Bihar Board Class 7 History Chapter 7 Solutions from the new book are available here. Get written question answer of chapter 7 – क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण for free. This follows the new syllabus and book – हमारे अतीत-2 (Hamare Atit).
इस अध्याय में आप भारत के विभिन्न क्षेत्रों जैसे बंगाल, तमिलनाडु, और महाराष्ट्र में विकसित हुई समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को जानेंगे। यह अध्याय क्षेत्रीय भाषाओं जैसे बंगाली, मराठी और तमिल में साहित्य के विकास, लोक कथाओं, मंदिरों और मस्जिदों की स्थापत्य शैलियों, और संगीत-नृत्य जैसी कलाओं पर प्रकाश डालता है।

Bihar Board Class 7 History Chapter 7 Solutions
Contents
| Subject | History (हमारे अतीत-2) |
| Class | 7 |
| Chapter | 7. क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण |
| Board | Bihar Board |
अध्याय के बिच से
1. पता लगाएँ कि पिछले दस सालों में कितने नए राज्य बनाए गए हैं। क्या इनमें से प्रत्येक राज्य एक अलग क्षेत्र है?
उत्तर: पिछले दस सालों (2015 से 2025 तक) में भारत में केवल एक नया राज्य बना है – तेलंगाना, जो 2 जून 2014 को बना था। यह आंध्र प्रदेश से अलग होकर बना। तेलंगाना एक अलग क्षेत्र है क्योंकि इसकी अपनी भाषा (तेलुगु), संस्कृति, और परंपराएँ हैं, जो इसे आंध्र प्रदेश से थोड़ा अलग बनाती हैं। हालाँकि, दोनों राज्यों में कई समानताएँ भी हैं, जैसे खान-पान और त्योहार।
2. पता लगाएँ कि आपके घर में आप जो भाषा/भाषाएँ बोलते हैं, उसका/उनका लेखन में सर्वप्रथम कब प्रयोग हुआ होगा।
उत्तर: यह जवाब आपके घर में बोली जाने वाली भाषा पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए, अगर आपके घर में हिन्दी बोली जाती है, तो हिन्दी का लेखन देवनागरी लिपि में होता है। देवनागरी लिपि का प्रयोग लगभग 7वीं शताब्दी से शुरू हुआ, लेकिन हिन्दी का आधुनिक रूप 19वीं शताब्दी में विकसित हुआ।
अगर आप मैथिली बोलते हैं, जो बिहार में आम है, तो इसका लेखन मिथिलाक्षर (तिरहुता) लिपि में पहले होता था, जो 10वीं शताब्दी से मिलती है। आप अपनी भाषा का नाम बताएँ, तो मैं और सटीक जानकारी दे सकता हूँ।
3. पता लगाएँ कि क्या आपके नगर/गाँव में शूरवीरों/वीरांगनाओं की परंपरा रही है? यदि हाँ, तो ये परंपराएँ राजपूतों के वीरतापूर्ण आदर्शों से कितनी समान या भिन्न हैं?
उत्तर: यह जवाब आपके गाँव या नगर पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए, अगर आप बिहार के किसी गाँव में रहते हैं, तो वहाँ शूरवीरों की कहानियाँ हो सकती हैं, जैसे रानी लक्ष्मीबाई या स्थानीय योद्धाओं की। आप अपने गाँव के बुजुर्गों से पूछ सकते हैं कि क्या वहाँ कोई वीर या वीरांगना की कहानी मशहूर है।
राजपूतों के वीरतापूर्ण आदर्शों में शौर्य, बलिदान, और स्वामिभक्ति शामिल थी। अगर आपके गाँव में ऐसी कहानियाँ हैं, तो वे समान हो सकती हैं, क्योंकि बिहार में भी लोग अपनी जमीन और सम्मान के लिए लड़े। लेकिन अगर आपके गाँव की कहानियाँ सामान्य लोगों की हैं, जैसे किसानों या मजदूरों की, तो वे राजपूतों की शाही वीरता से अलग हो सकती हैं, क्योंकि वे रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी होंगी।
4. आपके विचार से द्वितीय श्रेणी की कृतियाँ लिखित रूप में क्यों नहीं रखी जाती थीं?
