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बिहार बोर्ड की कक्षा 9 अर्थशास्त्र की पुस्तक का तीसरा अध्याय “गरीबी” गरीबी के कारणों, परिणामों और इससे निपटने के तरीकों पर प्रकाश डालता है। यह अध्याय हमें बताता है कि गरीबी क्या है और यह किस प्रकार से समाज और देश पर प्रभाव डालती है।
Bihar Board Class 9 Economics Chapter 3 Solutions
Contents
Subject | Economics |
Class | 9th |
Chapter | 3. गरीबी |
Board | Bihar Board |
Board class 9 Economics chapter 3 – बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1. बिहार में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करनेवाली ग्रामीण जनसंख्या का प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से
(क) कम है
(ख) बराबर है
(ग) अधिक है
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (ग) अधिक है
प्रश्न 2. बिहार में सन् 1999-2000 ई० में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाली ग्रामीण जनसंख्या का प्रतिशत था
(क) 42.6
(ख) 44.3
(ग) 54.3
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (क) 42.6
प्रश्न 3. भारत की प्रमुख आर्थिक समस्या नहीं है ?
(क) आर्थिक विषमता
(ख) औद्योगिक विकास
(ग) गरीबी
(घ) औद्योगिक पिछड़ापन
उत्तर- (ख) औद्योगिक विकास
प्रश्न 4. गरीबी में बिहार राज्य भारत के राज्यों में कौन-सा स्थान पर है ?
(क) पहला
(ख) दूसरा
(ग) तीसरा
(घ) चौथा
उत्तर- (ख) दूसरा
प्रश्न 5. सन् 2001 ई० की जनगणना के अनुसार भारत के इन राज्यों में सबसे अधिक गरीबी कहाँ है ?
(क) उड़ीसा
(ख) झारखंड
(ग) पं० बंगाल
(घ) उत्तर प्रदेश
उत्तर- (क) उड़ीसा
प्रश्न 6. गरीबी रेखा के नीचे रहना।
(क) अमीरी का द्योतक है।
(ख) गरीबी का सूचक है।
(ग) खुशहाली का सूचक है ।
(घ) इनमें से किसी का भी सूचक नहीं है।
उत्तर- (ख) गरीबी का सूचक है।
प्रश्न 7. शहरी क्षेत्र के व्यक्तियों को प्रतिदिन कितनी कैलॉरी भोजन की आवश्यकता है।
(क) 2400 कैलोरी
(ख) 2100 कैलॉरी
(ग) 2300 कैलोरी
(घ) 2200 कैलॉरी
उत्तर- (ख) 2100 कैलॉरी
प्रश्न 8. निम्न में से कौन प्राकृतिक आपदा के अंतर्गत आते हैं
(क) कृषि
(ख) उद्योग
(ग) बाढ़
(घ) इनमें से कोई नही।
उत्तर- (ग) बाढ़
प्रश्न 9. MPCE के द्वारा गरीबी रेखा का निर्धारण ग्रामीण क्षेत्रों में कितना रु० प्रतिमाह किया गया।
(क) 328 रु०
(ख) 524 रु०
(ग) 454 रु०
(घ) 354 रु०
उत्तर- (क) 328 रु०
प्रश्न 10. SGSY योजना की शुरूआत कब की गयी?
(क) 2000 ई०
(ख) 1999 ई०
(ग) 2001 ई०
(घ) 1998 ई०
उत्तर- (ख) 1999 ई०
रिक्त स्थान की पूर्ति करें
- बिहार आर्थिक दष्टि से एक पिछड़ा राज्य है।
- योजना काल में गरीबी की रेखा से नीचे आनेवाले लोगों की प्रतिशत कमी l
- भारत में शहरी गरीबों की तुलना में ग्रामीण गरीबों की संख्या अधिक है।
- जो लोग गरीबी रेखा के ऊपर रहते हैं उन्हें अमीर कहते हैं।
- जब निम्नतम जीवन यापन प्राप्त करने की असमर्थता हो तो उसे गरीब 6.454 रु० कहते हैं।
- MPCE के द्वारा गरीबी रेखा का निर्धारण शहरी क्षेत्रों में 6.454 रु० रु० प्रतिमाह किया गया ।
- 2007 के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार भारत के ग्रामीण क्षेत्र में 17 करोड़ करोड़ जनसंख्या गरीब है।
Board class 9 Economics chapter 3 – लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1: योजना आयोग ने गरीबी की परिभाषा किस आधार पर दी है?
