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बिहार बोर्ड कक्षा 10 की भूगोल पुस्तक का अध्याय “जल संसाधन” एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर केंद्रित है। इस अध्याय में आप जल के विभिन्न स्रोतों, उनके महत्व और उपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे। यह अध्याय नदियों, झीलों, भूजल, और समुद्री जल जैसे विभिन्न जल स्रोतों का वर्णन करता है। साथ ही, यह जल संरक्षण की आवश्यकता, जल प्रदूषण की समस्या, और जल प्रबंधन के तरीकों पर भी प्रकाश डालता है। इस अध्याय को पढ़ने के बाद आप भारत में जल संसाधनों की उपलब्धता, उनके वितरण, और उनके सामने आने वाली चुनौतियों को समझ पाएंगे।
Bihar Board Class 10 Geography Chapter 1B Solutions
Contents
Subject | Geography |
Class | 10th |
Chapter | 1B. जल संसाधन |
Board | Bihar Board |
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. वृहद क्षेत्रों में जल की उपस्थिति के कारण ही पृथ्वी को कहते हैं
(क) उजला ग्रह
(ख) नीला ग्रह
(ग) लाल ग्रह
(घ) हरा ग्रह
उत्तर- (ख) नीला ग्रह
प्रश्न 2. कुल जल का कितना प्रतिशत भाग महासागरों में निहित है ?
(क) 9.5%
(ख) 95:5%
(ग) 96.5%
(घ) 96.6%
उत्तर- (ग) 96.5%
प्रश्न 3. देश के बाँधों को किसने ‘भारत का मंदिर’ कहा था?
(क) महात्मा गाँधी
(ख) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद
(ग) पंडित नेहरू
(घ) स्वामी विवेकानन्द
उत्तर- (ग) पंडित नेहरू
प्रश्न 4. प्राणियों के शरीर में कितना प्रतिशत जल की मात्रा निहित होती है ?
(क) 55%
(ख) 60%
(ग) 65%
(घ) 70%
उत्तर- (ग) 65%
प्रश्न 5. बिहार में अति जल दोहन से किस तत्व का संकेन्द्रण बढ़ा है ?
(क) फ्लोराइड
(ख) क्लोराइड
(ग) आर्सेनिक
(घ) लोह
उत्तर- (ग) आर्सेनिक
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. बहुउद्देशीय परियोजना से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- बहुउद्देशीय परियोजना एक ऐसी योजना है जो एक साथ कई उद्देश्यों को पूरा करती है। इसमें मुख्य रूप से बड़े बांध शामिल होते हैं। ये परियोजनाएँ बाढ़ को रोकती हैं, सिंचाई के लिए पानी देती हैं, और बिजली बनाती हैं। इसके अलावा, ये मछली पालन, पर्यटन और जंगली जानवरों के संरक्षण में भी मदद करती हैं। भारत में दामोदर घाटी परियोजना और भाखड़ा नांगल परियोजना इसके उदाहरण हैं।
प्रश्न 2. जल संसाधन के ज्या उपयोग हैं ? लिखें।
उत्तर- जल हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसके कई उपयोग हैं:-
- पीने के लिए और घरेलू कामों में
- खेतों की सिंचाई के लिए
- कारखानों और उद्योगों में
- बिजली बनाने के लिए (जल विद्युत)
- मछली पालन और जल कृषि में
- नदियों और नहरों में परिवहन के लिए
- खेल और मनोरंजन गतिविधियों में, जैसे तैराकी
प्रश्न 3. अंतर्राज्यीय जल-विवाद का क्या कारण है ?
उत्तर- अंतर्राज्यीय जल-विवाद तब उत्पन्न होता है जब दो या अधिक राज्य एक ही नदी या जल स्रोत का पानी बाँटने पर असहमत होते हैं। इसका मुख्य कारण है कि हर राज्य अपने लोगों, कृषि और उद्योगों के लिए अधिक से अधिक पानी चाहता है। बढ़ती जनसंख्या और विकास के कारण पानी की माँग लगातार बढ़ रही है। सूखे की स्थिति में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है। राज्यों के बीच पानी के बँटवारे पर स्पष्ट नियमों का अभाव भी इस विवाद को बढ़ाता है। उदाहरण के लिए, कावेरी नदी पर कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच लंबे समय से चल रहा विवाद इस समस्या को दर्शाता है।
प्रश्न 4. जल संकट क्या है?
