Bihar Board Class 8 Civics Chapter 7 Solutions – जनसुविधाएँ (New)

Bihar Board Class 8 Civics Chapter 7 Solutions are available here. This covers the written question answer from the New Civics Book Chapter 7 – “जनसुविधाएँ”. All solutions are in hindi medium and follow the new syllabus.

यह अध्याय आपको पानी, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं के बारे में बताएगा। आप समझेंगे कि ये सुविधाएँ हर नागरिक का हक हैं। यह अध्याय यह भी बताएगा कि सरकार इन सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए क्या करती है।

Bihar Board Class 8 Civics Chapter 7 Solutions new

Bihar Board Class 8 Civics Chapter 7 Solutions

Chapter7. जनसुविधाएँ
SubjectCivics (सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन)
Class8th
BoardBihar Board

अभ्यास

1. आपको ऐसा क्यों लगता है कि दुनिया में निजी जलापूर्ति के उदाहरण कम हैं?

उत्तर:

दुनिया में निजी जलापूर्ति के उदाहरण कम हैं क्योंकि पानी एक ऐसी मूलभूत जरूरत है, जिसे हर व्यक्ति को मिलना चाहिए। निजी कंपनियाँ पानी को बेचकर मुनाफा कमाना चाहती हैं, लेकिन यह तरीका हर जगह काम नहीं करता। कई बार निजी कंपनियाँ सिर्फ उन इलाकों में पानी देती हैं, जहाँ लोग ज्यादा पैसे दे सकते हैं। इससे गरीब इलाकों में पानी की कमी रहती है। दूसरी ओर, सरकारें कोशिश करती हैं कि पानी सभी तक पहुँचे, लेकिन कई बार उनके पास पर्याप्त संसाधन नहीं होते। इसलिए लोग निजी जलापूर्ति पर पूरी तरह निर्भर नहीं करते, और सरकार ही ज्यादातर जगहों पर पानी उपलब्ध कराती है।

2. क्या आपको लगता है कि चेन्नई में सबको पानी की सुविधा उपलब्ध है और वे पानी का खर्च उठा सकते हैं? चर्चा करें।

उत्तर:

नहीं, चेन्नई में सभी लोगों को पानी की सुविधा पूरी तरह उपलब्ध नहीं है। शहर में पानी की बहुत कमी है। नगरपालिका केवल आधे शहर की जरूरतें ही पूरी कर पाती है। कुछ इलाकों में पानी नियमित रूप से आता है, लेकिन कुछ जगहों पर बहुत कम या बिल्कुल नहीं आता। जिन इलाकों में पानी के टैंक या भंडारण हैं, वहाँ पानी ज्यादा मिलता है, लेकिन दूर की बस्तियों में पानी की कमी रहती है। इसके अलावा, निजी जल व्यापारी पानी महँगा बेचते हैं, जिसे गरीब लोग नहीं खरीद सकते। इस वजह से चेन्नई में पानी की सुविधा और खर्च दोनों के मामले में असमानता है।

3. किसानों द्वारा चेन्नई के जल व्यापारियों को पानी बेचने से स्थानीय लोगों पर क्या असर पड़ रहा है? क्या आपको लगता है कि स्थानीय लोग भूमिगत पानी के इस दोहन का विरोध कर सकते हैं? क्या सरकार इस बारे में कुछ कर सकती है?

उत्तर:

किसानों द्वारा चेन्नई के जल व्यापारियों को पानी बेचने से स्थानीय लोगों को कई समस्याएँ हो रही हैं। भूमिगत पानी का बहुत ज्यादा दोहन होने से गाँवों में पीने का पानी कम हो रहा है। साथ ही, खेती के लिए पानी नहीं मिल पा रहा, जिससे फसलें खराब हो रही हैं और किसानों की आजीविका पर असर पड़ रहा है।

