Get free Bihar Board Class 6 Science Chapter 4 Solutions here. This covers all question answers of chapter 4 – “चुंबकों को जानें”, from the new Science Book (Jigyasa). All answers are in Hindi medium and follow the new syllabus.
कक्षा 6 विज्ञान का चौथा अध्याय, “चुंबकों को जानें”, चुंबकों की रोचक दुनिया से परिचय कराता है। इस अध्याय में आप यह समझेंगे कि चुंबक क्या होता है और यह कैसे काम करता है। आप यह भी जानेंगे कि चुंबक की मदद से कौन-कौन सी चीजें आकर्षित होती हैं और कौन सी नहीं। इसके अलावा, आप चुंबक के विभिन्न प्रकार और उनके उपयोग के बारे में सीखेंगे। यह अध्याय आपको चुंबकों की खासियतों को समझने में मदद करेगा। इस अध्याय के प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं।

Bihar Board Class 6 Science Chapter 4 Solutions
| Class | 6 |
| Subject | Science (Jigyasa) |
| Chapter | 4. चुंबकों को जानें |
| Board | Bihar Board |
अभ्यास
आइए, और अधिक सीखें
1. निम्नलिखित में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(क) दो चुंबकों के विपरीत ध्रुव एक-दूसरे को ……….. करते हैं, जबकि करते हैं। समान ध्रुव एक-दूसरे को ………..करते हैं।
उत्तर: आकर्षित, प्रतिकर्षित
(ख) वे पदार्थ जो चुंबक की ओर आकर्षित होते हैं, उन्हें ……….. कहते हैं।
उत्तर: चुंबकीय
(ग) चुंबकीय दिक्सूचक की सुई ……….. दिशा में ही ठहरती है।
उत्तर: उत्तर-दक्षिण
(घ) चुंबक में सर्वदा ……….. ध्रुव होते हैं।
उत्तर: दो
2. निम्नलिखित कथन सत्य (✓) हैं या असत्य (✗) –
(क) किसी चुंबक को टुकड़ों में तोड़कर एक ध्रुव प्राप्त किया जा सकता है।
उत्तर: ✗
(ख) चुंबक के समान ध्रुव एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं।
उत्तर: ✓
(ग) जब किसी छड़ चुंबक को लोहरेतन के पास लाया जाता है, तो अधिकांश लोहरेतन उसके बीच में चिपक जाता है।
उत्तर: ✗
(घ) स्वतंत्र रूप से लटका हुआ छड़ चुंबक हमेशा उत्तर-दक्षिण दिशा की ओर इंगित करता है।
उत्तर: ✓
3. स्तंभ । में विभिन्न स्थितियाँ दर्शाई गई हैं, जिनमें एक चुंबक का कोई एक ध्रुव दूसरे चुंबक के किसी ध्रुव के निकट स्थित होता है। स्तंभ II में विभिन्न स्थितियों के लिए उनके बीच होने वाली अंतः क्रिया दर्शाई गई है। रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।

उत्तर:
- N – N : प्रतिकर्षण
- N – S : आकर्षण
- S – N : आकर्षण
- S – S : प्रतिकर्षण
4. अथर्व ने एक प्रयोग किया जिसमें उसने एक छड़ चुंबक लिया और उसे स्टील की पिनों के ढेर पर घुमाया (चित्र 4.15)।

आपके अनुसार तालिका 4.3 में दिए गए अवलोकनों के समुच्चय में से कौन-सा विकल्प संभवतः उसका वास्तविक अवलोकन है?

उत्तर: चुंबक की ताकत उसके दोनों सिरों (ध्रुवों) पर सबसे ज्यादा होती है, जबकि बीच का हिस्सा कम ताकतवर होता है। जब अथर्व ने चुंबक को पिनों के ढेर पर घुमाया, तो चुंबक के सिरों (स्थिति ‘क’ और ‘ग’) पर ज्यादा पिनें चिपकी होंगी, और बीच (स्थिति ‘ख’) में कम पिनें। तालिका 4.3 में विकल्प (i) यानी 10, 2, 10 यह दिखाता है कि सिरों पर 10 पिनें और बीच में 2 पिनें चिपकीं, जो सही अवलोकन है।
इसलिए, सही विकल्प है: (i) 10, 2, 10।
5. रेशमा ने बाजार से तीन एकसमान धातु की छड़ें खरीदीं। इनमें से दो छड़ें चुंबक थी एकस और एक लोहे का टुकड़ा था। बिना किसी अन्य सामग्री का उपयोग किए, वह कैसे पहचानेगी कि तीनों में से कौन-सी दो छड़ें चुंबक हो सकती हैं?
