UP Board Class 9 History chapter 7 solutions are available for free on this page. It is prepared by the subject experts and brings you the complete question answer of chapter 7 – “इतिहास और खेल : क्रिकेट की कहानी” in hindi medium.
इस अध्याय में आप एक लोकप्रिय खेल, क्रिकेट के इतिहास और उसके सामाजिक-राजनीतिक महत्व के बारे में जानेंगे। यह अध्याय आपको बताएगा कि कैसे क्रिकेट एक सामान्य खेल से विकसित होकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण बना। आप इस खेल के उद्भव, विकास और भारत में इसके प्रसार की कहानी पढ़ेंगे। साथ ही, आप यह भी समझेंगे कि कैसे औपनिवेशिक काल में क्रिकेट ने जाति, वर्ग और समुदाय के बीच की दीवारों को तोड़ने में मदद की। इस अध्याय का उद्देश्य आपको दिखाना है कि एक खेल भी इतिहास, संस्कृति और राष्ट्रीय पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकता है।
UP Board Class 9 History Chapter 7 Solutions
Subject | History |
Class | 9th |
Chapter | 7. इतिहास और खेल : क्रिकेट की कहानी |
Board | UP Board |
इतिहास और खेल Question Answer
प्रश्न 1. टेस्ट क्रिकेट कई मायनों में एक अनूठा खेल है। इस बारे में चर्चा कीजिए कि यह किन-किन अर्थों में बाकी खेलों से भिन्न है। ऐतिहासिक रूप से एक ग्रामीण खेल के रूप में पैदा होने से टेस्ट क्रिकेट में किस तरह की विलक्षणताएँ पैदा हुई हैं?
उत्तर:- टेस्ट क्रिकेट कई मायनों में अन्य खेलों से भिन्न है। यह एकमात्र खेल है जो पांच दिनों तक चलता है, जो इसे अन्य खेलों से अलग करता है। क्रिकेट को अक्सर ‘जेंटलमैन का खेल’ कहा जाता है, जो इसके नैतिक मूल्यों और खेल भावना पर जोर देता है। इसका खेल मैदान अनूठा है, जिसकी आकृति और आकार मैदान के अनुसार बदल सकते हैं, जबकि अधिकांश अन्य खेलों के मैदान मानकीकृत होते हैं।
ग्रामीण खेल के रूप में इसकी उत्पत्ति ने टेस्ट क्रिकेट में कई विलक्षणताएं पैदा की हैं। इसकी अवधि ग्रामीण जीवन की धीमी गति को दर्शाती है, जहां खेल तब तक चलता था जब तक कोई निर्णायक परिणाम न आ जाए। क्रिकेट मैदान का अनिश्चित आकार ग्रामीण कॉमन्स की विविधता को प्रतिबिंबित करता है, जहां यह खेला जाता था। खेल में प्रयुक्त सामग्री – जैसे लकड़ी का बल्ला और चमड़े की गेंद – इसके ग्रामीण मूल को दर्शाती है।
इसके अलावा, क्रिकेट की जटिल नियमावली और रणनीतियाँ इसके धीरे-धीरे विकास को दर्शाती हैं। यह खेल मौसम और परिस्थितियों के प्रति संवेदनशील है, जो इसके प्राकृतिक वातावरण में विकास को दर्शाता है। इन विशेषताओं ने टेस्ट क्रिकेट को एक अद्वितीय खेल बना दिया है, जो अपने ग्रामीण अतीत और आधुनिक रूप के बीच एक अनूठा संतुलन बनाए रखता है।
प्रश्न 2. एक ऐसा उदाहरण दीजिए जिसके आधार पर आप कह सकें कि उन्नीसवीं सदी में तकनीक के कारण क्रिकेट के साजो-सामान में परिवर्तन आया। साथ ही ऐसे उपकरणों में से भी कोई एक उदाहरण दीजिए जिनमें कोई बदलाव नहीं आया।
