Bihar Board class 9 Economics chapter 4 – “बेकारी” solutions are given here. Below you will get simplified answers and explanations of all the questions asked in chapter 4 – “बेकारी” in hindi medium.
बिहार बोर्ड की कक्षा 9 अर्थशास्त्र की पुस्तक का चौथा अध्याय “बेकारी” बेरोजगारी की समस्या पर प्रकाश डालता है। यह अध्याय बेरोजगारी के कारणों, प्रकारों और इसके दुष्परिणामों को समझाता है। साथ ही, इसमें बेरोजगारी से निपटने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों का भी उल्लेख किया गया है।
Bihar Board Class 9 Economics Chapter 4 Solutions
Contents
Subject | Economics |
Class | 9th |
Chapter | 4. बेकारी |
Board | Bihar Board |
Bihar Board class 9 Economics chapter 4 – वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1. देश की प्रमुख आर्थिक समस्या है ?
(क) उच्चशिक्षा
(ख) खाद्यान्न की प्रचुरता
(ग) क्षेत्रीय समानता
(घ) गरीबी तथा बेकारी
उत्तर- (घ) गरीबी तथा बेकारी
प्रश्न 2. भारत में ग्रामीण क्षेत्र में पायी जाती है ?
(क) शिक्षित बेकारी
(ख) औद्योगिक बेकारी
(ग) अदृश्य बेकारी
(घ) चक्रीय बेकारी
उत्तर- (ग) अदृश्य बेकारी
प्रश्न 3. बेकारी वह स्थिति है जब ?
(क) पूर्णतः इच्छा से काम नहीं करते ।
(ख) हम आलस्य से काम नहीं करते ।
(ग) हमें इच्छा एवं योग्यता होते हुए भी काम नहीं मिलता।
(घ) हम अशिक्षित एवं अपंग होते हैं।
उत्तर- (ग) हमें इच्छा एवं योग्यता होते हुए भी काम नहीं मिलता।
प्रश्न 4. बिहार में पाई जानेवाली बेरोजगारी है ?
(क) घर्षणात्मक
(ख) चक्रीय
(ग) अदृश्य
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (ग) अदृश्य
प्रश्न 5. बिहार के ग्रामीण क्षेत्र में पाई जाती है ?
(क) औद्योगिक बेकारी
(ख) चक्रीय बेकारी
(ग) अदृश्य एवं मौसमी बेकारी
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (ग) अदृश्य एवं मौसमी बेकारी
प्रश्न 6. बिहार में अशिक्षितों की संख्या करीब निम्न में कितना प्रतिशत है ?
(क) 53 प्रतिशत
(ख) 40 प्रतिशत
(ग) 65 प्रतिशत
(घ) 47 प्रतिशत
उत्तर- (क) 53 प्रतिशत
रिक्त स्थान की पूर्ति करें
- बेकारी वह स्थिति है जब काम चाहनेवाले तथा योग्य व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध नहीं होता ।
- गरीबी तथा बेकारी भारत की प्रमुख समस्याएँ हैं।
- ऐच्छिक बेकारी उस स्थिति को कहते हैं जब कोई व्यक्ति प्रचलित मजदूरी पर काम नहीं चाहता है।
- छिपी हुई बेकारी की स्थिति में श्रमिक की सीमांत उत्पादकता नगण्य या शून्य होती है।
- भारत में शिक्षित बेरोजगारी का एक प्रमुख कारण दोषपूर्ण शिक्षा प्रणाली है।
- बिहार में छुपी हुई एवं मौसमी बेकारी पाई जाती है।
- बिहार में बेरोजगारी का एक कारण पेशेवर शिक्षा का अभाव है।
Bihar Board class 9 Economics chapter 4 – लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. आप बेरोजगारी से क्या समझते हैं ?
