Bihar Board Class 8 Civics Chapter 3 Solutions are available here. This covers the written question answer from the New Civics Book Chapter 3 – “संसद और कानून निर्माण की प्रक्रिया”. All solutions are in hindi medium and follow the new syllabus.
इस अध्याय में आप भारत की संसद और कानून बनाने की प्रक्रिया के बारे में जानेंगे। आप समझेंगे कि लोकसभा और राज्यसभा क्या हैं और सांसद कैसे चुने जाते हैं। यह अध्याय बताएगा कि कानून कैसे बनते हैं और इसमें जनता की भागीदारी क्यों जरूरी है। आप सीखेंगे कि संसद देश की सबसे बड़ी नीति बनाने वाली संस्था है।

Bihar Board Class 8 Civics Chapter 3 Solutions
| Chapter | 3. संसद और कानून निर्माण की प्रक्रिया |
| Subject | Civics (सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन) |
| Class | 8th |
| Board | Bihar Board |
अभ्यास
1. राष्ट्रवादी आंदोलन ने इस विचार का समर्थन किया कि सभी वयस्कों को मत देने का अधिकार होना चाहिए?
उत्तर:
राष्ट्रवादी आंदोलन के दौरान, नेताओं ने देखा कि भारत के लोग, चाहे वे किसी भी पृष्ठभूमि के हों, अपने देश के फैसलों में हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं। औपनिवेशिक शासन (ब्रिटिश राज) के अनुभव ने उन्हें सिखाया कि हर व्यक्ति को अपने भविष्य को तय करने का अधिकार होना चाहिए। इसलिए, राष्ट्रवादी आंदोलन ने यह मांग की कि स्वतंत्र भारत में सभी वयस्कों को वोट देने का अधिकार मिले। इस विचार से भारत में लोकतंत्र की नींव मजबूत हुई।
2. बगल में 2004 के संसदीय चुनाव क्षेत्रों का नक्शा दिया गया है। इस नक्शे में अपने राज्य के चुनाव क्षेत्रों को पहचानने का प्रयास करें। आपके चुनाव क्षेत्र के सांसद का क्या नाम है? आपके राज्य से संसद में कितने सांसद जाते हैं? कुछ निर्वाचन क्षेत्रों को हरे और कुछ को नीले रंग में क्यों दिखाया गया है?

उत्तर:
अपने राज्य के चुनाव क्षेत्रों को पहचानें:
विद्यार्थी नक्शे को देखकर अपने राज्य (बिहार) के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों को ढूंढें। बिहार में 40 लोकसभा सीटें हैं, जैसे पटना साहिब, पूर्णिया, दरभंगा, आदि।
आपके चुनाव क्षेत्र के सांसद का नाम:
विद्यार्थी अपने क्षेत्र के सांसद का नाम पता करें। उदाहरण के लिए, अगर आप पटना साहिब से हैं, तो 2024 में वहां से सांसद रवि शंकर प्रसाद हैं। अपने क्षेत्र के सांसद का नाम जानने के लिए आप अपने माता-पिता या शिक्षक से पूछ सकते हैं।
बिहार से संसद में कितने सांसद जाते हैं:
बिहार से लोकसभा में 40 सांसद और राज्यसभा में 16 सांसद जाते हैं।
हरे और नीले रंग का कारण:
नक्शे में हरे और नीले रंग का उपयोग अलग-अलग राजनीतिक दलों को दिखाने के लिए किया गया है। उदाहरण के लिए, हरा रंग एक पार्टी (जैसे बीजेपी) और नीला रंग दूसरी पार्टी (जैसे कांग्रेस या अन्य) को दर्शाता है। यह रंग दिखाते हैं कि 2004 के चुनाव में किस क्षेत्र से कौन सी पार्टी जीती थी।
3. अध्याय 1 में आपने पढ़ा था कि भारत में प्रचलित ‘संसदीय शासन व्यवस्था’ में तीन स्तर होते हैं। इनमें से एक स्तर संसद (केंद्र सरकार) तथा दूसरा स्तर विभिन्न राज्य विधायिकाओं (राज्य सरकारों) का होता है। अपने क्षेत्र के विभिन्न प्रतिनिधियों से संबंधित सूचनाओं के आधार पर निम्नलिखित तालिका को भरें-

