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बिहार बोर्ड की कक्षा 10 की आपदा प्रबंधन पुस्तक का पाँचवाँ अध्याय आपदा के समय में वैकल्पिक संचार व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करता है। यह अध्याय छात्रों को सिखाता है कि जब सामान्य संचार माध्यम जैसे फोन या इंटरनेट बाधित हो जाते हैं, तब किस तरह संपर्क बनाए रखा जा सकता है। इसमें रेडियो, सैटेलाइट फोन, और अन्य आपातकालीन संचार उपकरणों के बारे में जानकारी दी गई है। यह ज्ञान आपदा के दौरान सूचनाओं के आदान-प्रदान और राहत कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे लोगों की सुरक्षा और बचाव कार्य में मदद मिलती है।

Bihar Board Class 10 Disaster Management Chapter 5 Solutions
Contents
Subject | Disaster Management |
Class | 10th |
Chapter | 5. आपदा काल में वैकल्पिक संचार व्यवस्था |
Board | Bihar Board |
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. सामान्य संचार व्यवस्था के बाधित होने का मुख्य कारण है :
((क) केबुल का टूट जाना
(ख) संचार टावरों की दूरी
(ग) टावरों की ऊंचाई में कमी
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (क) केबुल का टूट जाना
प्रश्न 2. संचार का सबसे लोकप्रिय साधन है :
(क) सार्वजनिक टेलीफोन
(ख) मोबाईल
(ग) वॉकी-टॉकी
(घ) रेडियो
उत्तर- (क) सार्वजनिक टेलीफोन
प्रश्न 3. सुदूर संवेदी उपग्रह (रिमोट सेंसिंग उपग्रह) का प्रयोग किसलिए होता है ?
(क) दूर संचार के लिए
(ख) मौसम विज्ञान के लिए
(ग) संसाधनों की खोज के लिए एवं प्रबंधन के लिए
(घ) दूरदर्शन के लिए
उत्तर- (ग) संसाधनों की खोज के लिए एवं प्रबंधन के लिए
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1: सामान्य संचार व्यवस्था के बाधित होने के प्रमुख कारणों को लिखिए।
उत्तर: सामान्य संचार व्यवस्था के बाधित होने के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
- प्राकृतिक आपदाएं जैसे भूकंप, बाढ़, या तूफान, जो संचार बुनियादी ढांचे को नष्ट कर सकते हैं।
- विद्युत आपूर्ति में व्यवधान, जिससे संचार उपकरण और नेटवर्क सिस्टम काम करना बंद कर देते हैं।
- संचार टावरों और केबल लाइनों का क्षतिग्रस्त होना, जो संदेश संचरण में बाधा उत्पन्न करता है।
- संचार केंद्रों और भवनों का ध्वंस, जिससे संचार यंत्र और उपकरण असफल हो जाते हैं।
- मानवीय गतिविधियां जैसे युद्ध, आतंकवादी हमले या साइबर हमले, जो संचार नेटवर्क को बंद कर सकते हैं।और गलियों को चौड़ा रखना चाहिए और भवनों के बीच पर्याप्त दूरी सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि भूकंप के दौरान सुरक्षित निकासी हो सके।
प्रश्न 2: प्राकृतिक आपदा में उपयोग होने वाले किसी एक वैकल्पिक संचार माध्यम की चर्चा कीजिए। प्राकृतिक आपदा में उपयोग होने वाले किसी एक वैकल्पिक संचार माध्यम है।
उत्तर: प्राकृतिक आपदाओं में रेडियो एक महत्वपूर्ण वैकल्पिक संचार माध्यम है। यह विद्युत संचार के अन्य माध्यमों के विफल होने पर भी कार्य करता है, क्योंकि इसके लिए न्यूनतम बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होती है। रेडियो तरंगें विभिन्न फ्रीक्वेंसी पट्टियों में प्रसारित होती हैं, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों में भी संदेश भेजना संभव होता है। आपातकालीन स्थितियों में, हैंडहेल्ड वायरलेस रेडियो राहत दलों को संचार बनाए रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा, सामुदायिक रेडियो स्टेशन लोगों को महत्वपूर्ण सूचनाएं और निर्देश प्रदान कर सकते हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1: प्राकृतिक आपदा में वैकल्पिक संचार माध्यमों का विवरण प्रस्तुत कीजिए
उत्तर: – वैकल्पिक संचार माध्यम प्राकृतिक आपदाओं के दौरान संचार बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:-
- रेडियो संचार: यह सबसे विश्वसनीय वैकल्पिक संचार माध्यम है। बैटरी या सौर चार्जर से चलने वाले पोर्टेबल रेडियो आपातकालीन चेतावनियां और महत्वपूर्ण जानकारी प्रसारित कर सकते हैं।
- सैटेलाइट फोन: ये मोबाइल नेटवर्क के काम न करने पर भी दूरस्थ क्षेत्रों में संचार स्थापित कर सकते हैं। ये उपग्रह नेटवर्क के माध्यम से कॉल और संदेश भेजने में सक्षम होते हैं।
- अमेचर रेडियो (हैम रेडियो): प्रशिक्षित रेडियो ऑपरेटर आपातकालीन संचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। ये लंबी दूरी के संचार में सक्षम होते हैं और अन्य संचार माध्यमों के विफल होने पर भी काम करते हैं।
- मैसेजिंग ऐप्स और इंटरनेट: जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध हो, व्हाट्सएप या सैटेलाइट इंटरनेट जैसे माध्यम संदेश भेजने में मदद कर सकते हैं।
- कबीने रेडियो और पब्लिक एद्रेस सिस्टम: ये स्थानीय स्तर पर लोगों को आपातकालीन निर्देश और चेतावनियां प्रसारित करने में सहायक होते हैं।
प्रश्न 2: निम्नलिखित पर नोट बनाये।
उत्तर –
(i). हेम रेडियो।
- यह एक प्रकार का रेडियो संचार है जिसमें स्वयंसेवक रेडियो ऑपरेटर आपातकालीन संचार में मदद करते हैं।
- इसका उपयोग प्राकृतिक आपदाओं के दौरान महत्वपूर्ण संदेशों को प्रेषित करने में किया जाता है।
- ये रेडियो अन्य संचार माध्यमों के विफल होने पर भी काम करते हैं।
- हेम रेडियो ऑपरेटर्स को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है।
(ii). उपग्रह संचार
- यह संचार की एक उन्नत तकनीक है जो उपग्रहों के माध्यम से संदेश भेजता है।
- दूरदराज के क्षेत्रों में भी संचार स्थापित करने में सक्षम।
- आपदा प्रबंधन में मौसम निगरानी और संचार के लिए महत्वपूर्ण।
- सैटेलाइट फोन और इंटरनेट इसके प्रमुख उदाहरण हैं।
Other Chapter Solutions |
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Chapter 1 Solutions – प्राकृतिक आपदा : एक परिचय |
Chapter 2 Solutions – प्राकृतिक आपदा एवं प्रबंधन : बाढ़ सुखाड़ |
Chapter 3 Solutions – प्राकृतिक आपदा एवं प्रबंधन : भूकंप एवं सुनामी |
Chapter 4 Solutions – जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन |
Chapter 5 Solutions – आपदा काल में वैकल्पिक संचार व्यवस्था |
Chapter 6 Solutions – आपदा और सह अस्तित्व |