनों को रोकना था। यह मुद्रण के प्रसार से उत्पन्न नए विचारों और सुधारवादी आंदोलनों के खिलाफ चर्च की प्रतिक्रिया थी। इसने लेखकों, प्रकाशकों और पुस्तक विक्रेताओं पर कड़ा नियंत्रण लगाया।
प्रश्न 4. पाण्डुलिपि क्या है ? इसकी क्या उपयोगिता है?
उत्तर- पाण्डुलिपि हाथ से लिखा गया दस्तावेज है, जो मुद्रण के आविष्कार से पहले ज्ञान के संरक्षण का मुख्य माध्यम था। इसमें अक्सर सुंदर चित्र और सजावट होती थी। पाण्डुलिपियाँ ऐतिहासिक, साहित्यिक और धार्मिक ज्ञान के संरक्षण में महत्वपूर्ण थीं। आज भी, वे इतिहासकारों के लिए प्राचीन संस्कृतियों और विचारों को समझने का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं।
प्रश्न 5. लार्ड लिटन ने राष्ट्रीय आन्दोलन को गतिमान बनाया। कैसे?
उत्तर- लार्ड लिटन ने 1878 में वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट लागू किया, जो भारतीय भाषाओं के समाचार पत्रों पर अंकुश लगाता था। यह कानून भारतीय पत्रकारिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला था। इसने भारतीयों में आक्रोश पैदा किया और राष्ट्रीय आंदोलन को मजबूत किया। इस प्रकार, लिटन का दमनकारी कानून अनजाने में राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने का कारण बना।
Bihar Board Class 10 History Chapter 8 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
लगभग 150 शब्दों में उत्तर दें
प्रश्न 1. मुद्रण क्रांति ने आधुनिक विश्व को कैसे प्रभावित किया ?
उत्तर- मुद्रण क्रांति ने आधुनिक विश्व को गहराई से प्रभावित किया। इसने ज्ञान और सूचना के प्रसार को त्वरित और व्यापक बनाया। प्रमुख प्रभाव निम्नलिखित हैं:-
- ज्ञान का लोकतंत्रीकरण: पुस्तकें सस्ती और सुलभ हो गईं, जिससे ज्ञान केवल कुलीन वर्ग तक सीमित नहीं रहा।
- शिक्षा का प्रसार: साक्षरता दर में वृद्धि हुई क्योंकि अधिक लोगों के पास पढ़ने की सामग्री उपलब्ध हो गई।
- वैज्ञानिक क्रांति: वैज्ञानिक विचारों का तेजी से प्रसार हुआ, जिसने अनुसंधान और खोज को प्रोत्साहित किया।
- धार्मिक सुधार: बाइबल और अन्य धार्मिक ग्रंथों की व्यापक उपलब्धता ने धार्मिक सुधार आंदोलनों को बल दिया।
- राजनीतिक परिवर्तन: राजनीतिक विचारों का प्रसार आसान हुआ, जिसने क्रांतियों और लोकतांत्रिक आंदोलनों को प्रेरित किया।
- भाषाई विकास: स्थानीय भाषाओं में पुस्तकों के प्रकाशन ने राष्ट्रीय भाषाओं के विकास में योगदान दिया।
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान: विभिन्न संस्कृतियों के बीच विचारों का आदान-प्रदान बढ़ा।
- नए व्यवसाय: प्रिंटिंग, प्रकाशन और पुस्तक व्यापार जैसे नए उद्योग विकसित हुए।
- मानकीकरण: भाषा और ज्ञान के मानकीकरण को बढ़ावा मिला।
- समाचार का प्रसार: समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के माध्यम से समाचार और विचारों का तेजी से प्रसार संभव हुआ।
प्रश्न 2. 19वीं सदी में भारत में प्रेस के विकास को रेखांकित करें।