उत्तर:- उन्नीसवीं सदी में तकनीकी प्रगति ने क्रिकेट के साजो-सामान में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाए। इसका एक प्रमुख उदाहरण है पैड का आविष्कार और उपयोग। 1848 में वल्केनाइज्ड रबड़ की खोज के बाद, क्रिकेट में पैड का प्रयोग शुरू हुआ। यह खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुरक्षा प्रदान करता था, विशेष रूप से तेज गेंदबाजी के खिलाफ। पैड के आविष्कार ने खेल की गति और शैली को प्रभावित किया, क्योंकि बल्लेबाज अब अधिक आत्मविश्वास के साथ खेल सकते थे।
इसके विपरीत, कुछ उपकरण ऐसे भी हैं जिनमें समय के साथ बहुत कम बदलाव आया है। इसका एक प्रमुख उदाहरण है क्रिकेट की गेंद। आज भी क्रिकेट की गेंद मूल रूप से उसी तरह बनाई जाती है जैसे सदियों पहले बनाई जाती थी – चमड़े, ट्वाइन और कॉर्क का उपयोग करके। गेंद के आकार, वजन और निर्माण तकनीक में बहुत मामूली बदलाव आए हैं। यह क्रिकेट की परंपरा और इसके मूल स्वरूप के प्रति निष्ठा को दर्शाता है।
इन उदाहरणों से पता चलता है कि क्रिकेट ने कैसे आधुनिक तकनीक को अपनाया है, जबकि साथ ही अपनी कुछ मूल विशेषताओं को भी बनाए रखा है। यह संतुलन क्रिकेट को एक अनूठा खेल बनाता है जो अपनी परंपराओं का सम्मान करता है, लेकिन साथ ही आधुनिक समय की मांगों के अनुरूप भी है।
प्रश्न-3. भारत और वेस्टइंडीज में ही क्रिकेट क्यों इतना लोकप्रिय हुआ? क्या आप बता सकते हैं कि यह खेल दक्षिणी अमेरिका में इतना लोकप्रिय क्यों नहीं हुआ?
उत्तर:- भारत और वेस्टइंडीज में क्रिकेट की लोकप्रियता का मुख्य कारण इन क्षेत्रों का ब्रिटिश औपनिवेशिक इतिहास है। ब्रिटिश शासकों ने इन देशों में क्रिकेट को अपनी संस्कृति और मूल्यों के प्रतीक के रूप में प्रचारित किया। क्रिकेट खेलना स्थानीय लोगों के लिए ब्रिटिश लोगों के साथ सामाजिक और राजनीतिक समानता का एक माध्यम बन गया।
इन देशों में, क्रिकेट धीरे-धीरे राष्ट्रीय पहचान और स्वाभिमान का प्रतीक बन गया। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान, क्रिकेट में सफलता को औपनिवेशिक शक्तियों पर मानसिक जीत के रूप में देखा जाने लगा। इसके अलावा, स्थानीय खिलाड़ियों ने इस खेल को अपनी संस्कृति और परिस्थितियों के अनुरूप ढाल लिया, जिससे यह और भी लोकप्रिय हुआ।
दूसरी ओर, दक्षिण अमेरिका में क्रिकेट उतना लोकप्रिय नहीं हुआ क्योंकि वहाँ ब्रिटिश उपनिवेशवाद का प्रभाव कम था। दक्षिण अमेरिका के अधिकांश देश स्पेन और पुर्तगाल के उपनिवेश थे, जहाँ क्रिकेट की परंपरा नहीं थी। इसके बजाय, वहाँ फुटबॉल जैसे खेल अधिक लोकप्रिय हुए, जो स्पेनिश और पुर्तगाली संस्कृति से अधिक मेल खाते थे।
इसके अलावा, दक्षिण अमेरिका में क्रिकेट के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और संसाधनों की कमी थी। वहाँ के भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियाँ भी क्रिकेट के लिए उतनी अनुकूल नहीं थीं जितनी फुटबॉल जैसे खेलों के लिए।
इस प्रकार, क्रिकेट की लोकप्रियता इन क्षेत्रों के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक संदर्भों से गहराई से जुड़ी हुई है, जो इसके असमान विकास को समझाती है।
प्रश्न 4. निम्नलिखित की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए-
उत्तर:-
भारत में पहला क्रिकेट क्लब पारसियों ने खोला:
भारत में क्रिकेट के आरंभ का श्रेय मुंबई के पारसी समुदाय को जाता है। पारसी समुदाय, जो पहले-पहल अंग्रेजों के संपर्क में आया, ने 1848 में “ओरिएंटल क्रिकेट क्लब” की स्थापना की। हालांकि अंग्रेजों ने क्रिकेट के विकास में पारसियों की कोई मदद नहीं की, फिर भी पारसियों ने खुद का “पारसी जिमखाना” क्लब स्थापित किया। 1889 में, पारसियों की टीम ने अंग्रेजी क्लब “बॉम्बे जिमखाना” को हराकर अपनी क्रिकेटीय योग्यता साबित की। यह घटना भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
महात्मा गांधी पेंटांग्युलर टूर्नामेंट के आलोचक थे:
महात्मा गांधी ने पेंटांग्युलर टूर्नामेंट की आलोचना की क्योंकि यह टूर्नामेंट सांप्रदायिक आधार पर विभाजित था, जो कि उनके लिए राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक था। गांधी जी का मानना था कि ऐसे टूर्नामेंट, जो धार्मिक विभाजन को बढ़ावा देते हैं, देश के लिए उस समय बेहद हानिकारक थे जब वे सभी धर्मों और समुदायों को एकजुट करना चाह रहे थे।
आईसीसी का नाम बदलकर इंपीरियल क्रिकेट कॉन्फ्रेंस के स्थान पर इंटरनेशनल क्रिकेट कॉन्फ्रेंस कर दिया गया:
1909 में स्थापित इंपीरियल क्रिकेट कॉन्फ्रेंस (आईसीसी) का नाम 1965 में बदलकर इंटरनेशनल क्रिकेट कॉन्फ्रेंस कर दिया गया। यह बदलाव इंग्लैंड के साम्राज्यवादी नियंत्रण के कम होने के बाद किया गया। हालांकि संस्थापक सदस्यों का क्रिकेट पर दबदबा रहा, लेकिन 1989 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के विशेषाधिकार समाप्त कर दिए गए, जिससे क्रिकेट का स्वरूप और अधिक लोकतांत्रिक हो गया।
आईसीसी का मुख्यालय लंदन से दुबई में स्थानांतरित कर दिया गया:
आईसीसी का मुख्यालय लंदन से दुबई में स्थानांतरित होने का प्रमुख कारण क्रिकेट के गुरुत्व का पश्चिमी देशों से एशियाई देशों की ओर बढ़ना था। भारत और अन्य दक्षिण एशियाई देशों में क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता और बड़े दर्शक वर्ग ने इस स्थानांतरण को प्रेरित किया। यह कदम अंग्रेजी प्रभुत्व के औपचारिक अंत और क्रिकेट के वैश्विक स्वरूप को दर्शाता है।
प्रश्न 5. तकनीक के क्षेत्र में आए बदलावों, खासतौर से टेलीविजन तकनीक में आए परिवर्तनों से समकालीन क्रिकेट के विकास पर क्या प्रभाव पड़ा है?
उत्तर:- टेलीविजन तकनीक ने क्रिकेट के विकास में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं। सैटेलाइट टेलीविजन के आगमन से क्रिकेट विश्वभर में फैल गया, जिससे इसकी लोकप्रियता में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। टेलीविजन प्रसारण ने क्रिकेट को एक बड़ा बाजार उपलब्ध कराया, जिससे विज्ञापनदाताओं की रुचि बढ़ी और क्रिकेट बोर्डों की आय में भी भारी इजाफा हुआ। टी.वी. के माध्यम से क्रिकेटरों को सेलिब्रिटी का दर्जा मिला और उनकी कमाई भी विज्ञापनों के जरिए बढ़ी।
स्लो-मोशन और री-प्ले जैसे तकनीकी नवाचारों ने खेल की बारीकियों को उजागर किया, जिससे दर्शकों की रुचि बढ़ी। तीसरे अंपायर की प्रणाली कैमरे की तकनीक पर निर्भर करती है, जो खेल को और अधिक न्यायसंगत बनाती है। इसके अलावा, टी.वी. प्रसारण ने क्रिकेट को छोटे शहरों और गाँवों तक पहुँचाया, जिससे इसका सामाजिक आधार भी व्यापक हुआ।
टेलीविजन की वजह से क्रिकेट में कई नए प्रयोग किए गए, जैसे- रंगीन वर्दी, सीमित ओवरों के मैच, और दिन-रात के खेल, जो सभी दर्शकों को लुभाने में सफल रहे और आज क्रिकेट के स्थायी अंग बन गए हैं।