Bihar Board Class 7 History Chapter 2 Solutions from the new book are available here. Get written question answer of chapter 2 – राजा और उनके राज्य for free. This follows the new syllabus and book – हमारे अतीत-2 (Hamare Atit).
इस अध्याय में आप प्रारंभिक मध्यकालीन भारत के शक्तिशाली राजाओं और उनकी शासन व्यवस्थाओं के बारे में जानेंगे। यह बताएगा कि कैसे राजाओं को “महाराजाधिराज” जैसी उपाधियाँ दी जाती थीं और वे अपनी शक्ति को मंदिरों, युद्धों और भूमि अनुदान के माध्यम से बढ़ाते थे। आप चोल, चालुक्य और पाल जैसे राजवंशों के संघर्षों, स्थानीय प्रशासनिक इकाइयों जैसे “नाडू” और “सभाओं” की भूमिका, साथ ही मंदिरों के राजनीतिक और आर्थिक महत्व को समझेंगे।

Bihar Board Class 7 History Chapter 2 Solutions
Contents
| Subject | History (हमारे अतीत-2) |
| Class | 7 |
| Chapter | 2. राजा और उनके राज्य |
| Board | Bihar Board |
अध्याय के बिच से
1. मानचित्र में गुर्जर-प्रतिहार, राष्ट्रकूट, पाल, चोल और चाहमानों (चौहानों) के स्थान का निर्धारण कीजिए। क्या आप आज के उन राज्यों की पहचान कर सकते हैं, जिन पर उनका नियंत्रण था?
उत्तर:
- गुर्जर-प्रतिहार: गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश का कुछ हिस्सा।
- राष्ट्रकूट: महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश का कुछ हिस्सा।
- पाल: बंगाल, बिहार और उड़ीसा का कुछ हिस्सा।
- चोल: तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश का कुछ हिस्सा।
- चाहमान: राजस्थान और दिल्ली का कुछ हिस्सा।
छात्र मानचित्र में इन जगहों को चिह्नित करें।
2. क्या आपके विचार में उस दौर में एक शासक बनने के लिए क्षत्रिय के रूप में पैदा होना महत्त्वपूर्ण था?
उत्तर: नहीं, उस समय शासक बनने के लिए क्षत्रिय होना जरूरी नहीं था। कई राजा अलग-अलग वर्गों से आए थे। उदाहरण के लिए, राष्ट्रकूट राजा दंतीदुर्ग ने अपने चालुक्य स्वामी को हराया और ब्राह्मणों की मदद से हिरण्यगर्भ नाम का अनुष्ठान करके खुद को क्षत्रिय घोषित किया। उस समय क्षत्रिय का काम शासन करना, युद्ध करना और लोगों की रक्षा करना था, लेकिन जो लोग शक्तिशाली थे, वे भी राजा बन सकते थे।
3. प्रशासन का यह रूप आज की व्यवस्था से किन मायनों में भिन्न था।
उत्तर: उस समय का प्रशासन आज के प्रशासन से बहुत अलग था। पहले राजा का शासन होता था, जिसमें राजा और उसके सामंत सारी शक्ति रखते थे। आज हमारा प्रशासन प्रजातांत्रिक है, जहाँ लोग अपने नेता चुनते हैं। उस समय कोई भी गलत काम करता था, तो राजा या सामंत उसकी सजा तय करते थे। आज कानून सबके लिए बराबर है। पहले प्रशासनिक पद वंश से मिलते थे, लेकिन अब योग्यता और परीक्षा के आधार पर मिलते हैं।
4. इस अभिलेख में उल्लिखित इलाकों में से कुछ को मानचित्र 1 में ढूँढने की कोशिश करें। दूसरे राजाओं ने भी इसी तरह के दावे किए थे। आपके विचार से ऐसे दावे उन्होंने क्यों किए होंगे?
