UP Board Class 9 History chapter 5 solutions are available for free on this page. It is prepared by the subject experts and brings you the complete question answer of chapter 5 – “आधुनिक विश्व में चरवाहे” in hindi medium.
इस अध्याय में आप आधुनिक विश्व में चरवाहों के जीवन और उनकी बदलती परिस्थितियों के बारे में जानेंगे। यह अध्याय आपको बताएगा कि कैसे विभिन्न देशों और क्षेत्रों में चरवाहे समुदाय अपने पशुओं के साथ जीवनयापन करते हैं और उनकी आजीविका का स्रोत क्या है। आप समझेंगे कि आधुनिकीकरण, औद्योगीकरण और वैश्वीकरण ने इन समुदायों के जीवन को कैसे प्रभावित किया है। इसके अलावा, आप चरवाहों के सामने आने वाली चुनौतियों, जैसे भूमि अधिकार, पर्यावरण परिवर्तन और सरकारी नीतियों के बारे में भी पढ़ेंगे। यह अध्याय आपको एक ऐसे समुदाय की कहानी बताएगा जो प्राचीन परंपराओं और आधुनिक चुनौतियों के बीच संतुलन बनाने का प्रयास कर रहा है।

UP Board Class 9 History Chapter 5 Solutions
Subject | History |
Class | 9th |
Chapter | 5. आधुनिक विश्व में चरवाहे |
Board | UP Board |
आधुनिक विश्व में चरवाहे Question Answer
प्रश्न 1. स्पष्ट कीजिए कि घुमंतू समुदायों को बार-बार एक जगह से दूसरी जगह क्यों जाना पड़ता है? इस निरंतर आवागमन से पर्यावरण को क्या लाभ है?
उत्तर:- घुमंतू समुदाय एक जगह से दूसरी जगह जाते रहते हैं। इसके कई कारण हैं:-
- पशुओं के लिए चारा: उनके पशुओं को हमेशा ताजा चारा चाहिए। जब एक जगह का चारा खत्म हो जाता है, तो वे नई जगह जाते हैं।
- पानी की तलाश: गर्मियों में कई जगह पानी सूख जाता है। इसलिए वे पानी वाली जगहों की ओर जाते हैं।
- मौसम का असर: ठंड या गर्मी से बचने के लिए वे अलग-अलग इलाकों में जाते हैं।
- परंपरा: कई समुदायों में घूमना उनकी संस्कृति का हिस्सा है।
इस तरह घूमने से पर्यावरण को कई फायदे होते हैं:-
- चरागाहों को आराम: एक जगह के पूरी तरह से इस्तेमाल होने से पहले वे वहाँ से चले जाते हैं। इससे चरागाह को फिर से हरा-भरा होने का मौका मिलता है।
- मिट्टी को खाद: उनके पशु जहाँ जाते हैं, वहाँ की मिट्टी को प्राकृतिक खाद मिलती है।
- पेड़-पौधों की सुरक्षा: एक ही जगह लंबे समय तक न रहने से पेड़-पौधों पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता।
- विविधता का संरक्षण: अलग-अलग जगहों पर जाने से वे कई तरह के पेड़-पौधों और जानवरों की देखभाल में मदद करते हैं।
प्रश्न 2. इस बारे में चर्चा कीजिए कि औपनिवेशिक सरकार ने निम्नलिखित कानून क्यों बनाए? यह भी बताइए कि इन कानूनों से चरवाहों के जीवन पर क्या असर पड़ा?
- परती भूमि नियमावली
- वन अधिनियम
- अपराधी जनजाति अधिनियम
- चराई कर।
उत्तर:- अंग्रेज सरकार ने कई कानून बनाए जो चरवाहों के जीवन को प्रभावित करते थे:-
परती भूमि नियमावली:
कारण: सरकार परती भूमि से कमाई नहीं कर पा रही थी।
प्रभाव: चरवाहों के लिए चरागाह कम हो गए, जिससे पशुओं की संख्या और सेहत पर असर पड़ा।
वन अधिनियम:
कारण: सरकार वनों की सुरक्षा करना चाहती थी।
प्रभाव: चरवाहों को वनों में पशु चराने पर पाबंदी लगा दी गई। उन्हें परमिट लेना पड़ता था और नियम तोड़ने पर जुर्माना भरना पड़ता था।
अपराधी जनजाति अधिनियम:
कारण: सरकार घुमंतू समुदायों पर शक करती थी और उन्हें नियंत्रित करना चाहती थी।
प्रभाव: कई चरवाहे समुदायों को अपराधी माना गया। वे अब आजादी से घूम नहीं सकते थे और उन्हें एक जगह रहना पड़ता था।
चराई कर:
कारण: सरकार अपनी आय बढ़ाना चाहती थी।
प्रभाव: चरवाहों को हर पशु के लिए कर देना पड़ता था। इससे वे कम पशु रखने लगे या फिर दूसरे काम करने लगे।
प्रश्न 3. मसाई समुदाय के चरागाह उनसे क्यों छिन गए? कारण बताएँ।।
उत्तर:-
- उपनिवेशवाद: 1885 में यूरोपीय देशों ने अफ्रीका को बांट लिया, जिससे मसाई लोगों की जमीन पर कब्जा हो गया।
- गोरों की बस्तियां: अच्छी जमीन पर यूरोपीय लोगों के लिए बस्तियां बनाई गईं।
- सीमाओं का निर्धारण: मसाई लोगों को एक छोटे से इलाके में रहने के लिए मजबूर किया गया।
- खेती का विस्तार: स्थानीय किसानों को खेती बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया गया, जिससे चरागाह कम हुए।
- राष्ट्रीय उद्यान: मसाई लोगों की जमीन पर बड़े-बड़े राष्ट्रीय उद्यान बनाए गए, जहां उन्हें जाने की अनुमति नहीं थी।
- आवाजाही पर रोक: मसाई लोगों को बिना अनुमति के अपने निर्धारित क्षेत्र से बाहर जाने की मनाही थी।
प्रश्न 4. आधुनिक विश्व ने भारत और पूर्वी अफ्रीकी चरवाहा समुदायों के जीवन में जिन परिवर्तनों को जन्म दिया उनमें कई समानताएँ थीं। ऐसे दो परिवर्तनों के बारे में लिखिए जो भारतीय चरवाहों और मासाई गड़रियों, दोनों के बीच समान रूप से मौजूद थे।
उत्तर:- जंगलों का आरक्षण:-
दोनों जगह सरकार ने जंगलों को आरक्षित कर दिया।
चरवाहों को इन जंगलों में जाने से रोका गया।
यह जंगल अक्सर चरवाहों के पुराने चरागाह थे।
खेती को बढ़ावा:
दोनों जगह सरकार ने खेती को बढ़ावा दिया।
चरागाहों को खेती की जमीन में बदला गया।
इससे चरवाहों के पास चरागाह कम हो गए।
शक की नज़र:
दोनों जगह सरकार चरवाहों पर शक करती थी।
चरवाहे घूमते रहते थे, इसलिए सरकार उन पर भरोसा नहीं करती थी।
इस वजह से उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा।