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बिहार बोर्ड कक्षा 10 के इतिहास पाठ्यक्रम का पहला अध्याय “यूरोप में राष्ट्रवाद” आधुनिक यूरोप के निर्माण में राष्ट्रवाद की भूमिका पर केंद्रित है। इस पाठ में आप जानेंगे कि कैसे 18वीं और 19वीं शताब्दी के दौरान यूरोप में राष्ट्रवादी विचारधारा का उदय और विकास हुआ। आप फ्रांसीसी क्रांति के प्रभाव, इटली और जर्मनी के एकीकरण की प्रक्रिया, और राष्ट्र-राज्यों के निर्माण के बारे में पढ़ेंगे। यह अध्याय आपको राष्ट्रवाद के विभिन्न रूपों, उसके सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों, और यूरोपीय इतिहास पर उसके दूरगामी परिणामों से अवगत कराएगा।
Bihar Board Class 10 History Chapter 1 Solutions
Contents
Subject | History |
Class | 10th |
Chapter | 1. यूरोप में राष्ट्रवाद |
Board | Bihar Board |
Bihar Board Class 10 History Chapter 1 वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. इटली एवं जर्मनी वर्तमान में किस महादेश के अंतर्गत आते हैं ?
(क) उत्तरी अमेरिका
(ख) दक्षिणी अमेरिका
(ग) यूरोप
(घ) पश्चिमी एशिया
उत्तर- (ग) यूरोप
प्रश्न 2. फ्रांस में किस शासक वंश की पुनर्स्थापना वियना कांग्रेस द्वारा की गई थी?
(क) हैब्सवर्ग
(ख) आर्लिया वंश
(ग) बूर्वो वंश
(घ) जार शाही
उत्तर- (ग) बूर्वो वंश
प्रश्न 3. मेजनी का संबंध किस संगठन से था ?
(क) लाल सेना
(ख) कर्बोनरी
(ग) फिलिक हेटारिया
(घ) डायट
उत्तर- (ख) कर्बोनरी
प्रश्न 4. इटली एवं जर्मनी के एकीकरण के विरुद्ध निम्न में कौन था ?
(क) इंगलैंड
(ख) रूस
(ग) आस्ट्रिया
(घ) प्रशा
उत्तर- (ग) आस्ट्रिया
प्रश्न 5. ‘काउंट काबूर’ को विक्टर इमैनुएल ने किस पद पर नियुक्त किया ?
(क) सेनापति
(ख) फ्रांस में राजदूत
(ग) प्रधानमंत्री
(घ) गृहमंत्री
उत्तर- (ग) प्रधानमंत्री
प्रश्न 6. गैरीबाल्डी पेशे से क्या था ?
(क) सिपाही
(ख) किसान
(ग) जमींदार
(घ). नाविक
उत्तर- (घ) नाविक
प्रश्न 7. जर्मन राईन राज्य का निर्माण किसने किया था ?
(क) लुई 18वाँ
(ख) नेपोलियन बोनापार्ट
(ग) नेपोलियन III
(घ) बिस्मार्क
उत्तर- (ख) नेपोलियन बोनापार्ट
प्रश्न 8. “जालवेरिन” एक संस्था थी?
(क) क्रांतिकारियों की
(ख) व्यापारियों की
(ग) विद्वानों की
(घ) पादरी सामंतों का
उत्तर- (ख) व्यापारियों की
प्रश्न 9. “रक्त एवं लौह” की नीति का अवलम्बन किसने किया था?
(क) मेजनी
(ख) हिटलर
(ग) बिस्मार्क
(घ) विलियम I
उत्तर- (ग) बिस्मार्क
प्रश्न 10. फ्रैंकफर्ट की संधि कब हुई?
(क) 1864
(ख) 1866
(ग) 1870
(घ) 1871
उत्तर- (घ) 1871
प्रश्न 11. यूरोपवासियों के लिए किस देश का साहित्य एवं ज्ञान-विज्ञान प्रेरणास्रोत रहा?
