Solutions for Bihar Board Class 8 Sanskrit Chapter 8 are available here. This provides written answers for all questions of chapter 8 – “संसारसागरस्य नायका:”. You will also get hindi explanations for better understanding.
‘संसारसागरस्य नायका:’ बिहार बोर्ड कक्षा 8 के संस्कृत का एक प्रेरक पाठ है। यह पाठ उन गजधरों की कहानी कहता है, जिन्होंने तालाबों और निर्माण कार्यों के माध्यम से समाज को समृद्ध किया। आप इस अध्याय में सीखेंगे कि कैसे ये अज्ञात शिल्पी अपनी कला और मेहनत से देश को सजाते थे। यह पाठ हमें उनके योगदान और सम्मान की भावना को समझने का मौका देता है। यह हमें मेहनत और समाज सेवा का महत्व सिखाता है।

Bihar Board Class 8 Sanskrit Chapter 8 Solutions
Contents
- 1 Bihar Board Class 8 Sanskrit Chapter 8 Solutions
- 1.1 1. एकपदेन उत्तरत-
- 1.2 2. अधोलिखितानां प्रश्नानामुत्तराणि लिखत-
- 1.3 3. रेखाङ्कितानि पदानि आधृत्य प्रश्न-निर्माणं कुरुत-
- 1.4 4. अधोलिखितेषु यथापेक्षितं सन्धिं/विच्छेदं कुरुत-
- 1.5 5. मजूषातः समुचितानि पदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-
- 1.6 6. पदनिर्माणं कुरुत-
- 1.7 7. कोष्ठकेषु दत्तेषु शब्देषु समुचितां विभक्तिं योजयित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-
| Subject | Sanskrit (रुचिरा-3) |
| Chapter | 8. संसारसागरस्य नायका: |
| Class | 8th |
| Board | Bihar Board |
अभ्यासः
1. एकपदेन उत्तरत-
(एक पद में उत्तर दीजिए)
(क) कस्य राज्यस्य भागेषु गजधरः शब्दः प्रयुज्यते ? – (किस राज्य के हिस्सों में गजधर शब्द का उपयोग होता है?)
उत्तरम्: राजस्थानस्य (राजस्थान)
(ख) गजपरिमाणं कः धारयति ? – (गज की माप कौन रखता है?)
उत्तरम्: गजधरः (गजधर)
(ग) कार्यसमाप्तौ वेतनानि अतिरिच्य गजधरेभ्यः किं प्रदीयते स्म? – (काम पूरा होने पर वेतन के अतिरिक्त गजधरों को क्या दिया जाता था?)
उत्तरम्: सम्मानम् (सम्मान)
(घ) के शिल्पिरूपेण न समादृताः भवन्ति ? – (कौन शिल्पी के रूप में सम्मानित नहीं होते?)
उत्तरम्: गजधराः (गजधर)
2. अधोलिखितानां प्रश्नानामुत्तराणि लिखत-
(निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए)
(क) तडागाः कुत्र निर्मीयन्ते स्म? – (तडाग कहाँ बनाए जाते थे?)
उत्तरम्: तडागाः सर्वत्र देशे निर्मीयन्ते स्म। – (तडाग पूरे देश में बनाए जाते थे।)
(ख) गजधराः कस्मिन् रूपे परिचिताः? – (गजधर किस रूप में जाने जाते थे?)
उत्तरम्: गजधराः समाजस्य मापकाः इति रूपेण परिचिताः। – (गजधर समाज के मापक के रूप में जाने जाते थे।)
(ग) गजधराः किं कुर्वन्ति स्म? – (गजधर क्या करते थे?)
उत्तरम्: गजधराः नवनिर्माणस्य योजना बनायन्ति स्म, खर्चस्य हिसाबं कुर्वन्ति स्म, उपकरणानि च संगृह्णन्ति स्म। – (गजधर नए निर्माण की योजना बनाते थे, खर्च का हिसाब करते थे, और उपकरण इकट्ठा करते थे।)
(घ) के सम्माननीयाः? – (कौन सम्मान के योग्य हैं?)
उत्तरम्: गजधराः सम्माननीयाः। – (गजधर सम्मान के योग्य हैं।)
3. रेखाङ्कितानि पदानि आधृत्य प्रश्न-निर्माणं कुरुत-
(रेखांकित पदों के आधार पर प्रश्न-निर्माण कीजिए)
(क) सुरक्षाप्रबन्धनस्य दायित्वं गजधराः निभालयन्ति स्म।
उत्तरम्: कस्य दायित्वं गजधराः निभालयन्ति स्म? – (किसका दायित्व गजधर निभाते थे?)
(ख) तेषां स्वामिनः असमर्थाः सन्ति।
उत्तरम्: के असमर्थाः सन्त? – (कौन असमर्थ हैं?)
