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बिहार बोर्ड कक्षा 10 की भूगोल पुस्तक का “कृषि” अध्याय भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज के एक महत्वपूर्ण आधार स्तंभ पर केंद्रित है। इस अध्याय में आप भारत की कृषि व्यवस्था, उसके विभिन्न प्रकारों और उनके भौगोलिक वितरण के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे। यह अध्याय भारत में प्रमुख फसलों, उनकी खेती की विधियों, और उनके उत्पादन को प्रभावित करने वाले कारकों पर प्रकाश डालता है। साथ ही, आप कृषि क्षेत्र की चुनौतियों, जैसे जलवायु परिवर्तन का प्रभाव, सिंचाई की समस्याएं, और भूमि क्षरण, के बारे में भी सीखेंगे। यह अध्याय आधुनिक कृषि तकनीकों, हरित क्रांति के प्रभाव, और टिकाऊ कृषि की आवश्यकता पर भी ध्यान केंद्रित करता है।
Bihar Board Class 10 Geography Chapter 2 Solutions
Contents
Subject | Geography |
Class | 10th |
Chapter | 2. कृषि |
Board | Bihar Board |
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें।
(क) भारत के दो सबसे महत्वपूर्ण अनाजों के नाम बतायें।
उत्तर- धान एवं गेहूँ।
(ख) भारत में कौन से प्रमुख मोटे अनाज उगाए जाते हैं ?
उत्तर- ज्वार, बाजरा एवं रागी।
(ग) भारत की तीन नकदी फसलों के नाम बताओ।
उत्तर- आम, संतरा, केला।
(घ) हमारे देश की सबसे प्रमुख रोपण फसल कौन-सी है ?
उत्तर- चाय
प्रश्न 2. अंतर बताओ :-
(क) नकदी और रोपण फसल
उत्तर- नकदी फसलें वे हैं जिन्हें तुरंत बेचकर किसान को नकद आय प्राप्त होती है, जैसे कपास, गन्ना, या तिलहन। रोपण फसलें वे हैं जो एक बार लगाने के बाद कई वर्षों तक फल देती हैं, जैसे चाय, कॉफी, या रबर। नकदी फसलों की तुलना में रोपण फसलों में अधिक समय और निवेश की आवश्यकता होती है।
(ख) व्यापारिक और निर्वाहक कृषि।
उत्तर- व्यापारिक कृषि में फसलों को बड़े पैमाने पर बाजार में बेचने के लिए उगाया जाता है, जैसे गेहूं या कपास की खेती। निर्वाहक कृषि में किसान मुख्य रूप से अपने परिवार के उपभोग के लिए फसल उगाते हैं, जैसे छोटे खेतों में धान या सब्जियां। व्यापारिक कृषि में आधुनिक तकनीकों का उपयोग अधिक होता है, जबकि निर्वाहक कृषि में परंपरागत तरीके अपनाए जाते हैं।
प्रश्न 3. निम्नलिखित में से पत्येक के लिए एक शब्द लिखो: –
(क) हमारे देश में मानसून के आरंभ में बोई जाने वाली और शरद ऋतु में काटी जाने वाली फसल।
उत्तर- खरीफ फसला
(ख) वर्षा के पश्चात जाड़े में बोई जाने वाली और वसंत में काटी जाने वाली फसलें।
उत्तर- रबी फसला
(ग) भूमि जिसे खेती करके छोड़ दिया गया है ताकि उर्वरता लौट सके और उसपर पुनः खेती हो सके।
उत्तर- चालू परती भूमि।
(घ) कारखाने के उत्पादन से मिलती-जुलती वैज्ञानिक तथा व्यापारिक ढंग से की जाने वाली एक फसली खेती।
उत्तर- चाया
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
(क) भारत में उपजने वाली दो खांद्य; नकदी एवं रेशेवाली फसलों का नाम लिखें।
उत्तर- खाद्य फसलें: धान, गेहूँ
नकदी फसलें: गन्ना, कपास
रेशेवाली फसलें: कपास, जूट
(ख) उपर्युक्त फसलों के उत्पादन करने वाले दो प्रमुख राज्यों का नाम लिखो।
उत्तर- धान: पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश
गेहूँ: उत्तर प्रदेश, पंजाब
कपास: गुजरात, महाराष्ट्र
जूट: पश्चिम बंगाल, बिहार
(ग) भारत में उपजाई जाने वाली वर्षाधीन फसलों के नाम लिखो।
उत्तर- धान, मक्का, ज्वार, बाजरा और दालें जैसे अरहर और मूंग प्रमुख वर्षाधीन फसलें हैं।
(क) कपास की खेती दक्कन प्रदेश की काली मिट्टी में अधिकांशतः होती है।
उत्तर- काली मिट्टी में नमी धारण करने की क्षमता अधिक होती है, जो कपास के लिए आवश्यक है। यह मिट्टी पोषक तत्वों से भी समृद्ध होती है, जो कपास की अच्छी पैदावार सुनिश्चित करती है।
(ख) गन्ने की उपज उत्तरी भारत की अपेक्षा दक्षिण भारत में अधिक है ?