उत्तर- काम करने वाले व्यक्तियों की इच्छा और योग्यता के अनुसार, प्रचलित मजदूरी पर काम नहीं मिल पाए तो ऐसी स्थिति को बेरोजगारी कहते हैं।
प्रश्न 2. छिपी हुई बेकारी से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- जिसमें उत्पादन क्रिया में आवश्यकता से अधिक व्यक्ति का लगा रहना, जहाँ उसकी उत्पादकता लगभग शून्य के बराबर होती है।
प्रश्न 3. न्यून रोजगार की समस्या का वर्णन करें।
उत्तर- श्रम-शक्ति जनसंख्या का ही फल है। श्रम-शक्ति में वृद्धि होने से भारत में बेरोजगारी बढ़ रही है और न्यून रोजगार की समस्या जटिल हो गई है। संसाधन की कमी है सो अलग।
प्रश्न 4. भारत में रोजगार प्राप्ति की समस्या का वर्णन करें।
उत्तर- अशिक्षा और प्रशिक्षण के अभाव में भारतीय मजदूर आधुनिक मशीनों से रु-ब-रु नहीं हो पाते हैं। रोजगार नहीं मिल पाता।
प्रश्न 5. शिक्षित लोगों में बढ़ती हुई बेकारी के मुख्य कारण क्या हैं ?
उत्तर- शिक्षित लोगों में बढ़ती हुई बेकारी का मुख्य कारण है हमारी दोषपूर्ण शिक्षा-प्रणाली।
प्रश्न 6. शिक्षा को पेशेवर बनाने से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- भारत में शिक्षा को पेशवर बनाने की आवश्यकता है जिससे लोगों में कार्यकुशलता और क्षमता में वृद्धि होती है, स्वरोजगार से बेकारी की समस्या का बहुत कुछ हल संभव हो सकेगा।
प्रश्न 7. बेरोजगारी के चार कारणों का वर्णन करें।
उत्तर- देंखे दीर्घ उत्तरीय प्रश्न संख्या 1 के दूसरे भाग में।
प्रश्न 8. बिहार में ग्रामीण बेकारी के समाधान के लिए कुछ उपाय बताएँ।
उत्तर- बिहार में ग्रामीण बेकारी को कम करने के लिए कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों का उपयोग, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार, और फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर और लघु उद्योगों की स्थापना, विशेषकर कृषि-आधारित उद्योगों जैसे फल और सब्जी प्रसंस्करण, को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इन उपायों से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. बेकारी की परिभाषा दें। भारत में बेकारी के प्रमुख कारण क्या हैं ? समाधान के सुझाव दें।
उत्तर- बेकारी या बेरोजगारी वह स्थिति है जब काम करने योग्य और इच्छुक व्यक्तियों को प्रचलित मजदूरी दर पर रोजगार नहीं मिलता।
बेकारी के प्रमुख कारण:-
- तेजी से बढ़ती जनसंख्या
- शिक्षा प्रणाली और कौशल विकास में कमी
- कृषि क्षेत्र का पिछड़ापन
- औद्योगीकरण की धीमी गति
- पूँजी निवेश की कमी
समस्या को दूर करने के उपाय:-
- रोजगार-केंद्रित आर्थिक नीतियाँ: ऐसी नीतियाँ बनाई जाएँ जो रोजगार सृजन को प्राथमिकता दें।
- शिक्षा और कौशल विकास: शिक्षा प्रणाली को रोजगार-उन्मुख बनाया जाए और व्यावसायिक प्रशिक्षण पर जोर दिया जाए।
- कृषि क्षेत्र का आधुनिकीकरण: सिंचाई सुविधाओं का विस्तार, आधुनिक तकनीकों का उपयोग और फसल विविधीकरण को बढ़ावा दिया जाए।
- लघु और कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन: इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
- स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा: युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया जाए और उद्यमिता को बढ़ावा दिया जाए।
- सरकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन: मनरेगा जैसी योजनाओं को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।
प्रश्न 2. भारत में बेकारी की समस्या पर एक लेख लिखें। बेकारी की समस्या को कैसे दूर किया जा सकता है ?
उत्तर- भारत में बेकारी एक गंभीर समस्या है जो देश के आर्थिक और सामाजिक विकास को प्रभावित कर रही है। यह समस्या ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में व्याप्त है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में इसका प्रभाव अधिक दिखाई देता है। बेकारी के प्रमुख कारणों में तेजी से बढ़ती जनसंख्या, शिक्षा प्रणाली और कौशल विकास में कमी, कृषि क्षेत्र का पिछड़ापन, औद्योगीकरण की धीमी गति और पूँजी निवेश की कमी शामिल हैं।
समस्या को दूर करने के उपाय:-
- रोजगार-केंद्रित आर्थिक नीतियाँ: ऐसी नीतियाँ बनाई जाएँ जो रोजगार सृजन को प्राथमिकता दें।
- शिक्षा और कौशल विकास: शिक्षा प्रणाली को रोजगार-उन्मुख बनाया जाए और व्यावसायिक प्रशिक्षण पर जोर दिया जाए।
- कृषि क्षेत्र का आधुनिकीकरण: सिंचाई सुविधाओं का विस्तार, आधुनिक तकनीकों का उपयोग और फसल विविधीकरण को बढ़ावा दिया जाए।
- लघु और कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन: इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
- स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा: युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया जाए और उद्यमिता को बढ़ावा दिया जाए।
- सरकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन: मनरेगा जैसी योजनाओं को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।
प्रश्न 3. भारत में पाई जानेवाली विभिन्न प्रकार की बेकारी का विवरण : इसके समाधान के लिए आप क्या सुझाव देंगे।
उत्तर- भारत में मुख्यतः दो प्रकार की बेकारी पाई जाती है: ग्रामीण और शहरी बेकारी। ग्रामीण बेकारी में मौसमी बेकारी और छिपी हुई बेकारी शामिल हैं। मौसमी बेकारी कृषि कार्यों के मौसमी स्वभाव के कारण होती है, जबकि छिपी हुई बेकारी में अधिक लोग एक ही काम में लगे होते हैं जिससे उत्पादकता नहीं बढ़ती। शहरी बेकारी में शिक्षित बेकारी, औद्योगिक बेकारी और तकनीकी बेकारी शामिल हैं।
इन समस्याओं के समाधान के लिए कुछ सुझाव हैं: कृषि क्षेत्र का आधुनिकीकरण और विविधीकरण, ग्रामीण उद्योगों का विकास, कौशल विकास कार्यक्रमों का विस्तार, शिक्षा प्रणाली में सुधार, लघु और कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन, और रोजगार-केंद्रित आर्थिक नीतियों का निर्माण। इसके अलावा, सरकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन और स्वरोजगार को बढ़ावा देना भी महत्वपूर्ण है। इन उपायों से विभिन्न प्रकार की बेकारी को कम करने में मदद मिलेगी।
प्रश्न 4. ‘समेकित ग्रामीण विकास कार्यक्रम’ के विशेष संदर्भ में विभिन्न रोजगार-सृजन कार्यक्रमों का परीक्षण करें। इसके क्रियान्वयन में सुधार के उपाय बताएँ।
उत्तर- समेकित ग्रामीण विकास कार्यक्रम (IRDP) 1980 में शुरू किया गया एक महत्वपूर्ण गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम था। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों की आय में वृद्धि और उनके जीवन स्तर में सुधार लाना था। यह कार्यक्रम देश के सभी प्रखंडों में लागू किया गया और इसमें गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को लक्षित किया गया।
IRDP के अलावा, अन्य महत्वपूर्ण रोजगार सृजन कार्यक्रमों में MGNREGA (मनरेगा), स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना (SGSY), और प्रधानमंत्री रोजगार योजना (PMRY) शामिल हैं। ये सभी कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने और गरीबी कम करने पर केंद्रित हैं।
