Get our free solutions of Bihar Board class 6 Civics chapter 2 on this page. It has complete set of question answer of chapter 2 – “ग्रामीण जीवन-यापन के स्वरूप” in hindi.
भारत एक कृषि प्रधान देश है और बहुत से लोग गांवों में रहते हैं। इस अध्याय में हम ग्रामीण जीवन शैली, आजीविका के साधन, रीति-रिवाज़ों और चुनौतियों के बारे में जानेंगे। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की आवश्यकता और इसके लिए सरकारी प्रयासों पर भी प्रकाश डाला जाएगा।

Bihar Board Class 6 Civics Chapter 2
Subject | Civics |
Class | 6th |
Chapter | 1. विविधता की समझ |
Board | Bihar Board |
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें –
प्रश्न 1. एक मध्यम किसान परिवार को आमतौर पर आजीवन चलाने हेतु कितनी भूमि की आवश्यकता होती है, शिक्षक के साथ चर्चा करें।
उत्तर- छात्र अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करे।
प्रश्न 2. मध्यम किसान दूसरे के खेतों में काम क्यों नहीं करते हैं?
उत्तर- मध्यम किसानों के पास कुछ एकड़ जमीन होती है, जिससे वे अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकते हैं। उन्हें दूसरों के खेतों में मजदूरी करने की आवश्यकता नहीं पड़ती क्योंकि वे अपनी फसल से ही पर्याप्त आय अर्जित कर लेते हैं। हालांकि, कभी-कभी वे अतिरिक्त आमदनी के लिए मुर्गीपालन या छोटे पैमाने पर डेयरी चलाते हैं।
प्रश्न 3. ललन की पारिवारिक आय में वृद्धि होने के अन्य तीन स्रोत बताएँ।
उत्तर- ललन अपनी पारिवारिक आय बढ़ाने के लिए निम्नलिखित तरीकों को अपना सकता है: मुर्गीपालन – मुर्गियों से अंडे और मांस बेचकर; दुग्ध विक्रय – गाय या भैंस पालकर उनका दूध बेचना; और बागवानी – फल या सब्जियां उगाकर बेचना। इन गतिविधियों से उसकी आय में वृद्धि होगी।
प्रश्न 4. सीमान्त किसान कृषि कार्य के अलावे कौन-कौन से कार्य करते हैं, सूची बनाएँ।
उत्तर- सीमांत किसान कृषि के अलावा निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं: काष्ठ शिल्पकला, बुनाई जैसे हस्तशिल्प, छोटी दुकान चलाना, निर्माण स्थलों पर मजदूरी करना, पशुपालन करना आदि। ये गतिविधियां उन्हें अतिरिक्त आय अर्जित करने में मदद करेंगी।
प्रश्न 5. कृपाशंकर जैसे किसानों को खाद-बीज के लिए कर्ज कहाँ-कहाँ से मिल जाता है ? इस कर्ज को कब और कैसे वापस करना होता है?
उत्तर- सीमांत किसानों को खेती के लिए खाद, बीज और कीटनाशकों के लिए ऋण लेना पड़ता है। वे आमतौर पर महाजनों या साहूकारों से उच्च ब्याज दरों पर ऋण लेते हैं क्योंकि उन्हें बैंकों से ऋण प्राप्त करना मुश्किल होता है। फसल कटाई के बाद उन्हें अपनी फसल बेचकर ऋण चुकाना पड़ता है, लेकिन उन्हें कम मूल्य पर फसल बेचनी पड़ती है क्योंकि उन्हें जल्द ही ऋण चुकाना होता है।
प्रश्न 6. कृपाशंकर को डेयरी में दूध बेचने से कितनी आय प्राप्त होती होगी, अनुमान लगायें।
उत्तर- कृपाशंकर जैसे सीमांत किसानों के पास केवल एक या दो गाय/भैंस होती हैं। उन्हें डेयरी में दूध बेचकर महीने में कुछ हजार रुपए ही आय हो पाएगी। यह राशि उनके परिवार के खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं होगी। इसलिए उन्हें अन्य स्रोतों से भी आय अर्जित करनी पड़ती है जैसे दूसरों के खेतों में मजदूरी करना।
प्रश्न 7. मध्यम किसान और कृपाशंकर के काम में क्या अन्तर है?