(क) जर्मनी
(ख) यूनान
(ग) तुर्की
(घ) इंग्लैंड
उत्तर- (ख) यूनान
प्रश्न 12. 1829 ई. की एड्रियानोपुल की संधि किस देश के साथ हुई ?
(क) तुर्की
(ख) यूनान
(ग) हंगरी
(घ) पोलैंड
उत्तर- (क) तुर्की
Bihar Board Class 10 History Chapter 1 लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
60 शब्दों में उत्तर दें
प्रश्न 1. 1848 के फ्रांसीसी क्रांति के कारण क्या थे?
उत्तर- 1848 की फ्रांसीसी क्रांति के कई कारण थे। इसमें मुख्य कारण थे:
- मध्यम वर्ग का शासन पर असीम प्रभाव।
- समाजवाद का प्रसार।
- गीजों नामक कट्टर एवं प्रतिक्रियावादी प्रधानमंत्री का विरोध।
- लुई फिलिप की नीतियों का विरोध।
- बेरोजगारी और आर्थिक संकट।
- मजदूर वर्ग की असंतुष्टि।
- राजनीतिक स्वतंत्रता की मांग।
इन कारणों ने मिलकर फ्रांस में जनविद्रोह को जन्म दिया, जिससे 1848 की क्रांति हुई।
प्रश्न 2. इटली और जर्मनी के एकीकरण में ऑस्ट्रिया की भूमिका क्या थी?
उत्तर- इटली और जर्मनी के एकीकरण में ऑस्ट्रिया की भूमिका विरोधात्मक थी। ऑस्ट्रिया ने इटली के कुछ भागों पर आक्रमण किया, जिसमें सार्डिनिया के शासक चार्ल्स एलबर्ट की पराजय हुई। ऑस्ट्रिया के हस्तक्षेप से इटली में जनवादी आंदोलन को कुचल दिया गया और मेजनी की हार हुई। इसके बावजूद, इटली में जनजागरुकता और राष्ट्रीयता की भावना बढ़ने लगी। जर्मन राज्यों में बढ़ते हुए विद्रोह को ऑस्ट्रिया और प्रशा ने मिलकर दबाया, लेकिन यह विद्रोह आगे चलकर जर्मनी के एकीकरण का आधार बना।
प्रश्न 3. यूरोप में राष्ट्रवाद को फैलाने में नेपोलियन बोनापार्ट किस तरह सहायक हुआ?
उत्तर- नेपोलियन बोनापार्ट ने यूरोप में राष्ट्रवाद फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जब उसने इटली पर अधिकार किया, तो उसने छोटे-छोटे राज्यों का अंत कर दिया। उसने रिगाओ, फेर्रारा, बोलोना और मोडेना को मिलाकर एक छोटे गणराज्य की स्थापना की जिसे “ट्रांसपार्निका गणतंत्र” कहा गया। इससे वहाँ के लोगों में राष्ट्रीयता की भावना का प्रादुर्भाव हुआ। नेपोलियन के सुधारों और प्रशासनिक संरचनाओं ने यूरोप में आधुनिक राष्ट्रों की नींव रखी, जिससे आगे चलकर राष्ट्रवादी आंदोलनों को प्रोत्साहन मिला।
प्रश्न 4. गैरीबाल्डी के कार्यों की चर्चा करें!
उत्तर- गैरीबाल्डी पेशे से एक नाविक और मेजनी के विचारों का समर्थक था, परंतु बाद में काबूर के प्रभाव में आकर संवैधानिक राजतंत्र का पक्षधर बन गया। उसने अपने कर्मचारियों तथा स्वयंसेवकों की सशस्त्र सेना बनाई जिसे ‘लाल कुर्ती’ के नाम से जाना जाता है। 1860 ई. में इस सेना की सहायता से नेपल्स के राजा को पराजित किया और सिसली पर विजय प्राप्त की। इन रियासतों की अधिकांश जनता बूर्वो राजवंश के निरंकुश शासन से तंग आकर गैरीबाल्डी का समर्थन करने लगी। गैरीबाल्डी ने यहाँ गणतंत्र की स्थापना की तथा विक्टर इमैनुएल के प्रतिनिधि के रूप में सत्ता संभाली। बाद में उसने काबूर के परामर्श पर पोप पर कब्जा कर लिया और अपने जीते हुए इलाकों को विक्टर इमैनुएल को सौंप दिया, जिससे संयुक्त इटली का निर्माण हुआ।
प्रश्न 5. विलियम के बगैर जर्मनी का एकीकरण बिस्मार्क के लिए असंभव था, कैसे?