उत्तर- 19वीं सदी में भारत में प्रेस का विकास एक महत्वपूर्ण घटना थी, जिसने देश के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया। प्रमुख विकास निम्नलिखित हैं:-
- प्रारंभिक प्रकाशन: 1816 में गंगाधर भट्टाचार्य द्वारा ‘बंगाल गजट’ का प्रकाशन भारतीयों द्वारा प्रकाशित पहला समाचार पत्र था।
- अंग्रेजी समाचार पत्र: जेम्स सिल्क बकिंघम ने 1818 में ‘कलकत्ता जर्नल’ की शुरुआत की, जिसने सरकार की आलोचनात्मक समीक्षा शुरू की।
- भाषाई समाचार पत्र: 1822 में बॉम्बे से ‘बॉम्बे समाचार’ गुजराती में प्रकाशित हुआ, जो स्थानीय भाषाओं में पत्रकारिता की शुरुआत थी।
- सुधार आंदोलन और प्रेस: राजा राममोहन राय ने ‘संवाद कौमुदी’ (बंगाली) और ‘मिरात-उल-अखबार’ (फारसी) की शुरुआत की, जो सामाजिक-धार्मिक सुधारों के लिए मंच बने।
- राष्ट्रवादी प्रेस: 1870 के दशक में ‘अमृत बाजार पत्रिका’, ‘बंगाली’, और ‘सोम प्रकाश’ जैसे राष्ट्रवादी समाचार पत्रों की शुरुआत हुई।
- अंग्रेजी प्रेस: ‘द हिंदू’ (1878), ‘द ट्रिब्यून’ (1881), और ‘द इंडियन मिरर’ जैसे प्रभावशाली अंग्रेजी समाचार पत्र शुरू हुए।
- सरकारी नियंत्रण: वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट (1878) जैसे कानून लाए गए, जो स्वतंत्र पत्रकारिता पर अंकुश लगाने का प्रयास था।
- राष्ट्रीय आंदोलन और प्रेस: बाल गंगाधर तिलक (‘केसरी’ और ‘मराठा’) और महात्मा गांधी (‘यंग इंडिया’ और ‘हरिजन’) जैसे नेताओं ने प्रेस को राष्ट्रीय आंदोलन का माध्यम बनाया।
- क्षेत्रीय पत्रकारिता: विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में समाचार पत्रों की शुरुआत हुई, जिसने स्थानीय मुद्दों को उठाया।
- जन चेतना: प्रेस ने जन चेतना जागृत करने और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रश्न 3. भारतीय प्रेस की विशेषताओं को लिखें।
उत्तर- भारतीय प्रेस की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:-
- राष्ट्रीय चेतना का प्रसार: प्रेस ने देशप्रेम और राष्ट्रीय एकता की भावना जगाई।
- सामाजिक सुधार का माध्यम: रूढ़िवादी प्रथाओं और अंधविश्वासों के खिलाफ आवाज उठाई।
- शैक्षिक विकास: नई शिक्षा नीतियों पर बहस और शिक्षा के प्रसार में योगदान दिया।
- आर्थिक जागरूकता: औद्योगीकरण और आर्थिक विकास के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया।
- राजनीतिक मंच: ब्रिटिश नीतियों की आलोचना और राजनीतिक चेतना का प्रसार किया।
- सांस्कृतिक पहचान: भारतीय संस्कृति और मूल्यों के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- श्रमिक आंदोलन का समर्थन: मजदूरों के अधिकारों और उनकी समस्याओं को उठाया।
- जनमत का निर्माण: विभिन्न मुद्दों पर लोगों की राय बनाने में मदद की।
- भाषाई विकास: क्षेत्रीय भाषाओं में पत्रकारिता को बढ़ावा दिया।
- अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा: विदेश नीति और वैश्विक घटनाओं पर विश्लेषण प्रस्तुत किया।
प्रश्न 4. राष्ट्रीय आन्दोलन को भारतीय प्रेस ने कैसे प्रभावित किया ?
