UP Board Class 8 Science Chapter 12 Solutions – प्रकाश एवं प्रकाश यंत्र

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यह अध्याय छात्रों को प्रकाश और प्रकाश यंत्रों के बारे में बताता है। प्रकाश हमारे दैनिक जीवन और विज्ञान दोनों में ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस अध्याय में छात्र प्रकाश की प्रकृति, इसके गुणों और प्रकाश के अपवर्तन एवं परावर्तन के सिद्धांतों को जानेंगे। वे सीखेंगे कि कैसे प्रकाश किसी माध्यम से एक दूसरे माध्यम में गुजरता है और कैसे लेंस इसका उपयोग करते हैं।

UP Board Class 8 Science Chapter 12

UP Board Class 8 Science Chapter 12 Solutions

SubjectScience (विज्ञान)
Class8th
Chapter12. प्रकाश एवं प्रकाश यंत्र
BoardUP Board

प्रश्न 1. दिये गये विकल्पों में सही विकल्प चुनिए-

(क) मानव नेत्र किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब बनाता है-

(क) कॉनिर्या पर
(ब) बाइरिस पर
(स) पुतली पर
(द) रेटिना पर ✓

(ख) सामान्य नेत्र के लिए निकट बिन्दु की दूरी है-

(क) 25 मी
(ब) 2.5 मी
(स) 25 सेमी ✓
(द) 2.5 सेमी

(ग) श्वेत प्रकाश जब त्रिज्या से होकर गुजरता है तो प्रिज्म के आधार की ओर प्राप्त रंग होता है-

(क) लाल ✓
(ब) पीला
(स) बैंगनी
(द) हरा

(घ) उत्तल लेंस के फोकस बिन्दु तथा प्रकाश केन्द्र के बीच रखे वस्तु का का प्रतिबिम्ब होगा।

(क) आभासी, बड़ा व सीध्य ✓
(ब) अभासी, उल्टा वे बड़ा
(स) आभासी सीधा व छोटा
(द) आभासी, उल्टा व बड़ा

प्रश्न 2. निम्नलिखित कथनों में सही कथन के सम्मुख सही (✓) और गलत के कथन के सामने गलत (✗) लिखिए।-

  1. उत्तल लेंस द्वारा दूर की वस्तु का प्रतिबिम्ब वास्तविक एवं उल्टा बनता है । (✓)
  2. प्रिज्म से अपवर्तन के पश्चात् निर्गत किरण आपतित किरण के समान्तर होती है। (✗)
  3. अवतल लेंस से कभी वास्तविक और कभी आभासी प्रतिबिम्ब बनता है । (✗)
  4. अपवर्तन की घटना में आपतन कोण, अपवर्तन कोण के बराबर होता है। (✗)

प्रश्न 3. रिक्त स्थानों की पूर्ति अपनी अभ्यास-पुस्तिका में कीजिए (पूर्ति करके) –

उत्तर –

(क) सरल सूक्ष्मदर्शी में उत्तल लेंस प्रयोग होता है।
(ख) दूर की वस्तुओं को देखने के लिए दूरदर्शी का प्रयोग किया जाता है।
(ग) खून की जाँच के लिए सूक्ष्मदर्शी का प्रयोग किया जाता है।
(घ) निकट दृष्टि दोष के निवारण हेतु चश्मे में अवतल लेंस प्रयोग होता है।

प्रश्न 4. प्रकाश का अपवर्तन किसे कहते? प्रकाश के अपवर्तन सम्बंधी नियमों को लिखिएं

उत्तर – जब प्रकाश किरण किसी एक पारदर्शी माध्यम से दूसरे पारदर्शी माध्यम में गमन करती है, तो किरण का पथ विक्षेपित हो जाता है। इस घटना को प्रकाश का अपवर्तन कहते हैं। अपवर्तन की घटना निम्नलिखित दो नियमों से नियंत्रित होती है:-

  • आपतन कोण, अपवर्तन कोण और अपवर्तक पृष्ठ पर खिंचा गया अभिलम्ब एक ही तल में स्थित होते हैं।
  • आपतन कोण की ज्या का अपवर्तन कोण की ज्या से अनुपात माध्यमों के अपवर्तनांकों का अनुपात होता है। यह स्नेल का नियम कहलाता है:
  • sin i / sin r = n2 / n1

