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बिहार बोर्ड की कक्षा 9 अर्थशास्त्र की पुस्तक का पांचवां अध्याय “कृषि, खाद्य सुरक्षा एवं गुणवत्ता” कृषि क्षेत्र के महत्व और खाद्य सुरक्षा के मुद्दों पर प्रकाश डालता है। यह अध्याय बताता है कि किस प्रकार कृषि देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है और खाद्य सुरक्षा को कैसे सुनिश्चित किया जाता है।

Bihar Board Class 9 Economics Chapter 5 Solutions
Contents
Subject | Economics |
Class | 9th |
Chapter | 5. कृषि, खाद्यान सुरक्षा एवं गुणवत्ता |
Board | Bihar Board |
Bihar Board class 9 Economics chapter 5 – वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1. बिहारवासियों के जीवन निर्वाह का मुख्य साधन है ?
(क) उद्योग
(ख) व्यापार
(ग) कृषि
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (ग) कृषि
प्रश्न 2. राज्य में सर्वाधिक महत्वपूर्ण सिंचाई साधन हैं ?
(क) कुएँ एवं नलकूप
(ख) नहरें
(ग) तालाब
(घ) नदी
उत्तर- (क) कुएँ एवं नलकूप
प्रश्न 3. बाढ़ से राज्य में बर्बादी होती है ?
(क) फसल की
(ख) मनुष्य एवं मवेशी की
(ग) आवास की
(घ) इन सभी की
उत्तर- (घ) इन सभी की
प्रश्न 4. अकाल से राज्य में बर्बादी होती है ?
(क) खाद्यान्न फसल
(ख) मनुष्य एवं मवेशी की
(ग) उद्योग
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (क) खाद्यान्न फसल
प्रश्न 5. शीतकालीन कृषि किसे कहा जाता है ?
(क) भदई
(ख) खरीफ या अगहनी
(ग) रबी
(घ) ग़रमा
उत्तर- (ख) खरीफ या अगहनी
प्रश्न 6. सन् 1943 ई0 में भारत के किस प्रांत में भयानक अकाल पड़ा?
(क) बिहार
(ख) राजस्थान
(ग) बंगाल
(घ) उड़ीसा
उत्तर- (ग) बंगाल
प्रश्न 7. विगत वर्षों के अंतर्गत भारत की राष्ट्रीय आय में कृषि का योगदान?
(क) बढ़ा है
(ख) घटा है
(ग) स्थिर है
(घ) बढ़ता-घटता है
उत्तर- (ख) घटा है
प्रश्न 8. निर्धनों में भी निर्धन लोगों के लिए कौन सा कार्ड उपयोगी है ?
(क) बी० पी० एल० कार्ड
(ख) अंत्योदय कार्ड
(ग) ए० पी० एल० कार्ड
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (ख) अंत्योदय कार्ड
प्रश्न 9. निम्नलिखित में कौन खाद्यान्न के स्रोत हैं ?
(क) गहन खेती नीति
(ख)आयात नीति
(ग) भंडारण नीति
(घ) इनमें सभी
उत्तर- (घ) इनमें सभी
प्रश्न 10. गैर सरकारी संगठन के रूप में बिहार में कौन-सा डेयरी प्रोजेक्ट कार्य कर रहा है ?
(क) पटना डेयरी
(ख) मदर डेयरी
(ग) अमूल डेयरी
(घ) इनमें कोई नहीं
उत्तर- (क) पटना डेयरी
रिक्त स्थान की पूर्ति करें
- बिहार राज्य में कृषि बहुसंख्यक जनसंख्या के आजीविका का
साधन है। - बिहार में कृषि की उत्पादकता. निम्न है।
- बिहार की कृषि के लिए सिंचाई अत्यधिक महत्व रखती है।
- राज्य में बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र काफी अधिक. है। .
