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बिहार बोर्ड की कक्षा 9 की राजनीति विज्ञान की पुस्तक का छठा अध्याय ‘लोकतांत्रिक अधिकार’ है। यह अध्याय लोकतंत्र में नागरिकों के विभिन्न अधिकारों पर केंद्रित है। इसमें बताया गया है कि लोकतंत्र में मूलभूत अधिकारों का क्या महत्व है और ये अधिकार क्यों आवश्यक हैं। साथ ही, भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों जैसे समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार आदि की व्याख्या की गई है।
Bihar Board Class 9 Political Science Chapter 6 Solutions
Subject | Political Science |
Class | 9th |
Chapter | 6. लोकतांत्रिक अधिकार |
Board | Bihar Board |
Bihar Board class 9 Political Science chapter 6 – वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1. निम्नलिखित में से कौन-सा अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है ?
(क) भाषण की स्वतंत्रता
(ख) संगठन बनाने का अधिकार
(ग) समान काम के लिए स्त्री एवं पुरुष को समान वेतन पाने का अधिकार
(घ) दंगों में शस्त्र लेकर चलना
उत्तर- (ग) समान काम के लिए स्त्री एवं पुरुष को समान वेतन पाने का अधिकार
प्रश्न 2. भारतीय संविधान द्वारा यहाँ के नागरिकों को कितने मौलिक अधिकार प्राप्त हैं ?
(क) 6
(ख) 7
(ग) 8
(घ) 5
उत्तर- (क) 6
प्रश्न 3. भारतीय नागरिकों के कितने मौलिक कर्त्तव्य हैं ?
(क) दस
(ख) पन्द्रह
(ग) सात
(घ) छः
उत्तर- (क) दस
प्रश्न 4. इनमें से कौन मौलिक अधिकार है ?
(क) सम्पत्ति का अधिकार
(ख) समानता का अधिकार
(ग) शोषण के विरुद्ध अधिकार
(घ) असमानता का अधिकार
उत्तर- (क) सम्पत्ति का अधिकार
प्रश्न 5. मौलिक अधिकारों की सूची से किस वर्ष सम्पत्ति के अधिकार को हटा दिया गया?
(क) 1976 ई. में
(ख) 1978 ई. में
(ग) 1979 ई. में
(घ) 1985 ई. में
उत्तर- (ख) 1978 ई. में
प्रश्न 6. किस संविधान संशोधन द्वारा मौलिक कर्तव्य निश्चित किया गया?
(क) 42वाँ
(ख) 43वाँ
(ग) 44वाँ
(घ) 45वाँ ।
उत्तर- (क) 42वाँ
प्रश्न 7. प्रतिनिधात्मक प्रजातांत्रिक शासन व्यवस्था की स्थापना की पहली शर्त क्या है?
(क) अधिकारों की मौजूदगी
(ख) कर्त्तव्यों का न होना
(ग) साम्प्रदायिक दंगे
(घ) महिलाओं के माथ गैर-सरकारी का व्यवहार
उत्तर- (क) अधिकारों की मौजूदगी
प्रश्न 8. विश्व के परिप्रेक्ष्य में मौलिक अधिकारों का सर्वप्रथम प्रयोग कब किया गया?
(क) 1648 ई. में
(ख) 1789 में फ्रांसीसी क्रान्ति के समय
(ग) 1948 ई. में
(घ) 1990 ई. में
उत्तर- (ख) 1789 में फ्रांसीसी क्रान्ति के समय
प्रश्न 9. भारत में सबसे पहले किस राजनेता ने मौलिक अधिकारों का सवाल उठाया ?
(क) पं. जवाहरलाल नेहरू ने
(ख) गाँधी जी ने
(ग) बालगंगाधर तिलक ने
(घ) गोपाल कृष्ण गोखले ने
उत्तर- (ग) बालगंगाधर तिलक ने
प्रश्न 10. स्वतंत्रता का अधिकार का उल्लेख भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में किया गया है ?
(क) अनुच्छेद 15-21 में
(ख) अनुच्छेद 14-18 में
(ग) अनुच्छेद 19-22 में
(घ) अनुच्छेद 12 में
उत्तर- (ग) अनुच्छेद 19-22 में
प्रश्न 11. समता का अधिकार का उल्लेख भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में किया गया है ?
(क) अनुच्छेद 24 में
(ख) अनुच्छेद 32 में
(ग) अनुच्छेद 19-22 में
(घ) अनुच्छेद 14-18 में
उत्तर- (घ) अनुच्छेद 14-18 में
प्रश्न 12. निम्नलिखित में से कौन-सी स्वतंत्रता नागरिकों को प्राप्त है ?