उत्तर: योजना आयोग ने न्यूनतम कैलोरी उपभोग और खर्च के आधार पर गरीबी की परिभाषा दी है, जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए अलग-अलग है।
प्रश्न 2: गरीबी के दो विशिष्ट मामलों की विवेचना करें।
उत्तर: गरीबी के दो उदाहरण हैं: एक परिवार जो पौष्टिक भोजन नहीं खरीद सकता और दूसरा जो अपने बच्चों को शिक्षा नहीं दे सकता।
प्रश्न 3: गरीबी रेखा से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: गरीबी रेखा वह न्यूनतम आय स्तर है, जिसके नीचे व्यक्ति अपनी बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं कर सकता और गरीब माना जाता है।
प्रश्न 4: क्या आप समझते हैं कि गरीबी आकलन का वर्तमान तरीका सही है?
उत्तर: गरीबी आकलन का वर्तमान तरीका आंशिक रूप से सही है, लेकिन इसमें सुधार की आवश्यकता है क्योंकि यह केवल आय पर ध्यान केंद्रित करता है, जबकि शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे अन्य महत्वपूर्ण कारकों को नजरअंदाज करता है।
प्रश्न 5: किन-किन बातों से सिद्ध होता है कि भारतीय गरीब हैं?
उत्तर: कुपोषण, अशिक्षा, स्वच्छ पानी और स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित पहुंच, और अपर्याप्त आवास जैसी समस्याएं भारत में गरीबी को दर्शाती हैं।
प्रश्न 6. गरीबी के कारणों में जनसंख्या-वृद्धि की क्या भूमिका है ?
उत्तर- जनसंख्या वृद्धि के कारण संसाधनों पर दबाव बढ़ता है, जिससे प्रति व्यक्ति आय घटती है और गरीबी बढ़ती है।
प्रश्न 7. भारत में गरीबी के किन्हीं चार प्रमुख कारण बताएँ।
उत्तर- भारत में गरीबी के प्रमुख कारण हैं: जनसंख्या वृद्धि, कृषि का पिछड़ापन, आय असमानता और बेरोजगारी।
प्रश्न 8. गरीबी निवारण के लिए किए गए सरकारी प्रयासों की संक्षिप्त चर्चा करें।
उत्तर- सरकार गरीबी निवारण के लिए रोजगार सृजन, शिक्षा प्रोत्साहन, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम चला रही है।
प्रश्न 9. भारत में गरीबी निदान के लिए किए गए गैर-सरकारी प्रयासों को बताएँ।
उत्तर- गैर-सरकारी संगठन स्वयं सहायता समूह, माइक्रोफाइनेंस, कौशल विकास और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से गरीबी निवारण में योगदान दे रहे हैं।
प्रश्न 10. बिहार में ग्रामीण गरीबी की क्या स्थिति है ?