उत्तर- मध्यम किसानों के पास थोड़ी-बहुत जमीन होती है, जिससे वे अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकते हैं। उनकी आय बढ़ाने के लिए वे मुर्गीपालन या छोटी डेयरी भी चला सकते हैं। दूसरी ओर, सीमांत किसानों जैसे कृपाशंकर के पास बहुत कम जमीन होती है। उन्हें बड़े हिस्से में दूसरों के खेतों में मजदूरी करनी पड़ती है ताकि वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें।
प्रश्न 8. सीमान्त किसान, मध्यम किसान, बड़ा किसान जरूरत पड़ने पर कर्ज कहाँ से लेते हैं?
उत्तर- सीमांत किसान आमतौर पर महाजनों/साहूकारों से उच्च ब्याज दरों पर ऋण लेते हैं क्योंकि बैंक उन्हें ऋण देने से कतराते हैं। मध्यम किसान किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से बैंकों से सस्ता ऋण प्राप्त कर सकते हैं। बड़े किसानों के पास पर्याप्त संपत्ति होती है, इसलिए बैंक उन्हें बड़े ऋण आसानी से देते हैं।
प्रश्न 9. आप अपने अनुभव से बताइए कि आप के यहाँ जोतदार किसान खेती के अलावे क्या-क्या करते हैं?
उत्तर- जोतदार किसान खेती के अलावा मुर्गीपालन, दुग्ध विक्रय, फलों और सब्जियों की खेती, बुनाई आदि गतिविधियां कर सकते हैं। ये गतिविधियां उन्हें अतिरिक्त आय अर्जित करने में मदद करती हैं।
प्रश्न 10. एक बड़े किसान और सीमान्त किसान के खेती के कार्य के तरीकों में क्या अन्तर है?
उत्तर- बड़े किसानों के पास विशाल खेत होते हैं और उनके पास आधुनिक उपकरण जैसे ट्रैक्टर, मोटर पंप, थ्रेशर आदि भी उपलब्ध होते हैं। वे अधिक उत्पादन लेते हैं और कम मानव श्रम पर निर्भर रहते हैं। दूसरी ओर, सीमांत किसानों के पास बहुत कम भूमि होती है और वे परंपरागत तरीकों और अधिक मानव श्रम पर निर्भर रहते हैं। उनका उत्पादन भी कम होता है।
प्रश्न 11. एक बड़े किसान उत्पादित अनाज को क्या करते हैं, शिक्षक के साथ चर्चा करें।
उत्तर- एक बड़े किसान उत्पादित अनाज को अपने पास रखता है। इसके लिए उसके पास घर होता है। फसल की कीमतों का भाव बढ़ने का इन्तजार करता है। फिर उसे बजारों में बेच देता है । इससे उसे कई गुणा फायदा मिलता है।
प्रश्न 12. कृषक मजदूर एवं सीमान्त किसान में क्या समानता और अंतर है?
उत्तर- कृषक मजदूरों के पास बिल्कुल भी जमीन नहीं होती है, जबकि सीमांत किसानों के पास थोड़ी जमीन होती है। दोनों को अपने गुजारे के लिए दूसरों के खेतों में मजदूरी करनी पड़ती है। कृषक मजदूरों की आय सीमांत किसानों से भी कम होती है क्योंकि उनकी कोई जमीन नहीं होती।
प्रश्न 13. आमतौर पर कृषक मजदर को कर्ज कहाँ और कैसे प्राप्त होता है?
उत्तर- आमतौर पर कृषक मजदूर को कर्ज महाजन से तथा जमींदारों से मिल जाता है और गैर कृषि-कार्य (टोकरी बनाना, मिट्टी के बर्तन, ईंट, झाड़, सूप, पंखा, चटाई) बनाकर अपना जीवन यापन करते हैं।
प्रश्न 14. पशु पालने का क्या कारण है?