(क) किसो का निरादर करने का
(ख) झठा अभियोग लगाने का
(ग) हिंसा भड़काने का
(घ) देश के किसी भी हिस्से में जाकर बसने का
उत्तर- (घ) देश के किसी भी हिस्से में जाकर बसने का
रिक्त स्थान की पूर्ति करें
प्रश्न 1. प्रजातंत्र की रक्षा के लिए ………………. की सुरक्षा आवश्यक है।
उत्तर- मौलिक अधिकार
प्रश्न 2. प्रत्येक ………………… संविधान में मूल अधिकारों की व्यवस्था है।
उत्तर- लोकतांत्रिक
प्रश्न 3. अधिकार लोकतांत्रिक राजनीति की ………………………. है।
उत्तर- सहगामी
प्रश्न 4. समाज सिर्फ ऐसी ही माँगों को स्वीकारता है जिसमें …………… की भावना-निहित होती है।
उत्तर- सार्वजनिक कल्याण
प्रश्न 5. किसी व्यक्ति से बेगारी लेना ………….. के विरुद्ध अधिकार है।
उत्तर- शोषण
प्रश्न 6. मौलिक अधिकारों की रक्षा ………….. करता है।
उत्तर- सर्वोच्च न्यायालय
प्रश्न 7. भारत के सभी नागरिकों को अपनी धर्म, भाषा, संस्कृति को सुरक्षित रखने का ……………. अधिकार है।
उत्तर- शिक्षा एवं संस्कृति संबंधी
प्रश्न 8. सरकार में किसी पद पर नियुक्ति या रोजगार के मामले में भी सभी नागरिकों के लिए है।
उत्तर- अवसर की समानता
प्रश्न 9. सरकार को सार्वजनिक व्यवस्था तथा सदाचार को ध्यान में रखकर धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार को ………….. कर सकता है।
उत्तर- नियमित तथा नियंत्रित
प्रश्न 10. यदि सरकार को किसी व्यक्ति पर अपराधी होने का संदेह है तो अपराध करने के पहले ही वह . कर सकती है।
उत्तर- नजरबंद
प्रश्न 11. नजरबंदी की व्यवस्था को ………. को संसद के दोनों सदनों ने …………… आतंकवाद विरोधी अधिनियम को समाप्त कर दिया।
उत्तर- 26 मार्च, 2002
प्रश्न 12. कोई भी व्यक्ति …………. से कम उम्र के बच्चे से खरनाक काम नहीं करवा सकता है।
उत्तर- 14 वर्ष
प्रश्न 13. ………………………. वाँ संवैधानिक संशोधन 2002 के द्वारा भारत में शिक्षा का अधिकार मौलिक अधिकार बनाया गया है।
उत्तर- 86
प्रश्न 14. अब 6 से ………………………. वर्ष की आयु के सभी भारतीय बच्चों को शिक्षा का मौलिक अधिकार प्राप्त है।
उत्तर- 14 वर्ष
प्रश्न 15. सभी मौलिक अधिकार व्यर्थ हैं अगर इन्हें माननेवाला और लागू करनेवाला ……………………… हो।
उत्तर- वन
प्रश्न 16. यदि मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा हो तो हम सीधे ………………….. भी जा सकते हैं।
उत्तर- सर्वोच्च
प्रश्न 17. सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालयों का मौलिक अधिकार लागू कराने के मामले में आदेश या ………………जारी करने का अधिकार है।
उत्तर- लेख (रिट)
प्रश्न 18. अधिकारों का दायरा ……………………… जाता है।
उत्तर- बढ़ता
प्रश्न 19. मूल अधिकारों में से बहुत सारे अधिकार निकले हैं जैसे …………………।
उत्तर- सूचना का अधिकार
प्रश्न 20. दक्षिण अफ्रीका में नागरिकों और उनके …………….. को सरकार नहीं ले सकती है।
उत्तर- घर
Bihar Board class 9 Political Science chapter 6 – अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. मौलिक अधिकारों को सुरक्षा कौन प्रदान करता है ?
उत्तर- न्यायालय (उच्च या सर्वोच्च न्यायालय)।
प्रश्न 2. अधिकारों के बिना जीवन कैसा होता है ?
उत्तर- बुरा।
प्रश्न 3. अधिकारों का क्या महत्त्व है ?
उत्तर- एक अच्छे नागरिक के विकास के लिए तथा जीवन को जीने योग्य बनाने के लिए।
प्रश्न 4. संविधान लागू करने वाला पहला देश कौन था ?
उत्तर- फ्रांस ने 1789 ई. में संविधान की घोषणा की।
प्रश्न 5. जातीय नरसंहार के नाम पर विश्व में क्या हुआ?
उत्तर- इराक में, युगोस्लाविया में, भारत में तथा विश्व के कई देशों में जातीय नरसंहार हुए।
प्रश्न 6. मनुष्य के दावे किस तरह के होने चाहिए?
