Bihar Board Class 8 Science Chapter 4 Solutions – दहन और ज्वाला (New Book)

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इस अध्याय में आप दहन की प्रक्रिया और इसके विभिन्न पहलुओं को समझेंगे। आप दहन के प्रकार, ज्वाला के गुण और इंधनों के ज्वलनशील तापमान के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही, पूर्ण और अपूर्ण दहन के अंतर, अग्निशमन के तरीके और अग्निशामक यंत्रों के उपयोग को सीखेंगे। यह अध्याय आपको यह भी बताएगा कि दहन से ऊर्जा तो मिलती है, लेकिन इससे होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए स्वच्छ इंधनों का उपयोग क्यों जरूरी है।

Bihar Board Class 8 Science Chapter 4 Solutions new book

Bihar Board Class 8 Science Chapter 4 Solutions

Contents

SubjectScience (विज्ञान)
Class8th
Chapter4. दहन और ज्वाला
BoardBihar Board

अभ्यास

1. दहन की परिस्थितियों की सूची बनाइए।

उत्तर: दहन के लिए तीन मुख्य परिस्थितियां आवश्यक हैं:

  • ईंधन का होना: जलने वाला पदार्थ जैसे लकड़ी, कोयला, मिट्टी का तेल आदि
  • हवा (ऑक्सीजन) का होना: जलने के लिए ऑक्सीजन गैस जरूरी है
  • प्रज्वलन तापमान: ईंधन को इतना गर्म करना कि वह आग पकड़ ले

2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।

उत्तर:

(क) लकड़ी और कोयला जलने से वायु का प्रदूषण होता है।

(ख) घरों में काम आने वाला एक द्रव ईंधन मिट्टी का तेल (केरोसिन) है।

(ग) जलना प्रारम्भ होने से पहले ईंधन को उसके प्रज्वलन तापमान तक गर्म करना आवश्यक है।

(घ) तेल द्वारा उत्पन्न आग को पानी द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता।

3. समझाइए कि मोटर वाहनों में सीएनजी के उपयोग से हमारे शहरों का प्रदूषण किस प्रकार कम हुआ है।

उत्तर: सीएनजी (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) से शहरों का प्रदूषण कम हुआ है क्योंकि:

  • पेट्रोल और डीजल जलने पर हानिकारक धुआं निकलता है जिसमें जहरीली गैसें होती हैं
  • सीएनजी जलने पर बहुत कम धुआं निकलता है
  • इससे हवा में कम हानिकारक गैसें मिलती हैं
  • सीएनजी एक साफ ईंधन है जो वायु प्रदूषण कम करता है

4. ईंधन के रूप से एलपीजी और लकड़ी की तुलना कीजिए।

उत्तर:

एलपीजीलकड़ी
जलने पर धुआं नहीं निकलताजलने पर बहुत धुआं निकलता है
कम मात्रा में तेज आंच मिलती हैअधिक मात्रा में कम आंच मिलती है
आसानी से जलती और बुझती हैजलाना और बुझाना मुश्किल है
राख नहीं बनतीराख बनती है जिसकी सफाई करनी पड़ती है
महंगी हैसस्ती है
हर जगह उपलब्ध नहींआसानी से मिल जाती है

5. कारण बताइए।

(क) विद्युत उपकरण से संबद्ध आग पर नियंत्रण पाने हेतु जल का उपयोग नहीं किया जाता।

उत्तर: बिजली की आग पर पानी इसलिए नहीं डालते क्योंकि:

  • पानी में बिजली दौड़ती है
  • पानी डालने वाले को करंट लग सकता है
  • इससे जान का खतरा हो सकता है
  • इसलिए बिजली की आग पर रेत डालते हैं या बिजली का मुख्य स्विच बंद करते हैं

(ख) एलपीजी लकड़ी से अच्छा घरेलू ईंधन है।

उत्तर: एलपीजी लकड़ी से बेहतर घरेलू ईंधन है क्योंकि:

  • आसानी से जलती है और आंच को तुरंत बढ़ाया-घटाया जा सकता है
  • धुआं नहीं निकलता जिससे आंखों में जलन नहीं होती
  • राख नहीं बनती इसलिए सफाई आसान है
  • तेज आंच मिलती है जिससे खाना जल्दी बनता है
  • हमेशा उपलब्ध रहती है

(ग) कागज स्वयं सरलता से आग पकड़ लेता है जबकि एल्यूमिनियम पाइप के चारों ओर लपेटा गया कागज़ का टुकड़ा आग नहीं पकड़ता।

उत्तर: यह इसलिए होता है क्योंकि:

  • कागज़ का प्रज्वलन तापमान कम होता है
  • एल्यूमिनियम गर्मी को सोख लेता है
  • जब कागज़ एल्यूमिनियम के चारों ओर लिपटा होता है तो एल्यूमिनियम गर्मी को खींच लेता है
  • इससे कागज़ अपने प्रज्वलन तापमान तक नहीं पहुंच पाता
  • इसलिए वह आग नहीं पकड़ता

6. मोमबत्ती की ज्वाला का चिह्नित चित्र बनाइए।

उत्तर:

7. ईंधन के ऊष्मीय मान को किस मात्रक द्वारा प्रदर्शित किया जाता है?

