UP Board Class 9 Hindi Gadya Chapter 2 Solution – मंत्र

UP Board class 9 Hindi gadya chapter 2 solutions are shared here. This is an expert’s written guide that presents you with the written question answer of chapter 2 – “मंत्र” in hindi medium.

कक्षा 9 के हिंदी पाठ्यक्रम में शामिल “मंत्र” कहानी प्रसिद्ध लेखक मुंशी प्रेमचंद द्वारा रचित एक मार्मिक रचना है। यह कहानी एक चिकित्सक की संवेदनहीनता और एक गरीब वृद्ध की करुण परिस्थितियों का चित्रण करती है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे एक डॉक्टर अपने व्यक्तिगत मनोरंजन को एक बीमार बच्चे के जीवन से अधिक महत्व देता है, और बाद में उसे अपनी इस गलती का खामियाजा भुगतना पड़ता है।

UP Board Class 9 Hindi Gadya Chapter 2

UP Board Class 9 Hindi Gadya Chapter 2 Solution

SubjectHindi (गद्य)
Class9th
Chapter2. मंत्र
Authorमुंशी प्रेमचन्द
BoardUP Board

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. निम्नांकित गद्यांशों में रेखांकित अंशों की सन्दर्भ सहित व्याख्या और तथ्यपरक प्रश्नों के उत्तर दीजिये –

(क) मोटर चली गयी। बूढ़ा कई मिनट तक मूर्ति की भाँति निश्चल खड़ा रहा। संसार में ऐसे मनुष्य भी होते हैं, जो अपने आमोद-प्रमोद के आगे किसी की जान की भी परवाह नहीं करते, शायद इसका उसे अब भी विश्वास न आता था। सभ्य संसार इतना निर्मम, इतना कठोर है, इसका ऐसा मर्मभेदी अनुभव अब तक न हुआ था। वह उन पुराने जमाने के जीवों में था, जो लगी हुई आग को बुझाने, मुर्दे को कन्धो देने, किसी के छप्पर को उठाने और किसी कलह को शान्त करने के लिए सदैव तैयार रहते थे। जब तक बूढ़े को मोटर दिखायी दी, वह खड़ा टकटकी लगाये उस ओर ताकता रहा।

प्रश्न

(i) प्रस्तुत गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(iii) पुराने जमाने के जीवों का व्यवहार कैसा था?
(iv) भगत को किस बात पर विश्वास नहीं हो रहा था?
(v) भगत के अनुसार सभ्य संसार कैसा है?

उत्तर-

(i) सन्दर्भ: यह गद्यांश मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित ‘मंत्र’ कहानी से लिया गया है, जो ‘हिन्दी गद्य’ पाठ्य-पुस्तक में संकलित है। इसमें लेखक ने कर्तव्य और मानवीय संवेदनाओं के बीच के अंतर को दर्शाया है।

(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या: यह अंश बूढ़े भगत की मनोदशा को दर्शाता है। डॉ. चड्ढा द्वारा उसकी प्रार्थना को अनसुना करने के बाद, भगत आधुनिक समाज की निर्दयता से स्तब्ध है। वह इस विचार से व्यथित है कि कुछ लोग अपने मनोरंजन को दूसरों के जीवन से अधिक महत्व देते हैं। यह उसके लिए एक नया और दुखद अनुभव है, जो उसकी पुरानी मूल्य व्यवस्था के विपरीत है।

(iii) पुराने जमाने के जीवों का व्यवहार: पुराने जमाने के लोग परोपकारी, सहानुभूतिपूर्ण और समाज-केंद्रित थे। वे हमेशा दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहते थे, चाहे वह आग बुझाना हो, अंतिम संस्कार में सहायता करना हो, या समुदाय में शांति स्थापित करना हो।

(iv) भगत का अविश्वास: भगत को यह विश्वास नहीं हो रहा था कि कोई व्यक्ति अपने मनोरंजन को किसी दूसरे के जीवन से अधिक महत्व दे सकता है। यह उसकी सरल और परोपकारी प्रकृति के विपरीत था।