- बफर स्टॉक का निर्माण सरकार करती है।
- निर्धनता रेखा से नीचे के लोगों के लिए बी० पी० एल० कार्ड है।
- भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि है।
- औद्योगिक श्रमिक की दैनिक आवश्यकता 3600 कलोरी
- दिल्ली में मदर डेयरी कार्य करती है।
- हरित क्रांति मेक्सिको से प्रभावित होकर भारत में लागू की गयी।
Bihar Board class 9 Economics chapter 5 – लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. बिहार की कृषि के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए चार उपाए बताएँ।
उत्तर- बिहार की कृषि के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए चार महत्वपूर्ण उपाय हैं: –
(1) सिंचाई सुविधाओं का विस्तार और आधुनिकीकरण,
(2) उन्नत बीजों और आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रयोग,
(3) कृषि क्षेत्र में संस्थागत वित्त की उपलब्धता बढ़ाना, और
(4) कृषि शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का विस्तार। इन उपायों से कृषि उत्पादकता बढ़ेगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
प्रश्न 2. खाद्य फसल एवं नकदी फसल में अंतर बताएँ।।
उत्तर- खाद्य फसलें वे हैं जो मुख्य रूप से मानव उपभोग के लिए उगाई जाती हैं, जैसे गेहूँ, चावल और दालें। नकदी फसलें वे हैं जो मुख्य रूप से बाजार में बेचने के लिए उगाई जाती हैं, जैसे कपास, गन्ना और तंबाकू। खाद्य फसलें आत्मनिर्भरता के लिए महत्वपूर्ण हैं, जबकि नकदी फसलें किसानों की आय बढ़ाने में मदद करती हैं।
प्रश्न 3. कौन लोग खाद्य असुरक्षा से अधिक ग्रस्त हो सकते हैं ?
उत्तर- खाद्य असुरक्षा से अधिक ग्रस्त लोगों में शामिल हैं: ग्रामीण क्षेत्रों में भूमिहीन किसान और खेतिहर मजदूर, शहरी क्षेत्रों में अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिक जैसे रिक्शा चालक और दैनिक मजदूर, सामाजिक रूप से वंचित समूह, और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोग। इन समूहों के पास अक्सर पर्याप्त आय या संसाधन नहीं होते, जो उन्हें खाद्य असुरक्षा के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है।
प्रश्न 4. क्या आप मानते हैं कि हरित क्रांति ने भारत को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बना दिया है । केसे ?
उत्तर- हाँ, हरित क्रांति ने भारत को खाद्यान्न में काफी हद तक आत्मनिर्भर बना दिया है। यह उच्च उपज वाले बीजों, उन्नत सिंचाई तकनीकों, रासायनिक उर्वरकों और कृषि मशीनीकरण के व्यापक उपयोग के माध्यम से संभव हुआ। इन नवाचारों ने कृषि उत्पादकता में भारी वृद्धि की, विशेष रूप से गेहूं और चावल जैसी प्रमुख फसलों में। हालाँकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आत्मनिर्भरता बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास और नवाचार आवश्यक हैं।
प्रश्न 5. सरकार बफर स्टॉक क्यों बनाती है ?
उत्तर- सरकार बफर स्टॉक इन कारणों से बनाती है: (1) खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, (2) आपात स्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान खाद्यान्न की आपूर्ति बनाए रखने के लिए, (3) बाजार में कीमतों को स्थिर रखने के लिए, और (4) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से गरीबों को सस्ता अनाज उपलब्ध कराने के लिए। बफर स्टॉक देश की खाद्य सुरक्षा रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
प्रश्न 6. सार्वजनिक वितरण प्रणाली से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) एक सरकारी कार्यक्रम है जो गरीब और कमजोर वर्गों को सस्ते दामों पर खाद्यान्न और अन्य आवश्यक वस्तुएँ उपलब्ध कराता है। इसके तहत, सरकार किसानों से अनाज खरीदती है और इसे उचित मूल्य की दुकानों (राशन की दुकानों) के माध्यम से वितरित करती है। यह प्रणाली खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और गरीबी कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
प्रश्न 7. राशन कार्ड कितने प्रकार के होते हैं : चर्चा करें।
उत्तर- राशन कार्ड मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं:-
(1) अंत्योदय कार्ड, जो सबसे गरीब परिवारों के लिए है,
(2) BPL कार्ड (गरीबी रेखा से नीचे), जो गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के लिए है, और
(3) APL कार्ड (गरीबी रेखा से ऊपर), जो अन्य परिवारों के लिए है। प्रत्येक कार्ड धारक को अलग-अलग मात्रा और कीमत पर खाद्यान्न मिलता है। यह वर्गीकरण सुनिश्चित करता है कि सबसे जरूरतमंद लोगों को अधिक लाभ मिले।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. बिहार की अर्थव्यवस्था में कृषि की भूमिका की विवेचना करें।
उत्तर- बिहार की अर्थव्यवस्था में कृषि की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। राज्य की लगभग 80% जनसंख्या गाँवों में रहती है और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। कृषि खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित करती है, जिसमें धान, गेहूँ और मकई प्रमुख फसलें हैं। यह उद्योगों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति भी करती है और सरकार को कर राजस्व प्रदान करती है। कृषि रोजगार का एक प्रमुख स्रोत है और फलों जैसे आम और लीची का निर्यात विदेशी मुद्रा अर्जित करने में मदद करता है।
प्रश्न 2. बिहार की खाद्यान्न फसलों एवं उनके प्रकार की विस्तार से चर्चा करें।
उत्तर- बिहार में चार प्रमुख प्रकार की खाद्यान्न फसलें उगाई जाती हैं। भदई या शरद कालीन फसलें (जैसे मक्का, ज्वार) मई-जून में बोई जाती हैं और अगस्त-सितंबर में कटाई होती है। खरीफ या अगहनी फसलें, मुख्यतः धान, जून में बोई जाती हैं और दिसंबर में काटी जाती हैं। रबी या बसंत कालीन फसलों में गेहूँ, दलहन और तिलहन शामिल हैं, जो राज्य के एक-तिहाई क्षेत्र में उगाई जाती हैं। गरमा या ग्रीष्मकालीन फसलों में सिंचित क्षेत्रों में हरी सब्जियाँ और विशेष प्रकार के धान और मक्का शामिल हैं।
प्रश्न 3. जब कोई आपदा आती हैं तो खाद्य पूर्ति पर क्या प्रभाव होता है ? चर्चा करें।
उत्तर- आपदाएँ जैसे सूखा, भूकंप, बाढ़ या सुनामी खाद्य पूर्ति पर गंभीर प्रभाव डालती हैं। फसलों की बर्बादी से खाद्यान्न की कमी हो जाती है, जिससे कीमतें बढ़ जाती हैं। इससे सामान्य जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ता है और कुछ लोग पर्याप्त भोजन खरीदने में असमर्थ हो जाते हैं। यदि आपदा लंबे समय तक रहती है या बड़े क्षेत्र को प्रभावित करती है, तो यह भुखमरी और अकाल की स्थिति पैदा कर सकती है। इसलिए, प्रभावी खाद्य सुरक्षा प्रणाली आवश्यक है ताकि आपदाओं के दौरान भी लोगों को पर्याप्त भोजन मिल सके।
प्रश्न 4. गरीबों को खाद्य सुरक्षा देने के लिए सरकार ने क्या किया? सरकार की ओर से शुरू की गई किन्हीं दो योजनाओं की चर्चा कीजिए।
उत्तर- सरकार ने गरीबों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए दो प्रमुख योजनाएँ शुरू की हैं। पहली है सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS), जो 1997 में शुरू की गई। इसके तहत, राशन कार्ड धारक परिवार सस्ती दरों पर निर्धारित मात्रा में अनाज, तेल और चीनी खरीद सकते हैं। दूसरी योजना है अंत्योदय अन्न योजना, जो 2000 में शुरू की गई। यह गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को अत्यंत कम दरों पर गेहूँ और चावल प्रदान करती है। 2004 में इस योजना का विस्तार किया गया, जिससे लाभार्थी परिवारों की संख्या बढ़कर 2 करोड़ हो गई।
प्रश्न 5. खाद्य और संबंधित वस्तुओं को उपलब्ध कराने में गैर सरकारी संगठन की भूमिका पर एक टिप्पणी लिखें।
उत्तर- गैर सरकारी संगठन (NGOs) और सहकारी समितियाँ खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये संस्थाएँ गरीबों के लिए कम कीमत पर खाद्यान्न उपलब्ध कराती हैं। उदाहरण के लिए, दिल्ली मदर डेयरी नियंत्रित दरों पर दूध और सब्जियाँ प्रदान करती है। तमिलनाडु में 94% राशन की दुकानें सहकारी समितियों द्वारा चलाई जाती हैं। गुजरात में अमूल और बिहार में सुधा डेयरी सफल सहकारी उद्यमों के उदाहरण हैं। कुछ NGOs अनाज बैंक स्थापित करते हैं और खाद्य सुरक्षा पर प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। इन प्रयासों ने देश में खाद्य उपलब्धता और वितरण में सुधार किया है।
Other Chapter Solutions |
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Chapter 1 Solutions – बिहार के एक गाँव की कहानी |
Chapter 2 Solutions – मानव एवं संसाधन |
Chapter 3 Solutions – गरीबी |
Chapter 4 Solutions – बेकारी |
Chapter 5 Solutions – कृषि, खाद्यान सुरक्षा एवं गुणवत्ता |
Chapter 6 Solutions – कृषक मजदूर |