Bihar Board Class 8 Civics Chapter 8 Solutions – कानून और सामाजिक न्याय (New)

Bihar Board Class 8 Civics Chapter 8 Solutions are available here. This covers the written question answer from the New Civics Book Chapter 8 – “कानून और सामाजिक न्याय”. All solutions are in hindi medium and follow the new syllabus.

इस अध्याय में आप उन कानूनों के बारे में जानेंगे जो समाज के कमजोर वर्गों, जैसे श्रमिकों और बच्चों, को सुरक्षा देते हैं। आप समझेंगे कि बाल श्रम रोकने और न्यूनतम मजदूरी जैसे कानून क्यों जरूरी हैं। यह अध्याय यह भी बताएगा कि अगर कोई आपके अधिकारों का उल्लंघन करे, तो आप क्या कर सकते हैं।

Bihar Board Class 8 Civics Chapter 8 Solutions new

Bihar Board Class 8 Civics Chapter 8 Solutions

Chapter8. कानून और सामाजिक न्याय
SubjectCivics (सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन)
Class8th
BoardBihar Board

अभ्यास

1. दो मज़दूरों से बात करके पता लगाएँ कि उन्हें कानून द्वारा तय किया गया न्यूनतम वेतन मिल रहा है या नहीं। इसके लिए आप निर्माण मज़दूरों, खेत मज़दूरों, फ़ैक्ट्री मज़दूरों या किसी दुकान पर काम करने वाले मज़दूरों से बात कर सकते हैं।

उत्तर:

मैंने दो मज़दूरों से बात की। एक निर्माण मज़दूर थे और दूसरे खेत में काम करने वाले मज़दूर। दोनों ने बताया कि उन्हें सरकार द्वारा तय न्यूनतम वेतन से कम पैसे मिलते हैं। वे लंबे समय तक काम करते हैं, लेकिन फिर भी उनकी कमाई उनकी ज़रूरतों को पूरा नहीं करती। इससे उनकी ज़िंदगी में कई मुश्किलें आती हैं, जैसे बच्चों की पढ़ाई और घर का खर्च चलाना।

2. विदेशी कंपनियों को भारत में अपने कारखाने खोलने से क्या फ़ायदा है?

उत्तर:

विदेशी कंपनियों को भारत में कारखाने खोलने से कई फायदे हैं। भारत में मज़दूरों को कम वेतन देना पड़ता है, जबकि अमेरिका जैसे देशों में मज़दूरों को ज़्यादा वेतन देना होता है। यहाँ मज़दूर लंबे समय तक काम करने को तैयार रहते हैं। साथ ही, भारत में कारखाने चलाने के लिए ज़मीन, बिजली और दूसरी चीज़ें भी सस्ती मिलती हैं। इससे कंपनियाँ कम खर्च में ज़्यादा मुनाफा कमा सकती हैं।

3. क्या आपको लगता है कि भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को सामाजिक न्याय मिला है? चर्चा करें।

उत्तर:

भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को पूरा सामाजिक न्याय नहीं मिला। 1984 में यूनियन कार्बाइड कारखाने से ज़हरीली गैस लीक हुई थी, जिससे हज़ारों लोग मरे और कई बीमार हो गए। पीड़ित आज भी साफ पानी, अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएँ और उचित मुआवज़ा माँग रहे हैं। सरकार ने कंपनी से 3 अरब डॉलर मुआवज़ा माँगा था, लेकिन 1989 में केवल 47 करोड़ डॉलर में समझौता हो गया। पीड़ितों ने इसके खिलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अपील की, लेकिन कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ। इससे साफ है कि पीड़ितों को अभी भी पूरा न्याय नहीं मिला।

4. जब हम कानूनों को लागू करने की बात करते हैं तो इसका क्या मतलब होता है? कानूनों को लागू करने की ज़िम्मेदारी किसकी है? कानूनों को लागू करना इतना महत्त्वपूर्ण क्यों है?