(v) सभ्य संसार का स्वरूप: भगत के अनुसार, तथाकथित सभ्य संसार निर्मम और कठोर है। यह उसके लिए एक चौंकाने वाला खुलासा है, जो उसके पारंपरिक मूल्यों और विश्वासों के विपरीत है।

(ख) ‘अरे मूर्ख, यह क्यों नहीं कहता कि जो कुछ न होना था, हो चुका । जो कुछ होना था वह कहाँ हुआ? माँ-बाप ने बेटे का सेहरा कहाँ देखा? मृणालिनी का कामना-तरु क्या पल्लव और पुष्प से रंजित हो उठा? मन के वह स्वर्ण-स्वप्न जिनसे जीवन आनन्द का स्रोत बना हुआ था, क्या पूरे हो गये? जीवन के नृत्यमय तारिका-मण्डित सागर में आमोद की बहार लूटते हुए क्या उसकी नौका जलमग्न नहीं हो गयी? जो न होना था, वह हो गया!’

प्रश्न

(i) प्रस्तुत गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(iii) माँ-बाप ने क्या नहीं देखा?
(iv) ‘नौका जलयान होना’ का क्या अर्थ है?
(v) मृणालिनी का कामना तरु क्या था?

उत्तर-

(i) संदर्भ: यह गद्यांश मुंशी प्रेमचंद की ‘मंत्र’ कहानी से लिया गया है। यह उस क्षण का वर्णन करता है जब कैलाश की सर्पदंश से मृत्यु हो जाती है, और एक व्यक्ति इस दुखद घटना पर प्रतिक्रिया देता है।

(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या: यह अंश कैलाश की असामयिक मृत्यु के दुष्परिणामों को दर्शाता है। यह बताता है कि कैलाश के जीवन में जो होना था, वह नहीं हुआ – उसके माता-पिता उसकी शादी नहीं देख पाए, मृणालिनी के स्वप्न अधूरे रह गए, और जीवन के आनंद के सभी सपने टूट गए। यह युवा जीवन की अपूर्णता और अकाल मृत्यु की त्रासदी को प्रकट करता है।

(iii) माँ-बाप ने क्या नहीं देखा? माँ-बाप ने अपने बेटे कैलाश के सिर पर सेहरा (विवाह की पगड़ी) नहीं देखा, अर्थात वे उसकी शादी नहीं देख पाए।

(iv) ‘नौका जलमग्न होना’ का अर्थ: यह एक रूपक है जो जीवन के सपनों और आशाओं के नष्ट होने को दर्शाता है। जैसे नाव के डूबने से यात्रा अधूरी रह जाती है, वैसे ही कैलाश की मृत्यु से उसके और उसके परिवार के सभी सपने और योजनाएँ अधूरी रह गईं।

(v) मृणालिनी का कामना तरु: मृणालिनी का कामना तरु (इच्छा का वृक्ष) उसके वैवाहिक जीवन का स्वप्न था। यह उसकी कैलाश के साथ एक खुशहाल जीवन की आकांक्षा को दर्शाता है, जो अब उसकी मृत्यु के कारण पूरा नहीं हो सकेगा।

(ग) वही हरा-भरा मैदान था, वही सुनहरी चाँदनी एक नि:शब्द संगीत की भाँति प्रकृति पर छायी हुई थी, वही मित्र-समाज था। वही मनोरंजन के सामान थे। मगर जहाँ हास्य की ध्वनि थी, वहाँ अब करुण-क्रन्दन और अश्रु-प्रवाह था।

प्रश्न

(i) उपर्युक्त गद्यखण्ड का संदर्भ लिखिए।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(iii) प्रकृति पर क्या छायी हुई थी?

