Bihar Board Class 9 Geography Chapter 4 Solutions – जलवायु

Are you searching for Bihar Board class 9 Geography chapter 4 solutions? Get our free guide on chapter 4 – “जलवायु” here. It helps you to clear all your doubts and answer all the questions from this chapter.

जलवायु किसी भी देश या क्षेत्र की प्राकृतिक विरासत एवं जीवन शैली को प्रभावित करने वाला एक महत्वपूर्ण कारक है। ‘जलवायु’ अध्याय हमें भारत की विभिन्न जलवायु प्रकारों और उन पर प्रभाव डालने वाले कारकों के बारे में बताता है। इस अध्याय के माध्यम से हम भारत के गर्म, शुष्क, शीतोष्ण और समशीतोष्ण क्षेत्रों की जलवायु विशेषताओं को समझेंगे।

Bihar Board Class 9 Geography Chapter 4

Bihar Board Class 9 Geography Chapter 4 Solutions

SubjectGeography
Class9th
Chapter4. जलवायु
BoardBihar Board

Bihar Board class 9 Geography chapter 4 – वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. जाड़े में तमिलनाडु के तटीय भागों में वर्षा का क्या कारण है ?

(क) दक्षिण-पश्चिमी मौनसून
(ख) उत्तर-पूर्वी मौनसून
(ग) शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात
(घ) स्थानीय वायु परिसंचरण ।

उत्तर- (क) दक्षिण-पश्चिमी मौनसून

प्रश्न 2. दक्षिण भारत के संदर्भ में कौन-सा तध्य गलत है ?

(क) दैनिक तापांतर कम होता है ।
(ख) वार्षिक तापांतर कम होता है ।
(ग) तापांतर वर्ष भर अधिक रहता है ।
(घ) विषम जलवायु पायी जाती है।

उत्तर- (क) दैनिक तापांतर कम होता है ।

प्रश्न 3. जब सूर्य कर्क रेखा पर सीधा चमकता है, तो उसका क्या प्रभाव होता है ?

(क) उत्तरी पश्चिमी भारत में उच्च वायुदाब रहता है ।
(ख) उत्तरी पश्चिमी भारत में निम्न वायुदाब रहता है ।
(ग) उत्तरी पश्चिमी भारत में तापमान एवं वायुदाब में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
(घ) उत्तरी-पश्चिमी भारत से मौनसून लौटने लगता है।

उत्तर- (ख) उत्तरी पश्चिमी भारत में निम्न वायुदाब रहता है ।

प्रश्न 4. विश्व में सबसे अधिक वर्षा किस स्थान पर होती है ?

(क) सिलचर
(ख) चेरापुंजी
(ग) मौसिमराम
(घ) गुवाहाटी

उत्तर- (ग) मौसिमराम

प्रश्न 5. मई महिने में पश्चिम बंगाल में चलने वाली धूल भरी आँधी को क्या कहते हैं ?

(क) लू
(ख) व्यापारिक पवन
(ग) काल वैशाखी
(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- (ग) काल वैशाखी

प्रश्न 6. भारत में दक्षिणी-पश्चिम मौनसून का आगमन कब से होता है ?

(क) 1 मई से
(ख) 2 जून से
(ग) 1 जुलाई से
(घ) 1 अगस्त से

उत्तर- (ख) 2 जून से

प्रश्न 7. जाड़े में सबसे ज्यादा ठंढ कहाँ पड़ती है ?

(क) गुलमर्ग
(ख) पहलगाँव
(ग) खिलनमर्ग
(घ) जम्मू

उत्तर- (ग) खिलनमर्ग

प्रश्न 8. उत्तर पश्चिमी भारत में शीतकालीन वर्षा का क्या कारण है ?

(क) उत्तर-पूर्वी मौनसून
(ख) दक्षिण-पश्चिमी मौनसून
(ग) पश्चिमी विक्षोभ
(घ) उष्णकटिबंधीय चक्रवात

उत्तर- (ख) दक्षिण-पश्चिमी मौनसून

प्रश्न 9. ग्रीष्म ऋतु का कौन स्थानीय तूफान है जो कहवा की खेती के लिए उपयोगी होता है ?

