Here we are presenting you with Bihar Board class 10 History chapter 5 solutions. This is our free guide that provides you with the complete question answer of chapter 5 – “अर्थव्यवस्था और आजीविका” in hindi medium.
बिहार बोर्ड कक्षा 10 के इतिहास पाठ्यक्रम का पांचवां अध्याय “अर्थव्यवस्था और आजीविका” आधुनिक भारत के आर्थिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण पहलू प्रस्तुत करता है। इस पाठ में आप जानेंगे कि कैसे औपनिवेशिक शासन ने भारत की परंपरागत अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया और लोगों की आजीविका पर इसका क्या असर पड़ा। आप भारतीय कृषि, हस्तशिल्प उद्योगों, और व्यापार में आए बदलावों के बारे में पढ़ेंगे। इस अध्याय में आप यह भी समझेंगे कि कैसे नई आर्थिक नीतियों ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के पैटर्न को बदला, और इसके फलस्वरूप समाज में कौन से नए वर्ग उभरे।
Bihar Board Class 10 History Chapter 5 Solutions
Contents
- 1 Bihar Board Class 10 History Chapter 5 Solutions
- 1.1 Bihar Board Class 10 History Chapter 5 वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
- 1.2 Bihar Board Class 10 History Chapter 5 रिक्त स्थानों को भरें
- 1.3 Bihar Board Class 10 History Chapter 5 सुमेलित करें
- 1.4 Bihar Board Class 10 History Chapter 5 अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
- 1.5 Bihar Board Class 10 History Chapter 5 लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
- 1.6 Bihar Board Class 10 History Chapter 5 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
Subject | History |
Class | 10th |
Chapter | 5. अर्थव्यवस्था और आजीविका |
Board | Bihar Board |
Bihar Board Class 10 History Chapter 5 वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
नीचे दिये गए प्रश्नों के उत्तर के रूप में चार विकल्प दिये गये हैं। जो आपको सर्वाधिक उपयुक्त लगे उनमें सही का चिह्न लगायें।
प्रश्न 1. स्पिनिंग जेनी का आविष्कार कब हुआ ?
(क) 1769
(ख) 1770
(ग) 1773
(घ) 1775
उत्तर- (ख) 1770
प्रश्न 2. सेफ्टी लैम्प का आविष्कार किसने किया?
(क) जेम्स हारग्रीब्ज
(ख) जॉन के
(ग) क्राम्पटन
(घ) हम्फ्री डेवी.
उत्तर- (घ) हम्फ्री डेवी.
प्रश्न 3. बम्बई में सर्वप्रथम सूती कपड़े के मिलों की स्थापना कब हुई ?
(क) 1851
(ख) 1885
(ग). 1907
(घ) 1914
उत्तर- (क) 1851
प्रश्न 4. 1917 ई० में भारत में पहली जूट मिल किस शहर में स्थापित हुआ?
(क) कलकत्ता
(ख) दिल्ली
(ग) बम्बई
(घ) पटना
उत्तर- (क) कलकत्ता
प्रश्न 5. भारत में कोयला उद्योग का प्रारम्भ कब हुआ?
(क) 1907
(ख) 1914
(ग) 1916
(घ) 1919
उत्तर- (ख) 1914.
प्रश्न 6. जमशेदजी टाटा ने टाटा आयरन एण्ड स्टील कम्पनी की स्थापना कब की?
(क) 1854
(ख) 1907
(ग) 1915
(घ) 1919
उत्तर- (ख) 1907
प्रश्न 7. वैज्ञानिक समाजवाद का प्रतिपादन किसने किया?
(क) राबर्ट ओवन
(ख) लुई ब्लांक
(ग) कार्ल मार्क्स
(घ) लाला लाजपत राय
उत्तर- (ग) कार्ल मार्क्स
प्रश्न 8. इंगलैंड में सभी स्त्री एवं पुरुषों को वयस्क मताधिकार कब प्राप्त हुआ?
(क) 1838
(ख) 1881
(ग) 1885
(घ) 1932
उत्तर- (ग) 1885
प्रश्न 9. ‘अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन काँग्रेस’ की स्थापना कब हुई?
(क) 1848
(ख) 1881
(ग) 1885
(घ) 1920
उत्तर- (घ) 1920
प्रश्न 10. भारत के लिए पहला फैक्ट्री एक्ट कब पारित हुआ?