हाँ, स्थानीय लोग इस दोहन का विरोध कर सकते हैं। पानी एक प्राकृतिक संसाधन है, और इसे कोई भी कंपनी बिना नियमों के इस्तेमाल नहीं कर सकती। लोग एकजुट होकर इसके खिलाफ आवाज उठा सकते हैं।

सरकार भी इस समस्या को हल करने के लिए कदम उठा सकती है। वह जल व्यापारियों पर सख्त नियम लागू कर सकती है, जैसे पानी निकालने की सीमा तय करना। साथ ही, गलत तरीके से पानी बेचने वालों पर जुर्माना या सजा दी जा सकती है।

4. ऐसा क्यों है कि ज्यादातर निजी अस्पताल और निजी स्कूल कस्बों या ग्रामीण इलाकों की बजाय बड़े शहरों में ही हैं?

उत्तर:

निजी अस्पताल और निजी स्कूल ज्यादातर बड़े शहरों में हैं क्योंकि उनकी सेवाएँ महँगी होती हैं। शहरों में लोग ज्यादा पैसे कमा सकते हैं और इन सेवाओं का खर्च उठा सकते हैं। इसके अलावा, शहरों में बेहतर सड़कें, बिजली और अन्य सुविधाएँ होती हैं, जो निजी अस्पतालों और स्कूलों को चलाने के लिए जरूरी हैं। गाँवों और कस्बों में लोग कम पैसे कमाते हैं, और वहाँ बुनियादी सुविधाएँ भी कम होती हैं। इसलिए निजी अस्पताल और स्कूल शहरों में खुलते हैं, जहाँ ज्यादा ग्राहक और सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं।

5. क्या आपको लगता है कि हमारे देश में जनसुविधाओं का वितरण पर्याप्त और निष्पक्ष है? अपनी बात के समर्थन में एक उदाहरण दें।

उत्तर:

नहीं, हमारे देश में जनसुविधाओं का वितरण पूरी तरह पर्याप्त और निष्पक्ष नहीं है। शहरों में सड़कें, स्कूल, अस्पताल और बिजली जैसी सुविधाएँ आसानी से मिल जाती हैं, लेकिन गाँवों में इनकी बहुत कमी है। उदाहरण के लिए, शहरों में अच्छे सरकारी और निजी स्कूल हैं, जहाँ बच्चे पढ़ सकते हैं। लेकिन गाँवों में स्कूल दूर होते हैं, और कई बार वहाँ शिक्षक भी नियमित नहीं आते। इस वजह से गाँव के बच्चों को शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधा तक पूरी तरह नहीं मिल पाती।

6. अपने इलाके की पानी, बिजली आदि कुछ जनसुविधाओं को देखें। क्या उनमें सुधार की कोई गुंजाइश है? आपकी राय में क्या किया जाना चाहिए? इस तालिका को भरें।

उत्तर:

सुविधाक्या यह उपलब्ध है?उसमें कैसे सुधार लाया जाए?
पानीहाँ, उपलब्ध है, लेकिन कई बार अनियमित।पानी की आपूर्ति को नियमित करना, पाइपलाइन की मरम्मत करना, और बारिश के पानी को इकट्ठा करने की व्यवस्था शुरू करना।
बिजलीहाँ, उपलब्ध है, लेकिन कटौती होती है।बिजली की कटौती कम करना, और सौर ऊर्जा जैसे नए स्रोतों का उपयोग करना।
सड़कहाँ, उपलब्ध है, लेकिन कुछ सड़कें खराब हैं।सड़कों की मरम्मत करना, नई सड़कें बनाना, और ट्रैफिक व्यवस्था सुधारना।
सार्वजनिक परिवहनहाँ, उपलब्ध है, लेकिन बसें कम हैं।बसों की संख्या बढ़ाना, समय पर चलाना, और अधिक रूट शुरू करना।

7. क्या आपके इलाके के सभी लोग उपरोक्त जनसुविधाओं का समान रूप से इस्तेमाल करते हैं? विस्तार से बताएँ।

उत्तर:

नहीं, मेरे इलाके में सभी लोग जनसुविधाओं का समान रूप से इस्तेमाल नहीं कर पाते। उदाहरण के लिए, पानी की आपूर्ति शहर के मुख्य इलाकों में नियमित होती है, लेकिन बाहरी या गरीब बस्तियों में पानी कम समय के लिए आता है। लोग टैंकरों से पानी खरीदने को मजबूर होते हैं, जो गरीब लोग नहीं कर सकते। बिजली भी ज्यादातर उपलब्ध है, लेकिन गाँवों या स्लम इलाकों में बिजली कटौती ज्यादा होती है। सड़कें शहरों में अच्छी हैं, लेकिन गाँवों में कच्ची सड़कें हैं, जिससे आने-जाने में दिक्कत होती है।

सार्वजनिक परिवहन भी मुख्य इलाकों में ज्यादा उपलब्ध है, लेकिन दूर-दराज के गाँवों में बसें कम चलती हैं। इस तरह, अमीर लोग इन सुविधाओं का ज्यादा फायदा उठा पाते हैं, जबकि गरीब लोग इनसे वंचित रह जाते हैं।

8. जनगणना के साथ साथ कुछ जनसुविधाओं के बारे में भी आँकड़े इकट्ठा किए जाते हैं। अपने शिक्षक के साथ चर्चा करें कि जनगणना का काम कब और किस तरह किया जाता है।

उत्तर:

जनगणना हर 10 साल में की जाती है। भारत में यह काम सरकार द्वारा आयोजित किया जाता है। आखिरी जनगणना 2011 में हुई थी, और अगली जनगणना 2021 में होनी थी, लेकिन कुछ कारणों से इसे टाल दिया गया। जनगणना में गाँवों और शहरों में जाकर लोगों की जानकारी इकट्ठा की जाती है। कर्मचारी घर-घर जाकर लोगों से उनकी उम्र, शिक्षा, नौकरी, परिवार के सदस्यों की संख्या, और जनसुविधाओं जैसे पानी, बिजली, और शौचालय की उपलब्धता के बारे में सवाल पूछते हैं। यह जानकारी सरकार को यह समझने में मदद करती है कि देश में कितनी सुविधाएँ हैं और कहाँ सुधार की जरूरत है।

9. हमारे देश में निजी शैक्षणिक संस्थान – स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान बड़े पैमाने पर खुलते जा रहे हैं। दूसरी तरफ सरकारी शिक्षा संस्थानों का महत्व कम होता जा रहा है। आपकी राय में इसका क्या असर हो सकता है? चर्चा कीजिए।

उत्तर:

निजी शैक्षणिक संस्थानों की संख्या बढ़ने और सरकारी संस्थानों के महत्व के कम होने से कई असर हो सकते हैं। निजी स्कूल और कॉलेज की फीस बहुत ज्यादा होती है, जो केवल अमीर लोग ही दे सकते हैं। इससे गरीब बच्चे अच्छी शिक्षा से वंचित रह सकते हैं। दूसरी ओर, सरकारी स्कूलों में सुविधाएँ कम हो रही हैं, जैसे शिक्षकों की कमी या खराब बुनियादी ढांचा। इससे शिक्षा में अमीर और गरीब के बीच की खाई बढ़ेगी। साथ ही, निजी संस्थान मुनाफे के लिए काम करते हैं, इसलिए वे केवल उन कोर्स को बढ़ावा देते हैं जो ज्यादा पैसे कमाने में मदद करते हैं, न कि समाज के लिए जरूरी शिक्षा को।

इससे देश में असमानता बढ़ सकती है। सरकार को सरकारी स्कूलों को बेहतर करना चाहिए ताकि सभी बच्चों को अच्छी और सस्ती शिक्षा मिल सके।

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1. भारतीय संविधान (New)
2. धर्मनिरपेक्षता की समझ (New)
3. संसद और कानून निर्माण की प्रक्रिया (New)
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