(क) आम्र वर्षा
(ख) फूलों वाली बौछार
(ग) काल वैशाली
(घ) लू

उत्तर- (क) आम्र वर्षा

रिक्त स्थान की पूर्ति करें

  1. जनवरी में चेन्नई का तापमान कोलकाला से अधिक से रहता
    (कम/अधिक)
  2. उत्तर भारत में वर्षा पूरब की अपेक्षा पश्चिम की ओर कम” होती है।
    (कम/अधिक)
  3. मौनसून शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम अरब नाविकों ने किया था ।
    (अरब/भारत)
  4. पश्चिम घाट पहाड़ के पश्चिमी भाग में अधिक वर्षा होती
    (कम/अधिक)
  5. पर्वत का पवन विमुख भाग वृद्धि छाया का प्रदेश होता है।
    (पवन विमुख/पवन अभिमुख)

Bihar Board class 9 Geography chapter 4 – भौगोलिक कारण बताएँ

प्रश्न 1. पश्चिमी राजस्थान एक मरुस्थल है ?

उत्तर- पश्चिमी राजस्थान थार मरुस्थल का हिस्सा है। यह निम्न कारणों से मरुस्थल है:-

  1. मानसून पवनें इस क्षेत्र तक पहुँचते-पहुँचते सूख जाती हैं।
  2. अरावली पर्वत श्रृंखला मानसून को रोकने में असमर्थ है।
  3. गर्म रेतीली भूमि वर्षा की नमी को वाष्पीकृत कर देती है।
  4. वार्षिक वर्षा 25 सेमी से कम होती है।
  5. उच्च तापमान और कम वर्षा मरुस्थलीय परिस्थितियों को बढ़ावा देते हैं।

प्रश्न 2. तमिलनाडु में जाड़े में वर्षा होती है।

उत्तर- तमिलनाडु में शीत ऋतु में वर्षा निम्न कारणों से होती है:-

  1. लौटता मानसून बंगाल की खाड़ी से नमी लेकर आता है।
  2. दक्षिण-पूर्वी हवाएँ कोरोमंडल तट पर वर्षा करती हैं।
  3. इस समय वर्षा की मात्रा 44% से 60% तक होती है।
  4. बंगाल की खाड़ी में बनने वाले चक्रवात भी वर्षा का कारण बनते हैं।
  5. यह वर्षा अक्टूबर से दिसंबर के बीच होती है।

प्रश्न 3. भारतीय कृषि मौनसून के साथ जुआ है ?

उत्तर- भारतीय कृषि मानसून पर अत्यधिक निर्भर है, जिसे जुए से तुलना दी जाती है:-

  1. मानसून की अनिश्चितता फसल उत्पादन को प्रभावित करती है।
  2. वर्षा का असमान वितरण कृषि को अस्थिर बनाता है।
  3. मानसून की अस्थिरता से कभी सूखा तो कभी बाढ़ की स्थिति बनती है।
  4. किसानों को बिना निश्चित परिणाम के बीज बोना पड़ता है।
  5. यह अनिश्चितता कृषि उत्पादन और किसानों की आय को प्रभावित करती है।

प्रश्न 4. मौसिमराम में विश्व की सर्वाधिक वर्षा होती है।

उत्तर- मौसिनराम, मेघालय के खासी पहाड़ियों पर स्थित एक स्थान है, जहाँ विश्व की सर्वाधिक वर्षा होती है। यह अद्वितीय स्थिति दक्षिण-पश्चिम मानसून के मार्ग में आने के कारण उत्पन्न होती है। बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाएँ इन पहाड़ियों से टकराकर ऊपर उठती हैं, जिससे अत्यधिक वर्षा होती है। पहाड़ियों का विशेष कीप-आकार हवाओं को तीन ओर से घेरता है, जो उन्हें तेजी से ऊपर उठने और अपनी नमी को वर्षा के रूप में गिराने के लिए मजबूर करता है। इसके परिणामस्वरूप, मौसिनराम में औसत वार्षिक वर्षा लगभग 11,872 मिमी होती है, जो विश्व में सर्वाधिक है। मानसून के अलावा, स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियाँ भी यहाँ अधिक वर्षा में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. जाड़े के दिनों में भारत में कहाँ-कहाँ वर्षा होती है ?