उत्तर: अभिलेखों में कन्नौज, कलिंग और अनरटा जैसे इलाकों का जिक्र है। राजा इन इलाकों पर दावा इसलिए करते थे ताकि वे अपनी ताकत और शक्ति दिखा सकें। ये दावे उनके साम्राज्य को बड़ा और प्रभावशाली बनाने के लिए किए जाते थे। इससे उनकी प्रसिद्धि बढ़ती थी और लोग उन्हें शक्तिशाली योद्धा मानते थे।
5. मानचित्र 1 को देखें और वे कारण बताइए, जिनके चलते ये शासक कन्नौज और गंगा घाटी के ऊपर नियंत्रण चाहते थे।
उत्तर: कन्नौज और गंगा घाटी बहुत समृद्ध इलाके थे। यहाँ की जमीन बहुत उपजाऊ थी, जिससे अच्छी फसल होती थी। गंगा नदी और उसकी सहायक नदियों से खेतों की सिंचाई आसानी से हो जाती थी। ये इलाके व्यापार के लिए भी महत्वपूर्ण थे। शासक इन इलाकों पर कब्जा करके अपनी ताकत और धन बढ़ाना चाहते थे। साथ ही, वे बड़े-बड़े मंदिर बनवाकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते थे।
6. मानचित्र 1 को दोबारा देखिए और विचार-विमर्श कीजिए कि चाहमानों ने अपने इलाके का विस्तार क्यों करना चाहा होगा?
उत्तर: चाहमान राजस्थान में थे, जो भारत के बीच में था। वे अपने साम्राज्य को पूर्व और पश्चिम की ओर बढ़ाना चाहते थे ताकि ज्यादा इलाकों पर कब्जा कर सकें। गंगा घाटी जैसे समृद्ध इलाकों को अपने नियंत्रण में लेने से उनकी ताकत और धन बढ़ता। वे अपने पड़ोसी राजवंशों से ज्यादा शक्तिशाली बनना चाहते थे।
7. क्या आपको लगता है कि महिलाएँ इन सभाओं में हिस्सेदारी करती थीं? क्या आप समझते हैं कि समितियों के सदस्यों के चुनाव के लिए लॉटरी का तरीका उपयोगी होता है?
उत्तर: उस समय की सभाओं में महिलाओं की भागीदारी का कोई सबूत नहीं मिलता। ऐसा लगता है कि केवल पुरुष ही इन सभाओं में हिस्सा लेते थे। लॉटरी का तरीका समिति के सदस्य चुनने के लिए ठीक नहीं था क्योंकि इसमें योग्यता की जगह भाग्य पर निर्भरता थी। आज के समय में चुनाव का तरीका बेहतर है, जिसमें लोग योग्य व्यक्ति को वोट देकर चुनते हैं।
8. क्या इस पुरवे में कुछ ब्राह्मण थे? जितनी तरह की गतिविधियाँ चल रही थीं, उनका वर्णन करें। आपके ख्याल से अभिलेखों में इन सबका उल्लेख क्यों नहीं किया गया है?