उत्तर-

(i) संदर्भ: यह गद्यांश मुंशी प्रेमचंद की ‘मंत्र’ कहानी से लिया गया है। यह अंश कैलाश के जन्मदिन समारोह और उसकी अचानक मृत्यु के बीच के विरोधाभास को दर्शाता है।

(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या: यह वाक्य कैलाश की मृत्यु के बाद की स्थिति का वर्णन करता है। जहाँ पहले जन्मदिन समारोह में हँसी और खुशी का माहौल था, वहाँ अब दुख और शोक का वातावरण है। यह परिवर्तन जीवन की क्षणभंगुरता और परिस्थितियों के अचानक बदलाव को दर्शाता है। “करुण-क्रंदन” शोक की आवाज़ को और “अश्रु-प्रवाह” आँसुओं के बहने को संदर्भित करता है, जो खुशी के स्थान पर आ गए हैं।

(iii) प्रकृति पर क्या छायी हुई थी? प्रकृति पर सुनहरी चाँदनी छायी हुई थी, जिसे लेखक ने एक नि:शब्द संगीत के समान वर्णित किया है। यह वर्णन प्राकृतिक सौंदर्य और मानवीय त्रासदी के बीच के विरोधाभास को दर्शाता है। चाँदनी की शांति और सौंदर्य, मानवीय दुख के साथ विपरीत रूप में प्रस्तुत किया गया है।

(घ) वह एक जड़ी कैलाश को सुंघा देता । इस तरह न जाने कितने घड़े पानी कैलाश के सिर पर डाले गये और न जाने कितनी बार भगत ने मन्त्र फेंका। आखिर जब ऊषा ने अपनी लाल-लाल आँखें खोलीं, तो कैलाश की भी लाल-लाल आँखें खुल गयीं। एक क्षण में उसने अँगड़ाई ली और पानी पीने को माँगा। डॉक्टर चड्डा ने दौड़कर नारायणी को गले लगा लिया। नारायणी दौड़कर भगत के पैरों पर गिर पड़ी और मृणालिनी कैलाश के सामने आँखों में आँसू भरे पूछने लगी-‘अब कैसी तबीयत है?’

प्रश्न

(i) उपर्युक्त गद्यांश का संदर्भ लिखिए।
(ii) रेखांकित अंशों की व्याख्या कीजिए।
(iii) आँखें खुलते ही अँगड़ाई लेते हुए कैलाश ने क्या माँगा?

उत्तर-

(i) संदर्भ: यह गद्यांश मुंशी प्रेमचंद की ‘मंत्र’ कहानी से लिया गया है। यह अंश कैलाश के जीवन में वापस लौटने की क्षण का वर्णन करता है, जो भगत के प्रयासों और मंत्र के प्रभाव को दर्शाता है।

(ii) रेखांकित अंशों की व्याख्या: इस अंश में कैलाश के होश में आने का दृश्य वर्णित है। जैसे ही सुबह की पहली किरणें (उषा) दिखाई दीं, कैलाश ने अपनी आँखें खोलीं। यह समानांतर वर्णन नए दिन के साथ नए जीवन का प्रतीक है। कैलाश का जागना सभी के लिए राहत और खुशी का क्षण है। डॉ. चड्ढा का नारायणी को गले लगाना, नारायणी का भगत के पैरों पर गिरना, और मृणालिनी का भावुक प्रश्न – ये सभी क्रियाएँ उस क्षण की भावनात्मक गहनता को दर्शाती हैं।

(iii) कैलाश की पहली माँग: आँखें खुलते ही और अँगड़ाई लेने के बाद कैलाश ने पानी माँगा। यह मांग उसके जीवन में लौटने का प्रथम संकेत है। पानी जीवन का प्रतीक है, और इसकी मांग कैलाश के जीवन शक्ति के पुनः जागृत होने को दर्शाती है।

(ङ) चड्रा – रात को मैंने नहीं पहचाना, पर जरा साफ हो जाने पर पहचान गया। एक बार यह एक मरीज को लेकर आया था। मुझे अब याद आता है कि मैं खेलने जा रहा था और मरीज को देखने से इनकार कर दिया था। आज उस दिन की बात याद करके मुझे जितनी ग्लानि हो रही है, उसे प्रकट नहीं कर सकता। मैं उसे खोज निकालूंगा और पैरों पर गिरकर अपना अपराध क्षमा कराऊँगा । वह कुछ लेगा नहीं, यह जानता हूँ, उसका जन्म यश की वर्षा करने ही के लिए हुआ है। उसकी सज्जनता ने मुझे ऐसा आदर्श दिखा दिया है, जो अबे से जीवन-पर्यन्त मेरे सामने रहेगा।

प्रश्न

(i) उपर्युक्त गद्यांश का संदर्भ लिखिए।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(iii) ग्लानि किसको हो रही थी?
(iv) डॉ० चड्ढा किस आदर्श पर जीवन भर चलने का संकल्प लेते हैं?
(v) प्रस्तुत पंक्तियों में भगत की किस-चारित्रिक विशेषता का पता चलता है?