प्रश्न 5. अपवर्तनांक की परिभाषा माध्यम में प्रकाश के चाल के पदों में लिखिए।

उत्तर – अपवर्तनांक और प्रकाश की चाल:-

किसी माध्यम का अपवर्तनांक उस माध्यम में प्रकाश की चाल पर निर्भर करता है। निर्वात में प्रकाश की चाल अधिकतम होती है। किसी माध्यम का अपवर्तनांक वायुमंडल के अपवर्तनांक से निर्वात में प्रकाश की चाल का अनुपात होता है। अर्थात्,
अपवर्तनांक = निर्वात में प्रकाश की चाल / माध्यम में प्रकाश की चाल

वायुमंडल में अपवर्तनांक की घटना:-

वायुमंडल गतिशील होता है और उसमें गर्म एवं ठंडी हवाओं की धाराएं होती रहती हैं। इससे वायुमंडल के विभिन्न स्थानों पर अपवर्तनांक भिन्न होता है। इसी कारण तारों से आने वाली प्रकाश किरणें अपवर्तित होकर विक्षेपित हो जाती हैं और कभी-कभी प्रेक्षक की आँखों तक नहीं पहुंचतीं।

प्रश्न 6. उचित किरण आरेख खींचते हुए उत्तल लेंस तथा अवतल लेंस के फोकस दूरी की परिभाषा लिखिए।

उत्तर – उत्तल लेंस से प्रतिबिम्ब का बनना-उत्तल लेंस से बने प्रतिबिम्ब की आकृति, स्थिति एवं आकार वस्तु की स्थिति पर निर्भर करता है। निम्नलिखित चित्रों में इन प्रतिबिम्बों के निर्माण का किरण आरेख प्रस्तुत किया गया है।

(i) वस्तु लेंस के प्रकाशिक केन्द्र 0 तथा फोकस F के बीच स्थित है। वस्तु का प्रतिबिम्ब वस्तु के पीछे आभासी सीधा तथा वस्तु से बड़ा है।

(ii) लेंस के फोकस पर स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब अनन्त परे, वास्तविक, उल्टा तथा वस्तु से बड़ा बनता है।

(iii) लेंस के फोकस दूरी तथा फोकस दूरी के दोगुनी दूरी के बीच स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब लेंस के दूसरी ओर लेंस के फोकस दूरी के दोगुनी दूरी से अधिक दूर, वास्तविक, उल्टा तथा वस्तु से बड़ा बनता है।

(iv) लेंस के फोकस दूरी के दो गुनी दूरी पर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब लेंस के दूसरी ओर लेंस के फोकस दूरी के दोगुनी दूरी पर, वास्तविक उल्टा तथा वस्तु के बराबर बनता है।

(v) लेंस के फोकस दूरी के दोगुने दूरी से अधिक दूरी पर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब लेंस के दूसरी ओर लेंस के फोकस तथा फोकस दूरी की दो गुनी दूरी के बीच, वास्तविक, उल्टा तथा वस्तु । से छोटा बनता है।

(vi) अनन्त दूरी पर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब लेंस के दूसरी ओर लेंस के फोकस पर, वास्तविक, उल्टा तथा वस्तु से अत्यधिक छोटा बनता है।

अवतल लेंस से प्रतिबिम्ब का बनना-

(i) अनन्त पर स्थित वस्तु से आने वाली किरणें लेंस के मुख्य अक्ष के समान्तर होती हैं, अतः लेंस से अपवर्तन के पश्चात् लेंस के फोकस बिन्दु F से फैलती हुयी प्रतीत होती है। अतः अनन्त पर स्थित वस्तु का अवतल लेंस से बना प्रतिबिम्ब लेंस के फोकस पर बनेगा। वस्तु का प्रतिबिम्ब आभासी, सीधा एवं अत्यन्त सूक्ष्म होगा।

(ii) यदि वस्तु को अनन्त से लेंस के ओर खिसकाया जाए तो वस्तु का प्रतिबिम्ब भी लेंस के फोकस बिन्दु से लेंस की ओर खिसकने लगता है किन्तु प्रतिबिम्ब सदैव आभासी, सीधा तथा वस्तु से छोटा बनता है।