उत्तर: रेशमा हर छड़ को बारी-बारी से दूसरी छड़ के पास ले जाएगी और उनके सिरों को आपस में मिलाएगी। अगर दो छड़ें एक-दूसरे को धक्का देती हैं (प्रतिकर्षित करती हैं), तो वे दोनों चुंबक होंगी, क्योंकि केवल चुंबक ही एक-दूसरे को धक्का दे सकते हैं। लेकिन अगर कोई छड़ दूसरी छड़ को सिर्फ खींचती है और धक्का नहीं देती, तो वह लोहे की छड़ होगी। इस तरह, रेशमा उन दो छड़ों को ढूंढ लेगी जो एक-दूसरे को धक्का देती हैं, और वे चुंबक होंगी।
6. आपको एक चुंबक दिया गया है जिस पर ध्रुवों की पहचान अंकित नहीं है। आप एक अन्य चुंबक जिस पर ध्रुव अंकित हैं की सहायता से दिए गए चुंबक के ध्रुवों का पता कैसे लगा सकते हैं?
उत्तर: जिस चुंबक पर ध्रुव अंकित हैं, उसका उत्तरी ध्रुव (N) लें और उसे बिना ध्रुव अंकित वाले चुंबक के एक सिरे के पास लाएँ। अगर दोनों सिरे एक-दूसरे को खींचते हैं, तो बिना अंकित चुंबक का वह सिरा दक्षिणी ध्रुव (S) होगा। अगर दोनों सिरे एक-दूसरे को धक्का देते हैं, तो वह सिरा उत्तरी ध्रुव (N) होगा। अब बिना अंकित चुंबक के दूसरे सिरे के साथ भी यही करें। इस तरह, आप दोनों ध्रुवों की पहचान कर लेंगे।
7. एक छड़ चुंबक पर उसके ध्रुवों को दर्शाने के लिए कोई चिह्न अंकित नहीं है। आप किसी अन्य चुंबक का उपयोग किए बिना यह कैसे पता लगाएँगे कि उसका उत्तरी ध्रुव किस छोर पर स्थित है?
उत्तर: चुंबक को एक धागे से बांधकर हवा में स्वतंत्र रूप से लटकाएँ ताकि वह आसानी से घूम सके। जब चुंबक रुक जाएगा, तो उसका जो सिरा उत्तर दिशा की ओर इशारा करेगा, वह उत्तरी ध्रुव (N) होगा। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि पृथ्वी का चुंबकीय दक्षिणी ध्रुव (जो भौगोलिक उत्तरी ध्रुव के पास है) चुंबक के उत्तरी ध्रुव को खींचता है। इस तरह, आप बिना किसी अन्य चुंबक के उत्तरी ध्रुव का पता लगा सकते हैं।
8. यदि पृथ्वी स्वयं एक चुंबक है तो क्या आप चुंबकीय दिक्सूचक से दिशा देखकर पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुवों का अनुमान लगा सकते हैं?