(क) 1838
(ख) 1858
(ग) 1881
(घ) 1911
उत्तर- (ग) 1881
Bihar Board Class 10 History Chapter 5 रिक्त स्थानों को भरें
प्रश्न 1. सन् 1838 ई. में………..चार्टिस्ट आन्दोलन की शुरूआत हुई।
उत्तर- लंदन म
प्रश्न 2. सन्…………. में मजदूर संघ अधिनियम पारित हुआ।
उत्तर- 1926
प्रश्न 3. न्यूनतम मजदूरी कानून, सन् ……….ई. में पारित हुआ।
उत्तर- 1948
प्रश्न 4. अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक संघ की स्थापना…………….ई. में हुई।
उत्तर- 1920
प्रश्न 5. प्रथम फैक्ट्री एक्ट में महिलाओं एवं बच्चों की…………………एवं………………….. को निश्चित किया
उत्तर- आयु, काम का घंटा
Bihar Board Class 10 History Chapter 5 सुमेलित करें
उत्तर-
(i) स्पिनिंग जेनी | (ङ) जेम्स हारग्रीब्ज |
(ii) फ्लाइंग शटल | (घ) जॉन के |
(iii) पावर लूम | (ख) एडमण्ड कार्टराईट |
(iv) वाष्प इंजन | (ग) जेम्सवाट |
(v) स्पिनिंग म्यूल | (क) सेम्यूल क्राम्पटन |
Bihar Board Class 10 History Chapter 5 अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
20 शब्दों में उत्तर दें
प्रश्न 1. फैक्ट्री प्रणाली के विकास के किन्हीं दो कारणों को बतायें।
उत्तर- फैक्ट्री प्रणाली का विकास मुख्यतः औद्योगिक क्रांति के कारण हुआ, जिसमें मशीनों का आविष्कार और बड़े पैमाने पर उत्पादन की आवश्यकता प्रमुख थे।
प्रश्न 2. बुर्जुआ वर्ग की उत्पति कैसे हुई ?
उत्तर- बुर्जुआ वर्ग की उत्पत्ति औद्योगीकरण और व्यापार के विस्तार से हुई, जिसमें व्यापारी और उद्यमी समृद्ध होकर एक नए सामाजिक वर्ग में विकसित हुए।
प्रश्न 3. अठारहवीं शताब्दी में भारत के मुख्य उद्योग कौन-कौन से थे?
उत्तर- अअठारहवीं शताब्दी में भारत के मुख्य उद्योगों में वस्त्र उद्योग (विशेषकर सूती और रेशमी कपड़े), धातु शिल्प, और चमड़े का काम शामिल थे।
प्रश्न 4. निरुद्योगीकरण से आपका क्या तात्पर्य है ?
उत्तर- निरुद्योगीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें औद्योगिक क्रांति और विदेशी प्रतिस्पर्धा के कारण पारंपरिक कुटीर उद्योग और हस्तशिल्प का पतन होता है।
प्रश्न 5. औद्योगिक आयोग की नियुक्ति कब हुई ? इसके क्या उद्देश्य थे?
उत्तर- औद्योगिक आयोग की नियुक्ति 1916 में हुई, जिसका मुख्य उद्देश्य भारतीय उद्योगों के विकास के लिए संभावनाओं का पता लगाना और उनके लिए नीतिगत सुझाव देना था।
Bihar Board Class 10 History Chapter 5 लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
60 शब्दों में उत्तर दें
प्रश्न 1. औद्योगीकरण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- औद्योगीकरण वह प्रक्रिया है जिसमें अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि से बदलकर उद्योग हो जाता है। इसमें बड़े पैमाने पर मशीनों का उपयोग, कारखानों की स्थापना, और उत्पादन प्रक्रियाओं का यांत्रीकरण शामिल है। यह आर्थिक विकास और समाज के आधुनिकीकरण का एक महत्वपूर्ण चरण है।
प्रश्न 2. औद्योगीकरण ने मजदूरों की आजीविका को किस तरह प्रभावित किया ?