प्रश्न 7. दूरदर्शी किसे कहते हैं? स्वच्छ किरण आरेख खींचकर दूरदर्शी से बने प्रतिबिम्ब की स्थिति दशाईए। प्रतिबिम्ब की प्रकृति आकार तथा स्थिति का भी उल्लेख कीजिए।

उत्तर – सूक्ष्मदर्शी एक ऐसा प्रकाशिक यंत्र है जिसकी सहायता से सूक्ष्म वस्तुएँ देखी जा सकती हैं। सूक्ष्म दर्शी दो प्रकार के होते हैं।

  1. सरल सूक्ष्मदर्शी (Simple Microscope)
  2. सयुंक्त सूक्ष्मदर्शी (Compound Microscope)

(i) सरल सूक्ष्मदर्शी (Simple Microscope) – सरल सूक्ष्मदर्शी कम फोकस दूरी का एक उत्त्तल लेंस होता है। लेंस के प्रकाश केन्द्र तथा फोकस बिन्दु के बीच एक सूक्ष्म वस्तु AB चित्र 12.18 के अंनुसार रखी गयी है। लेंस द्वारा वस्तु का बड़ा आभासी तथा सीधा प्रतिबिम्ब A’B’ बनता है। इसे स्पष्ट देखने के लिए लेंस से वस्तु AB की दूरी को इस प्रकार समायोजित करते हैं कि वस्तु का प्रतिबिम्ब A’B आँख से स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी पर बने।

(ii)संयुक्त सूक्ष्मदर्शी (Compound Microscope)- संयुक्त सूक्ष्मदर्शी द्वारा सूक्ष्म वस्तु का प्रतिबिम्ब सरल सूक्ष्मदर्शी की अपेक्षा बहुत बड़ा बनता है।

प्रश्न 8. नेत्र दोष किसे कहते हैं? कितने प्रकार का होता है? निकट दृष्टि दोष कैसे दूर कर सकते हैं?

उत्तर – नेत्र दोष एक ऐसी स्थिति है जब आँख किसी वस्तु का स्पष्ट प्रतिबिंब उसकी सामान्य दूरी पर नहीं बना पाती है। नेत्र दोष दो प्रकार के होते हैं:

  • निकट दृष्टि दोष (मायोपिया): इसमें व्यक्ति दूर की वस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख पाता है, लेकिन निकट की वस्तुएँ स्पष्ट दिखाई देती हैं।
  • दूर दृष्टि दोष (हाइपरमेट्रोपिया): इसमें व्यक्ति निकट की वस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख पाता है, लेकिन दूर की वस्तुएँ स्पष्ट दिखाई देती हैं।

निकट दृष्टि दोष को दूर करने के लिए अवतल लेंस वाले चश्मे का प्रयोग किया जाता है। अवतल लेंस प्रकाश किरणों को अपसारित (बिखेरता) करके रेटिना पर स्पष्ट प्रतिबिंब बनाने में सहायता करता है। इस प्रकार व्यक्ति दूर की वस्तुओं को भी स्पष्ट देख सकता है।
इसके अतिरिक्त, लेजर सर्जरी या कॉर्निया प्रत्यारोपण जैसे चिकित्सा उपाय भी निकट दृष्टि दोष को ठीक करने में सहायक हो सकते हैं, लेकिन इन्हें डॉक्टरी परामर्श के बाद ही अपनाना चाहिए।

Other Chapter Solutions
Chapter 1 Solutions – विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति
Chapter 2 Solutions – मानव निर्मित वस्तुएँ
Chapter 3 Solutions – परमाणु की संरचना
Chapter 4 Solutions – खनिज एवं धातु
Chapter 5 Solutions – सूक्ष्मजीवों का सामान्य परिचय एवं वर्गीकरण
Chapter 6 Solutions – कोशिका से अंग तंत्र तक
Chapter 7 Solutions – जन्तुओं में जनन
Chapter 8 Solutions – किशोरावस्था
Chapter 9 Solutions – दिव्यांगता
Chapter 10 Solutions – फसल उत्पादन
Chapter 11 Solutions – बल तथा दाब
Chapter 12 Solutions – प्रकाश एवं प्रकाश यंत्र
Chapter 13 Solutions – विद्युत धारा
Chapter 14 Solutions – चुम्बकत्व
Chapter 15 Solutions – कार्बन एवं उसके यौगिक
Chapter 16 Solutions – ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत
Chapter 17 Solutions – कम्प्यूटर

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