उत्तर: द्वितीय श्रेणी की कृतियाँ, जैसे लोक गीत, कहानियाँ, और नाच-गान, मौखिक रूप में होती थीं। इन्हें लिखित रूप में नहीं रखा जाता था क्योंकि:
- ये आम लोगों की कहानियाँ थीं, जिन्हें गाँवों में गाया या सुनाया जाता था।
- उस समय लिखने का सामान, जैसे कागज या स्याही, महँगा था और केवल अमीर लोग ही इसे इस्तेमाल करते थे।
- ये कहानियाँ पीढ़ी-दर-पीढ़ी मुँह से मुँह तक जाती थीं, इसलिए इन्हें लिखने की जरूरत नहीं समझी जाती थी।
- इनकी सटीक तारीख या लेखक का पता नहीं होता था, इसलिए इन्हें लिखना मुश्किल था।
5. यहाँ दिए गए मंदिर की तुलना अध्याय 2 में दिए गए मंदिर से करें।
उत्तर: यहाँ दिखाया गया मंदिर (अध्याय 7) और अध्याय 2 का मंदिर अलग-अलग शैली के हैं।
- यहाँ का मंदिर: इसमें बड़ा गुंबद है और ऊपर एक शिखर है। यह बंगाल की शैली का हो सकता है, जो छप्पर जैसी छतों से मिलता-जुलता है।
- अध्याय 2 का मंदिर: यह तिकोनी आकृति का है। इसकी बाहरी दीवारों पर देवी-देवताओं की मूर्तियाँ और नक्काशी होती हैं। यह दक्षिण भारतीय शैली का हो सकता है, जैसे द्रविड़ शैली।
- अंतर: यहाँ का मंदिर सादा और छत पर आधारित है, जबकि अध्याय 2 का मंदिर ज्यादा सजावटी और मूर्तियों से भरा है।
फिर से याद करें
1. निम्नलिखित में मेल बैठाएँ:
उत्तर:
| नाम | स्थान |
|---|---|
| अनंतवर्मन | उड़ीसा |
| जगन्नाथ | पुरी |
| महोदयपुरम | केरल |
| लीला तिलकम | केरल |
| मंगलकाव्य | बंगाल |
| लघुचित्र | कांगड़ा |
2. मणिप्रवालम् क्या है? इस भाषा में लिखी पुस्तक का नाम बताएँ।
उत्तर: मणिप्रवालम् एक खास लेखन शैली है, जो केरल में इस्तेमाल होती थी। इसमें संस्कृत और स्थानीय भाषा (जैसे मलयालम) को मिलाया जाता था। इसका मतलब है “हीरा और मूँगा”, जो दो भाषाओं के सुंदर मिश्रण को दर्शाता है। इस शैली में लिखी गई किताब का नाम है लीला तिलकम, जो व्याकरण और काव्य के बारे में है।
3. कत्थक के प्रमुख संरक्षक कौन थे?
उत्तर: कत्थक नृत्य के प्रमुख संरक्षक थे:
- राजस्थान के जयपुर राजदरबार, जहाँ कत्थक को बहुत बढ़ावा दिया गया।
- लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह, जिन्होंने कत्थक को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।
4. बंगाल के मंदिरों की स्थापत्यकला के महत्त्वपूर्ण लक्षण क्या हैं?
उत्तर: बंगाल के मंदिरों की खास बातें:
- इनकी छतें दोछाला (दो ढलानों वाली) या चौछाला (चार ढलानों वाली) होती हैं, जो गाँव की झोपड़ियों जैसी दिखती हैं।
- मंदिर वर्गाकार चबूतरे पर बनाए जाते हैं।
- बाहरी दीवारों पर चित्रकारी, सजावटी टाइलें, या मिट्टी की पट्टियाँ होती हैं।
- अंदर की दीवारें सादी होती हैं, बिना किसी सजावट के।
- ये मंदिर स्थानीय देवी-देवताओं के लिए बनाए जाते थे, जो पहले साधारण झोपड़ियों में पूजे जाते थे।
आइए विचार करें
5. चारण-भाटों ने शूरवीरों की उपलब्धियों की उद्घोषणा क्यों की?
उत्तर: चारण-भाट शूरवीरों की वीरता की कहानियाँ गाते थे क्योंकि:
- वे शूरवीरों की याद को जीवित रखना चाहते थे।
- उनकी कहानियाँ सुनकर लोग प्रेरित होते थे और वीरता सीखते थे।
- वे गीत और कविताएँ बनाते थे, जो शूरवीरों की बलिदान और शौर्य की कहानियाँ बताती थीं।
- वे केवल उन शूरवीरों की बात करते थे, जिन्होंने हार न मानी और युद्ध में वीरता दिखाई।
6. हम जनसाधारण की तुलना में शासकों के सांस्कृतिक रीति-रिवाजों के बारे में बहुत अधिक क्यों जानते हैं?