इन कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में सुधार के लिए कुछ उपाय हैं: बेहतर लक्ष्यीकरण और लाभार्थियों की पहचान, भ्रष्टाचार पर नियंत्रण, स्थानीय स्तर पर योजनाओं का निर्माण और क्रियान्वयन, नियमित निगरानी और मूल्यांकन, और कौशल विकास पर अधिक ध्यान देना। इसके अलावा, इन कार्यक्रमों को स्थानीय आर्थिक गतिविधियों और बाजार की मांग के साथ जोड़ना भी महत्वपूर्ण है। इन सुधारों से इन कार्यक्रमों की प्रभावशीलता बढ़ेगी और वे अपने लक्ष्यों को बेहतर ढंग से प्राप्त कर सकेंगे।
प्रश्न 5. भारत में शिक्षित बेरोजगारी के कारणों का वर्णन करें। इस समस्या का निराकरण कैसे किया जा सकता है।
उत्तर- भारत में शिक्षित बेरोजगारी एक गंभीर समस्या है। इसके प्रमुख कारण हैं: शिक्षा प्रणाली का रोजगारोन्मुख न होना, तेजी से बढ़ती जनसंख्या, नौकरियों की तुलना में शिक्षित लोगों की अधिक संख्या, और कौशल और नौकरी की आवश्यकताओं के बीच असंतुलन। इस समस्या के निराकरण के लिए कुछ उपाय हैं: शिक्षा प्रणाली को रोजगारोन्मुख बनाना, व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा पर जोर देना, कौशल विकास कार्यक्रमों का विस्तार, उद्यमिता को प्रोत्साहन, और रोजगार सृजन पर केंद्रित आर्थिक नीतियाँ बनाना। साथ ही, शिक्षित युवाओं को स्वरोजगार और नवाचार के लिए प्रोत्साहित करना भी महत्वपूर्ण है। इन उपायों से शिक्षित बेरोजगारी की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
प्रश्न 6. आप अदृश्य बेकारी से क्या समझते हैं ? समाधान के लिए उपाय बताएँ।
उत्तर- अदृश्य या छिपी हुई बेकारी वह स्थिति है जहाँ किसी क्षेत्र, विशेषकर कृषि में, आवश्यकता से अधिक लोग कार्यरत होते हैं। इसमें लोग प्रत्यक्ष रूप से काम कर रहे दिखते हैं, लेकिन उनकी सीमांत उत्पादकता शून्य या नगण्य होती है। इस समस्या के समाधान के लिए कुछ उपाय हैं: कृषि क्षेत्र का आधुनिकीकरण और विविधीकरण, ग्रामीण क्षेत्रों में गैर-कृषि रोजगार के अवसरों का विस्तार, कृषि-आधारित लघु और कुटीर उद्योगों का विकास, कौशल विकास कार्यक्रमों का संचालन, और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे का विकास। इन उपायों से कृषि पर निर्भरता कम होगी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जिससे अदृश्य बेकारी की समस्या को कम किया जा सकेगा।
प्रश्न 7. बिहार में ग्रामीण बेरोजगारी की समस्या के प्रमुख कारण क्या हैं ? आप इसे कैसे दूर करेंगे? .
उत्तर- बिहार में ग्रामीण बेरोजगारी के प्रमुख कारण हैं: कृषि का पिछड़ापन, कृषि पर अत्यधिक निर्भरता, गैर-कृषि क्षेत्रों का अपर्याप्त विकास, और कृषि-आधारित उद्योगों का अभाव। इस समस्या को दूर करने के लिए कुछ उपाय हैं: कृषि का आधुनिकीकरण और वैज्ञानिक तरीकों का प्रयोग, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार, कृषि विविधीकरण को बढ़ावा, ग्रामीण और कुटीर उद्योगों का विकास, कृषि-आधारित उद्योगों की स्थापना, और कौशल विकास कार्यक्रमों का संचालन। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे का विकास, जैसे सड़कें, बिजली और संचार सुविधाएँ, भी महत्वपूर्ण है। सरकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन और स्थानीय संसाधनों का बेहतर उपयोग भी ग्रामीण बेरोजगारी को कम करने में मदद करेगा।
Other Chapter Solutions |
---|
Chapter 1 Solutions – बिहार के एक गाँव की कहानी |
Chapter 2 Solutions – मानव एवं संसाधन |
Chapter 3 Solutions – गरीबी |
Chapter 4 Solutions – बेकारी |
Chapter 5 Solutions – कृषि, खाद्यान सुरक्षा एवं गुणवत्ता |
Chapter 6 Solutions – कृषक मजदूर |