उत्तर-

(i) संदर्भ: यह गद्यांश मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘मंत्र’ से लिया गया है। इसमें लेखक ने दिखाया है कि कैसे एक डॉक्टर अपनी पुरानी गलती का एहसास करके पछतावा महसूस करता है।

(ii) व्याख्या: डॉक्टर चड्ढा को याद आता है कि उन्होंने एक बार एक मरीज को देखने से इनकार कर दिया था। अब वे अपनी गलती सुधारना चाहते हैं और उस व्यक्ति से माफी मांगना चाहते हैं। वे समझते हैं कि वह व्यक्ति बहुत दयालु है और दूसरों की मदद करने के लिए ही जीता है।

(iii) ग्लानि डॉक्टर चड्ढा को हो रही थी। वे अपने पुराने व्यवहार पर शर्मिंदा थे और अपनी गलती सुधारना चाहते थे।

(iv) डॉ० चड्ढा भगत की सज्जनता और निःस्वार्थ सेवा के आदर्श पर जीवन भर चलने का संकल्प लेते हैं। उन्होंने भगत से एक महत्वपूर्ण जीवन पाठ सीखा है।

(v) इन पंक्तियों में भगत की दयालुता, सेवा भावना और क्षमाशीलता की विशेषताएँ दिखाई देती हैं। वह बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की मदद करता है।

प्रश्न 2. मुंशी प्रेमचन्द के जीवन-परिचय एवं भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।

उत्तर- मुंशी प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के निकट लमही गाँव में हुआ था। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था, लेकिन साहित्य जगत में वे मुंशी प्रेमचंद के नाम से प्रसिद्ध हुए। उनके पिता का नाम अजायब राय था, जो एक साधारण डाकघर कर्मचारी थे, और उनकी माता का नाम आनंदी देवी था। प्रेमचंद का बचपन गरीबी में बीता और जीवन में उन्हें कई संघर्षों का सामना करना पड़ा। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गाँव में हुई, फिर उन्होंने वाराणसी से शिक्षा प्राप्त की। प्रेमचंद ने बाल्यावस्था में ही अपने माता-पिता को खो दिया, जिससे उन्हें जीवन की कठिनाइयों का अनुभव बहुत कम उम्र में ही हो गया।

प्रश्न 3. मुंशी प्रेमचन्द के जीवन एवं साहित्यिक परिचय का उल्लेख कीजिए।
अथवा, मुंशी प्रेमचन्द की जीवनी एवं साहित्यिक सेवाएँ स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- मुंशी प्रेमचंद को हिंदी और उर्दू साहित्य का महान लेखक माना जाता है। उनका साहित्य समाज के वास्तविक चित्रण पर आधारित था, जिसमें उन्होंने ग्रामीण जीवन, गरीबों की समस्याओं, सामाजिक अन्याय और शोषण पर गहन विचार किए। उन्होंने अपने साहित्य के माध्यम से समाज में सुधार और जागरूकता फैलाने का कार्य किया।

प्रेमचंद ने लगभग 300 कहानियाँ, 15 उपन्यास और कई नाटक लिखे। उनके साहित्य में किसानों, मजदूरों और महिलाओं की समस्याओं का मार्मिक चित्रण मिलता है। उन्होंने हिंदी साहित्य में यथार्थवाद (रियलिज्म) की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने समाज की वास्तविक स्थितियों को प्रस्तुत किया। प्रेमचंद ने अंग्रेजी शासन और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अपनी लेखनी से आवाज उठाई।

प्रश्न 4. मुंशी प्रेमचन्द के जीवन-परिचय एवं कृतियों का उल्लेख कीजिए। अथवा मुंशी प्रेमचन्द जी का साहित्यिक परिचय दीजिए तथा उनकी प्रमुख रचनाओं (कृतियों) का उल्लेख कीजिए।