उत्तर: हम शासकों की संस्कृति के बारे में ज्यादा जानते हैं क्योंकि:
- शासकों ने मंदिर, महल, और स्मारक बनवाए, जो उनकी संस्कृति को दर्शाते हैं।
- उनके बारे में लेखकों और कवियों ने किताबें लिखीं।
- शासक धनी थे, इसलिए वे अपनी कहानियों को कविताओं और चित्रों में सुरक्षित रख सकते थे।
- उनकी संस्कृति शक्ति और प्रतिष्ठा से जुड़ी थी, जो लोगों का ध्यान खींचती थी।
- आम लोगों की संस्कृति रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी थी, जिसे लिखने की बजाय बोलचाल में रखा जाता था।
7. विजेताओं ने पुरी स्थित जगन्नाथ के मंदिर पर नियंत्रण प्राप्त करने के प्रयत्न क्यों किए?
उत्तर: पुरी का जगन्नाथ मंदिर बहुत महत्वपूर्ण था। विजेताओं ने इस पर नियंत्रण चाहा क्योंकि:
- 12वीं शताब्दी में अनंतवर्मन ने इस मंदिर को बनवाया, और बाद में अनंगभीम तृतीय ने इसे अपना राज्य समर्पित कर दिया।
- यह मंदिर एक बड़ा तीर्थस्थल बन गया, जहाँ लाखों लोग आते थे।
- मंदिर पर नियंत्रण से विजेताओं को स्थानीय लोगों का समर्थन मिलता था।
- मुगल, मराठे, और अंग्रेजों ने भी इस मंदिर को अपने कब्जे में लेने की कोशिश की, ताकि उनकी सत्ता मजबूत हो।
8. बंगाल में मंदिर क्यों बनाए गए?
उत्तर: बंगाल में मंदिर इसलिए बनाए गए:
- लोग अपनी शक्ति और धन दिखाना चाहते थे।
- मंदिर बनवाकर वे अपनी भक्ति और प्रतिष्ठा का प्रदर्शन करते थे।
- जैसे-जैसे लोगों की आर्थिक स्थिति सुधरी, उन्होंने मंदिरों के जरिए अपनी सामाजिक स्थिति को मजबूत किया।
- ये मंदिर स्थानीय देवी-देवताओं के लिए थे, जो गाँवों में पूजे जाते थे।
आइए करके देखें
9. भवनों, प्रदर्शन कलाओं, चित्रकला के विशेष संदर्भ में अपने क्षेत्र की संस्कृति के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण लक्षणों/विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर: बिहार की संस्कृति की खास बातें:
- भवन: बिहार में पुराने मंदिर, जैसे महाबोधि मंदिर (बोधगया) और मिथिला के मंदिर, प्रसिद्ध हैं। ये मंदिर सादी लेकिन मजबूत संरचना के साथ बने हैं।
- प्रदर्शन कला: मधुबनी नृत्य और भोजपुरी लोक गीत बहुत लोकप्रिय हैं। ये गीत और नृत्य त्योहारों और शादियों में किए जाते हैं।
- चित्रकला: मधुबनी पेंटिंग बिहार की खास कला है। इसमें रंग-बिरंगे चित्र बनाए जाते हैं, जो देवी-देवताओं और प्रकृति को दर्शाते हैं।
- त्योहार: छठ पूजा और तीज जैसे त्योहारों में लोग भक्ति और उत्साह के साथ भाग लेते हैं।
- संगीत: भजन और कीर्तन गाँवों में बहुत सुनाई देते हैं।
10. क्या आप (क) बोलने, (ख) पढ़ने, (ग) लिखने के लिए भिन्न-भिन्न भाषाओं का प्रयोग करते हैं? इनमें से किसी एक भाषा की किसी प्रमुख रचना के बारे में पता लगाएँ और चर्चा करें कि आप इसे रोचक क्यों पाते हैं?
