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UP Board class 8 History chapter 9 में हम भारत के स्वतंत्रता संग्राम के अंतिम चरण और उसके परिणाम पर विचार करेंगे। 20वीं शताब्दी के प्रारंभिक दशकों में राष्ट्रीय आंदोलन ने नई गति पकड़ी। महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन जैसे बड़े आंदोलन छिड़ गए। हम यहां इन आंदोलनों की विशेषताओं, नेतृत्व और रणनीतियों का अध्ययन करेंगे।
UP Board Class 8 History Chapter 9 Solutions
Subject | History |
Class | 8th |
Chapter | 9. स्वाधीनता आन्दोलन-स्वतन्त्रता प्राप्ति एवं विभाजन |
Board | UP Board |
प्रश्न 1. बहुविकल्पीय प्रश्न
(1) रोलेट एक्ट पास किया-
(क) सन् 1917 ई० में
(ख) सन् 1918 ई० में
(ग) सन् 1919 ई० में
(घ) सन् 1920 ई० में
उत्तर- (ग) सन् 1919 ई० में
(2) प्रथम गोलमेज सम्मेलन हुआ-
(क) सन् 1931 ई० में।
(ख) सन् 1930 ई० में
(ग) सन् 1934 ई० में
(घ) सन् 1929 ई० में।
उत्तर- (ख) सन् 1930 ई० में
प्रश्न 2. अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
(1) गांधी जी ने सत्याग्रह आंदोलन किस सन् में शुरू किया?
उत्तर- गांधी जी ने सत्याग्रह आंदोलन सन् 1919 में शुरू किया।
(2) 13 अप्रैल, 1919 को कौन सी घटना घटी थी?
उत्तर- 13 अप्रैल, 1919 को जलियाँवाला बाग हत्याकांड की घटना घटी थी।
(3) 5 मार्च, 1931 ई० को सरकार और कांग्रेस में कौन-सा समझौता हुआ?
उत्तर- 5 मार्च, 1931 ई० को सरकार और कांग्रेस में एक समझौता हुआ जिसे गांधी-इरविन समझौता कहते हैं।
प्रश्न 3. लघु उत्तरीय प्रश्न
(1) डाँडी यात्रा किसने और क्यों की थी?
उत्तर: डाँडी यात्रा महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को आरंभ की थी। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश शासन द्वारा लगाए गए नमक कर का विरोध करना था। गांधीजी ने 24 दिनों की लंबी पदयात्रा कर डाँडी समुद्र तट पर पहुंचकर नमक कानून का उल्लंघन किया और स्वयं नमक बनाया। इस आंदोलन ने देशव्यापी स्तर पर जनसमर्थन हासिल किया और ब्रिटिश शासन के विरुद्ध एक बड़ा आंदोलन बन गया।
(2) होमरूल लीग स्थापित करने का क्या उद्देश्य था?
उत्तर: होमरूल लीग की स्थापना 1916 में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और एनी बेसेंट द्वारा की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन रहते हुए भारत को आंतरिक स्वशासन या आत्मनिर्भरता प्रदान करवाना था। होमरूल आंदोलन ब्रिटिश शासन से ‘स्वराज्य’ की मांग करता था, जिसे हम आज ‘पूर्ण स्वतंत्रता’ कहते हैं।
(3) रवीन्द्रनाथ टैगोर ने अपनी ‘सर’ की उपाधि क्यों वापस कर दी?
उत्तर: 13 अप्रैल, 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में निरीह और निहत्थे भारतीय नागरिकों पर की गई ब्रिटिश सेना द्वारा गोलीबारी के विरोध में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने अपनी ‘सर’ की उपाधि लौटा दी। उन्होंने इस निर्मम घटना के विरोध में यह कदम उठाया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया। इस घटना ने उन्हें बहुत आहत किया था।
प्रश्न 4. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(1) असहयोग आंदोलन के बारे में लिखिए?
उत्तर: असहयोग आंदोलन भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण आंदोलन था। इसकी शुरुआत महात्मा गांधी ने 1920 में की थी। इसके पीछे मुख्य कारण था कि प्रथम विश्व युद्ध में भारतीयों द्वारा की गई सहायता के बदले ब्रिटिश शासन ने उन्हें आत्मशासन देने का वादा तो किया था, लेकिन बाद में उसे पूरा नहीं किया गया।
असहयोग आंदोलन का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश शासन से पूर्ण सहयोग वापस लेना और देश में सविनय अवज्ञा का माहौल बनाना था। गांधीजी ने इस आंदोलन के तहत निम्नलिखित कदम उठाने की अपील की:
- सरकारी शैक्षिक संस्थानों, विधानसभाओं, न्यायालयों का बहिष्कार करना।
- सरकारी नौकरियों और सरकारी उपाधियों का त्याग करना।
- विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करना और स्वदेशी अपनाना।
- राष्ट्रीय शिक्षा संस्थानों की स्थापना करना।
- जनजागरण के लिए सभाएं और जुलूस निकालना।
इस आंदोलन ने देशव्यापी स्तर पर जनसमर्थन हासिल किया। बहुत से लोगों ने सरकारी नौकरियां छोड़ीं, विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया और असहयोग की गतिविधियों में भाग लिया। हालांकि 1922 में चौरी-चौरा की घटना के बाद गांधीजी ने इसे वापस ले लिया, लेकिन इसने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई दिशा दी।