Bihar Board Class 10 History Chapter 4 Solutions – भारत में राष्ट्रवाद

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बिहार बोर्ड कक्षा 10 के इतिहास पाठ्यक्रम का चौथा अध्याय “भारत में राष्ट्रवाद” हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम की महत्वपूर्ण कहानी प्रस्तुत करता है। इस पाठ में आप भारतीय राष्ट्रवाद के उदय और विकास के बारे में जानेंगे, जो 19वीं सदी के उत्तरार्ध से शुरू होकर स्वतंत्रता प्राप्ति तक चला। आप समझेंगे कि कैसे ब्रिटिश शासन के विरुद्ध जन असंतोष ने राष्ट्रीय चेतना को जगाया, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई, और विभिन्न आंदोलनों जैसे स्वदेशी, असहयोग, और भारत छोड़ो ने देश को एकजुट किया। इस अध्याय में आप महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, और सुभाष चंद्र बोस जैसे महान नेताओं के योगदान के बारे में भी पढ़ेंगे, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी।

Bihar Board class 10 History chapter 4

Bihar Board Class 10 History Chapter 4 Solutions

SubjectHistory
Class10th
Chapter4. भारत में राष्ट्रवाद
BoardBihar Board

Bihar Board Class 10 History Chapter 4 वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. गदर पार्टी की स्थापना किसने और कब की?

(क) गुरदयाल सिंह, 1916
(ख) चन्द्रशेखर आजाद, 1920
(ग) लाला हरदयाल, 1913
(घ) सोहन सिंह भाखना, 1918

उत्तर- (ग) लाला हरदयाल, 1913

प्रश्न 2. जालियाँवाला बाग हत्याकांड किस तिथि को हुआ?

(क) 13 अप्रैल, 1919 ई०
(ख) 14 अप्रैल, 1919 ई.
(ग). 15 अप्रैल, 1919 ई.
(घ) 16 अप्रैल, 1919 ई.

उत्तर- (क) 13 अप्रैल, 1919 ई०

प्रश्न 3. लखनऊ समझौता किस वर्ष हुआ?

(क) 1916
(ख) 1918.
(ग) 1920
(घ) 1922

उत्तर- (क) 1916

प्रश्न 4. असहयोग आन्दोलन का प्रस्ताव काँग्रेस के किस अधिवेशन में पारित हुआ?

(क) सितम्बर 1920, कलकत्ता
(ख) अक्टूबर 1920, अहमदाबाद
(ग) नवम्बर 1920, फैजपुर
(घ) दिसम्बर 1920, नागपुर

उत्तर- (क) सितम्बर 1920, कलकत्ता

प्रश्न 5. भारत में खिलाफत आंदोलन कब और किस देश के शासक के समर्थन में शुरू हुआ ?

(क) 1920, तुर्की
(ख) 1920, अरब
(ग) 1920, फ्रांस
(घ) 1920, जर्मनी

उत्तर- (क) 1920, तुर्की

प्रश्न 6. सविनय अवज्ञा आंदोलन कब और किस यात्रा से शुरू हुआ?

(क) 1920, भुज
(ख) 1930, अहमदाबाद
(ग) 1930, दांडी
(घ) 1930, एल्बा

उत्तर- (ग) 1930, दांडी

प्रश्न 7. पूर्ण स्वराज्य की माँग का प्रस्ताव काँग्रेस के किस वार्षिक अधिवेशन में पारित हुआ?

(क) 1929, लाहौर
(ख) 1931, कराँची
(ग) 1933, कलकत्ता
(घ). 1937, बेलगाँव

उत्तर- (क) 1929, लाहौर

प्रश्न 8. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना कब और किसने की?

(क) 1923, गुरु गोलवलकर
(ख) 1925, के. बी. हेडगेवार
(ग) 1926, चित्तरंजन दास
(घ) 1928, लालचंद

उत्तर- (ख) 1925, के. बी. हेडगेवार

प्रश्न 9. रपा विद्रोह कब हुआ?

(क) 1916
(ख) 1917
(ग) 1918
(घ) 1919

उत्तर- (क) 1916

प्रश्न 10. बल्लभ भाई पटेल को सरदार की उपाधि किस किसान आंदोलन के दौरान दी गई ?

