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यह पाठ ‘सुभाषितानि’ हमें सुंदर और मधुर वचनों का खजाना देता है, जो जीवन को बेहतर बनाने की सीख देते हैं। इसमें सूक्तिमञ्जरी, नीतिशतकम्, मनुस्मृति, शिशुपालवधम् और पञ्चतन्त्र जैसे प्राचीन ग्रंथों से चुने गए श्लोक हैं, जो रोचक और विचारपूर्ण हैं। ये श्लोक हमें गुणों की महत्ता, साहित्य-कला का मूल्य, मेहनत का महत्व और संकटों से बचाव की समझ सिखाते हैं। इस पाठ को पढ़कर आप जीवन में नैतिकता, बुद्धिमानी और अच्छे व्यवहार के बारे में जानेंगे।

Bihar Board Class 8 Sanskrit Chapter 1 Solutions
Contents
- 1 Bihar Board Class 8 Sanskrit Chapter 1 Solutions
- 1.1 1. पाठे दत्तानां पद्यानां सस्वरवाचनं कुरुत।
- 1.2 2. श्लोकांशेषु रिक्तस्थानानि पूरयत-
- 1.3 3. प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन लिखत-
- 1.4 4. अधोलिखित-तद्भव-शब्दानां कृते पाठात् चित्वा संस्कृतपदानि लिखत –
- 1.5 5. अधोलिखितेषु वाक्येषु कर्तृपदं क्रियापदं च चित्वा लिखत-
- 1.6 6. रेखाङ्कितानि पदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत –
- 1.7 7. उदाहरणानुसारं पदानि पृथक् कुरुत-
| Subject | Sanskrit (रुचिरा-3) |
| Chapter | 1. सुभाषितानि: |
| Class | 8th |
| Board | Bihar Board |
अभ्यासः
1. पाठे दत्तानां पद्यानां सस्वरवाचनं कुरुत।
(पाठ में दिए गए श्लोकों का सस्वर वाचन करें।)
उत्तर: छात्रों, कृपया इसे स्वयं करें।
2. श्लोकांशेषु रिक्तस्थानानि पूरयत-
(श्लोक के खाली स्थानों को भरें।)
(क) समुद्रमासाद्य __________|
(समुद्र तक पहुँचकर __________ |)
उत्तर: भवन्त्यपेक्ष्वाः।
(हिन्दी अर्थ: नदियाँ समुद्र में मिलकर पीने योग्य नहीं रहतीं।)
(ख) __________ वचः मधुरसूक्तरसं सृजन्ति।
(__________ वाक्य मधुर और सूक्त रस उत्पन्न करते हैं।)
उत्तर: सन्तः।
(हिन्दी अर्थ: अच्छे लोग अपने वचनों से मधुर और सुंदर रस उत्पन्न करते हैं।)
(ग) तद्भागधेयं __________ पशूनाम्।
(उस भाग्य का __________ पशुओं के लिए।)
उत्तर: परमम्।
(हिन्दी अर्थ: वह सबसे बड़ा भाग्य पशुओं के लिए होता है।)
(घ) विद्याफलं __________ कृपणस्य सौख्यम्।
(विद्या का फल __________ कंजूस के सुख के लिए।)
उत्तर: न।
(हिन्दी अर्थ: विद्या का फल कंजूस के सुख के लिए नहीं होता।)
(ङ) पौरुषं विहाय यः __________ अवलम्बते।
(जो पुरुषत्व को छोड़कर __________ को पकड़ता है।)
उत्तर: दैवम्।
(हिन्दी अर्थ: जो व्यक्ति अपने पुरुषार्थ को छोड़कर भाग्य का सहारा लेता है।)
(च) चिन्तनीया हि विपदाम् __________ प्रतिक्रियाः|
(विपत्तियों की __________ प्रतिक्रिया विचारणीय है।)
उत्तर: आदावेव।
(हिन्दी अर्थ: विपत्तियों की प्रतिक्रिया शुरू से ही सोचनी चाहिए।)
3. प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन लिखत-
(प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में लिखें।)
(क) व्यसनिनः किं नश्यति?
(व्यसन करने वाले का क्या नष्ट हो जाता है?)
उत्तर: विद्याफलम्।
(हिन्दी अर्थ: व्यसन करने वाले की विद्या का फल नष्ट हो जाता है।)
(ख) कस्य यशः नश्यति?
(किसका यश नष्ट होता है?)
उत्तर: लुब्धस्य।
(हिन्दी अर्थ: लालची व्यक्ति का यश नष्ट हो जाता है।)
(ग) मधुमक्षिका किं जनयति?
(मधुमक्खी क्या उत्पन्न करती है?)
उत्तर: माधुर्यम्।
(हिन्दी अर्थ: मधुमक्खी मिठास पैदा करती है।)
(घ) मधुरसूक्तरसं के सृजन्ति?
(मधुर सुक्त रस कौन बनाता है?)