(ग) वेतनानि अतिरिच्य सम्मानमपि प्राप्नुवन्ति।
उत्तरम्: कार्यसमाप्तौ वेतनानि अतिरिच्य किम् प्राप्नुवन्ति? – (काम पूरा होने पर वेतन के अतिरिक्त क्या प्राप्त करते हैं?)
(घ) गजधरः सुन्दरः शब्दः अस्ति।
उत्तरम्: कः सुन्दरः शब्दः अस्ति? – (कौन सा सुंदर शब्द है?)
(ङ) तडागाः संसारसागराः कथ्यन्ते।
उत्तरम्: के संसारसागराः कथ्यन्ते? – (कौन संसार सागर कहलाते हैं?)
4. अधोलिखितेषु यथापेक्षितं सन्धिं/विच्छेदं कुरुत-
(नीचे दिए गए शब्दों में यथासंभव संधि/विच्छेद कीजिए)

उत्तरम्:
(क) अद्यापि = अद्य + अपि
(ख) स्मरणार्थम् = स्मरण + अर्थम्
(ग) इत्यस्मिन् = इति + अस्मिन्
(घ) एतेषु एव = एतेषु + एव
(ङ) सहसैव = सहसा + एव
5. मजूषातः समुचितानि पदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-
(मञ्जूषा से उचित पदों को चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए)
मञ्जूषा: रचयन्ति, गृहीत्वा, सहसा, जिज्ञासा, सह
(क) छात्राः पुस्तकानि ………. विद्यालयं गच्छन्ति।
उत्तरम्: छात्राः पुस्तकानि गृहीत्वा विद्यालयं गच्छन्ति। – (छात्र पुस्तकें लेकर विद्यालय जाते हैं।)
(ख) मालाकाराः पुष्पैः मालाः ……….।
उत्तरम्: मालाकाराः पुष्पैः मालाः रचयन्ति। – (मालाकार फूलों से मालाएँ बनाते हैं।)
(ग) मम मनसि एका ………. वर्तते।
उत्तरम्: मम मनसि एका जिज्ञासा वर्तते। – (मेरे मन में एक जिज्ञासा है।)
(घ) रमेशः मित्रैः ………. विद्यालयं गच्छति।
उत्तरम्: रमेशः मित्रैः सह विद्यालयं गच्छति। – (रमेश मित्रों के साथ विद्यालय जाता है।)
(ङ) ………. बालिका तत्र अहसत्।
उत्तरम्: सहसा बालिका तत्र अहसत्। – (अचानक बालिका वहाँ हँसी।)
6. पदनिर्माणं कुरुत-
(पदों का निर्माण कीजिए)
उत्तरम्:
| धातुः + प्रत्ययः | पदम् |
|---|---|
| यथा- कृ + तुमुन् | कर्तुम् |
| हृ + तुमुन् | हर्तुम् |
| तृ + तुमुन् | तर्तुम् |
| धातुः + प्रत्ययः | पदम् |
|---|---|
| यथा- नम् + क्त्वा | नत्वा |
| गम् + क्त्वा | गत्वा |
| त्यज् + क्त्वा | त्यक्त्वा |
| उपसर्गः | धातुः | प्रत्ययः | = पदम् |
|---|---|---|---|
| यथा- उप | गम् | ल्यप् | उपगम्य |
| सम् | पूज् | ल्यप् | सम्पूज्य |
| आ | नी | ल्यप् | आनीय |
| प्र | दा | ल्यप् | प्रदाय |
7. कोष्ठकेषु दत्तेषु शब्देषु समुचितां विभक्तिं योजयित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-
(कोष्ठकों में दिए गए शब्दों में समुचित विभक्ति का योग करके रिक्तस्थानों की पूर्ति कीजिए)
उत्तरम्:
यथा- विद्यालयं परितः वृक्षाः सन्ति।
(विद्यालय के चारों ओर वृक्षा हैं।)
(क) ग्रामम् उभयतः ग्रामाः सन्त्।
(गाँव के दोनों ओर गाँव हैं।)
(ख) नगरम् सर्वतः अट्टालिकाः सन्त्।
(नगर के चारों ओर ऊँची इमारतें हैं।)
(ग) धिक् कापुरुषम्!
(धिक्कार है उस कायर को!)
यथा- मृगाः मृगैः सह धावन्ति।
(हिरण हिरणों के साथ दौड़ते हैं।)
(क) बालकाः बालिकाभिः सह पठन्ति।
(लड़के लड़कियों के साथ पढ़ते हैं।)
(ख) पुत्रः पित्रा सह आपणं गच्छति।
(पुत्र पिता के साथ बाजार जाता है।)
(ग) शिशुः मात्रा सह क्रीडति।
(शिशु माँ के साथ खेलता है।)