उत्तर- भारत में शीतकाल में मुख्यतः दक्षिण-पूर्वी तटीय क्षेत्रों में वर्षा होती है। तमिलनाडु और केरल में लौटते मानसून के कारण अक्टूबर से दिसंबर के बीच वर्षा होती है। इसके अलावा, उत्तर-पश्चिमी भारत में पश्चिमी विक्षोभ के कारण कभी-कभी वर्षा या बर्फबारी होती है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में शीतकालीन वर्षा महत्वपूर्ण है। पूर्वोत्तर भारत में भी इस मौसम में कुछ वर्षा होती है।

प्रश्न 2. फैरेल का क्या नियम है ?

उत्तर- फैरेल का नियम पृथ्वी के घूर्णन के कारण वायु और महासागरीय धाराओं की दिशा में होने वाले परिवर्तन को बताता है। इस नियम के अनुसार, उत्तरी गोलार्ध में हवाएँ अपने मार्ग से दाईं ओर और दक्षिणी गोलार्ध में बाईं ओर मुड़ जाती हैं। यह प्रभाव कोरिओलिस बल के कारण होता है। फैरेल का नियम वैश्विक पवन प्रणालियों और महासागरीय धाराओं के पैटर्न को समझने में मदद करता है। यह नियम मौसम और जलवायु के अध्ययन में महत्वपूर्ण है।

प्रश्न 3. जेट स्ट्रीम क्या है ?

उत्तर- जेट स्ट्रीम ऊपरी वायुमंडल में तेज गति से चलने वाली संकीर्ण वायु धाराएँ हैं। ये पृथ्वी की सतह से लगभग 9-16 किलोमीटर की ऊँचाई पर पाई जाती हैं। भारत में, उपोष्ण कटिबंधीय पश्चिमी जेट स्ट्रीम का प्रभाव महत्वपूर्ण है। यह शीतकाल में हिमालय के दक्षिण में चलती है और उत्तर भारत में मौसम को प्रभावित करती है। जेट स्ट्रीम की गति गर्मियों में लगभग 110 किमी/घंटा और सर्दियों में 184 किमी/घंटा तक हो सकती है। ये धाराएँ मौसम पैटर्न, विमानन और वैश्विक जलवायु को प्रभावित करती हैं।

प्रश्न 4. भारतीय मौनसून की तीन प्रमुख विशेषताएँ बताइए?

उत्तर- भारतीय मानसून की तीन प्रमुख विशेषताएँ हैं: पहली, इसकी अनिश्चितता – मानसून का आगमन, अवधि और तीव्रता हर वर्ष अलग-अलग होती है। दूसरी, असमान वितरण – देश के विभिन्न भागों में वर्षा का वितरण बहुत असमान होता है, जो 12 सेमी से 1180 सेमी तक भिन्न हो सकता है। तीसरी, स्थलाकृति का प्रभाव – पर्वत श्रृंखलाएँ और पठार मानसूनी वर्षा के पैटर्न को प्रभावित करते हैं। ये विशेषताएँ भारतीय कृषि और अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डालती हैं, कभी-कभी बाढ़ या सूखे जैसी आपदाएँ भी लाती हैं।

प्रश्न 5. लू से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर- लू उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत में गर्मियों के दौरान, विशेषकर मई-जून में चलने वाली अत्यंत गर्म और शुष्क हवाएँ हैं। ये हवाएँ राजस्थान के मरुस्थल से उत्पन्न होकर गंगा के मैदानों तक पहुँचती हैं। लू का तापमान अक्सर 40°C से अधिक होता है और कभी-कभी 50°C तक पहुँच जाता है। ये हवाएँ शरीर से नमी को तेजी से वाष्पीकृत कर देती हैं, जिससे लू लगने या हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। लू के दौरान लोगों को अत्यधिक सावधानी बरतने और पर्याप्त जलयोजन की आवश्यकता होती है।

Bihar Board class 9 Geography chapter 4 – दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. भारत की मौनसूनी जलवायु की क्षेत्रीय विभिन्नताओं को सोदाहरण समझाइए?