उत्तर: ईंधन के ऊष्मीय मान को किलो जूल प्रति किलोग्राम (kJ/kg) मात्रक द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।

8. समझाइए कि CO₂ किस प्रकार आग को नियंत्रित करती है।

उत्तर: कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) आग को इस प्रकार बुझाती है:

  • CO₂ हवा से भारी होती है
  • यह आग के चारों ओर एक कंबल की तरह फैल जाती है
  • इससे ऑक्सीजन आग तक नहीं पहुंच पाती
  • बिना ऑक्सीजन के आग नहीं जल सकती
  • इस तरह आग बुझ जाती है

9. हरी पत्तियों के ढेर को जलाना कठिन होता है परन्तु सूखी पत्तियों में आग आसानी से लग जाती है, समझाइए।

उत्तर:

हरी पत्तियों में आग लगाना मुश्किल है क्योंकि:

  • हरी पत्तियों में पानी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है
  • आग की गर्मी पहले इस पानी को भाप बनाने में लग जाती है
  • पानी के कारण पत्तियों का तापमान प्रज्वलन तापमान तक नहीं पहुंच पाता
  • जब तक सारा पानी भाप न बन जाए, पत्तियां आग नहीं पकड़तीं

सूखी पत्तियों में आग आसानी से लगती है क्योंकि:

  • सूखी पत्तियों में पानी नहीं होता
  • दी गई गर्मी तुरंत पत्तियों का तापमान बढ़ा देती है
  • ये जल्दी अपने प्रज्वलन तापमान तक पहुंच जाती हैं
  • इसलिए तुरंत आग पकड़ लेती हैं

10. सोने और चाँदी को पिघलाने के लिए स्वर्णकार ज्वाला के किस क्षेत्र का उपयोग करते हैं और क्यों?

उत्तर: सुनार सोना-चांदी पिघलाने के लिए ज्वाला के सबसे बाहरी नीले भाग का उपयोग करते हैं क्योंकि:

  • ज्वाला का यह भाग सबसे गर्म होता है
  • सोना और चांदी का गलनांक (पिघलने का तापमान) बहुत ज्यादा होता है
  • इन्हें पिघलाने के लिए बहुत तेज गर्मी चाहिए
  • ज्वाला का बाहरी नीला भाग सबसे ज्यादा गर्मी देता है

11. एक प्रयोग में 4.5kg ईंधन का पूर्णतया दहन किया गया। उत्पन्न ऊष्मा का माप 180,000 kJ था। ईंधन का ऊष्मीय मान परिकलित कीजिए।

उत्तर: दिया गया है –

ईंधन का द्रव्यमान = 4.5 kg
उत्पन्न ऊष्मा = 180,000 kJ

सूत्र: ऊष्मीय मान = उत्पन्न ऊष्मा ÷ ईंधन का द्रव्यमान

हल:
ऊष्मीय मान = 180,000 kJ ÷ 4.5 kg
= 40,000 kJ/kg

ईंधन का ऊष्मीय मान = 40,000 kJ/kg

12. क्या जंग लगने के प्रक्रम को दहन कहा जा सकता है? विवेचना कीजिए।

उत्तर: हां, जंग लगने की प्रक्रिया को धीमा दहन कहा जा सकता है क्योंकि:

दहन की विशेषताएं:

  • ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया होती है
  • गर्मी निकलती है
  • रासायनिक बदलाव होता है

जंग लगने में भी यही होता है:

  • लोहा हवा की ऑक्सीजन से अभिक्रिया करता है
  • इस प्रक्रिया में गर्मी निकलती है (बहुत कम मात्रा में)
  • लोहा रासायनिक रूप से बदलकर आयरन ऑक्साइड बन जाता है

अंतर: जंग लगना बहुत धीमी प्रक्रिया है जबकि सामान्य दहन तेज होता है।

13. आबिदा और रमेश ने एक प्रयोग किया जिसमें बीकर में रखे जल को गर्म किया गया। आबिदा ने बीकर को मोमबत्ती ज्वाला के पीले भाग के पास रखा। रमेश ने बीकर को ज्वाला के सबसे बाहरी भाग के पास रखा। किसका पानी कम समय में गर्म हो जाएगा?

उत्तर: रमेश का पानी जल्दी गर्म होगा क्योंकि:

ज्वाला के अलग-अलग भागों का तापमान:

  • पीला भाग (अंदरूनी): कम गर्म
  • नीला भाग (बाहरी): सबसे ज्यादा गर्म

कारण:

  • रमेश ने बीकर को ज्वाला के सबसे बाहरी (नीले) भाग के पास रखा
  • यह भाग सबसे ज्यादा गर्म होता है
  • आबिदा ने पीले भाग के पास रखा जो कम गर्म है
  • इसलिए रमेश के बीकर का पानी आबिदा के बीकर के पानी से जल्दी गर्म होगा
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