Bihar Board Class 10 Disaster Management Chapter 4 Solutions – जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन

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बिहार बोर्ड की कक्षा 10 की आपदा प्रबंधन पुस्तक का चौथा अध्याय जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन पर केंद्रित है। यह अध्याय छात्रों को आपातकालीन स्थितियों में जीवन बचाने के महत्वपूर्ण कौशल सिखाता है। इसमें प्राथमिक चिकित्सा, कृत्रिम श्वसन, रक्तस्राव रोकना और अन्य तत्काल सहायता के तरीके शामिल हैं। यह ज्ञान न केवल आपदाओं के दौरान बल्कि दैनिक जीवन में भी उपयोगी हो सकता है। अध्याय का उद्देश्य छात्रों को ऐसी परिस्थितियों में आत्मविश्वास के साथ कार्य करने के लिए तैयार करना है, जहाँ तत्काल कार्रवाई जीवन बचा सकती है।

Bihar Board class 10 Disaster Management chapter 4

Bihar Board Class 10 Disaster Management Chapter 4 Solutions

SubjectDisaster Management
Class10th
Chapter4. जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन
BoardBihar Board

वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. बाढ़ के समय निम्नलिखित में से किस स्थान पर जाना चाहिए ?

(क) ऊँची भूमि वाले स्थान पर
(ख) गाँव के बाहर
(ग) जहाँ हैं उसी स्थान पर
(घ) खेतों में

उत्तर- (क) ऊँची भूमि वाले स्थान पर

प्रश्न 2. मलवे के नीचे दबे हुए लोगों को पता लगाने के लिए किस यंत्र की मदद ली जाती है ?

(क) दूरबीन
(ख) इंफ्रारेड
(ग) हेलीकॉप्टर
(घ) टेलीस्कोप

उत्तर- (ख) इंफ्रारेड

प्रश्न 3. आग से जलने की स्थिति में जले हुए स्थान पर क्या प्राथमिक उपचार करना चाहिए?

(क) ठंडा पानी डालना चाहिए
(ख) गर्म पानी डालना
(ग) अस्पताल पहुंचाना
(ग) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- (क) ठंडा पानी डालना चाहिए

प्रश्न 4. बस्ती/मकान में आग लगने की स्थिति में क्या करना चाहिए?

(क) अग्निशामक यंत्र को बुलाना
(ख) दरवाजे खिड़कियाँ लगाना
(ग) आग बुझाने तक इंतजार करना
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- (क) अग्निशामक यंत्र को बुलाना

प्रश्न 5. सुनामी किस स्थान पर आता है ?

(क) स्थल
(ख) समुद्र
(ग) आसमान
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- (ख) समुद्र

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1: जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन का उद्देश्य आपदा के समय प्रभावित लोगों की जान बचाना और उन्हें तत्काल राहत प्रदान करना होता है। इसमें तेजी से प्रतिक्रिया देते हुए घायलों को प्राथमिक उपचार देना, सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना, और जरूरी संसाधनों की व्यवस्था करना शामिल है। आपदा की स्थिति में यह प्रबंधन अत्यावश्यक होता है ताकि नुकसान को कम से कम किया जा सके।

प्रश्न 2: बाढ़ की स्थिति में अपनाये जानेवाले आकस्मिक प्रबंधन का संक्षेप में वर्णन कीजिएl

उत्तर: बाढ़ की स्थिति में आकस्मिक प्रबंधन का मुख्य उद्देश्य लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना और उनकी जान बचाना है। इसके तहत बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को निकालकर राहत शिविरों में लाना, भोजन, स्वच्छ पेयजल और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना शामिल है। इसके अतिरिक्त, पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था और महामारी से बचाव के उपाय भी महत्वपूर्ण हैं।

प्रश्न 3: भूकंप एवं सुनामी की स्थिति में आकस्मिक प्रबंधन की चर्चा संक्षेप में करें।

उत्तर: भूकंप की स्थिति में आकस्मिक प्रबंधन के तहत लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना, मलबे में फंसे लोगों को बचाना, और मृतकों का अंतिम संस्कार करना शामिल है। वहीं, सुनामी की स्थिति में प्राथमिक उपचार के बाद घायलों को अस्पताल पहुंचाना, लापता लोगों की खोज, और तटीय क्षेत्रों में राहत अभियान चलाना आवश्यक होता है। इस कार्य में हेलिकॉप्टर, नौकाएं, और रडार जैसे उपकरणों का उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 4: आकस्मिक प्रबंधन में स्थानीय प्रशासन की भूमिका का वर्णन करें।