उत्तर- भारत की मानसूनी जलवायु में क्षेत्रीय विभिन्नताएँ काफी स्पष्ट हैं। तापमान के संदर्भ में, राजस्थान के बाड़मेर में जून का अधिकतम तापमान 48°-55°C तक पहुँच सकता है, जबकि उसी समय कश्मीर के गुलमर्ग में यह 20°C से भी कम रहता है। शीतकाल में, कारगिल का न्यूनतम तापमान -40°C तक गिर सकता है, जबकि केरल के तटीय क्षेत्रों में यह सुखद रहता है।

वर्षा के मामले में भी अंतर स्पष्ट है। मेघालय के मौसिनराम में औसत वार्षिक वर्षा 1180 सेमी है, जबकि राजस्थान के जैसलमेर में यह मात्र 12 सेमी है। उत्तर भारत में वर्षा की मात्रा पूर्व से पश्चिम की ओर कम होती जाती है। जून में जहाँ उत्तर भारत शुष्क और गर्म होता है, वहीं असम में भारी वर्षा होती है।
समुद्र तटीय क्षेत्रों में तापमान सम रहता है, जबकि अंतर्देशीय भागों में इसमें अधिक उतार-चढ़ाव देखा जाता है। राजस्थान के मरुस्थल में दिन और रात के तापमान में भारी अंतर होता है। ये विभिन्नताएँ स्थानीय भूआकृति, समुद्र से दूरी, और वायु प्रवाह पैटर्न के कारण होती हैं, जो भारत की विविध जलवायु को दर्शाती हैं।

प्रश्न 2. भारत में कितनी ऋतुएँ पायी जाती हैं ? किसी एक का भौगोलिक विवरण दीजिए।

उत्तर- भारत में परंपरागत रूप से छः ऋतुएँ मानी जाती हैं – वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत और शिशिर। हालांकि, भौगोलिक दृष्टि से और मौसम विभाग के अनुसार, भारत में मुख्यतः चार ऋतुएँ हैं: शीत ऋतु (मध्य नवंबर से मध्य मार्च), ग्रीष्म ऋतु (मध्य मार्च से मध्य जून), वर्षा ऋतु (मध्य जून से मध्य सितंबर), और लौटती मानसून ऋतु (मध्य सितंबर से मध्य नवंबर)।

शीत ऋतु का भौगोलिक विवरण:
शीत ऋतु मध्य नवंबर से मध्य मार्च तक रहती है। इस दौरान सूर्य दक्षिणी गोलार्ध में होता है, जिससे उत्तरी गोलार्ध में ठंड बढ़ती है। मध्य भारत में औसत तापमान 21° से 27°C के बीच रहता है, जबकि गंगा के मैदान में यह 12° से 18°C तक गिर जाता है। दक्षिण भारत में चेन्नई का औसत तापमान 25°C, कोलकाता का 20°C, पटना का 17°C और दिल्ली का 14°C रहता है।
उत्तर-पश्चिमी भारत में सबसे अधिक ठंड पड़ती है, जहाँ एक उच्च दाब क्षेत्र बन जाता है। इस समय हवाएँ स्थल से समुद्र की ओर बहती हैं, जो शुष्क होती हैं। आकाश साफ रहने के कारण रात में तापमान काफी गिर जाता है। हिमालयी क्षेत्रों में हिमपात होता है।
इस ऋतु में दो क्षेत्रों में वर्षा होती है। उत्तर-पश्चिमी भारत में भूमध्यसागरीय चक्रवातों से दिसंबर से मार्च तक हल्की वर्षा (3-6 सेमी) होती है। दूसरी ओर, जनवरी-फरवरी में उत्तर-पूर्वी हवाएँ बंगाल की खाड़ी से नमी लेकर तमिलनाडु में वर्षा करती हैं। यह ऋतु कृषि, पर्यटन और ऊर्जा खपत के लिहाज से महत्वपूर्ण है।