उत्तर: इस पुरवे में ब्राह्मण नहीं थे। यह पुलाया समुदाय का छोटा गाँव था, जिसे ब्राह्मण और वेल्लाल जैसे ऊँचे समुदायों से अलग माना जाता था। यहाँ लोग खेती-मजदूरी करते थे। बच्चे पिल्लों के साथ खेलते थे। औरतें धान कूटती थीं और गाना गाती थीं। मुर्गियाँ और कुत्ते गाँव में घूमते थे। एक औरत ने अपने बच्चे को पेड़ की छाया में सुलाया था। इन गतिविधियों का अभिलेखों में जिक्र इसलिए नहीं हुआ क्योंकि यह समुदाय ऊँचे समाज से अलग था और उनकी जिंदगी को महत्वपूर्ण नहीं माना जाता था।
कल्पना कीजिए
1. आप एक सभा के चुनाव में मौजूद हैं। जो कुछ आप देख और सुन रहे हैं उसका वर्णन कीजिए।
उत्तर: मैं एक सभा के चुनाव में हूँ। गाँव के लोग एक बड़े पेड़ के नीचे इकट्ठा हैं। कुछ लोग लकड़ी के बक्से में पर्चियाँ डाल रहे हैं, जिन पर उम्मीदवारों के नाम लिखे हैं। एक बुजुर्ग व्यक्ति पर्चियाँ निकालकर जोर-जोर से नाम पढ़ रहा है। लोग ध्यान से सुन रहे हैं। कुछ लोग खुश होकर तालियाँ बजा रहे हैं, तो कुछ चुपचाप खड़े हैं। पास में बच्चे खेल रहे हैं और औरतें आपस में बातें कर रही हैं। हवा में मिट्टी और पेड़ों की खुशबू है। सबको इंतजार है कि कौन चुना जाएगा।
फिर से याद करें
1. जोड़े बनाओ:
उत्तर:
| गुर्जर-प्रतिहार | गुजरात और राजस्थान |
| राष्ट्रकूट | पश्चिमी दक्कन |
| पाल | बंगाल |
| चोल | तमिलनाडु |
2. ‘त्रिपक्षीय संघर्ष’ में लगे तीनों पक्ष कौन-कौन से थे?
उत्तर: त्रिपक्षीय संघर्ष में शामिल थे:
(i) गुर्जर-प्रतिहार
(ii) राष्ट्रकूट
(iii) पाल
3. चोल साम्राज्य में सभा की किसी समिति का सदस्य बनने के लिए आवश्यक शर्तें क्या थीं?
उत्तर: चोल साम्राज्य में सभा की समिति का सदस्य बनने के लिए ये शर्तें थीं:
(i) व्यक्ति के पास ऐसी जमीन होनी चाहिए, जिससे कर मिलता हो।
(ii) उसके पास अपना पक्का घर होना चाहिए।
(iii) उसकी उम्र 35 से 70 साल के बीच होनी चाहिए।
(iv) उसे वेद और शास्त्रों का ज्ञान होना चाहिए।
(v) उसे ईमानदार और अच्छे चरित्र वाला होना चाहिए।
(vi) उसे प्रशासन और कानून की अच्छी समझ होनी चाहिए।
4. चाहमानों के नियंत्रण में आने वाले दो प्रमुख नगर कौन-से थे?
उत्तर: चाहमानों के नियंत्रण में दो प्रमुख नगर थे: दिल्ली और अजमेर।
आइए समझें
5. राष्ट्रकूट कैसे शक्तिशाली बने?
उत्तर: राष्ट्रकूट पहले चालुक्य राजाओं के अधीन थे। आठवीं सदी में दंतीदुर्ग नाम के राष्ट्रकूट शासक ने चालुक्यों को हराया। उसने ब्राह्मणों की मदद से हिरण्यगर्भ अनुष्ठान किया और खुद को क्षत्रिय घोषित किया। इस तरह वह शक्तिशाली राजा बना और राष्ट्रकूटों का साम्राज्य बढ़ा।
6. नए राजवंशों ने स्वीकृति हासिल करने के लिए क्या किया?
उत्तर: नए राजवंशों ने स्वीकृति पाने के लिए ये काम किए:
(i) उन्होंने ज्यादा ताकत और धन इकट्ठा करके खुद को महासामंत या महामंडलेश्वर घोषित किया।
(ii) कई बार उन्होंने अपने स्वामी से आजादी का दावा किया।
(iii) बड़े राजा उन्हें अपने अधीन सामंत के रूप में मान्यता देते थे।
7. तमिल क्षेत्र में किस तरह की सिंचाई व्यवस्था का विकास हुआ?
उत्तर: तमिल क्षेत्र में सिंचाई के लिए ये काम किए गए:
(i) बाढ़ रोकने के लिए तटबंध बनाए गए।
(ii) खेतों तक पानी पहुँचाने के लिए नहरें बनाई गईं।
(iii) कई जगहों पर साल में दो फसलें उगाई जाती थीं।
8. चोल मंदिरों के साथ कौन-कौन सी गतिविधियाँ जुड़ी हुई थीं?
