Bihar Board Class 7 Sanskrit Chapter 10 Solutions – समवायो हि दुर्जयः (New Book)

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इस पाठ में एक चिड़िया की कथा के माध्यम से एकता की शक्ति का संदेश दिया गया है। कहानी में दिखाया गया है कि कैसे छोटे-छोटे प्राणी मिलकर एक विशाल हाथी को पराजित कर देते हैं। चिड़िया, मक्खी, काष्ठकूट और मेंढक मिलकर एक योजना बनाते हैं और एकता से बदला लेते हैं। यह पाठ हमें सिखाता है कि मिलजुल कर किए गए कार्य में बड़ी से बड़ी कठिनाई को भी हराया जा सकता है। इसलिए एकता में अपार शक्ति होती है।

Bihar Board Class 7 Sanskrit Chapter 10 Solutions new book

Bihar Board Class 7 Sanskrit Chapter 10 Solutions

SubjectSanskrit
Class7th
Chapter10. समवायो हि दुर्जयः
BoardBihar Board

1. प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन लिखत-

(एक शब्द में उत्तर लिखें)

(क) वृक्षे का प्रतिवसति स्म? (पेड़ पर कौन रहता था?)

उत्तर: चटका (चिड़िया)

(ख) वृक्षस्य अधः कः आगतः? (पेड़ के नीचे कौन आया?)

उत्तर: गजः (हाथी)

(ग) गजः केन शाखाम् अत्रोटयत्? (हाथी ने किससे शाखा तोड़ी?)

उत्तर: शुण्डेन (सूंड से)

(घ) काष्ठकूटः चटकां कस्याः समीपम् अनयत्? (लकड़हारा चिड़िया को किसके पास ले गया?)

उत्तर: मक्षिकायाः (मक्खी के)

(ङ) मक्षिकायाः मित्रं कः आसीत्? (मक्खी का मित्र कौन था?)

उत्तर: मण्डूकः (मेंढक)

2. रेखाङ्गितानि पदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत-

(रेखांकित शब्दों के आधार पर प्रश्न बनाइए)

(क) कालेन चटकायाः सन्ततिः जाता। (समय के साथ चिड़िया की संतान हो गई।)

उत्तर: कालेन कस्याः सन्ततिः जाता? (समय के साथ किसकी संतान हुई?)

(ख) चटकायाः नीडं भुवि अपतत्। (चिड़िया का घोंसला जमीन पर गिर गया।)

उत्तर: चटकायाः किम् भुवि अपतत्? (चिड़िया का क्या जमीन पर गिर गया?)

(ग) गजस्य वधेनैव मम दुःखम् अपसरेत्। (हाथी के मरने से ही मेरा दुःख दूर होगा।)

उत्तर: कस्य वधेनैव मम दुःखम् अपसरेत्? (किसके मरने से ही मेरा दुःख दूर होगा?)

(घ) काष्ठकूटः चञ्च्वा गजस्य नयने स्फोटयिष्यति। (लकड़हारा चोंच से हाथी की आंख फोड़ देगा।)

उत्तर: काष्ठकूटः केन गजस्य नयने स्फोटयिष्यति? (लकड़हारा किससे हाथी की आंख फोड़ देगा?)

3. मञ्जूषातः क्रियापदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-

(दिए गए शब्दों से खाली स्थान भरिए)

मञ्जूषा – करिष्यामि, गमिष्यति, अनयत्, पतिष्यति, स्फोटयिष्यति, त्रोटयति

उत्तर:

(क) काष्ठकूटः चञ्च्वा गजस्य नयने स्फोटयिष्यति। (लकड़हारा चोंच से हाथी की आंख फोड़ देगा।)
(ख) मार्गे स्थितः अहमपि शब्दं करिष्यामि। (रास्ते में खड़ा होकर मैं भी आवाज करूंगा।)
(ग) तृषार्तः गजः जलाशयं गमिष्यति। (प्यासा हाथी जलाशय की ओर जाएगा।)
(घ) गजः गर्ते पतिष्यति। (हाथी गड्ढे में गिरेगा।)
(ङ) काष्ठकूटः तां मक्षिकायाः समीपं अनयत्। (लकड़हारा उसे मक्खी के पास ले गया।)
(च) गजः शुण्डेन वृक्षशाखाः त्रोटयति। (हाथी अपनी सूंड से पेड़ की शाखाएँ तोड़ता है।)

4. प्रश्नानाम् उत्तराणि एकवाक्येन लिखत-

(प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखें)

(क) चटकायाः विलापं श्रुत्वा काष्ठकूटः तां किम् अपृच्छत्? (चिड़िया का विलाप सुनकर लकड़हारे ने उससे क्या पूछा?)

उत्तर: चटकायाः विलापं श्रुत्वा काष्ठकूटः तां दुःखेन अपृच्छत् “भद्रे किमर्थं विलपसि?” (चिड़िया का विलाप सुनकर लकड़हारे ने दुःखी होकर पूछा, “भद्रे, तुम क्यों रो रही हो?”)

(ख) चटकायाः काष्ठकूटस्य च वार्तां श्रुत्वा मक्षिका किम् अवदत्? (चिड़िया और लकड़हारे की बात सुनकर मक्खी ने क्या कहा?)

उत्तर: चटकायाः काष्ठकूटस्य च वार्तां श्रुत्वा मक्षिका अवदत् – “मम अपि मित्रं मण्डूकः मेघनादः अस्ति, शीघ्रं तम् उपेत्य यथोचितं करिष्यामः।” (चिड़िया और लकड़हारे की बात सुनकर मक्खी ने कहा – “मेरा भी एक मित्र मेंढक मेघनाद है, जल्दी उसके पास जाकर हम उचित कार्य करेंगे।”)

(ग) मेघनादः मक्षिकां किम् अवदत्? (मेघनाद ने मक्खी से क्या कहा?)

उत्तर: मेघनादः मक्षिकाम् अवदत् – “यथा अहं कथयामि तथा कुरुतम्, मक्षिके प्रथमं त्वं मध्याह्ने तस्य गजस्य कर्णे शब्दं कुरु, येन सः नयने निमील्य स्थास्यति, तदा काष्ठकूटः चञ्च्वा तस्य नयने स्फोटयिष्यति।” (मेघनाद ने मक्खी से कहा – “जैसा मैं कहता हूँ वैसा करो, मक्खी तुम पहले दोपहर में उस हाथी के कान में आवाज करो, जिससे वह आँखें बंद करके खड़ा रहेगा, तब लकड़हारा अपनी चोंच से उसकी आँखें फोड़ देगा।”)

(घ) चटका काष्ठकूटं किम् अवदत्? (चिड़िया ने लकड़हारे से क्या कहा?)

उत्तर: चटका काष्ठकूटम् अवदत् – “दुष्टेन एकेन गजेन मम सन्ततिः नाशिता, तस्य गजस्य वधेनैव मम दुःखम् अपसरेत्।” (चिड़िया ने लकड़हारे से कहा – “एक दुष्ट हाथी ने मेरे बच्चों को नष्ट कर दिया है, उस हाथी के मरने से ही मेरा दुःख दूर होगा।”)

5. उदाहरणमनुसृत्य रिक्तस्थानानि पूरयत-

(उदाहरण के अनुसार खाली स्थान भरिए)

(क) उत्तर:

पुरुषःएकवचनम्द्विवचनम्बहुवचनम्
यथा- प्रथमपुरुषःपठिष्यतिपठिष्यतःपठिष्यन्ति
प्रथमपुरुषःपतिष्यतिपतिष्यतःपतिष्यन्ति
प्रथमपुरुषःमरिष्यतिमरिष्यतःमरिष्यन्ति

(ख) उत्तर:

पुरुषःएकवचनम्द्विवचनम्बहुवचनम्
यथा- मध्यमपुरुषःगमिष्यसिगमिष्यथःगमिष्यथ
मध्यमपुरुषःधाविष्यसिधाविष्यथःधाविष्यथ
मध्यमपुरुषःक्रीडिष्यसिक्रीडिष्यथःक्रीडिष्यथ

(ग) उत्तर:

पुरुषःएकवचनम्द्विवचनम्बहुवचनम्
यथा- उत्तमपुरुषःलेखिष्यामिलेखिष्यावःलेखिष्यामः
उत्तमपुरुषःहसिष्यामिहसिष्यावःहसिष्यामः
उत्तमपुरुषःद्रक्ष्यामिद्रक्ष्यावःद्रक्ष्यामः

6. उदाहरणानुसारं ‘स्म’ शब्दं योजयित्वा भूतकालिकक्रियां रचयत-

(उदाहरण के अनुसार ‘स्म’ शब्द जोड़कर भूतकाल की क्रिया बनाइए)

यथा- अवसत् = वसति स्म

उत्तर:

  • अपठत् = पठति स्म
  • अत्रोटयत् = त्रोटयति स्म
  • अपतत् = पतति स्म
  • अपृच्छत् = पृच्छति स्म
  • अवदत् = वदति स्म
  • अनयत् = नयति स्म

7. कोष्ठकात् उचितं पदं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-

(कोष्ठक से उचित शब्द चुनकर खाली स्थान भरिए)

उत्तर:

(क) एका बालिका मधुरं गायति। (एकम्, एका, एकः) (एक लड़की मधुर गाती है।)
(ख) चत्वारः कृषकाः कृषिकर्माणि कुर्वन्ति। (चत्वारः, चतस्त्रः, चत्वारि) (चार किसान कृषि कार्य करते हैं।)
(ग) तानि पत्राणि सुन्दराणि सन्ति। (ते, ताः, तानि) (वे पत्ते सुंदर हैं।)
(घ) धेनवः दुग्धं ददन्ति। (ददाति, ददति, ददन्ति) (गायें दूध देती हैं।)
(ङ) वयं संस्कृतम् अपठाम। (अपठम्, अपठन्, अपठाम) (हमने संस्कृत पढ़ी।)

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