उत्तर: सन्तः।
(हिन्दी अर्थ: सज्जन लोग मधुर और सुंदर रस उत्पन्न करते हैं।)
(ङ) अर्थिनः केभ्यः विमुखा न यान्ति?
(जो याचक होते हैं, वे किससे विमुख नहीं होते?)
उत्तर: महीरुहेभ्यः।
(हिन्दी अर्थ: याचक लोग पेड़ों से कभी विमुख नहीं होते।)
4. अधोलिखित-तद्भव-शब्दानां कृते पाठात् चित्वा संस्कृतपदानि लिखत –
(नीचे लिखे गए तद्भव शब्दों के लिए पाठ से चुनकर संस्कृत शब्द लिखें।)
- कड़वा – __________
- पूँछ – __________
- लोभी – __________
- मधुमक्खी – __________
- तिनका – __________
उत्तर:
- कटुकम् – (कड़वा)
- पुच्छम् – (पूँछ)
- लुब्धः – (लोभी)
- मधुमक्षिका – (मधुमक्खी)
- तृणम् – (तिनका)
(हिन्दी अर्थ: ये संस्कृत शब्द दिए गए हिंदी शब्दों के मूल रूप हैं।)
5. अधोलिखितेषु वाक्येषु कर्तृपदं क्रियापदं च चित्वा लिखत-
(नीचे लिखे गए वाक्यों में कर्ता और क्रिया को चुनकर लिखें।)
उत्तर:
| वाक्यानि | कर्त्ता | क्रिया | हिन्दी अर्थ |
|---|---|---|---|
| यथा-सन्तः मधुरसूक्तरसं सृजन्ति | सन्तः | सृजन्ति | सज्जन मधुर और सुंदर रस बनाते हैं। |
| (क) निर्गुणं प्राप्य भवन्ति दोषाः। | दोषाः | भवन्ति | निर्गुण को पाकर दोष उत्पन्न होते हैं। |
| (ख) गुणज्ञेषु गुणाः भवन्ति। | गुणाः | भवन्ति | गुणों को जानने वालों में गुण होते हैं। |
| (ग) मधुमक्षिका माधुर्यं जनयेत्। | मधुमक्षिका | जनयेत् | मधुमक्खी मिठास पैदा करती है। |
| (घ) पिशुनस्य मैत्री यशः नाशयति। | मैत्री | नाशयति | चुगलखोर की मित्रता यश नष्ट करती है। |
| (ङ) नद्यः समुद्रमासाद्य अपेयाः भवन्ति। | नद्यः | भवन्ति | नदियाँ समुद्र में मिलकर पीने योग्य नहीं रहतीं। |
6. रेखाङ्कितानि पदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत –
(रेखांकित शब्दों के आधार पर प्रश्न बनाएं।)
(क) गुणाः गुणज्ञेषु गुणाः भवन्ति।
(गुणवान लोगों में ही गुण दिखाई देते हैं।)
उत्तर:
केभ्यः गुणाः भवन्ति?
(हिन्दी अर्थ: किन लोगों में गुण दिखाई देते हैं?)
(ख) नद्यः सुस्वादुतोयाः भवन्ति।
(नदियों का जल मीठा होता है।)
उत्तर:
काः सुस्वादुतोयाः भवन्ति?
(हिन्दी अर्थ: कौन मीठा जल देता है?)
(ग) लुब्धस्य यशः नश्यति।
(लालची व्यक्ति की प्रतिष्ठा नष्ट हो जाती है।)
उत्तर:
कस्य यशः नश्यति?
(हिन्दी अर्थ: किसकी प्रतिष्ठा नष्ट हो जाती है?)
(घ) मधुमक्षिका माधुर्यमेव जनयति।
(भौरें केवल मिठास ही पैदा करती हैं।)
उत्तर:
का माधुर्यमेव जनयति?
(हिन्दी अर्थ: कौन केवल मिठास पैदा करता है?)
(ङ) तस्य मूर्ध्नि तिष्ठन्ति वायसाः।
(उसके सिर पर कौवे बैठते हैं।)
उत्तर:
कस्मिन् वायसाः तिष्ठन्ति?
(हिन्दी अर्थ: कौवे किसके सिर पर बैठते हैं?)
7. उदाहरणानुसारं पदानि पृथक् कुरुत-
(उदाहरण के अनुसार शब्दों को अलग-अलग करें।)
उत्तर:
| यथा- समुद्रमासाद्य | समुद्रम् + आसाद्य |
| (क) माधुर्यंयेव | माधुर्यं + एव – (मिठास + ही) |
| (ख) अल्पमेव | अल्पम + रागः – (थोड़ा + राग) |
| (ग) सर्वमेव | सर्वम् + एव – (सब + ही) |
| (घ) दैवमेव | दैवम् + एव – (भाग्य + ही) |
| (ङ) महात्मनामुक्तिः | महात्मनाम् + उक्तिः – (महान लोगों की + बात) |
| (च) विपदामादावेव | विपदाम् + आदाव् + एव – (विपत्तियों का + शुरू में + ही) |