उत्तर- दक्षिण भारत में गर्म और आद्र जलवायु गन्ने की वृद्धि के लिए अधिक अनुकूल है। यहाँ लंबा विकास मौसम और नियमित वर्षा गन्ने की बेहतर गुणवत्ता और अधिक उपज सुनिश्चित करती है।
(ग) भारत कपास का आयात एवं निर्यात दोनों करता है ?
उत्तर- भारत छोटे रेशे वाली कम गुणवत्ता की कपास का निर्यात करता है, जबकि लंबे रेशे वाली उच्च गुणवत्ता की कपास का आयात करता है। यह वस्त्र उद्योग की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाता है।
(घ) भारत विश्व का एक अग्रणी चाय निर्यातक देश है।
उत्तर- भारत चाय उत्पादन में दूसरा सबसे बड़ा देश है और अपने उत्पादन का लगभग 20% निर्यात करता है। भारतीय चाय की गुणवत्ता उत्कृष्ट होती है, जिसके कारण इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादन में कृषि के योगदान की चर्चा करें।
उत्तर- कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 16-17% का योगदान देती है। कृषि क्षेत्र देश की लगभग 50% श्रमशक्ति को रोजगार प्रदान करता है। यह खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ कई उद्योगों को कच्चा माल भी उपलब्ध कराता है। हालांकि, पिछले कुछ दशकों में सेवा और उद्योग क्षेत्रों के विकास के कारण कृषि का प्रतिशत योगदान कम हुआ है, फिर भी यह देश की अर्थव्यवस्था में अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाए हुए है।
प्रश्न 2. भारतीय कृषि की निम्न उत्पादकता के कारणों को संक्षेप में लिखिए।
उत्तर- भारतीय कृषि की निम्न उत्पादकता के प्रमुख कारण हैं:-
- मौसम पर अत्यधिक निर्भरता और सिंचाई सुविधाओं की कमी।
- छोटे और बिखरे हुए खेत, जो आधुनिक तकनीकों के उपयोग को कठिन बनाते हैं।
- किसानों की आर्थिक कमजोरी, जो उन्हें गुणवत्तापूर्ण बीज और उर्वरक खरीदने से रोकती है।
- कृषि शिक्षा और प्रशिक्षण का अभाव, जिससे नवीन तकनीकों का उपयोग सीमित रहता है।
- कृषि उपज के लिए उचित बाजार और मूल्य की कमी।
प्रश्न 3. हरित क्रांति से आपं क्या समझते हैं ?
उत्तर- हरित क्रांति 1960 के दशक में भारत में शुरू हुआ एक कृषि सुधार कार्यक्रम था। इसका मुख्य उद्देश्य था उच्च उपज देने वाले बीजों, रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों और आधुनिक सिंचाई तकनीकों के उपयोग से कृषि उत्पादन में वृद्धि करना। इसने विशेष रूप से गेहूं और चावल के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि की। हरित क्रांति ने भारत को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने में मदद की, लेकिन इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी रहे, जैसे पर्यावरण प्रदूषण और क्षेत्रीय असमानताएं।
प्रश्न 4. भारतीय कृषि की पाँच प्रमुख विशेषताओं को लिखिए।
उत्तर- भारतीय कृषि की प्रमुख विशेषताएँ हैं:-
- यह देश की अर्थव्यवस्था का आधार है और लगभग 50% श्रमशक्ति को रोजगार प्रदान करती है।
- भारतीय कृषि अभी भी मानसून पर बहुत अधिक निर्भर है।
- यह कई उद्योगों को कच्चा माल प्रदान करती है, जैसे कपास वस्त्र उद्योग को और गन्ना चीनी उद्योग को।
- भारतीय कृषि में छोटे और सीमांत किसानों की संख्या अधिक है।
- यह देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
प्रश्न 5. भारत में उपजाई जानेवाली प्रमुख खाद्य एवं व्यावसायिक फसलों के नाम लिखिए।
उत्तर- प्रमुख खाद्य फसलें:
- अनाज: चावल, गेहूं, मक्का, ज्वार, बाजरा
- दालें: अरहर, मूंग, चना, मसूर
प्रमुख व्यावसायिक फसलें:
- नकदी फसलें: कपास, गन्ना, तिलहन (सरसों, सोयाबीन)
- बागवानी फसलें: आम, केला, संतरा
- मसाले: काली मिर्च, इलायची, अदरक
- पेय फसलें: चाय, कॉफी