उत्तर- दावे तार्किक एवं विवेकपूर्ण होने चाहिए ।
प्रश्न 7. मताधिकार किसे कहते हैं ?
उत्तर- प्रशासन के लिए प्रतिनिधियों को चुनने के लिए नागरिकों को जिस अधिकार की जरूरत होती है उसे मताधिकार कहते हैं।
प्रश्न 8. नेहरू समिति ने मौलिक अधिकारों की मांग कब की?
उत्तर- 1933 ई. के कराँची अधिवेशन में।
प्रश्न 9. मौलिक अधिकारों के मामले ने कब जोर पकड़ा?
उत्तर- सुपसमिति ने 1945 ई० में मौलिक अधिकारों का मामला जोर-शोर से उठाया।
प्रश्न 10. किस स्थिति में राज्य धर्म के क्षेत्र में दखल देकर उसे नियंत्रित तथा स्थगित कर सकता है ?
उत्तर- किसी धर्म के अनुयायियों के धर्म प्रचार के ढंग से राज्य के अन्दर अमन-चैन में खलल पहुँच सकती है तो ऐसी स्थिति में राज्य उसे नियंत्रित तथा स्थगित कर सकता है।
प्रश्न 11. बंधुआ मजदूरी किसे कहते हैं ?
उत्तर- किसी मजदूर से जबरन जीवन भर काम कराना बंधुआ मजदूरी कहलाता है।
प्रश्न 12. दावा का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर- सभी नागरिकों, समाज या सरकार से किसी नागरिक द्वारा कानूनी या नैतिक अधिकारों की माँग दावा है।
प्रश्न 13. ‘रिट’ का क्या अर्थ है ?
उत्तर- उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सरकार को जारी किया गया एक औपचारिक लिखित आदेश है।
प्रश्न 14. उत्प्रेषण क्या है ?
उत्तर- इस अधिकार के द्वारा उच्च न्यायालय निम्न न्यायालय से किसी अभियोग संबंधित सारे रिकार्ड अपने पास मँगवा सकता है।
प्रश्न 15. व्यक्ति के बढ़ते अधिकार किस बात की गवाही देते हैं ?
उत्तर- यह इस बात की गवाही देते हैं कि समाज में लोकतंत्र की जड़ें काफी मजबूत हो रही हैं।
प्रश्न 16. राष्ट्रीय गान का सम्मान करना किसका कर्तव्य है ?
उत्तर- भारत के नागरिकों का।।
प्रश्न 17. माता-पिता का अपने बच्चों के प्रति क्या कर्त्तव्य है ?
उत्तर- उचित शिक्षा एवं संबंधित अवसरों की व्यवस्था करना ।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. अधिकार किसे कहते हैं ?
उत्तर- अधिकार वे कानूनी या नैतिक दावे हैं जो व्यक्ति के विकास और कल्याण के लिए आवश्यक हैं। ये समाज और राज्य द्वारा मान्यता प्राप्त होते हैं। अधिकार व्यक्ति को अपनी क्षमताओं का विकास करने और स्वतंत्र रूप से जीवन जीने की स्वतंत्रता प्रदान करते हैं। ये लोकतांत्रिक समाज की नींव हैं और नागरिकों को सरकार और अन्य लोगों के अनुचित हस्तक्षेप से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
प्रश्न 2. मौलिक अधिकार का क्या अर्थ है ?
उत्तर- मौलिक अधिकार वे बुनियादी स्वतंत्रताएँ और अधिकार हैं जो संविधान द्वारा प्रत्येक नागरिक को प्रदान किए जाते हैं। ये अधिकार व्यक्ति के सर्वांगीण विकास और मानवीय गरिमा के लिए आवश्यक माने जाते हैं। भारत में, संविधान के भाग III में छह मौलिक अधिकारों का उल्लेख है, जिनमें समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार आदि शामिल हैं। ये अधिकार न्यायालय द्वारा लागू किए जा सकते हैं और लोकतांत्रिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
प्रश्न 3. कानून के समक्ष समानता का क्या अर्थ है ?
उत्तर- कानून के समक्ष समानता का अर्थ है कि सभी नागरिक कानून की दृष्टि में समान हैं। इसका मतलब है कि कानून किसी भी व्यक्ति के साथ उसकी जाति, धर्म, लिंग, जन्म स्थान या किसी अन्य आधार पर भेदभाव नहीं करेगा। यह सिद्धांत सार्वजनिक स्थानों जैसे दुकानों, होटलों, मनोरंजन स्थलों और धार्मिक स्थलों पर समान प्रवेश की अनुमति देता है। यह प्रावधान सामाजिक समानता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है और लोकतांत्रिक समाज का एक आधारभूत स्तंभ है।
प्रश्न 4. अधिकारों का क्या महत्व है ?