उत्तर:
| विवरण | राज्य सरकार | केंद्र सरकार |
|---|---|---|
| कौन सा/से राजनीतिक दल अभी सत्ता में है/हैं? | जेडीयू-बीजेपी गठबंधन | बीजेपी गठबंधन (एनडीए) |
| आपके क्षेत्र से निर्वाचित प्रतिनिधि कौन है? | (विद्यार्थी अपने क्षेत्र के विधायक का नाम लिखें) | (विद्यार्थी अपने क्षेत्र के सांसद का नाम लिखें) |
| अभी कौन सा राजनीतिक दल विपक्ष में है? | राजद-कांग्रेस गठबंधन | कांग्रेस गठबंधन (इंडिया) |
| पिछले चुनाव कब हुए थे? | 2020 (विधानसभा) | 2024 (लोकसभा) |
| अगले चुनाव कब होंगे? | 2025 (विधानसभा) | 2029 (लोकसभा) |
| आपके राज्य से कितनी महिला प्रतिनिधि हैं? | 26 (2020 विधानसभा में) | 5 (2024 लोकसभा में बिहार से) |
नोट: विद्यार्थी अपने क्षेत्र के सांसद और विधायक का नाम जानने के लिए स्थानीय अखबार, इंटरनेट, या अपने परिवार वालों से मदद लें।
4. घरेलू हिंसा पर नया कानून किस तरह बना, महिला संगठनों ने इस प्रक्रिया में अलग-अलग तरीके से क्या भूमिका निभाई, उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
घरेलू हिंसा पर कानून बनाने की प्रक्रिया 2005 में पूरी हुई, जब भारत में “महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम, 2005” लागू हुआ। यह कानून महिलाओं को घर में होने वाली हिंसा (जैसे शारीरिक, मानसिक, या आर्थिक शोषण) से बचाने के लिए बनाया गया।
इस कानून को बनाने में महिला संगठनों ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सबसे पहले, उन्होंने समाज में घरेलू हिंसा के मुद्दे को उजागर किया। उन्होंने लोगों को बताया कि यह एक गंभीर समस्या है, जिसे रोकने के लिए कानून चाहिए। इसके लिए उन्होंने कई तरीके अपनाए:
- जागरूकता अभियान: महिला संगठनों ने गलियों, गांवों और शहरों में सभाएं और कार्यशालाएं कीं, ताकि लोग घरेलू हिंसा के बारे में जानें।
- प्रदर्शन और रैलियां: उन्होंने सरकार पर दबाव बनाने के लिए रैलियां निकालीं और धरने दिए। इससे सरकार का ध्यान इस समस्या की ओर गया।
- कानूनी सुझाव: कुछ संगठनों ने वकीलों और विशेषज्ञों के साथ मिलकर कानून का मसौदा तैयार करने में मदद की। उन्होंने बताया कि कानून में क्या-क्या नियम होने चाहिए।
- महिलाओं की कहानियां: संगठनों ने हिंसा का शिकार हुई महिलाओं की कहानियां सरकार और समाज तक पहुंचाईं, जिससे यह साफ हुआ कि ऐसा कानून बहुत जरूरी है।
इन सब प्रयासों की वजह से सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और 2005 में यह कानून बनाया। इस कानून ने महिलाओं को सुरक्षा देने के साथ-साथ समाज में जागरूकता भी बढ़ाई।
| Other Chapters |
|---|
| 1. भारतीय संविधान (New) |
| 2. धर्मनिरपेक्षता की समझ (New) |
| 3. संसद और कानून निर्माण की प्रक्रिया (New) |
| 4. न्यायपालिका (New) |
| 5. हाशियाकरण की समझ (New) |
| 6. हाशियाकरण से निपटना (New) |
| 7. जनसुविधाएँ (New) |
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