UP Board Class 8 Science Chapter 2 Solutions – मानव निर्मित वस्तुएँ

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यह अध्याय मानव निर्मित वस्तुओं के बारे में बताता है। हमारे आसपास मौजूद अधिकांश वस्तुएं मनुष्यों द्वारा ही निर्मित की गई हैं। इस अध्याय में विभिन्न प्रकार की मानव निर्मित वस्तुओं जैसे कपड़े, बर्तन, फर्नीचर, इमारतें आदि के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है। छात्र सीखेंगे कि इन वस्तुओं को बनाने के लिए कौन-कौन से कच्चे माल और प्रक्रियाएं प्रयुक्त की जाती हैं।

UP Board Class 8 Science Chapter 2

UP Board Class 8 Science Chapter 2 Solutions

SubjectScience (विज्ञान)
Class8th
Chapter2. मानव निर्मित वस्तुएँ
BoardUP Board

प्रश्न 1. सही विकल्प के सामने सही (✓) का चिह्न अपनी उत्तर-पुस्तिका में लगाइए (लगाकर)-

(क) थर्माकोल का दूसरा नाम है –

(अ) टेफ्लॉन।
(ब) स्टाइरोन
(स) नायलॉन
(द) डेक्रान

उत्तर- (ब) स्टाइरोन

(ख) पौधों का मुख्य पोषक तत्व है –

(अ) गन्धक
(ब) ऑक्सीजन
(स) नाइट्रोजन
(द) कार्बन

उत्तर- (स) नाइट्रोजन

(ग) फेरिक ऑक्साइड मिलाने से निर्मित काँच होता है –

(अ) हरा
(ब) गहरा नीला
(स) पीला
(द) बैंगनी

उत्तर- (अ) हरा

(घ) खिड़कियों में प्रयोग किया जाता है –

(अ) कठोर काँच
(ब) फोटोक्रोमेटिक काँच
(स) फ्लिन्ट काँच
(द) साधारण या मृदु काँच ✓

उत्तर- (द) साधारण या मृदु काँच

प्रश्न 2. सही कथन के सम्मुख (✓) तथा गलत कथन के सम्मुख (✗) चिह्न अपनी अभ्यास-पुस्तिका में अंकित कीजिए –

(क) फोटोक्रोमिक काँच प्राप्त करने के लिए उसमें कुछ सिल्वर आयोडाइड मिलाया जाता है। (✓) 

(ख) रेयान प्राकृतिक रेशा है। (✗)

(ग) सीमेन्ट, साबुन, उर्वरक, प्लास्टिक आदि मानव-निर्मित वस्तुएँ हैं । (✓) 

(घ) एन्टीबायोटिक दवाओं का उपयोग कीटाणुनाशक के रूप में किया जाता है। (✗)

प्रश्न 3.नीचे दिए गए शब्दों की सहायता से रिक्त स्थानों की पूर्ति अपनी अभ्यास-पुस्तिका में कीजिए (पूर्ति करके)-

(साबुन, प्राकृतिक, बर्तन, संश्लेषित, पराबैंगनी)

उत्तर
(क) मेलामाइन का उपयोग प्लास्टिक के बर्तन बनाने में किया जाता है।
(ख) सूता, रेशम, ऊन प्राकृतिक रेशे हैं।
(ग) धूप के चश्मे सूर्य की पराबैंगनी किरणों से आँखों को बचाते हैं।
(घ) सोडियम हाइड्रॉक्साइड और वनस्पति तेल की क्रिया से साबुन प्राप्त किया जाता है। (ङ) संश्लेषित रेशों से बने कपड़े अधिक टिकाऊ और सस्ते होते हैं।

प्रश्न 4. संक्षेप में उत्तर दीजिए –

(क) प्राकृतिक एवं मानव-निर्मित वस्तुओं से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: प्रकृति द्वारा बनाई गई वस्तुओं को प्राकृतिक वस्तुएं कहते हैं। जैसे पेड़-पौधे, पहाड़, नदियां, झरने, खनिज पदार्थ आदि। ये सभी चीजें प्रकृति से ही प्राप्त होती हैं। दूसरी ओर, मानव-निर्मित वस्तुएं वे हैं जिन्हें इंसान अपनी बुद्धि और कौशल से बनाता है। जैसे घर, कपड़े, फर्नीचर, कंप्यूटर, मोबाइल फोन, वाहन आदि। हम प्रकृति से मिलने वाली चीजों का उपयोग कर नई वस्तुएं बनाते हैं।

(ख) किन्हीं चार प्रकार के कांच का नाम लिखिए।

उत्तर: कांच के चार प्रमुख प्रकार इस प्रकार हैं:

  1. साधारण या मृदु कांच: यह आम कांच है जिसका उपयोग घरों की खिड़कियों और दरवाजों में किया जाता है।
  2. बोरोसिलिकेट कांच: यह कांच गर्मी और सामान्य प्रभावों के प्रति अधिक प्रतिरोधी होता है। इसका उपयोग लैब के बर्तनों में किया जाता है।
  3. क्वार्ट्ज कांच: यह कांच उच्च तापमान एवं अम्लों के प्रति भी प्रतिरोधी होता है। इसका उपयोग ओवनों और रसायन उद्योगों में किया जाता है।
  4. प्रकाशीय कांच: यह विशेष प्रकार का कांच होता है जिसका उपयोग दूरबीनों, कैमरों और प्रिज्म में किया जाता है।

(ग) पॉलीथीन, टेफ्लॉन, एक्रिलिक तथा बेकेलाइट के एक-एक उपयोग लिखिए।

उत्तर:

  • पॉलीथीन: पॉलीथीन से बनी प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग सामान रखने के लिए किया जाता है।
  • टेफ्लॉन: टेफ्लॉन की चिकनी परत को तवों और कड़ाहियों पर लगाया जाता है ताकि भोजन नहीं चिपके।
  • एक्रिलिक: यह एक पारदर्शी प्लास्टिक है जिसका उपयोग कारों और ट्रकों की खिड़कियों के शीशे बनाने में किया जाता है।
  • बेकेलाइट: इस कठोर प्लास्टिक से बिजली के प्लग, स्विच बॉर्ड, कंघी और बर्तन बनाए जाते हैं।

(घ) साबुन और अपमार्जक में क्या अन्तर हैं?