उत्तर- भारतीय प्रेस ने राष्ट्रीय आंदोलन को निम्नलिखित तरीकों से प्रभावित किया:-
- राष्ट्रीय एकता का प्रचार: विभिन्न भाषाओं के समाचार पत्रों ने देशव्यापी एकता की भावना जगाई।
- राजनीतिक जागरूकता: ब्रिटिश नीतियों की आलोचना कर जनता में राजनीतिक चेतना फैलाई।
- नेताओं के विचारों का प्रसार: गांधी, तिलक जैसे नेताओं के विचारों को जनता तक पहुंचाया।
- आंदोलनों का समर्थन: स्वदेशी, असहयोग जैसे आंदोलनों को व्यापक प्रचार दिया।
- सामाजिक सुधार: जाति प्रथा, बाल विवाह जैसी कुरीतियों के खिलाफ जनमत तैयार किया।
- आर्थिक शोषण का विरोध: ब्रिटिश आर्थिक नीतियों की आलोचना की और स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा दिया।
- क्रांतिकारी गतिविधियों का समर्थन: कई पत्रिकाओं ने क्रांतिकारी विचारधारा को प्रोत्साहित किया।
- सांस्कृतिक पुनर्जागरण: भारतीय संस्कृति और परंपराओं के महत्व को रेखांकित किया।
- अंतरराष्ट्रीय समर्थन: विदेशों में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के लिए समर्थन जुटाया।
- जन आंदोलनों का नेतृत्व: कई पत्रकारों ने सक्रिय रूप से राष्ट्रीय आंदोलन में भाग लिया।
प्रश्न 5. मुद्रण यंत्र की विकास यात्रा को रेखांकित करें। यह आधुनिक स्वरूप में कैसे पहुंचा।
उत्तर- मुद्रण यंत्र का विकास एक लंबी और रोचक यात्रा रहा है। इसकी शुरुआत 1041 ई. में चीन में हुई, जब पि-शिंग ने मिट्टी के मुद्रांकों का आविष्कार किया। इसके बाद 13वीं सदी में कोरिया में लकड़ी और धातु के मूवेबल टाइप का विकास हुआ, जो मुद्रण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम था। यूरोप में मुद्रण कला का प्रवेश 13वीं सदी के अंत में व्यापारियों और मिशनरियों के माध्यम से हुआ, जिन्होंने ब्लॉक प्रिंटिंग की तकनीक को पश्चिम में लाया। 11वीं शताब्दी में कागज निर्माण की तकनीक का यूरोप में आगमन मुद्रण के विकास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।
मुद्रण के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण योगदान 1430 के दशक में जर्मनी के योहान गुटेनबर्ग का रहा, जिन्होंने आधुनिक मुद्रण प्रेस का आविष्कार किया। इसके बाद 15वीं शताब्दी में यह तकनीक तेजी से यूरोप के विभिन्न देशों में फैली। 18वीं सदी के अंत तक, लकड़ी के प्रेस की जगह धातु के प्रेस ने ले ली, जो अधिक टिकाऊ और कुशल थे। 19वीं सदी के मध्य में, अमेरिका के रिचर्ड एम. हो ने शक्ति चालित बेलनाकार प्रेस का विकास किया, जिसने मुद्रण की गति और क्षमता को बढ़ा दिया।
20वीं सदी के अंत तक आते-आते ऑफसेट प्रेस का आविष्कार हुआ, जिसने उच्च गुणवत्ता और तेज मुद्रण को संभव बनाया। वर्तमान में, डिजिटल मुद्रण तकनीकों ने इस क्षेत्र में क्रांति ला दी है, जिसमें कंप्यूटर आधारित मुद्रण प्रणालियाँ प्रमुख हैं। इस प्रकार, मुद्रण यंत्र ने समय के साथ लगातार विकास किया और आज के आधुनिक डिजिटल युग में अपना स्थान बनाया है, जहाँ यह तेज, सटीक और अधिक लचीला हो गया है।