उत्तर- बिहार में कृषि पर अत्यधिक निर्भरता, शिक्षा की कमी और रोजगार के सीमित अवसरों के कारण ग्रामीण गरीबी व्यापक है।
प्रश्न 11. बिहार में ग्रामीण गरीबी के चार प्रमुख कारणों को बताएँ।
उत्तर- बिहार में ग्रामीण गरीबी के प्रमुख कारण हैं: कृषि का पिछड़ापन, शिक्षा की कमी, औद्योगीकरण का अभाव और बेरोजगारी।
प्रश्न 12. बिहार में ग्रामीण गरीबी निदान के लिए किन्हीं पाँच उपायों को बताएँ।
उत्तर- बिहार में ग्रामीण गरीबी निवारण के उपाय हैं: कृषि आधुनिकीकरण, शिक्षा का विस्तार, कौशल विकास, सूक्ष्म उद्यमों को बढ़ावा और बुनियादी ढांचे का विकास।
प्रश्न 13. भारत में गरीबी के कारणों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर- भारत में गरीबी के मुख्य कारण हैं: असमान आर्थिक विकास, शिक्षा और कौशल की कमी, बेरोजगारी और सामाजिक असमानताएं।
प्रश्न 13. संक्षिप्त रूप को पूरा रूप दें
(i) NSSO (ii) MPCE (iii) SHG (iv) SGSY (v) JRY (vi) IRDP (vii) MDMS (viii) NREP (ix) PMRY (x) PMGY
उत्तर-
(i) Nsso : National Sample Survery Organisation (राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन)
(ii) MPCE : Monetary Per Capita. Expenditure (Hifa प्रतिव्यक्ति उपभोग व्यय)
(iii) SHG : Self Help Group (स्वयं सहायता समूह)
(iv) SGSY : Swarnajayanti Gram Swarozgar Yojana (स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना)
(v) JRY : Jawahar Rozgar Yojana (जवाहर रोजगार योजना)
(vi) IRDP : Integrated Rural Development Programme (समेकित ग्रामीण विकास कार्यक्रम)
(vii) MDMS : Mid Day Meal Scheme (मध्याहन भोजन योजना)
(viii) NREP : National Rural Employment Programme (राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम)
(ix) PMRY : Prime Minister’s Rozgar Yojana (प्रध – निमंत्री रोजगार योजना)
(x) PMGY : Pradhan Mantri Gramin Yozana (9787 नमंत्री ग्रामोदय योजना)
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. भारत में गरीबी रेखा को किस प्रकार परिभाषित किया गया है ? इस परिभाषा के आधार पर भारत में गरीबी के विस्तार का क्या अनुमान लगाया जाता है ?
उत्तर- भारत में गरीबी रेखा को न्यूनतम आवश्यक कैलोरी सेवन के आधार पर परिभाषित किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह 2400 कैलोरी और शहरी क्षेत्रों में 2100 कैलोरी प्रति व्यक्ति प्रतिदिन है। इस आधार पर, योजना आयोग ने गरीबी रेखा का मौद्रिक मूल्य निर्धारित किया है।
गरीबी के विस्तार का अनुमान समय के साथ बदलता रहा है। 1993-94 में लगभग 36% जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे थी, जो 2011-12 में घटकर 22% हो गई। हालांकि, अभी भी करोड़ों लोग गरीबी में जीवन बिता रहे हैं।
गरीबी के आकलन में केवल आय पर ध्यान देना पर्याप्त नहीं है। शिक्षा, स्वास्थ्य, और जीवन की गुणवत्ता जैसे कारकों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। इसलिए, बहुआयामी गरीबी सूचकांक जैसे नए मापदंडों का उपयोग किया जा रहा है।
प्रश्न 2. भारत में अपनाए गए गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर- भारत सरकार ने गरीबी उन्मूलन के लिए दोहरी रणनीति अपनाई है: आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और लक्षित गरीबी विरोधी कार्यक्रम चलाना।
आर्थिक विकास के माध्यम से, 1980 के दशक से भारत की विकास दर में वृद्धि हुई है, जिसने गरीबी कम करने में योगदान दिया है। साथ ही, कई लक्षित कार्यक्रम शुरू किए गए हैं:
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA): यह ग्रामीण परिवारों को 100 दिनों का गारंटीशुदा रोजगार प्रदान करता है।
- प्रधानमंत्री जन धन योजना: यह वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देती है।
- आयुष्मान भारत: यह गरीबों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान करता है।
- प्रधानमंत्री आवास योजना: यह सभी के लिए आवास सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखती है।
- स्किल इंडिया: यह युवाओं को रोजगार योग्य बनाने पर केंद्रित है।
इन कार्यक्रमों का उद्देश्य गरीबों को आर्थिक सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और रोजगार के अवसर प्रदान करना है। हालांकि, इन कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में चुनौतियां मौजूद हैं, जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है।
प्रश्न 3. भारत में गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों की कमियाँ बतायें।
उत्तर- भारत में गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों में कई कमियाँ हैं जो इनकी प्रभावशीलता को कम करती हैं:
- भ्रष्टाचार और अकुशल प्रशासन: कई बार आवंटित धन का दुरुपयोग होता है और वास्तविक लाभार्थियों तक नहीं पहुंचता।
- लक्षित वर्गों तक पहुंच की कमी: कई कार्यक्रम गरीबों के सबसे निचले तबके तक नहीं पहुंच पाते।
- जागरूकता की कमी: कई लोग अपने अधिकारों और उपलब्ध योजनाओं के बारे में अनजान रहते हैं।
- अपर्याप्त बजट आवंटन: कई कार्यक्रमों के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध नहीं कराया जाता।
- कमजोर निगरानी तंत्र: कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की प्रभावी निगरानी का अभाव होता है।
- राजनीतिक हस्तक्षेप: कभी-कभी राजनीतिक हित कार्यक्रमों के उद्देश्यों को प्रभावित करते हैं।
- समन्वय की कमी: विभिन्न विभागों और एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी से दोहराव और अक्षमता पैदा होती है।
- संरचनात्मक मुद्दों की उपेक्षा: कई कार्यक्रम गरीबी के मूल कारणों को संबोधित करने में विफल रहते हैं।
- अल्पकालिक दृष्टिकोण: कुछ कार्यक्रम तात्कालिक राहत पर ध्यान केंद्रित करते हैं, दीर्घकालिक समाधान की उपेक्षा करते हैं।
- क्षेत्रीय असमानताएं: कुछ क्षेत्रों में कार्यक्रमों का लाभ अन्य क्षेत्रों की तुलना में कम मिलता है।
इन कमियों को दूर करने के लिए बेहतर योजना, कड़ी निगरानी, पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता है।
प्रश्न 4. बिहार में ग्रामीण गरीबी के मुख्य कारण कौन-से हैं ? इस समस्या के समाधान के लिए उपाय बताएँ।
उत्तर- बिहार में ग्रामीण गरीबी के मुख्य कारण:
- प्राकृतिक आपदाएँ: बाढ़ और सूखे जैसी आपदाओं से फसलों और संपत्ति का नुकसान होता है।
- कृषि पर अत्यधिक निर्भरता: मौसमी रोजगार और कम उत्पादकता गरीबी को बढ़ाते हैं।
- शिक्षा का निम्न स्तर: यह बेहतर रोजगार अवसरों को सीमित करता है।
- औद्योगीकरण का अभाव: रोजगार के अवसरों की कमी होती है।
- जनसंख्या वृद्धि: संसाधनों पर दबाव बढ़ता है।
- भूमि का असमान वितरण: छोटे और सीमांत किसानों की संख्या अधिक है।
- कौशल विकास की कमी: युवाओं को रोजगार योग्य बनाने में कठिनाई होती है।
- बुनियादी ढांचे की कमी: यह आर्थिक विकास को बाधित करता है।
समाधान के उपाय:
- कृषि का आधुनिकीकरण: उच्च उपज वाले बीजों और आधुनिक तकनीकों का उपयोग।
- सिंचाई सुविधाओं का विस्तार: यह कृषि उत्पादकता बढ़ाएगा।
- शिक्षा और कौशल विकास पर जोर: यह रोजगार के अवसर बढ़ाएगा।
- लघु और कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन: यह ग्रामीण रोजगार सृजित करेगा।
- सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों का प्रभावी कार्यान्वयन: जैसे MGNREGA, आयुष्मान भारत।
- बुनियादी ढांचे का विकास: सड़कें, बिजली, और संचार सुविधाओं में सुधार।
- माइक्रोफाइनेंस और स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा: यह आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करेगा।
- प्राकृतिक आपदा प्रबंधन: बेहतर पूर्वानुमान और तैयारी।
इन उपायों के समन्वित कार्यान्वयन से बिहार में ग्रामीण गरीबी को कम किया जा सकता है।
Other Chapter Solutions |
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Chapter 1 Solutions – बिहार के एक गाँव की कहानी |
Chapter 2 Solutions – मानव एवं संसाधन |
Chapter 3 Solutions – गरीबी |
Chapter 4 Solutions – बेकारी |
Chapter 5 Solutions – कृषि, खाद्यान सुरक्षा एवं गुणवत्ता |
Chapter 6 Solutions – कृषक मजदूर |