उत्तर- जल संकट एक ऐसी स्थिति है जब लोगों को पर्याप्त मात्रा में साफ पानी नहीं मिलता। यह दुनिया के कई हिस्सों में एक गंभीर समस्या बन चुकी है। जनसंख्या वृद्धि से पानी की माँग बढ़ रही है, जबकि जल स्रोतों का प्रदूषण इसकी आपूर्ति को कम कर रहा है। जलवायु परिवर्तन से बारिश के पैटर्न में बदलाव आ रहा है, जो जल संकट को और बढ़ा रहा है। पानी का दुरुपयोग और बर्बादी, साथ ही भूजल का अत्यधिक दोहन भी इस समस्या के कारण हैं। जल संकट के परिणामस्वरूप सूखा, फसल की हानि, और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं।
प्रश्न 5. भारत की नदियों के प्रदूषण के कारणों का वर्णन करें।
उत्तर- भारत की नदियों में प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जिसके कई कारण हैं। शहरों का गंदा पानी और सीवेज अक्सर बिना शोधन के सीधे नदियों में छोड़ दिया जाता है। कारखानों से निकलने वाले जहरीले रसायन और कचरा भी नदियों को प्रदूषित करते हैं। खेतों से बहकर आने वाले कीटनाशक और उर्वरक नदियों के पानी में मिल जाते हैं। धार्मिक कार्यों में इस्तेमाल की गई सामग्री का नदियों में विसर्जन और नदी किनारे कचरा फेंकना भी प्रदूषण बढ़ाता है। कुछ जगहों पर शवों का नदियों में विसर्जन भी एक समस्या है। इसके अलावा, नदियों के किनारे अवैध निर्माण और अतिक्रमण भी प्रदूषण को बढ़ावा देते हैं। इन सभी कारणों से नदियों का पानी प्रदूषित हो रहा है और जलीय जीवों पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर –
प्रश्न 1. जल संरक्षण से आप क्या समझते हैं ? इसके क्या उपाय हैं ?
उत्तर- जल संरक्षण का अर्थ है पानी के संसाधनों का समझदारी से उपयोग और प्रबंधन करना। इसका उद्देश्य है जल की गुणवत्ता और मात्रा को बनाए रखना। जल संरक्षण के मुख्य उपाय हैं:-
- वर्षा जल संचयन: छतों और खुले क्षेत्रों से बारिश का पानी इकट्ठा करके भूजल स्तर को बढ़ाना।
- जल पुनर्चक्रण: इस्तेमाल किए गए पानी को शुद्ध करके फिर से उपयोग करना।
- कुशल सिंचाई: ड्रिप या स्प्रिंकलर सिंचाई जैसी तकनीकों का उपयोग करके पानी की बचत करना।
- जागरूकता फैलाना: लोगों को पानी के महत्व और इसे बचाने के तरीकों के बारे में शिक्षित करना।
- रिसाव रोकना: पाइपलाइनों और नलों से होने वाले पानी के रिसाव को रोकना।
- वनीकरण: पेड़ लगाकर मिट्टी में नमी बनाए रखना और भूजल स्तर को बढ़ाना।
प्रश्न 2. वर्षा जल की मानव जीवन में क्या भूमिका है ? इसके संग्रहण एवं पुनःचक्रण की विधियों का उल्लेख करें।
उत्तर- वर्षा जल मानव जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह हमारे जल संसाधनों का एक प्रमुख स्रोत है। वर्षा जल की भूमिका:-
- कृषि: भारत में अधिकांश खेती वर्षा पर निर्भर है।
- पेयजल: कई क्षेत्रों में पीने के पानी का मुख्य स्रोत है।
- भूजल पुनर्भरण: जमीन के नीचे के जल स्तर को बढ़ाता है।
- पारिस्थितिक संतुलन: वनस्पतियों और जीवों के लिए आवश्यक है।
वर्षा जल संग्रहण और पुनर्चक्रण की विधियाँ:-
- छत जल संग्रहण: छतों से बहने वाले पानी को टैंकों में इकट्ठा करना।
- तालाब और जोहड़: ग्रामीण क्षेत्रों में पानी जमा करने के लिए बनाए जाते हैं।
- चेक डैम: छोटी नदियों पर बनाए जाते हैं जो पानी को रोककर भूजल स्तर बढ़ाते हैं।
- भूमिगत टैंक: राजस्थान में ‘टाँका’ के नाम से जाने जाते हैं, जो घरों में पानी जमा करने के लिए बनाए जाते हैं।
- रिचार्ज पिट: शहरी क्षेत्रों में बारिश के पानी को जमीन में सोखने के लिए बनाए जाते हैं।