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‘ढहते विश्वास’ बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी वर्णिका पाठ्यपुस्तक का दूसरा अध्याय है, जो उड़ीसा के प्रसिद्ध कथाकार सातकोड़ी होता द्वारा रचित एक मार्मिक कहानी है। यह कहानी उड़ीसा के ग्रामीण जीवन, प्राकृतिक आपदाओं और मानवीय संवेदनाओं का जीवंत चित्रण करती है। इसमें लक्ष्मी नामक एक महिला की कहानी है, जो बाढ़ की विकराल परिस्थितियों में अपने और अपने बच्चों के जीवन के लिए संघर्ष करती है। कहानी मातृत्व की भावना, जीवन के प्रति आशा और मानवीय करुणा के महत्व को उजागर करती है।
Bihar Board Class 10 Hindi Varnika Chapter 2 Solutions
Subject | Hindi ( Varnika ) |
Class | 10th |
Chapter | 2. ढहते विश्वास |
Author | सातकोड़ी होता |
Board | Bihar Board |
Bihar Board Class 10 Hindi Varnika Chapter 2 Question Answer
प्रश्न 1. लक्ष्मी कौन थी? उसकी पारिवारिक परिस्थिति का चित्र प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर: लक्ष्मी ‘ढहते विश्वास’ कहानी की मुख्य पात्र है। उसका पति, लक्ष्मण, कलकत्ता में नौकरी करता है। लक्ष्मी को अपने पति से प्राप्त राशि से घर-गृहस्थी चलाने में कठिनाई होती है, इसलिए वह तहसीलदार साहब के घर में काम करके अपना और अपने बच्चों का पालन-पोषण करती है। उसके पास पूर्वजों से छोड़ा गया एक बीघा खेत है जिसमें वह खेती करवाती है, लेकिन बारिश की कमी और बाढ़ के डर से उसकी फसलें नष्ट हो जाती हैं। इस परिस्थिति में, लक्ष्मी का संघर्ष और उसका आत्मविश्वास कहानी के मुख्य बिंदु हैं। उसकी पारिवारिक स्थिति कठिनाइयों और चुनौतियों से भरी है, लेकिन वह हर परिस्थिति का सामना साहसपूर्वक करती है।
प्रश्न 2. कहानी के आधार पर प्रमाणित करें कि उड़ीसा का जन-जीवन बाढ़ और सूखा से काफी प्रभावित रहा है।
उत्तर: उड़ीसा का भौगोलिक परिदृश्य ऐसा है कि यहाँ बाढ़ और सूखा का प्रकोप बार-बार होता रहता है। प्रस्तुत कहानी में, देवी नदी के किनारे स्थित गाँव का चित्रण किया गया है, जहाँ पहले सूखा और फिर बाढ़ का सामना करना पड़ता है। सूखे के कारण खेतों में लगी फसलें जल-भुन जाती हैं, और फिर अचानक अतिवृष्टि से बाढ़ आ जाती है। नदी का जलस्तर बढ़ने से लोग बाँध की मरम्मत में लग जाते हैं, लेकिन बाँध टूट जाता है और चारों ओर पानी फैल जाता है। लोग ऊँचे स्थानों पर शरण लेते हैं और जीवन-मृत्यु से जूझते हैं। यह कहानी दर्शाती है कि उड़ीसा का जन-जीवन बाढ़ और सूखा की त्रासदी से कितना प्रभावित रहा है।
प्रश्न 3. कहानी में आये बाढ़ के दृश्यों का चित्रण अपने शब्दों में प्रस्तुत करें।
उत्तर: बाढ़ की त्रासदी का चित्रण कहानी में अत्यंत मार्मिकता से किया गया है। देवी नदी के किनारे स्थित लक्ष्मी का गाँव बाढ़ की चपेट में आ जाता है। लगातार वर्षा से नदी का पानी बढ़ता जाता है और दलेई बाँध टूट जाता है। चारों तरफ पानी फैलने लगता है और लोग ऊँची जगहों पर शरण लेने के लिए भागते हैं। लक्ष्मी अपने बच्चों को लेकर बेतहाशा दौड़ती है, लेकिन पानी के तेज प्रवाह में उसके पैर उखड़ जाते हैं। किसी तरह वह बरगद के पेड़ पर चढ़ जाती है। पेड़ की शाखाओं में फंसे छोटे बच्चे को देखकर उसका मातृत्व जागृत हो जाता है और वह उसे अपने स्तन से सटा लेती है। बाढ़ का यह दृश्य दर्शाता है कि कैसे लोग अपने जीवन की लड़ाई लड़ते हैं और एक-दूसरे की मदद करते हैं।
प्रश्न 4. कहानी के शीर्षक की सार्थकता पर विचार करें।
उत्तर: ‘ढहते विश्वास’ शीर्षक कहानी की कथावस्तु और मुख्य पात्र लक्ष्मी के जीवन पर आधारित है। कहानी में लक्ष्मी का आत्मविश्वास बाढ़ और सूखा के प्रकोप से धीरे-धीरे टूटता जाता है। पति की अनुपस्थिति में, वह अपने बच्चों का पालन-पोषण अकेले करती है और हर कठिनाई का सामना साहसपूर्वक करती है। लेकिन जब बाढ़ का प्रकोप होता है, तो उसका आत्मविश्वास डगमगाने लगता है। कहानी में बाढ़ की त्रासदी और लक्ष्मी के संघर्ष को देखकर यह शीर्षक पूरी तरह से सार्थक लगता है, क्योंकि यह दर्शाता है कि कैसे प्रतिकूल परिस्थितियों में भी व्यक्ति का आत्मविश्वास डगमगा सकता है।
प्रश्न 5. लक्ष्मी के व्यक्तित्व पर विचार करें।
उत्तर: लक्ष्मी इस कहानी की प्रधान नायिका है और उसका व्यक्तित्व नारी के साहस और ममता का प्रतीक है। पति की अनुपस्थिति में, वह अपने घर-गृहस्थी का बोझ अकेले उठाती है और तहसीलदार साहब के घर काम करके अपनी जीविका चलाती है। सूखा और बाढ़ की विपरीत परिस्थितियों में भी वह हार नहीं मानती है। बाढ़ के दौरान, जब पानी चारों ओर फैल जाता है, तो वह अपने बच्चों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की कोशिश करती है। बरगद के पेड़ पर चढ़कर वह अपने छोटे बेटे को बचाने की कोशिश करती है और ममता की मूर्तिमान बन जाती है। लक्ष्मी का व्यक्तित्व साहसी, ममतामयी और संघर्षशील है, जो हर परिस्थिति का सामना धैर्य और साहस से करती है।
प्रश्न 6. गुणनिधि का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर: गुणनिधि गाँव का नौजवान है, जो कंटक में पढ़ाई करता है। वह साहसी और नेतृत्वगुण संपन्न है। गाँव में बाढ़ का खतरा देखता है तो स्वयं सेवक दल का गठन करता है और उनके साथ मिलकर बाँध की मरम्मत में जुट जाता है। उसका साहस और सामाजिक दायित्व का बोध गाँव के लोगों के लिए प्रेरणादायक है। वह निठल्लों के लिए जगह नहीं होने का संदेश देकर लोगों का उत्साह बढ़ाता है और खुद पैंट-शर्ट उतार कर काम में लग जाता है। गुणनिधि का चरित्र दिखाता है कि किस प्रकार एक युवा अपने साहस और नेतृत्व से समाज को प्रेरित कर सकता है।
प्रश्न 7. बिहार का जन-जीवन भी बाढ़ और सूखा से प्रभावित होता रहा है। इस संबंध में आप क्या सोचते हैं? लिखें।
उत्तर: बिहार की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहाँ बाढ़ और सूखा का प्रकोप होता रहता है। उत्तरी और दक्षिणी बिहार में बहने वाली नदियाँ बरसात में उफान पर आ जाती हैं और बाढ़ का कारण बनती हैं। नेपाल से सटी नदियाँ भी बाढ़ के लिए जिम्मेदार होती हैं। हर वर्ष बिहार का कुछ क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित होता है, जिससे जान-माल की अपार क्षति होती है। पिछले वर्ष कोशी नदी की बाढ़ ने तबाही मचा दी थी। बाढ़ के बाद महामारी फैलना आम बात है। दूसरी ओर, अनावृष्टि के कारण कई जिले सूखे की चपेट में आ जाते हैं। बिहारवासी इन त्रासदियों का दंश झेलने के लिए मजबूर हैं और राजनीति के खेल में उनका दुख-दर्द नजरअंदाज कर दिया जाता है।
प्रश्न 8. कहानी का सारांश प्रस्तुत करें।
उत्तर: ‘ढहते विश्वास’ उड़ीसा के प्रमुख कथाकार सातकोड़ी होता द्वारा रचित कहानी है, जो मानवीय मूल्यों और त्रासदियों का चित्रण करती है। कहानी की मुख्य पात्र लक्ष्मी है, जिसका पति कोलकाता में नौकरी करता है। लक्ष्मी तहसीलदार साहब के घर काम करके अपना और अपने बच्चों का पालन-पोषण करती है। देवी नदी के किनारे बसे उसके गाँव में सूखा और बाढ़ का प्रकोप होता है। बाढ़ आने पर लक्ष्मी अपने बच्चों के साथ ऊँचे टीले की ओर भागती है, लेकिन पानी के तेज प्रवाह में उसके पैर उखड़ जाते हैं। किसी तरह बरगद के पेड़ पर चढ़कर वह अपने बच्चों को बचाने की कोशिश करती है। उसका छोटा बेटा बह जाता है, लेकिन एक अन्य बच्चे को अपने स्तन से सटा लेती है। कहानी में बाढ़ की त्रासदी और लक्ष्मी के संघर्ष को देखकर यह शीर्षक पूरी तरह से सार्थक लगता है, क्योंकि यह दर्शाता है कि कैसे प्रतिकूल परिस्थितियों में भी व्यक्ति का आत्मविश्वास डगमगा सकता है।
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