उत्तर- अधिकार लोकतांत्रिक समाज की आधारशिला हैं। वे व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास और स्वतंत्र अभिव्यक्ति के लिए आवश्यक हैं। अधिकार नागरिकों को सरकार में भागीदारी का अवसर प्रदान करते हैं, जैसे मतदान का अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता। वे सरकारी या व्यक्तिगत अत्याचार से सुरक्षा प्रदान करते हैं। अधिकारों के बिना, लोकतंत्र का अस्तित्व संभव नहीं है। वे न केवल लोकतंत्र की स्थापना के लिए आवश्यक हैं, बल्कि इसे बनाए रखने और मजबूत करने के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
प्रश्न 5. अधिकारों के बिना जीवन कैसा? संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
अथवा, लोकतंत्र में अधिकारों की क्या आवश्यकता है?
उत्तर- लोकतंत्र में अधिकार अत्यंत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे नागरिकों को स्वतंत्रता, समानता और न्याय प्रदान करते हैं। अधिकार व्यक्तियों को अपनी क्षमताओं का पूर्ण विकास करने का अवसर देते हैं। वे सरकार की मनमानी से नागरिकों की रक्षा करते हैं और उन्हें शासन प्रक्रिया में भाग लेने का अधिकार देते हैं। अधिकारों के माध्यम से, नागरिक अपने विचारों को व्यक्त कर सकते हैं, सरकार की आलोचना कर सकते हैं और अपने हितों की रक्षा कर सकते हैं। इस प्रकार, अधिकार लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था को मजबूत और जवाबदेह बनाते हैं।
प्रश्न 6. अधिकारों को संविधान में लिखने की क्या जरूरत है ?
उत्तर- अधिकारों को संविधान में लिखना आवश्यक है क्योंकि यह उन्हें कानूनी मान्यता और सुरक्षा प्रदान करता है। यह सरकार की मनमानी कार्रवाई से नागरिकों की रक्षा करता है। संवैधानिक अधिकार न्यायालय द्वारा लागू किए जा सकते हैं, जो उनकी रक्षा सुनिश्चित करता है। यह नागरिकों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनाता है और उन्हें अपने अधिकारों का दावा करने में सशक्त बनाता है। संविधान में लिखे अधिकार लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों को मजबूत करते हैं।
प्रश्न 7. विश्व के परिप्रेक्ष्य में मौलिक अधिकारों के संबंध में बतावें।
उत्तर- मौलिक अधिकारों की अवधारणा का विकास 18वीं शताब्दी में हुआ। 1789 में फ्रांसीसी क्रांति ने ‘मानव और नागरिक अधिकारों की घोषणा’ के साथ इस विचार को लोकप्रिय बनाया। अमेरिकी संविधान ने 1791 में अधिकारों के बिल को अपनाया। 1948 में, संयुक्त राष्ट्र ने मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा को अपनाया। आज, अधिकांश देशों के संविधान में मौलिक अधिकारों का उल्लेख है, जिसमें लोकतांत्रिक और गैर-लोकतांत्रिक देश दोनों शामिल हैं। ये अधिकार अंतरराष्ट्रीय कानून और मानवाधिकार संधियों का भी हिस्सा हैं।
प्रश्न 8. भारत के संदर्भ में मौलिक अधिकारों की चर्चा कब से शुरू हुई ?
उत्तर- भारत में मौलिक अधिकारों की चर्चा स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान शुरू हुई। बाल गंगाधर तिलक ने सबसे पहले इसकी मांग की। 1918 में कांग्रेस के बॉम्बे अधिवेशन और 1933 के कराची अधिवेशन में इस मुद्दे को उठाया गया। 1928 में नेहरू समिति और 1945 में सप्रू समिति ने भी मौलिक अधिकारों पर जोर दिया। स्वतंत्रता के बाद, संविधान सभा ने इन अधिकारों को संविधान में शामिल किया। भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों का समावेश स्वतंत्रता संग्राम के लक्ष्यों और आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है।
प्रश्न 9. किन परिस्थितियों में मौलिक अधिकारों को स्थगित किया जा सकता है?
उत्तर- मौलिक अधिकारों को कुछ विशेष परिस्थितियों में स्थगित किया जा सकता है। राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान राष्ट्रपति कुछ मौलिक अधिकारों को निलंबित कर सकते हैं। सार्वजनिक व्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा या नैतिकता के हित में कुछ अधिकारों पर उचित प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। संसद संवैधानिक संशोधन के माध्यम से मौलिक अधिकारों में परिवर्तन कर सकती है। हालांकि, न्यायपालिका इन प्रतिबंधों की वैधता की समीक्षा कर सकती है। कुछ अधिकार, जैसे जीवन का अधिकार, किसी भी परिस्थिति में निलंबित नहीं किए जा सकते।
प्रश्न 10. मौलिक अधिकारों की रक्षा कैसे की जा सकती है ?