(क) बारदोली
(ख) अहमदाबाद
(ग) खेड़ा
(घ) चंपारण

उत्तर- (क) बारदोली

Bihar Board Class 10 History Chapter 4 रिक्त स्थानों को भरें

प्रश्न 1. बाल गंगाधर तिलक और ……….. ने होमरूल लीग आन्दोलन को शुरू किया।

उत्तर- एनी बेसेन्ट

प्रश्न 2. ………….. खिलाफत आन्दोलन के नेता थे भारत में।

उत्तर- महात्मा गांधी

प्रश्न 3. ………..फरवरी ……… को ……………. आन्दोलन स्थगित हो गया।

उत्तर- 25, 1922, असहयोग

प्रश्न 4. साइमन कमीशन के अध्यक्ष……………थे।

उत्तर- सर जॉन

प्रश्न 5. साइमन …………. में……………”कर के विरोध में आंदोलन आरंभ हुआ।

उत्तर- 1857 भू-राजस्व

प्रश्न 6. भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के पहले अध्यक्ष…………..थे।

उत्तर- डब्ल्यू सी. बनजी

प्रश्न 7. …………”अप्रैल………..”को अखिल भारतीय किसान सभा का गठन…………”हुआ।

उत्तर- 11, 1936, लखनऊ म

प्रश्न 8. उड़ीसा में… में …………. विद्रोह हुआ।

उत्तर- 1914 में, खोंड विद्रोह

Bihar Board Class 10 History Chapter 4 अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

20 शब्दों में उत्तर दें

प्रश्न 1. खिलाफत आन्दोलन क्यों हुआ?

उत्तर- ब्रिटेन की तुर्की नीति के विरोध में भारतीय मुसलमानों ने 1920 में खिलाफत आंदोलन शुरू किया।

प्रश्न 2. रॉलेट एक्ट से आप क्या समझते हैं?

उत्तर- 1919 में पारित इस कानून से अंग्रेज किसी भारतीय को बिना मुकदमे के जेल भेज सकते थे।

प्रश्न 3. दांडी यात्रा का क्या उद्देश्य था?

उत्तर- समुद्र के पानी से नमक बनाकर अंग्रेजी कानून का उल्लंघन करना।

प्रश्न 4. गाँधी-इरविन पैक्ट अथवा दिल्ली समझौता क्या था?

उत्तर- सविनय अवज्ञा आंदोलन के बाद 5 मार्च 1931 को गाँधी और लार्ड इरविन के बीच हुआ समझौता।

प्रश्न 5. चम्पारण सत्याग्रह के बारे में बताओ।

उत्तर- बिहार के चम्पारण में नील की खेती करनेवाले किसानों के अत्याचार के खिलाफ गाँधीजी का आंदोलन।

प्रश्न 6. मेरठ षड्यंत्र से आप क्या समझते हैं?

उत्तर- 1929 में 31 श्रमिक नेताओं को गिरफ्तार कर मेरठ में मुकदमा चलाने की घटना।

प्रश्न 7. जतरा भगत के बारे में आप क्या जानते हैं, संक्षेप में बताओ।

उत्तर- जतरा भगत ने 1914-1920 तक छोटानागपुर के उराँवों का अहिंसक आंदोलन नेतृत्व किया।

प्रश्न 8. ऑल इण्डिया ट्रेड यूनियन की स्थापना क्यों हुई?

उत्तर- 31 अक्टूबर 1920 को किसानों और श्रमिकों को राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल करने के लिए हुई थी।

Bihar Board Class 10 History Chapter 4 सुमेलित करें-

उत्तर-

गाँधीवादी चरण(ख) 1919-47
चौरी-चौरा हत्याकांड(क) 5 फरवरी, 1922
काँग्रेस के प्रथम अध्यक्ष(ग) डब्ल्यू. सी. बनर्जी

Bihar Board Class 10 History Chapter 4 लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

60 शब्दों में उत्तर दें

प्रश्न 1. असहयोग आन्दोलन प्रथम जन आंदोलन था कैसे?

उत्तर: महात्मा गाँधी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन भारत का पहला बड़ा जन आंदोलन था। इसके मुख्य कारण खिलाफत का मुद्दा, पंजाब में सरकार की बर्बरता और स्वराज्य की प्राप्ति की मांग थे। आंदोलन में सरकारी उपाधियों का त्याग, सरकारी संस्थाओं का बहिष्कार, विदेशी वस्त्रों का त्याग, स्वदेशी वस्त्रों का प्रयोग, और न्यायालय के बजाय पंचायती फैसलों का पालन शामिल था। इसने भारतीय जनता को एकजुट कर अंग्रेजी शासन को कमजोर करने का प्रयास किया।

प्रश्न 2. सविनय अवज्ञा आंदोलन के क्या परिणाम हुए?

उत्तर: सविनय अवज्ञा आंदोलन के परिणामस्वरूप भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों का राजनीतिकरण हुआ और आंदोलन का सामाजिक आधार विस्तृत हुआ। महिलाओं ने भी सार्वजनिक जीवन में प्रवेश किया और ब्रिटिश सरकार ने 1935 का भारत शासन अधिनियम पारित किया। आंदोलन ने कांग्रेस और ब्रिटिश सरकार के बीच समानता के आधार पर बातचीत की नींव रखी, जिससे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा मिली।

प्रश्न 3. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना किन परिस्थितियों में हुई?

उत्तर: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 19वीं सदी के अंतिम चरण में हुई। उस समय इंडियन एसोसिएशन द्वारा रेंट बिल का विरोध, लार्ड लिटन के प्रेस अधिनियम और शस्त्र अधिनियम का विरोध हो रहा था। लार्ड रिपन के इलबर्ट बिल का यूरोपियनों द्वारा संगठित विरोध ने भारतीय राष्ट्रवादियों को संगठित होने का पर्याप्त कारण दिया। इन परिस्थितियों में, कांग्रेस की स्थापना भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को संगठित करने के लिए की गई।

प्रश्न 4. बिहार के किसान आन्दोलन पर एक टिप्पणी लिखें।

उत्तर: महात्मा गाँधी के भारतीय राजनीति में आगमन के साथ ही बिहार के किसान आंदोलन को नई दिशा मिली। चम्पारण आंदोलन इसका प्रमुख उदाहरण है, जहाँ नील की खेती करनेवाले किसानों पर तीनकठिया व्यवस्था के तहत अत्याचार हो रहे थे। किसानों को अपनी उपज बगान मालिकों को कम कीमत पर बेचने के लिए बाध्य किया जाता था। राजकुमार शुक्ल के प्रयास से महात्मा गाँधी चम्पारण आए और किसानों को संगठित कर आंदोलन चलाया, जिसे चम्पारण सत्याग्रह कहा गया।

प्रश्न 5. स्वराज्य पार्टी की स्थापना एवं उद्देश्य की विवेचना करें।

उत्तर: असहयोग आंदोलन की अचानक वापसी से उत्पन्न निराशा और क्षोभ के कारण 1922 में गया कांग्रेस अधिवेशन में स्वराज्य पार्टी की स्थापना का विचार सामने आया। चितरंजन दास और मोतीलाल नेहरू ने कांग्रेस के पद त्यागकर 1923 में इलाहाबाद में स्वराज्य पार्टी की स्थापना की। इसका उद्देश्य रचनात्मक कार्यक्रमों के साथ विभिन्न निर्वाचनों में भाग लेकर सार्वजनिक संस्थाओं में प्रवेश करना और सरकार के कामकाज में अवरोध पैदा करना था।

Bihar Board Class 10 History Chapter 4 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

लगभग 150 शब्दों में उत्तर दें

प्रश्न 1. प्रथम विश्व युद्ध का भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के साथ अंतर्संबंधों की विवेचना करें।

उत्तर: प्रथम विश्व युद्ध ने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को एक नई दिशा दी। ब्रिटिश सरकार ने युद्ध के दौरान भारतीयों को स्वराज्य का वादा किया, जिससे कई भारतीय नेता ब्रिटिशों का समर्थन करने लगे। तिलक और गाँधी जैसे नेताओं ने ब्रिटिश सरकार का समर्थन किया, लेकिन जब स्वराज्य का वादा पूरा नहीं हुआ, तो उन्होंने विरोध शुरू कर दिया। युद्ध के बाद आर्थिक स्थिति खराब हो गई, जिससे भारतीय जनता में असंतोष बढ़ा। इसी समय एनी बेसेन्ट और तिलक ने होमरूल लीग आंदोलन शुरू किया, जिसने भारतीयों को स्वशासन की मांग के लिए प्रेरित किया। इस प्रकार, प्रथम विश्व युद्ध ने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को एक नया मोड़ दिया और स्वराज्य की मांग को और मजबूत किया।

प्रश्न 2. असहयोग आंदोलन के कारण एवं परिणाम का वर्णन करें।

उत्तर: असहयोग आंदोलन महात्मा गांधी के नेतृत्व में 1920 में शुरू हुआ। इसके मुख्य कारण खिलाफत आंदोलन, जलियांवाला बाग हत्याकांड, और स्वराज्य की मांग थे। आंदोलन के तहत सरकारी संस्थाओं का बहिष्कार, विदेशी वस्त्रों का त्याग, और सरकारी नौकरियों से इस्तीफा देने जैसी गतिविधियाँ शामिल थीं। इसके परिणामस्वरूप, जनता का अपार सहयोग मिला, शिक्षा संस्थाएं बंद हो गईं, और राष्ट्रीय शिक्षा के नए कार्यक्रम शुरू हुए। काशी विद्यापीठ और जामिया मिलिया जैसे संस्थानों की स्थापना हुई। आंदोलन ने हिंदू और मुसलमानों को एकजुट किया और ब्रिटिश सरकार पर दबाव बढ़ाया। असहयोग आंदोलन ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी और जनता को जागरूक किया।