उत्तर- औद्योगीकरण ने मजदूरों की आजीविका पर मिश्रित प्रभाव डाला। एक ओर, इसने नए रोजगार के अवसर पैदा किए और शहरी क्षेत्रों में आय बढ़ाने के मौके दिए। दूसरी ओर, यह कठिन काम की स्थितियों, कम वेतन, और कुशल श्रमिकों की मांग बढ़ने का कारण भी बना। इसने पारंपरिक कुटीर उद्योगों में काम करने वाले कारीगरों के रोजगार को भी प्रभावित किया।
प्रश्न 3. स्लम पद्धति की शुरुआत कैसे हुई?
उत्तर- स्लम पद्धति की शुरुआत औद्योगिक शहरों में तेजी से बढ़ती जनसंख्या और अपर्याप्त आवास व्यवस्था के कारण हुई। कारखानों में काम करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में मजदूर शहरों में आए, लेकिन उनके लिए पर्याप्त और सस्ते आवास नहीं थे। इसके परिणामस्वरूप, वे अस्वच्छ और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में रहने को मजबूर हुए, जिन्हें स्लम कहा जाने लगा।
प्रश्न 4. न्यूनतम मजदूरी कानून कब पारित हुआ और इसके क्या उद्देश्य थे?
उत्तर- न्यूनतम मजदूरी कानून 1948 में पारित हुआ। इसका मुख्य उद्देश्य मजदूरों के शोषण को रोकना और उन्हें एक न्यूनतम जीवन स्तर सुनिश्चित करना था। यह कानून निर्धारित करता है कि मजदूरों को एक ऐसी न्यूनतम मजदूरी मिलनी चाहिए जो न केवल उनके बुनियादी जीवन यापन के लिए पर्याप्त हो, बल्कि उन्हें अपनी कुशलता बनाए रखने और विकसित करने का अवसर भी दे।
प्रश्न 5. कोयला एवं लौह उद्योग ने औद्योगीकरण को गति प्रदान की। कैसे?
उत्तर- कोयला और लौह उद्योग ने औद्योगीकरण को गति प्रदान की क्योंकि ये दोनों आधुनिक उद्योगों के मूल आधार हैं। कोयला ऊर्जा का प्रमुख स्रोत था जो कारखानों और रेलवे को चलाने के लिए आवश्यक था। लौह इस्पात उद्योग ने मशीनों, रेल पटरियों, और अन्य औद्योगिक उपकरणों के निर्माण को संभव बनाया। इन दोनों उद्योगों के विकास ने अन्य उद्योगों के तेजी से विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
Bihar Board Class 10 History Chapter 5 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
लगभग 150 शब्दों में उत्तर दें
प्रश्न 1. औद्योगीकरण क कारणों का उल्लेख करें।
उत्तर- औद्योगीकरण 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में शुरू हुई एक महत्वपूर्ण आर्थिक और सामाजिक प्रक्रिया थी। इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित थे:-
- तकनीकी नवाचार: नए यंत्रों और मशीनों का आविष्कार, जैसे स्पिनिंग जेनी और स्टीम इंजन, ने उत्पादन प्रक्रिया को क्रांतिकारी रूप से बदल दिया।
- प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता: कोयला और लोहा जैसे संसाधनों की प्रचुरता ने उद्योगों के विकास को बढ़ावा दिया।
- पूंजी का संचय: व्यापार और कृषि से प्राप्त धन ने उद्योगों में निवेश के लिए पूंजी प्रदान की।
- जनसांख्यिकीय परिवर्तन: ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की ओर प्रवास ने सस्ते श्रम की आपूर्ति सुनिश्चित की।
- परिवहन में सुधार: रेलवे और नहरों के विकास ने कच्चे माल और तैयार उत्पादों के परिवहन को आसान बनाया।
- बाजारों का विस्तार: उपनिवेशों की स्थापना ने नए बाजार प्रदान किए और कच्चे माल के स्रोत उपलब्ध कराए।
- वैज्ञानिक प्रगति: वैज्ञानिक खोजों और अनुसंधान ने नई तकनीकों और उत्पादन विधियों को जन्म दिया।