उत्तर- मौलिक अधिकारों की रक्षा मुख्य रूप से न्यायपालिका द्वारा की जाती है। यदि किसी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है, तो वह सीधे उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सकता है। न्यायालय रिट जारी कर सकते हैं जैसे बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, उत्प्रेषण और अधिकार पृच्छा। नागरिक समाज संगठन और मीडिया भी अधिकारों के उल्लंघन को उजागर करके उनकी रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षा और जागरूकता अभियान लोगों को अपने अधिकारों के प्रति सचेत बनाते हैं।
प्रश्न 11. समता के किन्हीं चार अधिकारों का वर्णन करें।
उत्तर- समता के चार प्रमुख अधिकार हैं:-
- कानूनी समता: सभी नागरिक कानून के समक्ष समान हैं।
- सामाजिक समता: जाति, धर्म, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव निषिद्ध है।
- अवसर की समानता: रोजगार में सभी को समान अवसर मिलते हैं।
- उपाधियों का अंत: सेना और शिक्षा को छोड़कर अन्य उपाधियाँ समाप्त कर दी गई हैं।
प्रश्न 12. संविधान में वर्णित नागरिक स्वतंत्रता के अधिकारों का वर्णन करें।
उत्तर- संविधान की धारा 19-22 में नागरिक स्वतंत्रता के छह प्रमुख अधिकार हैं:-
- भाषण और विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
- शांतिपूर्वक एकत्र होने की स्वतंत्रता
- संगठन बनाने की स्वतंत्रता
- देश में कहीं भी जाने या रहने की स्वतंत्रता
- पेशा चुनने की स्वतंत्रता
- प्रेस की स्वतंत्रता
प्रश्न 13. शोषण के विरुद्ध अधिकार के अन्तर्गत उठाए गए किन्हीं चार उपायों की चर्चा करें।
उत्तर- शोषण के विरुद्ध अधिकार के तहत चार प्रमुख उपाय:-
- बंधुआ मजदूरी का उन्मूलन
- 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए बाल श्रम का निषेध
- मानव तस्करी पर प्रतिबंध
- देवदासी प्रथा का उन्मूलन
प्रश्न 14. सूचना का अधिकार का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर- सूचना का अधिकार एक महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक अधिकार है। इसके तहत नागरिकों को सरकारी कामकाज से संबंधित जानकारी मांगने और प्राप्त करने का अधिकार है। यह पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करता है। सरकारी अधिकारियों द्वारा जानकारी न देने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
प्रश्न 15. अधिकार-पृच्छा लेख से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- अधिकार-पृच्छा लेख एक न्यायिक आदेश है। इसके द्वारा न्यायालय किसी ऐसे व्यक्ति को, जिसकी नियुक्ति या चुनाव कानून के अनुसार नहीं हुआ हो, सरकारी कार्य करने से रोक सकता है। यह सार्वजनिक पदों पर नियुक्तियों की वैधता सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण उपाय है।
प्रश्न 16. विधि का शासन किसे कहते हैं ?
उत्तर- विधि का शासन एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें कानून सबसे ऊपर होता है। इसका अर्थ है कि सभी नागरिक, चाहे उनका पद या स्थिति कुछ भी हो, कानून के समक्ष समान हैं। यह समता के अधिकार का एक महत्वपूर्ण पहलू है और लोकतांत्रिक शासन का आधार है।
प्रश्न 17. आरक्षण क्या है ?
उत्तर- आरक्षण एक नीति है जिसके तहत सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए सीटें आरक्षित की जाती हैं। यह समाज के वंचित वर्गों को समान अवसर प्रदान करने का प्रयास है। संविधान के अनुसार, आरक्षण समानता के अधिकार का उल्लंघन नहीं है।
प्रश्न 18. 44वें संवैधानिक संशोधन के द्वारा विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में क्या संशोधन किया गया ?
उत्तर- 44वें संवैधानिक संशोधन (1978) ने संसद या राज्य विधानमंडल की कार्यवाही की सच्ची रिपोर्ट प्रकाशित करने पर सुरक्षा प्रदान की। इसके तहत, ऐसी रिपोर्ट के प्रकाशन पर किसी व्यक्ति के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की जा सकती। हालांकि, यदि प्रकाशन बुरी नीयत से किया गया हो, तो कानूनी कार्रवाई संभव है। यह संशोधन लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रश्न 19. धार्मिक स्वतंत्रता क्या है ?
