Get free Bihar Board Class 6 Science Chapter 10 Solutions here. This covers all question answers of chapter 10 – “सजीव – विशेषताओं का अन्वेषण”, from the new Science Book (Jigyasa). All answers are in Hindi medium and follow the new syllabus.
कक्षा 6 विज्ञान का दसवाँ अध्याय, “सजीव – विशेषताओं का अन्वेषण”, सजीव प्राणियों की खास बातों के बारे में बताता है। इस अध्याय में आप यह समझेंगे कि सजीव क्या हैं और उनकी विशेषताएँ, जैसे साँस लेना, भोजन करना और बढ़ना, क्या होती हैं। आप यह भी जानेंगे कि सजीव और निर्जन चीजों में क्या अंतर है। यह अध्याय आपको जीव-जंतुओं और पौधों की दुनिया को बेहतर समझने में मदद करेगा। इस अध्याय के प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं।

Bihar Board Class 6 Science Chapter 10 Solutions
| Class | 6 |
| Subject | Science (Jigyasa) |
| Chapter | 10. सजीव – विशेषताओं का अन्वेषण |
| Board | Bihar Board |
अभ्यास
आइए, और अधिक सीखें
1. पौधों और जंतुओं के जीवन-चक्र में समानताओं और भिन्नताओं को सूचीबद्ध कीजिए।
उत्तर:
समानताएँ:
- पौधे और जंतु दोनों का एक जीवन-चक्र होता है। वे जन्म लेते हैं, बढ़ते हैं और फिर मर जाते हैं।
- दोनों नई पीढ़ी बनाने के लिए प्रजनन करते हैं। जैसे पौधे बीज बनाते हैं और जंतु बच्चे पैदा करते हैं।
- दोनों में बढ़ने और विकसित होने के चरण होते हैं। जैसे पौधा बीज से पेड़ बनता है और जंतु बच्चे से बड़ा होता है।
भिन्नताएँ:
- पौधे एक जगह स्थिर रहते हैं और बढ़ते हैं। जंतु इधर-उधर घूम सकते हैं।
- पौधे सूरज की रोशनी और पानी से अपनी भोजन बनाते हैं। जंतु खाना खाकर ऊर्जा पाते हैं।
- पौधे बीज से शुरू होकर जड़, तना और पत्तियाँ बनाते हैं। जंतु भ्रूण से शुरू होकर शरीर के अंग बनाते हैं।
2. नीचे तालिका में कुछ विवरण (डाटा) दिया गया है। तालिका का अध्ययन कीजिए और दूसरे व तीसरे स्तंभ में दी गई स्थितियों के लिए उपयुक्त उदाहरणों का पता लगाने का प्रयास कीजिए। यदि आपको लगता है कि नीचे दी गई किसी भी स्थिति के लिए उदाहरण संभव नहीं है, तो स्पष्ट कीजिए कि ऐसा क्यों है।

उत्तर:
| क्रम सं. | उदाहरण | टिप्पणी |
|---|---|---|
| 1. | पत्थर | त्थर निर्जीव है। यह न बढ़ता है और न ही साँस लेता है। |
| 2. | वायरस | वायरस तब तक निर्जीव रहता है जब तक वह किसी जीवित कोशिका में नहीं जाता। कोशिका में जाने पर वह साँस लेने जैसी प्रक्रिया करता है। |
| 3. | नमक का क्रिस्टल | क्रिस्टल आकार में बढ़ सकता है, लेकिन यह साँस नहीं लेता क्योंकि यह निर्जीव है |
| 4. | इंसान, पौधा | ये जीवित हैं, बढ़ते हैं और साँस लेते हैं |
3. आपने सीखा है कि बीजों के अंकुरण के लिए भिन्न-भिन्न परिस्थितियों की आवश्यकता होती है। अनाजों और दालों के उपयुक्त भंडारण के लिए हम इस ज्ञान का उपयोग किस प्रकार कर सकते हैं?
उत्तर: बीज अंकुरित होने के लिए नमी, गर्मी और हवा चाहिए। अनाज और दालों को अंकुरित होने से बचाने के लिए हमें इन्हें सूखा रखना चाहिए, ठंडे स्थान पर रखना चाहिए और हवा कम पहुँचने देनी चाहिए। ऐसा करने से अनाज और दालें लंबे समय तक खराब नहीं होंगी।
4. आपने सीखा है कि टैडपोल की एक पूंछ होती है, लेकिन जब वृद्धि के बाद यह मेंढक बनता है तो पूंछ लुप्त हो जाती है। टैडपोल अवस्था में पूंछ होने से क्या लाभ मिलता है?
उत्तर: टैडपोल की पूंछ उसे पानी में तैरने में मदद करती है। यह पूंछ उसे तेजी से इधर-उधर जाने, खाना ढूंढने और शिकारियों से बचने में सहायक होती है।
5. चरण का कहना है लकड़ी का लट्ठा निर्जीव है क्योंकि इसमें गति नहीं होती। इसके विपरीत चारु इसे सजीव मानती हैं, क्योंकि यह वृक्षों से प्राप्त होता है। चरण और चारु के कथनों के पक्ष या विपक्ष में अपने तर्क दीजिए।
उत्तर:
i) चरण का तर्क: चरण सही है कि लकड़ी का लट्ठा निर्जीव है। यह पेड़ से कटने के बाद न बढ़ता है, न साँस लेता है और न ही कोई जीवन प्रक्रिया करता है। यह अब सिर्फ़ एक वस्तु है।
ii) चारु का तर्क: चारु का कहना कि लकड़ी पेड़ से आती है, सही है, क्योंकि पेड़ सजीव होता है। लेकिन लकड़ी कटने के बाद सजीव नहीं रहती। इसमें अब जीवन की कोई प्रक्रिया नहीं होती।
6. मच्छर और मेंढक के जीवन-चक्र में क्या समानताएँ और क्या विभेदकारी विशेषताएँ होती हैं?
उत्तर:
समानताएँ:
- दोनों का जीवन-चक्र अंडे से शुरू होता है।
- दोनों में लार्वा अवस्था होती है, जैसे मच्छर का लार्वा और मेंढक का टैडपोल।
- दोनों अपने जीवन की शुरुआत पानी में करते हैं।
विभेदकारी विशेषताएँ:
- मच्छर के जीवन-चक्र में प्यूपा अवस्था होती है, लेकिन मेंढक में नहीं।
- मच्छर का लार्वा पानी में छोटे-छोटे टुकड़ों की तरह तैरता है, जबकि टैडपोल मछली की तरह तैरता है।
- मच्छर बड़ा होने पर हवा में उड़ता है, लेकिन मेंढक पानी और ज़मीन दोनों पर रहता है।
7. एक पौधे को उसकी वृद्धि के लिए उपयुक्त सभी स्थितियाँ उपलब्ध कराई गई हैं। (चित्र 10.9) एक सप्ताह पश्चात आप इस पौधे के प्ररोह और जड़ में क्या देखने की अपेक्षा करते हैं? उसका चित्र बनाइए। इसके कारण भी लिखिए।

उत्तर: एक सप्ताह बाद पौधे की जड़ें नीचे की ओर बढ़ेंगी और प्ररोह (तना और पत्तियाँ) ऊपर की ओर बढ़ेगा।
कारण:
- जड़ें पानी और खनिज लेने के लिए नीचे की ओर बढ़ती हैं।
- प्ररोह सूरज की रोशनी पाने के लिए ऊपर की ओर बढ़ता है।
8. तारा और विजय ने एक प्रयोग का सेट-अप तैयार किया है जिसे चित्र 10.10 में दर्शाया गया है। आप क्या सोचते हैं कि वे क्या पता करना चाहते हैं? और, उन्हें यह कैसे पता चलेगा कि वे सही हैं?

उत्तर: तारा और विजय यह जानना चाहते हैं कि पौधा किस दिशा में बढ़ता है जब उसे अलग-अलग दिशाओं से रोशनी मिलती है। वे यह देख सकते हैं कि पौधा किस तरफ़ ज़्यादा झुकता है या बढ़ता है। अगर पौधा रोशनी की दिशा में बढ़ता है, तो उनका प्रयोग सही है।
9. बीज अंकुरण पर तापमान के प्रभाव की जाँच करने के लिए एक प्रयोग की योजना लिखिए।
उत्तर:
प्रयोग की योजना:
- एक ही तरह के बीज लें, जैसे मूंग या चना, और तीन बर्तनों में बराबर मात्रा में बीज डालें।
- पहला बर्तन फ्रिज में (ठंडा), दूसरा बर्तन कमरे में (सामान्य तापमान), और तीसरा बर्तन धूप में (गर्म) रखें।
- तीनों बर्तनों में रोज़ बराबर पानी डालें और देखें कि बीज कब और कैसे अंकुरित होते हैं।
- हर दिन नोट करें कि कितने बीज अंकुरित हुए और कितनी तेज़ी से बढ़ रहे हैं। तुलना करें कि किस तापमान में बीज सबसे अच्छे अंकुरित हुए।