Get our free guide on UP Board class 7 Sanskrit chapter 5 solutions here. This guide is prepared by the subject experts and helps you to answer all the questions asked in Sanskrit Piyusham chapter 5 – “वयं स्वाधीना”.
UP Board Class 7 Sanskrit Chapter 5 Solutions
Subject | Sanskrit |
Class | 7th |
Chapter | 5. वयं स्वाधीना |
Board | UP Board |
प्रश्न 1. उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 2. एकवाक्येन उत्तरत –
(क) अधुना लोके वयं कीदृशाः स्म?
उत्तर : अधुना लोके वयं स्वाधीनाः स्म।
(ख) अखिला प्राचीना वार्ता किम् अभवत्?
उत्तर : अखिला प्राचीना वार्ता गता।
(ग) पुलिनेषु का विहसति?
उत्तर : पुलिनेषु पद्मश्री विहसति।
(घ) अस्माकं कः स्वप्न साकारः जातः?
उत्तर : अस्माकं समोऽस्त्यधिकारस्य स्वप्नः साकारः जातः।
(ङ) इदानीं शासननीतिः कीदृशी अस्ति?
उत्तर : इदानीं शासननीतिः नवा-नवीना अस्ति।
प्रश्न 3. सन्धिविच्छेदं कुरुत (सन्धि-विच्छेद करके)
पदम् | सन्धि विच्छेदः |
जनाधरेषु | जन + अधरेषु |
पथानुकूला | पथ + अनुकूला |
स्वाधीनाः | स्व + अधीनाः |
प्रश्न 4. समासविग्रहं कृत्वा समासनाम लिखत् (लिखकर )
पदम् समास विग्रहः समासनाम
शासननीति = शासनस्य नीतिः = तत्पुरुषः
भोजनालयः = भोजनस्य आलयः = तत्पुरुषः
पाठशालाः = पाठस्य शाला: = तत्पुरुषः
वटवृक्षः = वटस्य वृक्षः = तत्पुरुषः
प्रश्न 5. उपसर्गाणां क्रियाणां च योगं कृत्वा पदनिर्माणं कुरुते (करके)
यथा-अव + अकिरत् = अवाकिरत्
प्र + अचलत् = प्राचलत्
सम् + अकरोत = समाकरोत
उप + आगच्छते = उपागच्छते
आ + हसति = आहसति
परा + अवर्तत = परावर्तत
वि + हसति = विहसति
प्रश्न 6. संस्कृत भाषायाम् अनुष्ठादं कुरुत – संस्कृत अनुवाद
(क) आज हमारा देश स्वतन्त्र है।
संस्कृत अनुवाद : अधुना अस्माकं देशः स्वतन्त्रः अस्ति।
(ख) अन्धकार समाप्त हो गया है।
संस्कृत अनुवाद : तिमिरो गतः।
(ग) जल में कमल खिले हुए हैं।
संस्कृत अनुवाद : जले कमलानि विकसन्ति।
(घ) समाज में स्त्रियों-पुरुषों को समान अधिकार प्राप्त है।
संस्कृत अनुवाद : समाजे स्त्रप्नुसयोः समोऽस्त्यधिकारः।
(ङ) हम एक साथ मिलकर रहते हैं।
संस्कृत अनुवाद : वयं सहचराः सन्ति।
प्रश्न 7. श्लोकांशान् योजयत (जोड़कर)
क ख
पद्मश्रीविहसति पुलिनेषु = हास: खेलति जनाधरेषु।
स्त्रीपुंसायोः समोऽस्यधिकारः = स्वप्नो जातोऽयं साकारः।
शान्तिर्मिलति सुरक्षान्यायः = सहकारः सहचर: सहायः।
संविधाननव पथानुकूला = शासननीतिर्नवा नवीना।
उच्चाशयता पुना राजते। = मनसि भावना कापि न हीना।