उत्तर: हाँ, चुंबकीय दिक्सूचक (कंपास) से पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुवों का अनुमान लगाया जा सकता है। कंपास की सुई एक छोटा चुंबक होती है, जो स्वतंत्र रूप से घूम सकती है। जब आप कंपास को रखते हैं, तो उसकी सुई का उत्तरी सिरा हमेशा पृथ्वी के चुंबकीय उत्तरी ध्रुव की ओर इशारा करता है, जो भौगोलिक उत्तरी ध्रुव के पास होता है।
इसी तरह, सुई का दक्षिणी सिरा पृथ्वी के चुंबकीय दक्षिणी ध्रुव की ओर इशारा करता है। इस तरह, कंपास की दिशा देखकर हम पृथ्वी के चुंबकीय ध्रुवों की स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं।
9. एक मिस्त्री पेंचकस की सहायता से एक यंत्र की मरम्मत कर रहा था लेकिन स्टील के पेंच बार-बार नीचे गिर रहे थे। इस अध्याय में आपने जो सीखा है, उसके आधार पर मिस्त्री की समस्या को हल करने का उपाय सुझाइए।
उत्तर: मिस्त्री अपने पेंचकस को एक चुंबक से कई बार रगड़ सकता है। इससे पेंचकस में थोड़ा चुंबकत्व आ जाएगा, और वह स्टील के पेंचों को खींचने लगेगा। अब जब मिस्त्री पेंच उठाएगा, तो पेंच पेंचकस से चिपक जाएगा और नीचे नहीं गिरेगा। यह तरीका आसान है और पेंचों को संभालने में मदद करेगा।
10. दो वलय चुंबक, ‘क’ और ‘ख’, चित्र 4.16 में दर्शाए अनुसार व्यवस्थित हैं। यह देखा गया है कि चुंबक ‘क’ नीचे की ओर नहीं जाता है। इसका संभावित कारण क्या हो सकता है? किसी भी चुंबक को बिना धकेले चुंबक ‘क’ को चुंबक ‘ख’ के संपर्क में लाने का उपाय सुझाइए।

उत्तर: चुंबक ‘क’ नीचे की ओर नहीं जा रहा, क्योंकि दोनों चुंबकों (‘क’ और ‘ख’) के समान ध्रुव (जैसे N-N या S-S) एक-दूसरे के सामने हैं। समान ध्रुव एक-दूसरे को धक्का देते हैं, इसलिए चुंबक ‘क’ ऊपर तैर रहा है।
चुंबक ‘क’ को बिना धकेले चुंबक ‘ख’ के संपर्क में लाने के लिए, चुंबक ‘क’ को पलट दें ताकि इसके विपरीत ध्रुव (जैसे N-S) एक-दूसरे के सामने आएँ। विपरीत ध्रुव एक-दूसरे को खींचते हैं, जिससे चुंबक ‘क’ अपने आप नीचे खिसककर चुंबक ‘ख’ से मिल जाएगा।
11. तीन छड़ चुंबकों को चित्र 4.17 में दर्शाए अनुसार एक मेज पर व्यवस्थित किया गया है। एक सिरे (5) की ध्रुवता आपको दी गई है। अब आप बताइए कि चुंबकों के सिरों 1, 2, 3, 4 और 6 पर ध्रुवता N या S में से क्या-क्या है?

उत्तर: हमें बताया गया है कि सिरा 5 उत्तरी ध्रुव (N) है। अब हम बाकी सिरों की ध्रुवता इस तरह पता करेंगे:
- सिरा 1: सिरा 1, सिरा 5 को धक्का दे रहा है। चूंकि सिरा 5 उत्तरी ध्रुव (N) है, और समान ध्रुव धक्का देते हैं, इसलिए सिरा 1 भी उत्तरी ध्रुव (N) है।
- सिरा 2: सिरा 2, सिरा 1 को खींच रहा है। चूंकि सिरा 1 उत्तरी ध्रुव (N) है, और विपरीत ध्रुव खींचते हैं, इसलिए सिरा 2 दक्षिणी ध्रुव (S) है।
- सिरा 3: सिरा 3, सिरा 2 को धक्का दे रहा है। चूंकि सिरा 2 दक्षिणी ध्रुव (S) है, और समान ध्रुव धक्का देते हैं, इसलिए सिरा 3 भी दक्षिणी ध्रुव (S) है।
- सिरा 4: सिरा 4, सिरा 3 को खींच रहा है। चूंकि सिरा 3 दक्षिणी ध्रुव (S) है, और विपरीत ध्रुव खींचते हैं, इसलिए सिरा 4 उत्तरी ध्रुव (N) है।
- सिरा 6: सिरा 6, सिरा 4 को धक्का दे रहा है। चूंकि सिरा 4 उत्तरी ध्रुव (N) है, और समान ध्रुव धक्का देते हैं, इसलिए सिरा 6 भी उत्तरी ध्रुव (N) है।
अतः चुंबकों के सिरों पर ध्रुवता निम्नलिखित है:
- सिरा 1: N (उत्तरी ध्रुव)
- सिरा 2: S (दक्षिणी ध्रुव)
- सिरा 3: S (दक्षिणी ध्रुव)
- सिरा 4: N (उत्तरी ध्रुव)
- सिरा 6: N (उत्तरी ध्रुव)
अध्याय के अंदर के प्रश्न
1. क्या चुंबक केवल कुछ विशेष पदार्थों से बनी वस्तुओं पर ही चिपकते हैं?
उत्तर: हाँ, चुंबक केवल कुछ खास पदार्थों से बनी वस्तुओं को ही आकर्षित करते हैं। ये पदार्थ हैं लोहा, निकल, कोबाल्ट और स्टील जैसे चुंबकीय पदार्थ। उदाहरण के लिए, चुंबक स्टील की पिन या लोहे की कील को खींच लेता है, लेकिन प्लास्टिक, लकड़ी या काँच जैसी चीजों को नहीं खींचता। इसका कारण यह है कि केवल चुंबकीय पदार्थ ही चुंबक के आकर्षण का जवाब देते हैं।
2. क्या चुंबक के सभी भाग चुंबकीय पदार्थों को समान रूप से आकर्षित करते हैं?
उत्तर: नहीं, चुंबक के सभी भाग चुंबकीय पदार्थों को समान रूप से आकर्षित नहीं करते। चुंबक की ताकत उसके दोनों सिरों, यानी उत्तरी ध्रुव (N) और दक्षिणी ध्रुव (S) पर सबसे ज्यादा होती है। इन ध्रुवों पर चुंबक सबसे ज्यादा पदार्थों को खींचता है। लेकिन चुंबक के बीच का हिस्सा कम ताकतवर होता है, इसलिए वहाँ आकर्षण कम होता है। उदाहरण के लिए, अगर आप चुंबक को स्टील की पिनों के पास लाते हैं, तो सिरों पर ज्यादा पिनें चिपकेंगी, लेकिन बीच में कम।
3. क्या हम एक ध्रुव वाला चुंबक प्राप्त कर सकते हैं?
उत्तर: नहीं, हम एक ध्रुव वाला चुंबक प्राप्त नहीं कर सकते। हर चुंबक में हमेशा दो ध्रुव होते हैं—उत्तरी ध्रुव (N) और दक्षिणी ध्रुव (S)। अगर आप एक चुंबक को तोड़कर दो टुकड़े करते हैं, तो भी प्रत्येक टुकड़े में दोनों ध्रुव (N और S) बन जाएँगे। यह चुंबक का प्राकृतिक गुण है कि उसके ध्रुव हमेशा जोड़े में रहते हैं। इसलिए, केवल एक ध्रुव वाला चुंबक बनाना संभव नहीं है।
4. जब हम दो चुंबक एक-दूसरे के पास लाते हैं तो क्या होता है?
उत्तर: जब हम दो चुंबक एक-दूसरे के पास लाते हैं, तो उनके ध्रुवों के आधार पर दो चीजें हो सकती हैं:
- अगर एक चुंबक का उत्तरी ध्रुव (N) और दूसरे का दक्षिणी ध्रुव (S) पास आते हैं, तो वे एक-दूसरे को खींचते हैं (आकर्षण)।
- अगर दोनों चुंबकों के समान ध्रुव (जैसे N-N या S-S) पास आते हैं, तो वे एक-दूसरे को धक्का देते हैं (प्रतिकर्षण)। इस तरह, चुंबकों का व्यवहार उनके ध्रुवों पर निर्भर करता है—विपरीत ध्रुव खींचते हैं, और समान ध्रुव धक्का देते हैं।
5. मान लीजिए हम दिक्सूचक की सुई और चुंबक के बीच लकड़ी का एक टुकड़ा रखते हैं। क्या इससे दिक्सूचक की सुई के विक्षेपण पर कोई प्रभाव पड़ेगा?
नहीं, लकड़ी का टुकड़ा दिक्सूचक की सुई के विक्षेपण पर कोई प्रभाव नहीं डालेगा। चुंबक का आकर्षण लकड़ी जैसे गैर-चुंबकीय पदार्थों से होकर आसानी से गुजर जाता है। जब आप चुंबक को दिक्सूचक की सुई के पास लाते हैं, तो सुई चुंबक के ध्रुवों की ओर घूमती है। लकड़ी का टुकड़ा इस आकर्षण को रोकता नहीं है, इसलिए सुई वैसे ही घूमेगी जैसे वह बिना लकड़ी के घूमती।