प्रश्न 3. भारत की जलवायु के मुख्य कारकों को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक हैं:-

  • अक्षांशीय स्थिति: कर्क रेखा (23.5° उत्तर) भारत के मध्य से गुजरती है, जिससे देश के उत्तरी भाग में उपोष्ण और दक्षिणी भाग में उष्ण कटिबंधीय जलवायु पाई जाती है।
  • ऊँचाई: समुद्र तल से ऊँचाई बढ़ने पर तापमान घटता जाता है। प्रत्येक 165 मीटर की ऊँचाई पर तापमान लगभग 1°C घटता है। हिमालय पर्वतमाला उत्तर भारत को ठंडा रखती है, जबकि तटीय मैदान अपेक्षाकृत गर्म रहते हैं।
  • समुद्र से दूरी: लंबी तटरेखा के कारण तटीय क्षेत्रों में जलवायु सम रहती है, जबकि अंतर्देशीय भागों में विषम जलवायु पाई जाती है।
  • वायुदाब और पवनें: गर्मियों में राजस्थान में बनने वाला निम्न दाब क्षेत्र और हिंद महासागर के ऊपर उच्च दाब क्षेत्र मानसून पवनों को आकर्षित करता है।
  • पर्वत श्रृंखलाएँ: हिमालय पर्वतमाला ठंडी उत्तरी हवाओं को रोकती है और मानसून पवनों को देश के अंदरूनी भागों तक पहुँचाने में मदद करती है।
  • वनस्पति: घने जंगल वर्षा को आकर्षित करते हैं और स्थानीय तापमान को नियंत्रित करते हैं।
  • जेट स्ट्रीम: ये उच्च वायुमंडलीय तेज हवाएँ मानसून के आगमन और वापसी को प्रभावित करती हैं।
  • समुद्री धाराएँ: हिंद महासागर की गर्म और ठंडी धाराएँ तटीय क्षेत्रों के मौसम को प्रभावित करती हैं।

प्रश्न 5. जेट धाराएँ क्या हैं तथा भारतीय जलवायु पर उसका क्या प्रभाव पड़ता है ?

उत्तर- जेट धाराएँ ऊपरी वायुमंडल (लगभग 12,000 मीटर की ऊँचाई पर) में तेज गति से चलने वाली संकीर्ण वायु प्रवाह हैं। ये मुख्यतः 27° से 30° उत्तरी अक्षांशों के बीच पाई जाती हैं और इन्हें उपोष्ण कटिबंधीय पश्चिमी जेट धाराएँ कहा जाता है।

भारतीय जलवायु पर जेट धाराओं का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है:-

  1. मानसून का आगमन: गर्मियों में पूर्वी जेट धारा के विकास से उत्तरी भारत में मानसून का विस्फोट होता है।
  2. शीतकालीन वर्षा: सर्दियों में पश्चिमी जेट धारा उत्तर-पश्चिम भारत में पश्चिमी विक्षोभों को लाती है, जिससे वर्षा और हिमपात होता है।
  3. चक्रवात: बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चक्रवातों के निर्माण और गति में जेट धाराएँ महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
  4. तापमान नियंत्रण: जेट धाराएँ गर्म और ठंडी हवाओं के मिश्रण को प्रभावित करके तापमान को नियंत्रित करती हैं।
  5. वर्षा का वितरण: ये धाराएँ मानसूनी बादलों के मार्ग को प्रभावित करके वर्षा के वितरण में भूमिका निभाती हैं।
  6. मौसम पूर्वानुमान: जेट धाराओं की गति और दिशा का अध्ययन मौसम के पूर्वानुमान में महत्वपूर्ण है।