उत्तर- धार्मिक स्वतंत्रता भारत के धर्मनिरपेक्ष राज्य का एक मूल सिद्धांत है। इसके अंतर्गत:-
- प्रत्येक नागरिक को अपनी पसंद का धर्म चुनने, उसका पालन करने और प्रचार करने का अधिकार है।
- किसी भी धर्म के अनुयायियों को धार्मिक गतिविधियों जैसे सभाएं आयोजित करना, पुस्तकें प्रकाशित करना, और शैक्षणिक संस्थान चलाने की स्वतंत्रता है।
- राज्य का कोई आधिकारिक धर्म नहीं है और सभी धर्मों को समान महत्व दिया जाता है।
प्रश्न 20. धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार को किस स्थिति में सरकार नियमित तथा नियंत्रित कर सकती है ?
उत्तर- सरकार धार्मिक स्वतंत्रता को निम्नलिखित परिस्थितियों में नियंत्रित कर सकती है:-
- जब धार्मिक गतिविधियां सार्वजनिक व्यवस्था को खतरे में डालती हैं।
- जब वे नैतिकता और सदाचार के विरुद्ध होती हैं।
- जब धार्मिक प्रचार से समाज में शांति भंग होने की आशंका हो।
- जब धार्मिक गतिविधियां राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बनती हैं।
प्रश्न 21. धर्म और शिक्षण संस्थाओं से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर- धर्म और शिक्षण संस्थाओं का तात्पर्य विभिन्न धार्मिक समुदायों द्वारा स्थापित और संचालित शैक्षणिक संस्थानों से है। भारतीय संविधान विभिन्न धर्मों के अनुयायियों को स्कूल, कॉलेज, पाठशाला और मदरसे जैसी शिक्षण संस्थाएँ स्थापित करने और चलाने की स्वतंत्रता देता है। इन संस्थानों को राज्य से आर्थिक सहायता प्राप्त करने का भी अधिकार है। हालाँकि, सरकारी शिक्षण संस्थानों में धार्मिक शिक्षा का निषेध है। साथ ही, किसी भी शिक्षण संस्थान में छात्रों को उनकी इच्छा के विरुद्ध धार्मिक शिक्षा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। यह प्रावधान शैक्षिक क्षेत्र में धार्मिक स्वतंत्रता और धर्मनिरपेक्षता के बीच संतुलन बनाए रखने का प्रयास करता है।
प्रश्न 22. संस्कृति संबंधी नागरिकों के कौन-से अधिकार प्राप्त हैं ?
उत्तर- भारतीय संविधान नागरिकों को संस्कृति संबंधी कई महत्वपूर्ण अधिकार प्रदान करता है। प्रत्येक नागरिक को अपनी भाषा, लिपि और संस्कृति को संरक्षित करने का अधिकार है। विशेष रूप से, अल्पसंख्यक समुदायों को अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान बनाए रखने का अधिकार दिया गया है। नागरिकों को अपनी सांस्कृतिक परंपराओं और रीति-रिवाजों का पालन करने की स्वतंत्रता है। इसके अलावा, सभी को सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देने और संरक्षित करने का अधिकार है। ये अधिकार भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और विविधता में एकता के सिद्धांत को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
प्रश्न 23. जीवन तथा व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा के हित में नागरिकों को कौन-से उपाय दिए गए हैं ?
उत्तर- भारतीय संविधान नागरिकों के जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण उपाय प्रदान करता है। सबसे पहले, किसी भी व्यक्ति को कानूनी प्रक्रिया के बिना जीवन या स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जा सकता। गिरफ्तारी के समय व्यक्ति को कारण बताना अनिवार्य है और उसे 24 घंटे के भीतर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करना आवश्यक है। गिरफ्तार व्यक्ति को वकील से परामर्श लेने का अधिकार है। इसके अलावा, अवैध गिरफ्तारी या हिरासत के खिलाफ न्यायालय में याचिका दायर करने का अधिकार भी प्रदान किया गया है। ये उपाय नागरिकों को मनमानी गिरफ्तारी और हिरासत से बचाते हैं और उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा करते हैं।
प्रश्न 24. शिक्षा का अधिकार क्या है ?
उत्तर- शिक्षा का अधिकार 86वें संवैधानिक संशोधन (2002) द्वारा एक मौलिक अधिकार बनाया गया है। इसके तहत 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है। सरकार 6 वर्ष तक के बच्चों के लिए प्रारंभिक शिक्षा की व्यवस्था करने के लिए बाध्य है। यह अधिकार कानूनी रूप से लागू किया जा सकता है, और इसके उल्लंघन पर न्यायालय में याचिका दायर की जा सकती है। यह कानून भारत में शिक्षा के सार्वभौमीकरण और गुणवत्ता में सुधार का लक्ष्य रखता है।
प्रश्न 25. जनहित याचिका किसे कहते हैं ?