उत्तर: चोल मंदिर सिर्फ पूजा की जगह नहीं थे। उनके साथ ये गतिविधियाँ जुड़ी थीं:
(i) मंदिरों के आसपास बस्तियाँ बनीं, जो शिल्प और व्यापार का केंद्र थीं।
(ii) मंदिरों को राजा और लोग जमीन दान करते थे, जिससे मंदिर अमीर हो गए।
(iii) मंदिरों में पुरोहित, मालाकार, रसोइए, संगीतकार और नर्तक जैसे लोग काम करते थे।
(iv) मंदिरों में कांस्य की मूर्तियाँ बनाई जाती थीं, जो बहुत प्रसिद्ध थीं।
आइए विचार करें
9. मानचित्र 1 को दुबारा देखें और तलाश करें कि जिस प्रांत में आप रहते हैं, उसमें कोई पुरानी राजशाहियाँ (राजाओं के राज्य) थीं या नहीं?
उत्तर: हम बिहार में रहते हैं। उस समय बिहार में पाल वंश की राजशाही थी। यह आठवीं से बारहवीं सदी तक पूर्वी भारत का एक प्रमुख साम्राज्य था। पाल वंश का क्षेत्र आज के बिहार, बंगाल और झारखंड के कुछ हिस्सों में फैला हुआ था। धर्मपाल और देवपाल जैसे राजा इस वंश के प्रसिद्ध शासक थे, जिन्होंने अपनी शक्ति और विद्वता से साम्राज्य को मजबूत किया।
10. जिस तरह के पंचायती चुनाव हम आज देखते हैं, उनसे उत्तरमेरुर के ‘चुनाव’ किस तरह से अलग थे?
उत्तर: उत्तरमेरुर के चुनाव और आज के पंचायती चुनाव में ये अंतर थे:
(i) आज के पंचायती चुनाव में सभी वयस्क वोट देते हैं, लेकिन उत्तरमेरुर में लॉटरी से सदस्य चुने जाते थे।
(ii) आज लोग योग्य उम्मीदवार को वोट देते हैं, लेकिन उत्तरमेरुर में भाग्य पर निर्भर था।
(iii) आज के चुनाव में लोग उम्मीदवारों के गुण देखकर चुनते हैं, लेकिन उत्तरमेरुर में योग्यता की परख नहीं होती थी।
आइए करके देखें
11. इस अध्याय में दिखलाए गए मंदिरों से अपने आस-पास के किसी मौजूदा मंदिर की तुलना करें और जो समानताएँ या अंतर आप देख पाते हैं, उन्हें बताएँ।
उत्तर: मैं अपने गाँव के शिव मंदिर की तुलना चोल मंदिरों से करता हूँ।
समानताएँ: दोनों मंदिरों में पूजा-आराधना होती है। दोनों के आसपास लोग इकट्ठा होते हैं और उत्सव मनाते हैं।
अंतर: चोल मंदिर बहुत बड़े और सुंदर नक्काशी वाले थे, लेकिन हमारा मंदिर छोटा और साधारण है। चोल मंदिर शिल्प और व्यापार के केंद्र थे, लेकिन हमारा मंदिर सिर्फ पूजा के लिए है।
12. आज के समय में वसूले जाने वाले करों के बारे में और जानकारी हासिल करें। क्या ये नकद के रूप में हैं, वस्तु के रूप में हैं या श्रम सेवाओं के रूप में?
उत्तर: आज के समय में कर दो प्रकार के होते हैं: प्रत्यक्ष कर (जैसे आय कर, संपत्ति कर) और अप्रत्यक्ष कर (जैसे GST, बिक्री कर)। ये सारे कर नकद, चेक या ऑनलाइन जमा किए जाते हैं। अब कर वस्तुओं या श्रम के रूप में नहीं लिए जाते, बल्कि सिर्फ पैसे में ही स्वीकार किए जाते हैं।