प्रश्न 6. भारत में होने वाली मौनसूनी वर्षा एवं उसकी विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- भारत में मौनसूनी वर्षा दो प्रकार की होती है – शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन। शीतकालीन वर्षा उत्तर-पूर्वी मौनसून से होती है, जो मुख्य रूप से पूर्वी तटीय क्षेत्र, तमिलनाडु और केरल में वर्षा लाती है। इसके अलावा, पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर भारत में भी कुछ वर्षा होती है। ग्रीष्मकालीन वर्षा दक्षिण-पश्चिम मौनसून से होती है, जो दो शाखाओं में विभाजित होती है। अरब सागर शाखा पश्चिमी तट पर भारी वर्षा करती है, जबकि बंगाल की खाड़ी शाखा पूर्वी और उत्तरी भारत में वर्षा लाती है। पश्चिम की ओर बढ़ने पर वर्षा की मात्रा क्रमशः कम होती जाती है।

मौनसूनी वर्षा की कुछ प्रमुख विशेषताएँ हैं। सबसे पहले, अधिकांश वर्षा (लगभग 87%) जून से सितंबर के बीच होती है। दूसरा, वर्षा की मात्रा और समय अनिश्चित होते हैं, जिससे कभी सूखा तो कभी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। तीसरा, देश के विभिन्न भागों में वर्षा का वितरण असमान होता है, जिससे कुछ क्षेत्र अत्यधिक वर्षा प्राप्त करते हैं जबकि अन्य सूखे रह जाते हैं। अंत में, कभी-कभी वर्षा ऋतु में शुष्क अंतराल आ जाते हैं, जो कृषि के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। मौनसूनी वर्षा भारतीय कृषि और अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन इसकी अनिश्चितता और असमानता कई चुनौतियाँ भी पैदा करती है।

प्रश्न 7. एल-निनों एवं ला-निना में अन्तर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- एल-निनो और ला-निना प्रशांत महासागर में होने वाली दो विपरीत जलवायु घटनाएँ हैं जो वैश्विक मौसम पैटर्न को प्रभावित करती हैं। एल-निनो के दौरान, प्रशांत महासागर का पूर्वी भाग असामान्य रूप से गर्म हो जाता है। इससे पेरू के तट पर समुद्री सतह का तापमान बढ़ जाता है और व्यापारिक पवनें कमजोर हो जाती हैं। इसके परिणामस्वरूप वैश्विक तापमान में वृद्धि होती है और दक्षिण एशिया जैसे क्षेत्रों में सूखे की स्थिति बन सकती है। दूसरी ओर, ला-निना के दौरान, प्रशांत महासागर का पूर्वी भाग असामान्य रूप से ठंडा हो जाता है। इससे पेरू के तट पर समुद्री सतह का तापमान घट जाता है और व्यापारिक पवनें सामान्य से अधिक मजबूत हो जाती हैं। इसके फलस्वरूप वैश्विक तापमान में कमी आती है और दक्षिण एशिया में सामान्य या अधिक वर्षा हो सकती है। ये दोनों घटनाएँ आमतौर पर हर 2-7 वर्षों में घटित होती हैं और इनका प्रभाव विश्व के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरह से महसूस किया जाता है।

Bihar Board class 9 Geography chapter 4 – मानचित्र कार्य

  1. पूरे पृष्ठ पर भारत का मानचित्र बनाकर निम्नलिखित . को दर्शाइए।
    (क) 400 सेंमी० से अधिक वर्षा का क्षेत्र,
    (ख) 20 सेंमी० से कम वर्षा का क्षेत्र,
    (ग) भारत में दक्षिण-पश्चिमी मौनसून की दिशा,
    (घ) शीतकालीन वर्षा वाले क्षेत्र ,
    (ङ) (i) चेरापूँजी, (ii) मौसिमराम, (ii) जोधपुर, (iv) मंगलोर, (v) ऊटी, (vi) नैनीताल।
Other Chapter Solutions
Chapter 1 Solutions – स्थिति एवं विस्तार
Chapter 2 Solutions – भौतिक स्वरूप : संरचना एवं उच्चावच
Chapter 3 Solutions – अपवाह स्वरूप
Chapter 4 Solutions – जलवायु
Chapter 5 Solutions – प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य प्राणी
Chapter 6 Solutions – जनसंख्या
Chapter 7 Solutions – भारत के पड़ोसी देश
Chapter 8 Solutions – मानचित्र अध्ययन
Chapter 9 Solutions – क्षेत्रीय अध्ययन

Leave a Comment

WhatsApp Icon
X Icon