उत्तर- मुंशी प्रेमचंद की भाषा बहुत ही सरल, सहज और प्रभावी थी। उन्होंने आम बोलचाल की भाषा का उपयोग किया, ताकि उनके साहित्य को हर वर्ग के लोग आसानी से समझ सकें। उनकी लेखन शैली में सजीव चित्रण, संवेदनशीलता और समाज की गहरी समझ थी। वे अपनी रचनाओं में पात्रों के माध्यम से समाज के कमजोर और शोषित वर्ग की पीड़ा को व्यक्त करते थे। प्रेमचंद की शैली में एक खास बात थी कि वे अपनी कहानियों और उपन्यासों के माध्यम से समाज के बड़े मुद्दों को सरल भाषा में व्यक्त करते थे।

प्रमुख कृतियाँ:

  1. गोदान: यह प्रेमचंद का सबसे प्रसिद्ध उपन्यास है, जिसमें भारतीय किसान जीवन और उनकी कठिनाइयों का वर्णन है।
  2. गबन: इस उपन्यास में लालच और सामाजिक बुराइयों का चित्रण है।
  3. निर्मला: यह उपन्यास समाज में स्त्रियों की दुर्दशा और विवाह व्यवस्था की कुरीतियों पर आधारित है।
  4. कफन: यह एक प्रसिद्ध कहानी है, जिसमें गरीबी और भूख की विभीषिका को मार्मिक रूप से दर्शाया गया है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. क्या ‘मंत्र’ एक मर्मस्पर्शी कहानी है और क्यों?

उत्तर- ‘मंत्र’ निःसंदेह एक मर्मस्पर्शी कहानी है। यह मानवीय संवेदनाओं, क्षमा और करुणा के महत्व को दर्शाती है। भगत का अपने बेटे की मृत्यु के बावजूद डॉ. चड्ढा के बेटे को बचाना, दया और उदारता का प्रतीक है। कहानी दर्शाती है कि प्रतिशोध से बेहतर है क्षमा, जो मानवता की सच्ची परीक्षा है।

प्रश्न 2. “भगवान् बड़ा कारसाज है।” इस वाक्य का भाव स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- यह वाक्य ईश्वर की अनंत शक्ति और उसकी अगम्य लीला को दर्शाता है। यह बताता है कि जीवन में घटने वाली हर घटना का कोई न कोई कारण होता है, जो हमारी समझ से परे हो सकता है। यह हमें विनम्रता सिखाता है और याद दिलाता है कि हम अपने जीवन के सभी पहलुओं को नियंत्रित नहीं कर सकते।

प्रश्न 3. अंततः भगत डॉ० चड्ढा के पुत्र को बचाने क्यों चला गया?

उत्तर- भगत डॉ. चड्ढा के पुत्र को बचाने गया क्योंकि उसमें मानवता और करुणा की भावना थी। उसने अपने दुःख को भुलाकर दूसरे की मदद करने का निर्णय लिया। यह उसकी महानता दर्शाता है कि वह बदले की भावना से ऊपर उठ गया और एक निर्दोष बच्चे की जान बचाने के लिए आगे आया।

प्रश्न 4. डॉ० चड्ढा के सामने भगत ने अपनी पगड़ी उतार कर क्यों रख दी?

उत्तर- भगत ने अपनी पगड़ी उतारकर डॉ. चड्ढा के सामने रखी, जो एक विनम्र याचना का प्रतीक था। यह कार्य उसकी निराशा, विवशता और अपने बेटे को बचाने की तीव्र इच्छा को दर्शाता है। पगड़ी उतारना एक प्रकार से अपने अहंकार को त्यागने और पूर्ण समर्पण का प्रतीक है।

प्रश्न 5. कैलाश को सर्प ने क्यों काट लिया था?