- सरकारी नीतियां: व्यापार और उद्योग को प्रोत्साहित करने वाली सरकारी नीतियों ने औद्योगीकरण को गति प्रदान की।
प्रश्न 2. औद्योगीकरण के परिणामस्वरूप होनेवाले परिवर्तनों पर प्रकाश डालें।
उत्तर- औद्योगीकरण ने समाज और अर्थव्यवस्था में व्यापक परिवर्तन लाए। इसके प्रमुख परिणाम निम्नलिखित थे:-
- शहरीकरण: उद्योगों के विकास ने नए शहरों के उदय और मौजूदा शहरों के विस्तार को बढ़ावा दिया। उदाहरण के लिए, भारत में जमशेदपुर, सिंदरी, और धनबाद जैसे औद्योगिक शहर विकसित हुए।
- सामाजिक वर्गों का पुनर्गठन: समाज में नए वर्गों का उदय हुआ – पूंजीपति वर्ग, मध्यम वर्ग (बुर्जुआ), और मजदूर वर्ग। इसने सामाजिक संरचना को पुनर्परिभाषित किया।
- कृषि और कुटीर उद्योगों का पतन: बड़े पैमाने पर मशीनीकृत उत्पादन ने पारंपरिक कुटीर उद्योगों और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया।
- श्रम की स्थिति में परिवर्तन: फैक्टरी प्रणाली ने श्रमिकों के काम करने की स्थितियों को बदला, जिसमें लंबे काम के घंटे और कठिन परिस्थितियाँ शामिल थीं।
- आर्थिक विकास: औद्योगीकरण ने उत्पादकता में वृद्धि की, जिसने आर्थिक विकास को गति प्रदान की।
- तकनीकी प्रगति: नई मशीनों और तकनीकों का विकास हुआ, जिसने उत्पादन प्रक्रियाओं को अधिक कुशल बनाया।
- शिक्षा और कौशल में परिवर्तन: नए उद्योगों ने विशेष कौशल की मांग की, जिसने शिक्षा प्रणाली को प्रभावित किया।
- पर्यावरणीय प्रभाव: उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषण ने पर्यावरण पर दबाव डाला।
- अंतरराष्ट्रीय संबंधों में बदलाव: औद्योगिक शक्तियों ने कच्चे माल और बाजारों के लिए उपनिवेशों की स्थापना की, जिसने वैश्विक शक्ति संतुलन को बदल दिया।
प्रश्न 3. उपनिवेशवाद से आप क्या समझते हैं ? औद्योगीकरण ने उपनिवेशवाद को जन्म दिया। कैसे?
उत्तर- उपनिवेशवाद एक ऐसी प्रणाली है जिसमें एक शक्तिशाली देश दूसरे कमजोर देश पर अपना राजनीतिक और आर्थिक नियंत्रण स्थापित करता है। यह 15वीं से 20वीं शताब्दी तक विश्व इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा।
औद्योगीकरण ने उपनिवेशवाद को निम्नलिखित तरीकों से प्रोत्साहित किया:-
- कच्चे माल की आवश्यकता: बढ़ते उद्योगों को कच्चे माल की जरूरत थी, जो उपनिवेशों से प्राप्त किया जा सकता था।
- बाजारों की तलाश: उत्पादित वस्तुओं के लिए नए बाजारों की आवश्यकता थी, जो उपनिवेशों में मिल सकते थे।
- पूंजी निवेश: अतिरिक्त पूंजी के निवेश के लिए उपनिवेश एक अच्छा विकल्प थे।
- तकनीकी श्रेष्ठता: औद्योगिक देशों की तकनीकी श्रेष्ठता ने उन्हें अन्य क्षेत्रों पर नियंत्रण स्थापित करने में मदद की।
- परिवहन में सुधार: बेहतर जहाज और रेलवे ने दूर के क्षेत्रों पर नियंत्रण स्थापित करना आसान बना दिया।
- आर्थिक प्रतिस्पर्धा: औद्योगिक देशों के बीच प्रतिस्पर्धा ने उन्हें नए क्षेत्रों पर कब्जा करने के लिए प्रेरित किया।
- सामाजिक परिवर्तन: औद्योगीकरण ने यूरोपीय समाजों में नए विचारों को जन्म दिया, जिसमें “सभ्यता का भार” जैसी अवधारणाएं शामिल थीं।
- सैन्य शक्ति: औद्योगिक क्षमताओं ने बेहतर हथियार और सैन्य तकनीक प्रदान की, जिसने उपनिवेशीकरण को आसान बनाया।
प्रश्न 4. कुटीर उद्योग के महत्व एवं उसकी उपयोगिता पर प्रकाश डालें।