उत्तर- जनहित याचिका एक ऐसी कानूनी प्रक्रिया है जिसके द्वारा कोई भी व्यक्ति या संगठन सार्वजनिक हित के मुद्दों पर सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सकता है। यह किसी सरकारी कानून या नीति के खिलाफ हो सकती है जो जनहित को प्रभावित करती है। इसे एक साधारण पत्र या पोस्टकार्ड के माध्यम से भी दायर किया जा सकता है। न्यायाधीश मामले की गंभीरता के आधार पर इसे स्वीकार या अस्वीकार कर सकते हैं। यह प्रक्रिया न्याय तक आम नागरिकों की पहुंच को आसान बनाती है।
प्रश्न 26. बंदी प्रत्यक्षीकरण क्या है ?
उत्तर- बंदी प्रत्यक्षीकरण एक न्यायिक आदेश है जिसके तहत किसी व्यक्ति की गैरकानूनी हिरासत को चुनौती दी जा सकती है। इस आदेश के द्वारा न्यायालय हिरासत में रखे गए व्यक्ति को अपने समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश देता है। अगर न्यायालय हिरासत को अवैध पाता है, तो वह व्यक्ति को तुरंत रिहा करने का आदेश दे सकता है। यह आदेश व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा करता है और अवैध हिरासत से बचाव प्रदान करता है।
प्रश्न 27. परमादेश क्या है ?
उत्तर- परमादेश एक न्यायिक आदेश है जो किसी व्यक्ति, संस्था या सरकारी अधिकारी को उनके कानूनी कर्तव्य का पालन करने के लिए निर्देशित करता है। यह तब जारी किया जाता है जब कोई अधिकारी अपने कर्तव्य का पालन करने में विफल रहता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई नियोक्ता बिना उचित कारण के किसी कर्मचारी को निकाल देता है, तो न्यायालय परमादेश जारी करके उसे पुनः नियुक्त करने का आदेश दे सकता है। यह आदेश सुनिश्चित करता है कि सार्वजनिक अधिकारी और संस्थाएं अपने कानूनी दायित्वों का पालन करें।
प्रश्न 28. प्रतिषेध क्या है ?
उत्तर- प्रतिषेध एक न्यायिक आदेश है जो निचली अदालतों या अन्य न्यायिक निकायों को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने से रोकता है। यह आदेश सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय द्वारा जारी किया जाता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि न्यायिक और प्रशासनिक निकाय अपने कानूनी अधिकार क्षेत्र में ही कार्य करें। प्रतिषेध आदेश न्यायिक प्रणाली में अनुशासन और नियंत्रण बनाए रखने में मदद करता है।
प्रश्न 29. संवैधानिक उपचारों का अधिकार से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- संवैधानिक उपचारों का अधिकार नागरिकों को अपने मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए सीधे सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय में जाने की अनुमति देता है। यह अधिकार सुनिश्चित करता है कि मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होने पर नागरिक न्यायिक सहायता प्राप्त कर सकें। न्यायालय विभिन्न प्रकार के आदेश या ‘रिट’ जारी कर सकते हैं, जैसे बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध आदि। यह अधिकार संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों को प्रभावी बनाता है और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है।
प्रश्न 30. अधिकारों का बढ़ता दायरा से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- अधिकारों का बढ़ता दायरा लोकतांत्रिक समाज में अधिकारों के विस्तार और विकास को दर्शाता है। यह प्रक्रिया सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक परिस्थितियों में बदलाव के साथ-साथ चलती है। जैसे-जैसे समाज विकसित होता है, नए अधिकारों की मांग उठती है और मौजूदा अधिकारों का विस्तार होता है। उदाहरण के लिए, शिक्षा का अधिकार और सूचना का अधिकार हाल ही में जोड़े गए महत्वपूर्ण अधिकार हैं। अधिकारों का यह विस्तार लोकतांत्रिक मूल्यों के विकास और समाज में लोकतंत्र की मजबूती का संकेत है।
प्रश्न 31. नये संविधान के निर्माण के समय दक्षिण अफ्रीका में कौन-कौन से नये अधिकार आए ?
उत्तर- दक्षिण अफ्रीका के नए संविधान (1996) में कई महत्वपूर्ण नए अधिकार शामिल किए गए, जो रंगभेद के युग के बाद देश के लोकतांत्रिक परिवर्तन को दर्शाते हैं। इनमें निजता का अधिकार प्रमुख है, जिसके तहत नागरिकों और उनके घरों की अनुचित तलाशी पर रोक लगाई गई। फोन टैपिंग और व्यक्तिगत पत्रों की जांच जैसी गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगाया गया। इसके अलावा, आवास का अधिकार, स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार, स्वास्थ्य सेवा का अधिकार और जल का अधिकार जैसे सामाजिक-आर्थिक अधिकार भी शामिल किए गए। ये अधिकार न केवल व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा करते हैं, बल्कि समाज के सबसे कमजोर वर्गों के जीवन स्तर में सुधार लाने का भी प्रयास करते हैं।
Bihar Board class 9 Political Science chapter 6 – दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. भारतीय संविधान के द्वारा भारत के नागरिकों को कौन-कौन से मौलिक अधिकार प्रदान किये गए हैं ?