उत्तर: आकस्मिक प्रबंधन में स्थानीय प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्हें आपदा के समय राहत शिविरों की स्थापना, चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता, और आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था करनी चाहिए। इसके अलावा, प्रशासन को राहत कार्यों में तेजी लाते हुए, कागजी औपचारिकताओं से बचकर, सीधे प्रभावित लोगों तक सहायता पहुंचानी चाहिए।

प्रश्न 5: आग लगने की स्थिति में क्या प्रबंधन करना चाहिए? उल्लेख करें।

उत्तर: आग लगने की स्थिति में प्राथमिकता आग में फंसे लोगों को बचाने की होती है। घायलों को प्राथमिक उपचार देकर अस्पताल पहुंचाना और आग को फैलने से रोकना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए अग्निशामक यंत्र, पानी, रेत, या मिट्टी का उपयोग किया जा सकता है। विद्युत लाइन को बंद करना और आसपास की ज्वलनशील सामग्री को हटाना भी जरूरी होता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1: जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन का तात्पर्य उन सभी उपायों से है जो आपदा के समय लोगों की जान बचाने और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए किए जाते हैं। आपदा के दौरान, जैसे भूकंप, बाढ़, आग, या सुनामी, लोगों को तत्काल सहायता की आवश्यकता होती है। जीवन रक्षक प्रबंधन के तहत, सबसे पहले घायलों को प्राथमिक उपचार देना, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना, और जरूरी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना शामिल होता है। इसके अलावा, आपदा की सूचना का त्वरित प्रसार, आपातकालीन सेवाओं का आयोजन, और राहत कार्यों का समन्वय भी इस प्रबंधन का हिस्सा है। इसका मुख्य उद्देश्य है मानव जीवन की रक्षा करना और आपदा के प्रभाव को कम करना। इसलिए, जीवन रक्षक आकस्मिक प्रबंधन किसी भी आपदा प्रबंधन योजना का अभिन्न अंग होता है, जो आपदा के समय प्रशासन और समाज की प्रतिक्रिया क्षमता को दर्शाता है।

प्रश्न 2: आकस्मिक प्रबंधन में स्थानीय प्रशासन एवं स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका का विस्तार से उल्लेख करें।

उत्तर: आकस्मिक प्रबंधन में स्थानीय प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। जब कोई आपदा आती है, तो स्थानीय प्रशासन का दायित्व है कि वह तुरंत राहत और बचाव कार्यों को संगठित करे। इसके तहत, प्रशासन को राहत शिविर स्थापित करना, प्राथमिक उपचार और चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था करना, और अग्निशामक तथा एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाओं को सक्रिय करना शामिल है। साथ ही, प्रशासन को सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रभावित क्षेत्रों में पर्याप्त भोजन, पानी और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता हो।

स्वयंसेवी संस्थाएं भी आकस्मिक प्रबंधन में अहम भूमिका निभाती हैं। ये संस्थाएं स्थानीय समुदाय के साथ मिलकर राहत कार्यों को संचालित करती हैं। स्वयंसेवी संस्थाएं न केवल राहत सामग्री का वितरण करती हैं, बल्कि प्रभावित लोगों को मानसिक और भावनात्मक समर्थन भी प्रदान करती हैं। इनके द्वारा प्रशिक्षित युवा आपदा के समय लोगों को सुरक्षित निकालने, प्राथमिक उपचार देने, और पुनर्वास कार्यों में सहायता करते हैं।

गाँव और मुहल्ले के लोग भी आकस्मिक प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। आपदा के समय स्थानीय लोग अपने अनुभव और संसाधनों का उपयोग करके आपदा से निपटने में मदद करते हैं। वे बचाव कार्यों में हाथ बंटाते हैं, और प्रभावित लोगों को सहारा देकर उन्हें साहस प्रदान करते हैं। इस प्रकार, स्थानीय प्रशासन, स्वयंसेवी संस्थाएं, और स्थानीय लोग मिलकर एक सशक्त आकस्मिक प्रबंधन तंत्र की स्थापना करते हैं, जिससे आपदा के प्रभाव को न्यूनतम किया जा सके।

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