उत्तर- कृषक मजदूर मौसमी बेरोजगारी के दौरान पशुपालन करके अपना गुजारा चलाते हैं। फसल के मौसम के बाद, जब खेतों में काम नहीं होता, तो वे गाय, भैंस या बकरियां पालते हैं। इन पशुओं से प्राप्त दूध और मांस को बेचकर वे अपनी आमदनी के लिए एक और स्रोत प्राप्त कर लेते हैं।
प्रश्न 15. कृषक मजदूरों को किन-किन महीनों में काम नहीं मिलता है? अपने कक्षा के चार-पाँच सहपाठियों की टोली बनाकर सर्वेक्षण कीजिए।
उत्तर- छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।
अभ्यास
प्रश्न 1. आपके गाँव में किन-किन फसलों की खेती की जाती है ? सूची बनाएं।
उत्तर- हमारे गाँव में निम्नलिखित फसलों की खेती की जाती है।
- गेहूँ
- चावल
- बाजरा
- जो
- मक्का
- दलहन की खेती भी की जाती है।
प्रश्न 2. मध्यम किसान खेती के काम के लिए किन-किन माध्यमों से धन उपलब्ध करते हैं?
उत्तर- मध्यम किसानों के पास खेती के लिए पर्याप्त जमीन होती है, लेकिन उनके पास पैसे की कमी रहती है। ऐसे में वे किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) से कर्ज लेते हैं। केसीसी एक विशेष प्रकार का क्रेडिट कार्ड है जिसे बैंक किसानों को देते हैं। इससे किसान आसानी से कर्ज ले सकते हैं। साथ ही, वे सामान्य बैंक कर्ज भी ले सकते हैं। इन दोनों माध्यमों से प्राप्त धन से वे बीज, खाद, सिंचाई और मशीनरी का खर्च वहन करते हैं और अच्छी खेती कर पाते हैं।
प्रश्न 3. आमतौर पर आपके गाँव में एक किसान परिवार को खेती से गुजारा करने के लिए कितनी एकड़ जमीन की आवश्यकता होती है, जिससे उन्हें या उनके परिवार के सदस्यों को दूसरे के यहाँ मजदूरी नहीं करनी पड़े?
उत्तर- आमतौर पर हमारे गाँव में एक परिवार के लिए 10-15 एकड़ जमीन पर खेती करना पर्याप्त होता है। इतनी जमीन से प्राप्त अनाज और अन्य फसलों से वे परिवार का पेट भरने लायक आमदनी कमा लेते हैं। उन्हें किसी और के यहां मजदूरी करने की जरूरत नहीं पड़ती। हालांकि, जिन परिवारों के पास 5 एकड़ से कम जमीन है, वे मजदूरी करके अपना गुजारा चलाते हैं।
प्रश्न 4. महाजन या साहूकार के यहाँ कर्ज की ब्याज दर ऊंची क्यों होती है?
उत्तर- महाजन और साहूकार अक्सर गरीब और सीमांत किसानों की आर्थिक मजबूरी का फायदा उठाते हैं। ये किसान बैंकों से कर्ज लेने लायक नहीं होते, इसलिए महाजन उन्हें कर्ज देते हैं। लेकिन ब्याज की दरें बहुत ज्यादा रखते हैं, जो औसतन 30-40% सालाना होती है। यह दरें बैंकों की तुलना में कहीं अधिक होती हैं। किसानों के पास विकल्प न होने के कारण वे महाजनों द्वारा लगाई गई इन उच्च ब्याज दरों पर ही कर्ज लेना स्वीकार करते हैं।
प्रश्न 5. एक व्यक्ति को अमूमन एक वर्ष में कितने समय कषक मजदूर के रूप में काम मिलता है एवं बाकी दिनों में वह आजीविका संबंधी कौन-कौन से कार्य करते हैं?