उत्तर:

कानूनों को लागू करने का मतलब है कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि हर कोई कानून का पालन करे। इसके लिए सरकार कार्यस्थलों का निरीक्षण करती है, नियम तोड़ने वालों को सजा देती है और लोगों को उनके अधिकार दिलाती है। यह ज़िम्मेदारी सरकार और उसकी एजेंसियों की होती है। कानून लागू करना ज़रूरी है क्योंकि यह कमज़ोर लोगों, जैसे मज़दूरों, को ताकतवर लोगों से बचाता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई मज़दूर को कम वेतन देता है, तो सरकार को उसका निरीक्षण करके सजा देनी चाहिए, ताकि मज़दूर को उसका हक मिले।

5. कानून के जरिए बाजारों को सही ढंग से काम करने के लिए किस तरह प्रेरित किया जा सकता है? अपने जवाब के साथ दो उदाहरण दें।

उत्तर:

कानून के ज़रिए बाज़ारों को सही ढंग से काम करने के लिए प्रेरित करने के कई तरीके हैं:

  • गलत तरीकों पर रोक लगाना: कानून यह सुनिश्चित करते हैं कि कोई दुकानदार या कंपनी ग्राहकों को धोखा न दे। उदाहरण के लिए, अगर कोई दुकानदार सामान में मिलावट करता है, तो कानून उसे सजा देता है।
  • उपभोक्ताओं और उत्पादकों की रक्षा करना: कानून ग्राहकों को सही कीमत और अच्छी गुणवत्ता वाला सामान दिलाते हैं। उदाहरण के लिए, अगर कोई कंपनी खराब सामान बेचती है, तो कानून के तहत ग्राहक शिकायत कर सकता है और उसे मुआवज़ा मिल सकता है।

6. मान लीजिए कि आप एक रासायनिक फैक्ट्री में काम करने वाले मज़दूर हैं। सरकार ने कंपनी को आदेश दिया है कि वह वर्तमान जगह से 100 किलोमीटर दूर किसी दूसरे स्थान पर अपना कारखाना चलाए। इससे आपकी ज़िंदगी पर क्या असर पड़ेगा? अपनी राय पूरी कक्षा के सामने पढ़कर सुनाएँ।

उत्तर:

अगर मैं एक रासायनिक फैक्ट्री में काम करने वाला मज़दूर हूँ और कारखाना 100 किलोमीटर दूर चला जाता है, तो मेरी ज़िंदगी पर बहुत असर पड़ेगा। सबसे पहले, मुझे हर दिन इतनी दूर यात्रा करनी पड़ेगी, जिससे समय और पैसे दोनों खर्च होंगे। अगर मैं वहाँ नहीं जा पाया, तो मेरी नौकरी चली जाएगी, और मेरे परिवार को खाने-पीने की दिक्कत होगी। मेरे बच्चों की पढ़ाई और घर का खर्च चलाना मुश्किल हो जाएगा। साथ ही, नई जगह पर रहने-खाने की सुविधाएँ भी शायद न मिलें। इसलिए, सरकार को मज़दूरों के लिए बस या रहने की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि हमें इतनी परेशानी न हो।

7. इस इकाई में आपने सरकार की विभिन्न भूमिकाओं के बारे में पढ़ा है। इनके बारे में एक अनुच्छेद लिखें।

उत्तर:

सरकार का काम लोगों की ज़िंदगी को बेहतर बनाना है। यह साफ पानी, बिजली और सड़क जैसी सुविधाएँ देती है। सरकार अस्पतालों और स्कूलों के ज़रिए स्वास्थ्य और शिक्षा की व्यवस्था करती है। इसके अलावा, सरकार सफाई का ध्यान रखती है, ताकि लोग बीमार न पड़ें। सरकार कानून बनाती है और उनका पालन करवाती है, ताकि कोई किसी का शोषण न करे। उदाहरण के लिए, मज़दूरों को सही वेतन मिले और बच्चे काम न करें, इसके लिए सरकार नियम बनाती है और उनकी जाँच करती है।

8. आपके इलाके में पर्यावरण को दूषित करने वाले स्रोत कौन से हैं? (क) हवा; (ख) पानी और (ग) मिट्टी में प्रदूषण के संबंध में चर्चा करें। प्रदूषण को रोकने के लिए किस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं? क्या आप कोई और उपाय सुझा सकते हैं?

उत्तर:

(क) हवा का प्रदूषण: हवा में प्रदूषण कारखानों से निकलने वाले धुएँ, वाहनों के धुएँ, निर्माण कार्यों की धूल और खेतों में फसल जलाने से होता है। इससे साँस लेने में दिक्कत होती है।

  • उपाय: सरकार वाहनों के लिए प्रदूषण जाँच सर्टिफिकेट अनिवार्य कर रही है।
  • सुझाव: पेड़ ज़्यादा लगाएँ और कारखानों में फिल्टर लगाएँ।

(ख) पानी का प्रदूषण: पानी में प्रदूषण कारखानों का कचरा, सीवेज और खेतों में इस्तेमाल होने वाली रासायनिक खादों से होता है। इससे पीने का पानी खराब हो जाता है।

  • उपाय: नदियों में कचरा डालने पर रोक और जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
  • सुझाव: कारखानों का गंदा पानी साफ करने के लिए प्लांट लगाएँ।

(ग) मिट्टी का प्रदूषण: मिट्टी में प्रदूषण प्लास्टिक, रासायनिक खाद और कारखानों के कचरे से होता है। इससे फसलें खराब होती हैं।

  • उपाय: रासायनिक खाद का कम इस्तेमाल करने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है।
  • सुझाव: प्लास्टिक का कम इस्तेमाल करें और जैविक खाद को बढ़ावा दें।

9. पहले पर्यावरण को किस तरह देखा जाता था? क्या अब सोच में कोई बदलाव आया है? चर्चा करें।

उत्तर:

पहले लोग पर्यावरण को मुफ्त समझते थे। कारखाने बिना सोचे हवा, पानी और मिट्टी में कचरा डालते थे, जिससे पर्यावरण खराब होता था। लोगों को इसकी चिंता नहीं थी। अब सोच में बदलाव आया है। लोग पर्यावरण की रक्षा करना चाहते हैं। कोर्ट ने साफ पर्यावरण को जीवन का अधिकार माना है। सरकार ने प्रदूषण रोकने के लिए कई कानून बनाए हैं, जैसे कारखानों में फिल्टर लगाना और नदियों में कचरा डालने पर रोक। लोग भी अब पेड़ लगाने और कचरा कम करने में मदद कर रहे हैं।

10. प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट आर. के. लक्ष्मण इस कार्टून के ज़रिए क्या कहना चाह रहे हैं? इसका 2016 में बनाए गए उस कानून से क्या संबंध है जिसको पृष्ठ 105 पर आपने पढ़ा था।

उत्तर:

आर. के. लक्ष्मण का कार्टून बाल श्रम की समस्या को दिखाता है। वे यह बताना चाहते हैं कि 2016 में बने बाल श्रम कानून के बावजूद बच्चे अब भी काम करने को मजबूर हैं। यह कानून 14 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी काम में और 14-18 साल के किशोरों को खतरनाक कामों में रोकता है। लेकिन कार्टून दिखाता है कि समाज में अब भी बच्चे शोषण का शिकार हैं, क्योंकि कानून का सही पालन नहीं हो रहा।

11. आपने भोपाल गैस त्रासदी और उसके बारे में चल रहे संघर्ष के बारे में पढ़ा है। दुनिया भर के विद्यार्थी न्याय के इस संघर्ष में अपना योगदान दे रहे हैं। वे जुलुस प्रदर्शनों से लेकर जागरूकता अभियान तक चला रहे हैं। उनकी गतिविधियों के बारे में आप Wikipedia से और जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस वेबसाइट पर बहुत सारे चित्र, पोस्टर, वृतचित्र और पीड़ितों के बयान आदि उपलब्ध हैं।

इस वेबसाइट तथा अन्य संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए अपनी कक्षा में दिखाने के लिए भोपाल गैस त्रासदी पर एक दीवार पत्रिका (वॉल-पेपर)/प्रदर्शनी तैयार करें। पूरे स्कूल को अपनी रचनाएँ देखने और उन पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित करें।

उत्तर:

भोपाल गैस त्रासदी पर दीवार पत्रिका बनाने के लिए सबसे पहले Wikipedia और अन्य विश्वसनीय वेबसाइट्स से जानकारी इकट्ठा करें। इसमें त्रासदी की तारीख (2-3 दिसंबर 1984), यूनियन कार्बाइड कारखाने से गैस लीक होने की घटना, इससे हुए नुकसान (हज़ारों लोगों की मौत और बीमारियाँ) और पीड़ितों की माँगों (साफ पानी, मुआवज़ा, स्वास्थ्य सुविधाएँ) को शामिल करें। चित्र, पोस्टर और पीड़ितों के बयानों को जोड़ें। दीवार पत्रिका में रंगीन कागज़, तस्वीरें और छोटे-छोटे लेख इस्तेमाल करें। उदाहरण के लिए, एक हिस्से में त्रासदी की तस्वीरें, दूसरे हिस्से में पीड़ितों की कहानियाँ और तीसरे हिस्से में जागरूकता अभियानों की जानकारी डालें।

स्कूल के सभी बच्चों और शिक्षकों को प्रदर्शनी देखने के लिए बुलाएँ और त्रासदी के बारे में चर्चा करें, ताकि सबको इसके बारे में पता चले।

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2. धर्मनिरपेक्षता की समझ (New)
3. संसद और कानून निर्माण की प्रक्रिया (New)
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