प्रश्न 3. सविनय अवज्ञा आन्दोलन के कारणों की विवेचना करें।

उत्तर: सविनय अवज्ञा आंदोलन 1930 में गांधीजी के नेतृत्व में शुरू हुआ। इसके प्रमुख कारणों में साइमन कमीशन का विरोध, सांप्रदायिकता का उभरना, और विश्वव्यापी आर्थिक मंदी शामिल थे। साइमन कमीशन में भारतीयों का शामिल न होना भारतीयों को नाराज कर गया। आर्थिक मंदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया, जिससे जन असंतोष बढ़ा। गांधीजी ने पूर्ण स्वराज्य की मांग की और 1930 में रावी नदी के तट पर तिरंगा फहराया। 26 जनवरी 1930 को स्वतंत्रता दिवस मनाने की घोषणा की गई। गांधीजी के दांडी मार्च ने आंदोलन को नया मोड़ दिया। इन सभी कारणों ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को एक व्यापक जन आंदोलन बना दिया।

प्रश्न 4. भारत में मजदूर आन्दोलन के विकास का वर्णन करें।

उत्तर: भारत में मजदूर आंदोलन का विकास 19वीं शताब्दी के प्रारंभ में हुआ। अहमदाबाद में 1917 में प्लेग फैलने के बाद मिल मालिकों ने मजदूरों को बोनस देने का वादा किया, लेकिन बाद में मुकर गए। गांधीजी ने इसमें हस्तक्षेप किया और 35% मजदूरी बढ़ोतरी की मांग की, जिससे आंदोलन सफल हुआ। 1920 में एटक की स्थापना हुई, जिससे मजदूर आंदोलन को संगठित रूप मिला। साम्यवादी आंदोलनों ने भी मजदूर आंदोलन में क्रांतिकारी विचारधारा लाई। 1928 में बंबई टेक्सटाइल मिल में 6 महीने लंबी हड़ताल हुई। सरकार ने मजदूर आंदोलनों पर रोक लगाने के लिए श्रमिक विवाद अधिनियम 1929 और नागरिक सुरक्षा अध्यादेश 1929 बनाए। इन आंदोलनों ने भारतीय मजदूरों को एकजुट किया और उनके अधिकारों के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा दी।

प्रश्न 5. भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलनों में गाँधी जी के योगदान की विवेचना करें।

उत्तर: महात्मा गांधी का योगदान भारतीय राष्ट्रीय आंदोलनों में अपार है। 1915 में दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद उन्होंने चम्पारण और खेड़ा में किसानों के आंदोलनों का नेतृत्व किया। 1919 में रौलेट एक्ट के खिलाफ सत्याग्रह शुरू किया। 1920 में असहयोग आंदोलन का नेतृत्व किया, जिसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को व्यापक जन समर्थन दिलाया। 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया और दांडी मार्च के माध्यम से नमक कानून तोड़ा। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व किया, जिससे ब्रिटिश सरकार पर दबाव बढ़ा। गांधीजी के अहिंसात्मक आंदोलनों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी और उन्हें ‘राष्ट्रपिता’ के रूप में सम्मानित किया गया।

प्रश्न 6.भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन में वामपंथियों की भूमिका को रेखांकित करें।

उत्तर: वामपंथियों ने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 20वीं शताब्दी की शुरुआत में साम्यवादी विचारधाराएँ फैलनी शुरू हुईं। 1920 में मानवेन्द्र नाथ राय ने ताशकंद में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की। असहयोग आंदोलन के दौरान वामपंथियों ने अपने विचार फैलाए और क्रांतिकारी आंदोलनों से जुड़ गए। मेरठ षड्यंत्र केस (1929-33) ने वामपंथियों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान वामपंथियों ने कांग्रेस का विरोध किया और मजदूर संघों में क्रांतिकारी भावना लाई। सुभाषचन्द्र बोस ने फारवर्ड ब्लॉक की स्थापना की, जिससे वामपंथी विचारधाराएँ और मजबूत हुईं। वामपंथियों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में मजदूरों और किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया और उन्हें संगठित किया।

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