उत्तर- कैलाश ने अनजाने में सर्प की गर्दन को दबा दिया था, जिससे सर्प आक्रामक हो गया। जब उसने गर्दन ढीली की, तो सर्प ने उसे काट लिया। यह घटना दर्शाती है कि प्रकृति के साथ सावधानी से व्यवहार करना चाहिए और जानवरों को उकसाने से बचना चाहिए।

प्रश्न 6. ‘मंत्र’ कहानी का सन्देश अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर- ‘मंत्र’ कहानी का संदेश है कि मानवता सबसे बड़ा धर्म है। यह सिखाती है कि क्षमा और करुणा व्यक्तिगत पीड़ा से ऊपर हैं। कहानी दर्शाती है कि सामाजिक भेदभाव और बदले की भावना त्यागकर, हमें एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए। यह हमें याद दिलाती है कि सच्चा मानवतावाद वर्ग या स्थिति से परे होता है।

प्रश्न 7. नारायणी ने भगत के लिए क्या सोचा था?

उत्तर- नारायणी ने भगत के लिए सोचा था कि वह उसे कोई बड़ी रकम देगी। यह सोच उसकी दयालुता और कृतज्ञता को दर्शाती है। वह भगत की सेवा का मूल्य समझती थी और उसे उचित रूप से पुरस्कृत करना चाहती थी। यह भी दर्शाता है कि वह भगत की आर्थिक स्थिति से परिचित थी और उसकी मदद करना चाहती थी।

प्रश्न 8. कैलाश के जन्म-दिवस की तैयारियों को अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर- कैलाश के बीसवें जन्मदिन की तैयारियाँ भव्य थीं। हरी घास पर कुर्सियाँ सजाई गई थीं, जो एक प्राकृतिक और आकर्षक माहौल बना रही थीं। शहर के प्रतिष्ठित लोग आमंत्रित थे, जो समारोह की महत्ता को दर्शाता है। बिजली की रोशनी से पूरा मैदान जगमगा रहा था, जो उत्सव का माहौल बना रहा था। मनोरंजन के विविध साधन भी उपलब्ध थे, जो समारोह को रोचक बनाने के लिए थे।

प्रश्न 9. डॉ० चड्ढा और बूढ़े से सम्बन्धित दस वाक्य लिखिए।

उत्तर- डॉ. चड्ढा सफल और अनुशासित व्यक्ति थे, जिन्होंने यश और धन के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा। वे अपने समय के पाबंद थे और उपचार में कुशल थे। दूसरी ओर, बूढ़ा भगत विनम्र और दयालु था, जो अपने पुत्र की मृत्यु के बाद भी धैर्यवान रहा। भगत में बदले की भावना नहीं थी, बल्कि वह दूसरों की मदद करने को तत्पर रहता था।

प्रश्न 10. इस पाठ से आपको क्या शिक्षा मिलती है?

उत्तर- यह पाठ हमें सिखाता है कि मानवता सबसे बड़ा धर्म है। हमें दूसरों के सुख-दुःख में समान रूप से भागीदार होना चाहिए। यह क्षमा और करुणा के महत्व को दर्शाता है, जो व्यक्तिगत पीड़ा और बदले की भावना से ऊपर हैं। पाठ यह भी सिखाता है कि सामाजिक भेदभाव से ऊपर उठकर, हमें एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. ‘भगवान् बड़ा कारसाज है।’ यह वाक्य कहानी में कितनी बार आया है?

उत्तर- यह वाक्य कहानी में दो बार आया है, जो इसके महत्व और कहानी के केंद्रीय विचार को रेखांकित करता है।

प्रश्न 2. निम्नलिखित में से सही वाक्य के सम्मुख सही (√) का चिह्न लगाइए

उत्तर-

(अ) भगत कठोर हृदय का व्यक्ति नहीं था। (√)
(ब) कैलाश नारायणी का पुत्र था। (√)
(स) बुढ़िया ने भगत को दूसरी बार डॉ० चड्ढा के यहाँ भेजा था। (×)
(द) अंततः कैलाश की मृत्यु हो गयी थी। (×)

प्रश्न 3. मुंशी प्रेमचन्द का जन्म एवं मृत्यु सन् बताइए।

उत्तर- मुंशी प्रेमचन्द का जन्म 31 जुलाई 1880 को और मृत्यु 8 अक्टूबर 1936 को हुई।

प्रश्न 4. मुंशी प्रेमचन्द किस युग के लेखक हैं?