उत्तर- भारतीय संविधान के तीसरे भाग में नागरिकों को छह मौलिक अधिकार प्रदान किए गए हैं:-
- समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18): कानून के समक्ष सभी नागरिक समान हैं।
- स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22): इसमें वाक् स्वतंत्रता, संगठन बनाने की स्वतंत्रता, आवागमन की स्वतंत्रता आदि शामिल हैं।
- शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23-24): मानव तस्करी और बलात श्रम पर प्रतिबंध।
- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25-28): सभी नागरिकों को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता।
- संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार (अनुच्छेद 29-30): अल्पसंख्यकों को अपनी भाषा और संस्कृति को संरक्षित करने का अधिकार।
- संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32): मौलिक अधिकारों के उल्लंघन की स्थिति में न्यायालय जाने का अधिकार।
प्रश्न 2. भारतीय नागरिकों के कर्तव्यों का वर्णन करें।
उत्तर- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51A में नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों का उल्लेख किया गया है। ये कर्तव्य हैं:-
- संविधान का पालन करना और राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान करना।
- स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शों को बनाए रखना।
- देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना।
- देश की रक्षा करना और राष्ट्रीय सेवा प्रदान करना।
- धार्मिक, भाषाई और क्षेत्रीय विविधता से ऊपर उठकर भाईचारे को बढ़ावा देना।
- प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा करना।
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण और मानवतावाद को बढ़ावा देना।
- सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करना और हिंसा से दूर रहना।
- व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों में उत्कृष्टता प्राप्त करना।
- 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए शिक्षा का प्रबंध करना।
प्रश्न 3. अधिकार और मौलिक अधिकारों में अन्तर स्पष्ट करते हुए भारत के नागरिकों के अधिकारों का वर्णन करें।
उत्तर- अधिकार और मौलिक अधिकारों में अंतर:-
- अधिकार: समाज द्वारा स्वीकृत और कानून द्वारा संरक्षित दावे।
- मौलिक अधिकार: संविधान द्वारा प्रदत्त और न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय अधिकार।
भारतीय नागरिकों के प्रमुख अधिकार:-
- जीवन का अधिकार: गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार।
- स्वतंत्रता का अधिकार: विचार, अभिव्यक्ति, संगठन और आवागमन की स्वतंत्रता।
- समानता का अधिकार: कानून के समक्ष समानता और अवसर की समानता।
- धार्मिक स्वतंत्रता: अपने धर्म का पालन करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता।
- शिक्षा का अधिकार: बिना भेदभाव के शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार।
- संपत्ति का अधिकार: संपत्ति अर्जित करने और रखने का अधिकार।
- संवैधानिक उपचार का अधिकार: अधिकारों के उल्लंघन पर न्यायालय जाने का अधिकार।
प्रश्न 4. दक्षिण अफ्रीका के संविधान द्वारा वहाँ के नागरिकों को कौन-कौन से प्रमुख अधिकार दिए गए हैं ?
उत्तर- दक्षिण अफ्रीका का संविधान, जो 1996 में लागू हुआ, अपने नागरिकों को व्यापक अधिकार प्रदान करता है। इसमें शामिल प्रमुख अधिकार हैं:-
- समानता का अधिकार: सभी नागरिक कानून के समक्ष समान हैं।
- मानवीय गरिमा का अधिकार: प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा का सम्मान और संरक्षण।
- जीवन का अधिकार: मृत्युदंड पर प्रतिबंध सहित।
- स्वतंत्रता और सुरक्षा का अधिकार: अनुचित गिरफ्तारी और हिरासत से सुरक्षा।
- निजता का अधिकार: व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा।
- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता: विचारों को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने का अधिकार।
- उचित श्रम व्यवहार का अधिकार: सुरक्षित कार्य परिस्थितियों और उचित मजदूरी का अधिकार।
- स्वास्थ्य सेवा, भोजन, जल और सामाजिक सुरक्षा का अधिकार।
- शिक्षा का अधिकार: बुनियादी शिक्षा सभी के लिए अनिवार्य और मुफ्त।
- संस्कृति, धर्म और भाषा का अधिकार: अपनी संस्कृति और भाषा को बनाए रखने का अधिकार।
Other Chapter Solutions |
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Chapter 1 Solutions – लोकतन्त्र का क्रमिक विकास |
Chapter 2 Solutions – लोकतन्त्र क्या और क्यों? |
Chapter 3 Solutions – संविधान निर्माण |
Chapter 4 Solutions – चुनावी राजनीति |
Chapter 5 Solutions – संसदीय लोकतंत्र की संस्थाएँ |
Chapter 6 Solutions – लोकतांत्रिक अधिकार |