उत्तर- एक ग्रामीण मजदूर को सालभर नहीं, बल्कि केवल 2-3 महीने ही खेती मजदूरी मिलती है। यह समय फसल की कटाई का होता है, जब खेतों में अधिक से अधिक श्रमिकों की जरूरत पड़ती है। बाकी समय वह बेरोजगार रहता है। इसलिए वह और उसका परिवार निर्माण कार्यों पर मजदूरी करने लगता है। जैसे शहरों में मिट्टी और बालू ढोना, मकान बनाने आदि। साथ ही गाँव में वे लकड़ी का काम, बुनाई और हथकरघा से बने सामान भी बनाते और बेचते हैं। कुछ पशुपालन भी करते हैं।
प्रश्न 6. संतोष और प्रमोद के परिवारों में क्या अंतर है?
उत्तर- संतोष और प्रमोद दोनों किसान परिवार हैं लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति में काफी अंतर है। संतोष एक गरीब किसान है, जिसके पास सिर्फ 2-3 एकड़ खेती योग्य जमीन है। यह उसके परिवार के लिए पर्याप्त नहीं है। इसलिए वह और उसका परिवार मजदूरी करके गुजारा करता है। जब गाँव में मजदूरी नहीं मिलती तो वे शहर जाकर निर्माण कार्य और मिट्टी/बालू ढोने का काम करते हैं। संतोष की पत्नी घर का काम देखती है और पशुपालन भी करती है।
दूसरी ओर, प्रमोद एक धनाढ्य किसान है। उसके पास 30-40 एकड़ जमीन है। वह अच्छी पैदावार लेता है और फसल को उचित समय और कीमत पर बेच देता है। इससे उसे अच्छी आमदनी होती है। उसे और उसके परिवार को बाहर मजदूरी नहीं करनी पड़ती। वह साल भर एक या दो मजदूरों को रख लेता है और अपने खेतों की देखभाल करवाता है। प्रमोद का परिवार सुखी और आत्मनिर्भर है।
प्रश्न 7. गैर कृषि कार्य के अन्तर्गत आपके गाँव के लोग कौन-कौन-सा कार्य करते हैं?
उत्तर- हमारे गाँव के लोग टोकरी बनाना, मिट्टी के बर्तन बनाना, हथकरघा से कपड़ा बुनना, बुनाई का काम, सिलाई-कढ़ाई करना, हस्तशिल्प निर्माण जैसे गैर-कृषि कार्य करते हैं। कुछ लोग दर्जीगिरी, बढ़ईगिरी, लुहारगिरी, राजगिरी भी करते हैं। महिलाएं घर पर ही बुनकरी, कढ़ाई-सिलाई, मिट्टी के बर्तन और खिलौने बनाने का काम करती हैं। इन उत्पादों को वे गाँव की हाटों और बाजारों में बेचते हैं और अपनी आजीविका चलाते हैं।
प्रश्न 8. गैरकृषि-कार्य किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित उत्तर दें।
उत्तर- गैर-कृषि कार्य वे सभी गतिविधियाँ हैं जो खेती से इतर हैं, लेकिन लोग इनसे अपनी आजीविका कमाते हैं। कुछ प्रमुख गैर-कृषि कार्य हैं – हथकरघा, बुनाई, सिलाई-कढ़ाई, मिट्टी के बर्तनों का निर्माण, टोकरी और सुपारी बनाना, हस्तशिल्प वस्तुओं का निर्माण, दर्जीगिरी, बढ़ईगिरी, लुहारगिरी, राजगिरी आदि। ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन भी एक महत्वपूर्ण गैर-कृषि गतिविधि है। साथ ही ग्रामीण मजदूर शहरों में मकान निर्माण, सड़क निर्माण और अन्य मजदूरी भी करते हैं।
प्रश्न 9. आप बड़ा होकर जीवन-यापन सम्बंधी कौन-से कार्य करना चाहते हैं और क्यों?
उत्तर- छात्र शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।
प्रश्न 10. आपने पाठ में अलग-अलग किसानों के बारे में जाना। खाली स्थानों पर उनकी स्थितियों के बारे में भरें।
उत्तर-

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