उत्तर: यह जवाब आपके अनुभव पर आधारित है। उदाहरण के लिए:
- बोलने के लिए मैं हिन्दी और मैथिली का उपयोग करता हूँ।
- पढ़ने के लिए हिन्दी और अंग्रेजी।
- लिखने के लिए हिन्दी।
प्रमुख रचना: हिन्दी की एक मशहूर रचना है “गोदान” (मुंशी प्रेमचंद द्वारा)। यह उपन्यास एक गरीब किसान की जिंदगी की कहानी है। मुझे यह रोचक लगता है क्योंकि यह गाँव के लोगों की मुश्किलों को बहुत सच्चाई से दिखाता है। यह हमें मेहनत और इमानदारी की अहमियत सिखाता है।
11. उत्तरी, पश्चिमी, दक्षिणी, पूर्वी और मध्य भारत से एक-एक राज्य चुनें। इनमें से प्रत्येक के बारे में उन भोजनों की सूची बनाएँ, जो आमतौर पर सभी के द्वारा खाए जाते हैं। आप उनमें कोई अंतर या समानताएँ पाएँ, तो उन पर प्रकाश डालें।
उत्तर:
| राज्य | भोजन |
|---|---|
| पंजाब (उत्तर) | मक्के की रोटी, सरसों का साग, छोले-भटूरे, राजमा-चावल, पराठा |
| राजस्थान (पश्चिम) | दाल-बाटी-चूरमा, गट्टे की सब्जी, केर-सांगरी |
| तमिलनाडु (दक्षिण) | इडली, डोसा, सांभर, नारियल की चटनी |
| पश्चिम बंगाल (पूर्व) | माछ-भात (मछली-चावल), आलू पोस्तो, रसमलाई |
| मध्य प्रदेश (मध्य) | पोहा, जलेबी, दाल-फरा, भुट्टे की कीस |
समानताएँ:
- सभी राज्यों में चावल या रोटी मुख्य भोजन है।
- दाल और सब्जियाँ हर जगह खाई जाती हैं।
- मिठाइयाँ, जैसे जलेबी और रसमलाई, सभी जगह पसंद की जाती हैं।
अंतर:
- पंजाब में गेहूँ (रोटी, पराठा) ज्यादा खाया जाता है, जबकि तमिलनाडु और बंगाल में चावल।
- मछली बंगाल में आम है, लेकिन राजस्थान में नहीं।
- राजस्थान का खाना सूखा और मसालेदार है, जबकि दक्षिण में नारियल का स्वाद ज्यादा है।
12. इनमें से प्रत्येक क्षेत्र से पाँच-पाँच राज्यों की एक-एक अन्य सूची बनाएँ और यह बताएँ कि प्रत्येक राज्य में महिलाओं तथा पुरुषों द्वारा आमतौर पर कौन-से वस्त्र पहने जाते हैं। अपने निष्कर्षों पर चर्चा करें।
उत्तर:
| राज्य | पुरुष | महिला |
|---|---|---|
| पंजाब (उत्तर) | कुर्ता-पायजामा, पगड़ी | सलवार-कमीज, दुपट्टा |
| राजस्थान (पश्चिम) | धोती-कुर्ता, साफा | घाघरा-चोली, ओढ़नी |
| उड़ीसा (पूर्व) | धोती, कुर्ता | साड़ी (संबलपुरी), ब्लाउज |
| तमिलनाडु (दक्षिण) | वेष्टि (धोती), शर्ट | साड़ी (कांजीवरम), ब्लाउज |
| छत्तीसगढ़ (मध्य) | कुर्ता-धोती, पैंट-शर्ट | साड़ी, ब्लाउज |
निष्कर्ष:
- पुरुषों के वस्त्र: ज्यादातर राज्यों में पुरुष धोती, कुर्ता, या पैंट-शर्ट पहनते हैं। पंजाब और राजस्थान में पगड़ी या साफा खास है।
- महिलाओं के वस्त्र: साड़ी सभी राज्यों में आम है, लेकिन हर जगह का स्टाइल अलग है, जैसे तमिलनाडु की कांजीवरम साड़ी या पंजाब की सलवार-कमीज।
- समानता: पारंपरिक वस्त्र हर जगह मौसम और संस्कृति के हिसाब से बनाए गए हैं। गर्म जगहों पर हल्के कपड़े ज्यादा हैं।
- अंतर: रंग और डिज़ाइन में बहुत अंतर है। राजस्थान में रंग-बिरंगे कपड़े हैं, जबकि उड़ीसा में सादी लेकिन सुंदर साड़ियाँ।