उत्तर- साबुन तथा अपमार्जक में निम्नलिखित अन्तर है-

(ङ) मृत्तिका (सिरेमिक्स) क्या है?

उत्तर: मृत्तिका या सिरेमिक्स मिट्टी, चूना पत्थर या सिलिका मिलाकर और उन्हें उच्च तापमान पर पकाकर बनाई जाती है। इस प्रक्रिया में उच्च गर्मी के कारण मिट्टी कठोर, मजबूत और अघुलनशील हो जाती है। मृत्तिका से बरतन, टाइल्स, क्रॉकरी और खिलौने जैसी चीजें बनाई जाती हैं। ये सामान संगमरमर की तरह कठोर और चिकने होते हैं।

(च) संश्लेषित रेशे क्या हैं?

उत्तर: संश्लेषित रेशे मानव निर्मित या कृत्रिम रेशे होते हैं जिन्हें रासायनिक प्रक्रिया द्वारा बनाया जाता है। ये प्राकृतिक रेशों जैसे कपास, ऊन और रेशम की तरह दिखते हैं लेकिन इनमें कुछ अलग गुण होते हैं। नायलॉन, पॉलिएस्टर, एक्रिलिक और रेयॉन कुछ प्रमुख संश्लेषित रेशे हैं।
संश्लेषित रेशों के गुण:

  • मजबूत और टिकाऊ होते हैं।
  • आसानी से साफ किए जा सकते हैं।
  • रंगे भी जा सकते हैं।
  • खिंचाव और मुड़ाव लेने में सक्षम होते हैं।

इन विशेषताओं के कारण संश्लेषित रेशों का उपयोग कपड़ों, जूतों, फर्नीचर और कई अन्य उद्योगों में किया जाता है। आजकल लगभग सभी कपड़े प्राकृतिक और संश्लेषित रेशों के मिश्रण से बने होते हैं।

प्रश्न 6. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

(क) भूमि में पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं?

उत्तर: भूमि को उपजाऊ और उर्वरा बनाए रखने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  • खेत को समय-समय पर परती छोड़ना चाहिए ताकि भूमि अपने आप संवर सके।
  • कृषि अवशेषों को भूमि में मिला देना चाहिए जिससे पोषक तत्व वापस मिल जाएं।
  • गोबर की खाद का उपयोग करना चाहिए जो भूमि को स्वस्थ रखती है।
  • रासायनिक उर्वरकों का सीमित और समुचित मात्रा में प्रयोग करना चाहिए।
  • फसलों का चक्र बदलना चाहिए ताकि भूमि के पोषक तत्व समाप्त न हो जाएं।

(ख) धूप में बाहर निकलने पर हम धूप के चश्मों का उपयोग क्यों करते हैं?

उत्तर: धूप के चश्मों का उपयोग हम अपनी आँखों की रक्षा करने के लिए करते हैं। सूरज की तेज रोशनी और पराबैंगनी किरणें हमारी आँखों के लिए हानिकारक होती हैं। धूप के चश्मे इन किरणों को रोककर हमारी आँखों की रक्षा करते हैं। साथ ही ये चमक भी कम करते हैं जिससे आँखों पर जलन नहीं होती।

(ग) संश्लेषित रेशों से बने वस्त्र जल्दी क्यों सूख जाते हैं?

उत्तर: संश्लेषित रेशे जैसे नायलॉन और पॉलिएस्टर प्राकृतिक रेशों की तुलना में कम पानी सोखते हैं। इनकी संरचना ऐसी होती है कि पानी के मोलेक्यूल इनके बीच नहीं फँस पाते। इसलिए जब इनसे बने कपड़े गीले हो जाते हैं तो पानी की बूंदें बाहर से ही लगी रहती हैं। यही कारण है कि संश्लेषित कपड़े जल्दी सूखने लगते हैं।

(घ) जैव निम्नीकरणीय एवं जैव अनिम्नीकरणीय में अंतर लिखिए।

उत्तर: जैव निम्नीकरणीय और जैव अनिम्नीकरणीय में निम्नलिखित अंतर हैं:-

  • जैव निम्नीकरणीय: जो पदार्थ जीवाणुओं और अन्य जीवों के कारण धीरे-धीरे अपघटित हो जाते हैं, उन्हें जैव निम्नीकरणीय कहा जाता है। जैसे लकड़ी, कागज, कपास आदि प्राकृतिक पदार्थ जैव निम्नीकरणीय होते हैं।
  • जैव अनिम्नीकरणीय: जो पदार्थ जीवों द्वारा अपघटित नहीं होते और प्रकृति में लंबे समय तक बने रहते हैं, उन्हें जैव अनिम्नीकरणीय कहा जाता है। जैसे प्लास्टिक, रबर, धातुएं आदि। ये पदार्थ पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं।
  • इस प्रकार जैव निम्नीकरणीय पदार्थ अपघटित हो जाते हैं लेकिन जैव अनिम्नीकरणीय पदार्थ अपघटित नहीं होते और अपशिष्ट बनते रहते हैं।
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