उत्तर- विलियम प्रथम ने 1830 में प्रशा के शासक के रूप में पदभार संभाला। वह साहसी, व्यवहारकुशल और योग्य सैनिक था। सिंहासन पर बैठते ही उसने सैन्य शक्ति बढ़ानी शुरू कर दी। जर्मन राष्ट्रों को एकता के सूत्र में बाँधने के उद्देश्य से उसने महान कूटनीतिज्ञ बिस्मार्क को अपना चांसलर नियुक्त किया। बिस्मार्क ने विलियम प्रथम के समर्थन और उसकी सैन्य शक्ति का उपयोग करके जर्मन राज्यों को एकजुट किया। अतः विलियम प्रथम के बिना, बिस्मार्क का यह कार्य असंभव था।
Bihar Board Class 10 History Chapter 1 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
लगभग 150 शब्दों में उत्तर दें
प्रश्न 1: इटली के एकीकरण में मेजनी, काबूर और गैरीबाल्डी के योगदानों को बतायें।
उत्तर: इटली के एकीकरण में मेजनी, काबूर और गैरीबाल्डी का महत्वपूर्ण योगदान था। मेजनी ने “यंग इटली” नामक संगठन की स्थापना की, जिसका उद्देश्य इटली को एकीकृत करना और विदेशी प्रभाव से मुक्त करना था। वह युवाओं में राष्ट्रीयता की भावना भरने में सफल रहा, जिससे “यंग इटली” के सदस्य तेजी से बढ़े।
काबूर ने राजनीतिक और कूटनीतिक तरीके अपनाए। वह सार्डिनिया के प्रधानमंत्री बने और इटली के विभिन्न हिस्सों को एकजुट करने के लिए यूरोपीय शक्तियों से समझौते किए। उन्होंने फ्रांस के साथ मिलकर ऑस्ट्रिया के खिलाफ युद्ध लड़ा और उत्तरी इटली के राज्यों को एकीकृत किया।
गैरीबाल्डी को इटली का “तलवार” कहा जाता है। उन्होंने “लाल कुर्ती” नामक एक सैन्य दल का गठन किया और दक्षिण इटली में नेपल्स के राजा को पराजित कर सिसली और नेपल्स को एकीकृत किया। उन्होंने अपने विजित क्षेत्रों को विक्टर इमैनुएल को सौंप दिया, जिससे इटली का एकीकरण पूरा हुआ और विक्टर इमैनुएल को इटली का राजा घोषित किया गया।
प्रश्न 2: जर्मनी के एकीकरण में बिस्मार्क की भूमिका का वर्णन करें।
उत्तर: जर्मनी के एकीकरण में बिस्मार्क की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण थी। 1848 की क्रांति के बाद यह स्पष्ट हो गया कि जर्मनी का एकीकरण क्रांतिकारियों के बजाय शासकों द्वारा ही हो सकता था। बिस्मार्क को विलियम प्रथम ने चांसलर नियुक्त किया। बिस्मार्क ने प्रशा के नेतृत्व में जर्मनी को एकीकृत करने का संकल्प लिया।
उन्होंने “रक्त और लौह” नीति अपनाई और जर्मनी के विभिन्न राज्यों को सैन्य बल के माध्यम से एकीकृत किया। बिस्मार्क ने डेनमार्क, ऑस्ट्रिया और फ्रांस के खिलाफ सफलतापूर्वक युद्ध लड़े। इन युद्धों के परिणामस्वरूप, जर्मनी का एकीकरण संभव हो सका और 1871 में विलियम प्रथम को जर्मनी का सम्राट घोषित किया गया। बिस्मार्क की नीतियों और नेतृत्व के कारण जर्मनी एक मजबूत और एकीकृत राष्ट्र बन सका।
प्रश्न 3: राष्ट्रवाद के उदय के कारणों एवं प्रभावों की चर्चा करें।
उत्तर: राष्ट्रवाद के उदय के कई कारण और प्रभाव थे। पुनर्जागरण के कारण कला, साहित्य और विज्ञान में जागरूकता बढ़ी, जिससे लोगों के दृष्टिकोण में बदलाव आया और राष्ट्रवाद की भावना पनपी। फ्रांस की राज्य क्रांति ने राजनीतिक शक्ति को अभिजात्य वर्ग से हटाकर आम जनता के हाथ में दिया, जिससे राष्ट्रवाद को बढ़ावा मिला।
नेपोलियन के आक्रमणों ने जर्मनी और इटली के राज्यों को एकीकृत करने का मार्ग प्रशस्त किया। यूरोप में फ्रांसीसी प्रभुत्व के खिलाफ देशभक्तिपूर्ण विरोध भी बढ़ा।
1814-15 में वियना कांग्रेस ने नेपोलियन की विजय के बाद यूरोप में पुरानी व्यवस्था को पुनः स्थापित करने का प्रयास किया, जिससे राष्ट्रवादी भावनाओं का विरोध हुआ। इन कारणों से यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय हुआ, जिसने विभिन्न राष्ट्रों के एकीकरण और स्वतंत्रता आंदोलनों को जन्म दिया।
प्रश्न 4: जुलाई 1830 की क्रांति का विवरण दें।
उत्तर: जुलाई 1830 की क्रांति फ्रांस में चार्ल्स दशम् के निरंकुश शासन के खिलाफ हुई। चार्ल्स ने संवैधानिक लोकतंत्र के मार्ग में कई बाधाएँ खड़ी कीं और अपने निरंकुश विचारों को लागू करने के लिए पोलिग्नेक को प्रधानमंत्री नियुक्त किया। पोलिग्नेक के कार्यों से उदारवादी और आम जनता असंतुष्ट हो गई।
25 जुलाई 1830 को चार्ल्स ने चार अध्यादेश जारी किए, जिससे पेरिस में क्रांति की लहर दौड़ गई। 28 जुलाई से फ्रांस में गृहयुद्ध शुरू हो गया और चार्ल्स दशम् को फ्रांस की गद्दी छोड़कर इंग्लैंड भागना पड़ा। इसके परिणामस्वरूप बूर्वो वंश का अंत हुआ और लुई फिलिप को फ्रांस का राजा घोषित किया गया। इस क्रांति ने फ्रांस में राष्ट्रीयता और जनतंत्र की भावना को मजबूती दी।
प्रश्न 5: यूनानी स्वतंत्रता आन्दोलन का संक्षिप्त विवरण दें।
उत्तर: यूनान तुर्की साम्राज्य के अधीन था और वहां स्वतंत्रता आंदोलन शुरू हो गया। यूरोप के नागरिकों ने यूनानियों की स्वतंत्रता के लिए समर्थन किया। इंग्लैंड के कवि लार्ड बायरन ने यूनानी स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। रूस ने भी यूनानी स्वतंत्रता का समर्थन किया।
1821 में अलेक्जेंडर चिपसिलांटी के नेतृत्व में यूनान में विद्रोह शुरू हुआ। ग्रेट ब्रिटेन और रूस ने तुर्की-यूनान विवाद में मध्यस्थता की और फ्रांस ने भी यूनानी स्वतंत्रता में दिलचस्पी ली। 1827 में लंदन में एक सम्मेलन हुआ, जिसमें इंग्लैंड, फ्रांस और रूस ने तुर्की के खिलाफ संयुक्त कार्यवाही करने का निर्णय लिया।
युद्ध में तुर्की की सेना पराजित हुई और 1829 में एड्रियानोपल की संधि के तहत यूनान को स्वायत्तता मिली। 1832 में यूनान को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित किया गया और बवेरिया के शासक ओटो को यूनान का राजा घोषित किया गया। इस प्रकार यूनानी स्वतंत्रता आंदोलन सफल हुआ।