उत्तर- मुंशी प्रेमचन्द छायावादोत्तर युग या प्रेमचंद युग के प्रमुख लेखक हैं, जो हिंदी साहित्य के स्वर्ण युग के रूप में जाना जाता है।

प्रश्न 5. कैलाश और मृणालिनी कौन थे?

उत्तर- कैलाश डॉ. चड्ढा का बेटा था, जबकि मृणालिनी उसकी सहपाठी थी। दोनों कहानी में महत्वपूर्ण पात्र हैं।

प्रश्न 6. ‘हंस’ पत्रिका के संस्थापक कौन थे?

उत्तर- हंस’ पत्रिका के संस्थापक मुंशी प्रेमचन्द थे, जिन्होंने 1930 में इसकी शुरुआत की थी।

व्याकरण-बोध

1 . निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ बताकर वाक्य-प्रयोग कीजिए –

आँखें ठण्डी होना, चैन की नींद सोना, किस्मत ठोंकना, कलेजा ठण्डा होना, हाथ से चला जाना, सूरत आँखों में फिरना।

उत्तर-

आँखें ठण्डी होना (अर्थ: मृत्यु होना या बेहोश होना)
वाक्य: गंभीर दुर्घटना में घायल होने के बाद, डॉक्टरों की कोशिशों के बावजूद मरीज की आँखें ठण्डी हो गईं।

चैन की नींद सोना (अर्थ: निश्चिंत होकर सोना)
वाक्य: लंबे समय से चली आ रही समस्या का समाधान होने के बाद, वह पहली बार चैन की नींद सोया।

किस्मत ठोंकना (अर्थ: भाग्य को कोसना)
वाक्य: नौकरी न मिलने पर उसने अपनी किस्मत ठोंकी, लेकिन फिर से प्रयास करने का निश्चय किया।

कलेजा ठण्डा होना (अर्थ: संतोष या शांति मिलना)
वाक्य: बेटे के सकुशल लौटने की खबर सुनकर माँ का कलेजा ठण्डा हो गया।

हाथ से चला जाना (अर्थ: नियंत्रण से बाहर हो जाना)
वाक्य: लापरवाही के कारण कंपनी का बड़ा ग्राहक हाथ से चला गया, जिससे व्यापार को भारी नुकसान हुआ।

सूरत आँखों में फिरना (अर्थ: किसी की याद आना)
वाक्य: दूर रहने वाले माता-पिता की सूरत अक्सर मेरी आँखों में फिरती रहती है, जो मुझे उनसे मिलने के लिए प्रेरित करती है।

2 . निम्नलिखित शब्दों को सन्धि-विच्छेद करते हुए सन्धि का नाम लिखिए

पल्लव, विद्यालय, सज्जन, औषधालय, निश्चल, निःस्वार्थ

उत्तर-

  • पल्लव – पत् + लव – व्यंजन सन्धि
  • विद्यालय – विद्या + आलय – दीर्घ सन्धि
  • सज्जन – सद् + जन – व्यंजन संधि
  • औषधालय – औषध + आलय – दीर्घ सन्धि
  • निश्चल – निः + चल – विसर्ग सन्धि
  • नि:स्वार्थ – निः + स्वार्थ – विसर्ग सन्धि

3 . निम्नलिखित शब्दों में उपसर्ग बताइए –

उपदेशक, निर्दयी, निवारण, आमोद, प्रतिघात।

उत्तर- उप, निर, नि, आ, प्रति ।

4 . निम्नलिखित समस्त पदों में समास-विग्रह कीजिए और समास का नाम लिखिए

महाशय, कामना-तरु, सावन-भादौ, जीवनदान, जलमग्न, आत्मरक्षा, मित्र-समाज।

उत्तर-

समस्त पदसमास-विग्रहसमास का नाम
महाशयमहान् है आशय जिसकाबहुब्रीहि समास
कामना-तरुकामना रूपी तरुकर्मधारय समास
सावन-भादौसावन और भादौद्वन्द्व समास
जीवनदानजीवन के लिए दानसम्प्रदान तत्पुरुष
जलमग्नजल में मग्नअधिकरण तत्पुरुष
आत्मरक्षाआत्मा की रक्षासम्बन्ध तत्पुरुष
मित्र-समाजमित्रों का समाजसम्बन्ध तत्पुरुष
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