उत्तर- कुटीर उद्योग, जो घरों या छोटी कार्यशालाओं में संचालित होते हैं, भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये उद्योग न केवल बड़ी संख्या में लोगों, विशेष रूप से महिलाओं और कम कुशल श्रमिकों को रोजगार प्रदान करते हैं, बल्कि कम पूंजी निवेश के साथ उद्यमशीलता को भी बढ़ावा देते हैं। स्थानीय संसाधनों और कौशल का उपयोग करके, ये उद्योग ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करते हैं और पारंपरिक कला एवं शिल्प को संरक्षित करते हैं। कुटीर उद्योग लचीली कार्य व्यवस्था प्रदान करते हैं, जो लोगों को अपने समय का बेहतर प्रबंधन करने में सक्षम बनाता है। इसके अलावा, कई कुटीर उद्योग उत्पाद, जैसे हस्तशिल्प, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अच्छी मांग रखते हैं, जो देश के निर्यात को बढ़ावा देता है। बड़े पैमाने के उद्योगों की तुलना में, कुटीर उद्योग आमतौर पर पर्यावरण पर कम प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। हालांकि आधुनिक औद्योगीकरण ने इन उद्योगों के समक्ष चुनौतियां पेश की हैं, फिर भी सरकारी समर्थन, तकनीकी उन्नयन और नवीन विपणन रणनीतियों के माध्यम से इन्हें पुनर्जीवित किया जा सकता है। कुल मिलाकर, कुटीर उद्योग भारत की विविध और समावेशी अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ बने हुए हैं।
प्रश्न 5. औद्योगीकरण ने सिर्फ आर्थिक ढाँचे को ही प्रभावित नहीं किया बल्कि राजनैतिक परिवर्तन का भी मार्ग प्रशस्त किया। कैसे?
उत्तर- औद्योगीकरण ने समाज के आर्थिक ढांचे के साथ-साथ राजनीतिक परिदृश्य को भी गहराई से प्रभावित किया। इसने समाज की वर्ग संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव लाए, जिसमें पूंजीपति और मजदूर वर्ग जैसे नए सामाजिक वर्गों का उदय हुआ। यह परिवर्तन पारंपरिक कुलीन वर्ग के प्रभुत्व को कम करने में सहायक रहा। फैक्टरी प्रणाली ने श्रमिकों को संगठित होने का अवसर दिया, जिससे ट्रेड यूनियनों का विकास हुआ। ये संगठन धीरे-धीरे राजनीतिक दबाव समूहों के रूप में विकसित हुए, जो श्रमिकों के अधिकारों और बेहतर कार्य परिस्थितियों की मांग करने लगे। साथ ही, औद्योगीकरण ने एक मजबूत मध्यम वर्ग को जन्म दिया, जो राजनीतिक सुधारों और लोकतांत्रिक अधिकारों की मांग में अग्रणी रहा।
औद्योगिक शहरों का विकास नए राजनीतिक विचारों और आंदोलनों के केंद्र बने। इन शहरों में शिक्षा का प्रसार हुआ, जिसने राजनीतिक चेतना को बढ़ाया। औद्योगिक प्रतिस्पर्धा ने राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत किया, जिसने राष्ट्रवादी भावनाओं को बढ़ावा दिया। औद्योगिक देशों की कच्चे माल और बाजारों की जरूरत ने उपनिवेशवाद को प्रोत्साहित किया, जो बाद में स्वतंत्रता आंदोलनों का कारण बना। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, औद्योगिक शक्ति ने नए संबंधों और गठबंधनों को जन्म दिया। इसके अलावा, औद्योगीकरण ने सरकार की भूमिका को भी बदल दिया, जिसमें श्रम कानूनों, सामाजिक सुरक्षा, और आर्थिक नियमन जैसे नए क्षेत्र शामिल हुए। इस प्रकार, औद्योगीकरण ने न केवल आर्थिक संरचनाओं को बदला, बल्कि समाज और राजनीति के हर पहलू को प्रभावित किया, जिसने आधुनिक राजनीतिक व्यवस्थाओं के विकास का मार्ग प्रशस्त किया।